शीर्ष हिमालय श्रृंखला की बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बसा केदारनाथ धाम, भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह पवित्र धाम न सिर्फ आध्यात्मिक शांति की अनुभूति कराता है बल्कि उत्तराखंड की अलौकिक सुंदरता का भी दर्शन कराता है। आज हम आपको इस लेख में केदारनाथ में घूमने की जगह कुछ ऐसी ही खूबसूरत जगहों के बारे में बताएंगे, जिन्हें देखना आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देगा।
Table of Contents
केदारनाथ के दर्शनीय स्थल – गौरीकुंड (Gaurikund)
याद है बचपन में बारिश के बाद मिट्टी की खुशबू कैसी मनमोहक लगती थी? केदारनाथ में घूमने की जगह यात्रा पर निकले तो गौरीकुंड जरूर जाइएगा. ये वो पवित्र स्थान है जहां मां पार्वती ने तपस्या की थी. यहां पहुंचते ही आपको चारों तरफ हरियाली और पहाड़ों से आती ठंडी हवा का ऐसा सुखद एहसास होगा कि मानो सारी थकान दूर हो जाएगी. साथ ही गर्म कुंड में स्नान कर केदारनाथ के दर्शन यात्रा की शुरुआत करना अपने आप में एक अविस्मरणीय अनुभव होगा.
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: गौरीकुंड, रुद्रप्रयाग के निकट (19 किमी)
- कैसे पहुंचें: रुद्रप्रयाग से जीप या टैक्सी द्वारा
Top 10] हरिद्वार में घूमने की जगह | Places to visit in Haridwar in Hindi
केदारनाथ के प्रसिद्ध मंदिर – केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple)
चलते हैं बाबा के धाम! केदारनाथ में घूमने की जगह धाम की यात्रा अधूरी है अगर आपने केदारनाथ मंदिर के दर्शन ना किए हों. केदारनाथ का रास्ता मंदिर ऊंचे पहाड़ों के बीच बसा ये भव्य मंदिर दूर से ही अपनी ओर खींच लेता है. मंदिर में प्रवेश करते ही ठंडे पत्थरों का स्पर्श और धूप की मीठी खुशबू आपको मानसिक शांति देगी. कहा जाता है कि यहां पर भगवान शिव की पीठ की पूजा की जाती है. मंदिर के गर्भगृह में कुछ देर बिताकर आप खुद को ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे.
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक (3 बजे से 5 बजे के बीच दर्शन बंद रहता है)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: केदारनाथ, रुद्रप्रयाग के निकट (17 किमी गौरीकुंड से)
- कैसे पहुंचें: गौरीकुंड से पैदल या पालकी द्वारा
केदारनाथ के पर्यटन स्थल – त्रियुगीनारायण (Triyuginarayan)
पहाड़ों की गोद में बसा त्रियुगीनारायण, केदारनाथ में घूमने की उन खास जगहों में से एक है, जहां पहुंचने के लिए थोड़ी मेहनत तो करनी पड़ती है, लेकिन वहां का नजारा हर थकान को मिटा देता है. ये वही स्थान है जहां भगवान विष्णु त्रेतायुग और द्वापरयुग में भी निवास करते थे. मंदिर तक पहुंचने का रास्ता थोड़ा कठिन जरूर है, लेकिन ऊपर से खुलने वाला नैसर्गिक सौंदर्य का नज़ारा आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. केदारनाथ में घूमने की जगह में बर्फ से ढके पहाड़ों का 360 डिग्री का नज़ारा ऐसा है, जिसे आप जिंदगी भर याद रखेंगे.
- समय: सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: त्रियुगीनारायण, रुद्रप्रयाग के निकट (केदारनाथ से 9 किमी आगे)
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ से घोड़े या पैदल या फिर डोली द्वारा
Top 10] हरिद्वार और ऋषिकेश में पर्यटन स्थल | Places to visit in Rishikesh in Hindi
केदारनाथ में घूमने की जगह – सोनप्रयाग (Sonprayag)
याद आता है बचपन में जब बारिश के बाद नदी किनारे खेलते थे और पानी की शीतलता पैरों को छूती थी? केदारनाथ में यात्रा पर निकले तो सोनप्रयाग का संगम जरूर देखें. ये वो पवृद्ध स्थल है जहां मंदाकिनी और सोनभद्र नदियां मिलती हैं. तीन नदियों के संगम का ये नज़ारा इतना मनमोहक है कि आप वहां कुछ देर के लिए रुक कर के बस बहते पानी को देखते रहना चाहेंगे. साथ ही, मान्यता है कि यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन को शांति मिलती है.
- समय: हमेशा खुला रहता है
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: सोनप्रयाग, रुद्रप्रयाग के निकट (केदारनाथ से 18 किमी पहले)
- कैसे पहुंचें: रुद्रप्रयाग से जीप या टैक्सी द्वारा
चार धाम यात्रा 2023 | Char Dham Yatra 2023 in Hindi
केदारनाथ में घूमने लायक जगह – भैरवनाथ मंदिर (Bhairavnath Temple)
केदारनाथ में घूमने की जगह की यात्रा के दौरान भैरवनाथ मंदिर के दर्शन ज़रूर करने चाहिए. मान्यता है कि भगवान शिव के रूप भैरवनाथ ही हैं जो इस धाम की रक्षा करते हैं. केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे स्थित ये मंदिर थोड़ा छोटा जरूर है, लेकिन यहां का वातावरण बहुत शांत और सकारात्मक है. मंदिर में प्रवेश करते ही आप अनायास ही शिव जी के रौद्र रूप का ध्यान कर लेंगे. यहां पूजा करने से मन को अजीब सी शक्ति मिलती है, मानो कोई negativity दूर हो रही हो.
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: भैरवनाथ मंदिर, केदारनाथ (केदारनाथ मंदिर के पीछे)
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के बाद थोड़ी सी चढ़ाई चढ़कर
Top 10] बद्रीनाथ में घूमने की जगह | Places to visit in Badrinath in Hindi
केदारनाथ में घूमने की जगह – वासुकी ताल (Vasuki Tal)
कभी-कभी जिंदगी की भागदौड़ में हम भूल ही जाते हैं कि प्रकृति की असली खूबसूरती कहाँ छिपी होती है. केदारनाथ में घूमने की जगहों की बात हो और वासुकी ताल का जिक्र ना हो, ऐसा तो हो नहीं सकता! ये वो मनमोहक झील है, जो चारों तरफ से बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरी हुई है. इस ताल का रास्ता थोड़ा कठिन है, तकरीबन 8 किलोमीटर का पैदल ट्रैक है, मगर यकीन मानिए वहां पहुंचने के बाद जो नजारा देखने को मिलेगा, बाबा केदारनाथ में घूमने की जगह की कहानी वो हर कदम की थकान को भुला देगा. आसमान से नीला दिखता हुआ पानी और पहाड़ों की सफेदी का संगम इतना खूबसूरत होता है कि आप घंटों वहीं बैठकर उसे निहारते रहेंगे.
- समय: हमेशा खुला रहता है (लेकिन रात में रुकने की अनुमति नहीं है)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: वासुकी ताल, रुद्रप्रयाग के निकट (केदारनाथ से 8 किमी आगे)
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ से पैदल या फिर डोली द्वारा
केदारनाथ में करने के लिए चीजें – चोपटा (Chopta)
पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले चोपटा, केदारनाथ घूमने का वो पड़ाव है, जहां पहुंचकर आप खुद को बादलों के बीच पाएंगे! ये हसीन घास का मैदान इतना मनमोहक है कि दिल खुश हो जाता है. यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा देखना किसी सपने से कम नहीं लगता. कल्पना कीजिए,केदारनाथ में घूमने की जगह में स्वर्ग से हवा आती है चारों तरफ हरे भरे मैदान और दूर तक फैले बर्फ से ढके पहाड़, जिनके पीछे से सूरज की किरणें धीरे-धीरे निकल रही हैं. इसीलिए तो कहते हैं कि चोपटा आने का अपना ही अलग मजा है!
- समय: हमेशा खुला रहता है
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपटा, रुद्रप्रयाग के निकट (केदारनाथ से 14 किमी पहले)
- कैसे पहुंचें: रुद्रप्रयाग से जीप या टैक्सी द्वारा
Top 10] हरिद्वार में घूमने की जगह | Places to visit in Haridwar in Hindi
केदारनाथ में होटल – Hotels in Kedarnath in Hindi
यहाँ केदारनाथ में कुछ होटल और कैंपिंग विकल्प दिए गए हैं:
- केदार वैली रेसोर्ट्स – 3-स्टार होटल, ₹1,371 प्रति रात। 690 समीक्षाओं के आधार पर 4.1 की रेटिंग।
- केदार भैरव कैंप – ₹1,792 प्रति रात। 45 समीक्षाओं के आधार पर 4.3 की रेटिंग।
- गढ़वाल मंडल विकास निगम कोटेजेस – कीमत उपलब्ध नहीं है। 916 समीक्षाओं के आधार पर 4.0 की रेटिंग।
- केदार व्यू कैम्पिंग – ₹1,792 प्रति रात। 13 समीक्षाओं के आधार पर 4.7 की रेटिंग।
- होटल प्रिय – ₹2,117 प्रति रात। 31 समीक्षाओं के आधार पर 5.0 की रेटिंग।
केदारनाथ में प्रसिद्ध त्यौहार – बद्री-केदार उत्सव (Badri-Kedar Utsav)
बद्री-केदार उत्सव (जून): पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले उत्तराखंड की संस्कृति की झलक देखना चाहते हैं? तो जून के महीने में होने वाला ये आठ दिनों का उत्सव मनाएं! नाच-गाना, लोक कलाकारों के कार्यक्रम और पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाएं.
- श्रवणी अन्नपूर्णा मेला (रक्षाबंधन से एक दिन पहले): सावन के पवित्र महीने में श्रद्धालुओं की आस्था का साक्षी बनना चाहते हैं? तो रक्षाबंधन से एक दिन पहले लगने वाली इस मेले में शामिल हों. भक्तिभाव से झूमते भक्त और गरमा गरम भंडारे का प्रसाद आपको अंदर से सुकून देगा.
केदारनाथ में घूमने की जगह – केदारनाथ कैसे पहुंचे
केदारनाथ की यात्रा अपने आप में एक अविस्मरणीय अनुभव है. लेकिन सबसे पहले सवाल तो यही उठता है कि आखिर वहां पहुंचा ही कैसे जाए? तो चलिए, केदारनाथ तक पहुंचने के विभिन्न मार्गों को explore करते हैं:
1. सड़क मार्ग (राोडवेज) :
ये केदारनाथ पहुंचने का सबसे आम रास्ता है. आप दिल्ली से हरिद्वार के लिए बस ले सकते हैं, वहां से रुद्रप्रयाग और फिर गौरीकुंड तक. गौरीकुंड से ही पैदल या फिर घोड़े/पोनी की सवारी करके केदारनाथ मंदिर तक पहुंचा जा सकता है.
- समय: दिल्ली से केदारनाथ तक का सफर लगभग 16-18 घंटे का है.
- किराया: दिल्ली से हरिद्वार तक का किराया ₹500 से ₹1000 के बीच है. हरिद्वार से रुद्रप्रयाग तक का किराया ₹300 से ₹500 के बीच और रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक का किराया ₹200 से ₹300 के बीच है.
याद रखें: सड़क मार्ग में कई धाम पड़ते हैं और रास्ते थोड़े कठिन भी हो सकते हैं. तो पहले से ही शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रहें.
2. हवाई मार्ग (एयरवेज) :
जिनके पास समय की है, उनके लिए हवाई मार्ग एक अच्छा विकल्प हो सकता है. निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है. वहां से आप टैक्सी या बस द्वारा केदारनाथ पहुंच सकते हैं.
- समय: हवाई जहाज से देहरादून पहुंचने में लगभग 1-2 घंटे लगते हैं. फिर सड़क मार्ग से केदारनाथ पहुंचने में 6-8 घंटे का समय लग सकता है.
- किराया: किराया फ्लाइट कंपनी और बुकिंग समय के अनुसार बदलता रहता है.
याद रखें: हवाई सफर थोड़ा महंगा हो सकता है, लेकिन समय की बचत होती है.
3. रेलवे मार्ग (रेलवेज) :
केदारनाथ के लिए सीधी रेल सेवा नहीं है. निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है, जो लगभग 216 किलोमीटर दूर है. वहां से आपको सड़क मार्ग से ही केदारनाथ जाना होगा.
- समय: ऋषिकेश से केदारनाथ तक पहुंचने में लगभग 8-10 घंटे का समय लग सकता है.
- किराया: किराया आपके चुने हुए ट्रेन के क्लास के अनुसार अलग-अलग होगा.
याद रखें: रेलवे स्टेशन से आपको टैक्सी या बस लेनी पड़ेगी.
Top 10] हरिद्वार और ऋषिकेश में पर्यटन स्थल | Places to visit in Rishikesh in Hindi
निष्कर्ष -conclusion
कुल मिलाकर, केदारनाथ की यात्रा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक अनुभवों का खजाना भी है. भले ही आप शांत मंदिरों में दर्शन करना चाहते हों, रोमांचक ट्रैक पर चलना पसंद करते हों, या फिर रंगारंग त्योहारों में शामिल होना चाहते हों, केदारनाथ आपकी हर इच्छा को पूरा करने वाला स्थल है. पर्वतों की रानी के आंचल में बसा यह धाम आपका मन मोह लेगा और आपको सालों याद रहने वाले अनुभव देगा. तो देर किस बात की, केदारनाथ की यात्रा की योजना बनाइए और हिमालय की पवित्र भूमि पर भगवान शिव का आशीर्वाद लीजिए!
चाय पत्ती का बिजनेस कैसे करें | how to start tea leaf business in hindi
केदारनाथ में घूमने की जगह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. यह यात्रा 6 महीने तक चलेगी और 6 नवंबर 2024 को भाई दूज के दिन कपाट बंद हो जाएंगे।
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:
इसलिए कपाट खुलने की तारीख: 10 मई 2024
कपाट खुलने का समय: सुबह 7:11 बजे
हालांकि कपाट बंद होने की तारीख: 6 नवंबर 2024
कपाट बंद होने का समय: भाई दूज के दिन
Ans. कपाट बंद होने की तारीख: 6 नवंबर 2024
लेकिन कपाट बंद होने का समय: भाई दूज के दिन (समय निर्धारित नहीं है)
खुलने की तारीख: 10 मई 2025 (अगले साल)
Ans. केदारनाथ की ऊंचाई समुद्र तल से 3,583 मीटर (11,756 फीट) है। यह उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है और हिमालय की ऊंची चोटियों से घिरा हुआ है।
Ans.केदारनाथ की चढ़ाई में लगने वाला समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:
आपकी शारीरिक क्षमता: यदि आप फिट और अनुभवी हैं, तो आप कम समय में चढ़ाई कर सकते हैं।
मौसम: यदि मौसम ठीक है और बारिश या बर्फबारी नहीं है, तो आप तेजी से चढ़ाई कर सकते हैं।
रास्ता: आप पैदल या घोड़े/खच्चर पर चढ़ाई कर सकते हैं। पैदल चलने में अधिक समय लगता है, लेकिन यह सस्ता विकल्प है।
भीड़: यदि यात्रा के दौरान भारी भीड़ है, तो आपको रास्ते में रुकना पड़ सकता है, जिससे चढ़ाई में अधिक समय लग सकता है।
Ans. केदारनाथ का मंदिर उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है। यह रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित एक पवित्र हिंदू मंदिर है।
Top 10] बद्रीनाथ में घूमने की जगह | Places to visit in Badrinath in Hindi