आपको अगर उत्तराखंड की मनमोहक वादियों में तीर्थयात्रा और रोमांच का संगम चाहिए, तो बद्रीनाथ से बेहतर जगह नहीं हो सकती. भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम न सिर्फ हिमालय की गोद में बसा धार्मिक स्थल है, बल्कि यहां प्राकृतिक सौन्दर्य और रोमांचकारी स्थल भी मौजूद हैं. चलिए आज इस लेख में बद्रीनाथ में घूमने की जगह की यात्रा में दर्शन के साथ-साथ घूमने लायक खास जगहों के बारे में जानते हैं।
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बद्रीनाथ मूर्ति दर्शन – बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple)
भगवान बद्रीनाथ के दर्शन की यात्रा का अनुभव शब्दों में बयां करना मुश्किल है. अलकनंदा नदी के किनारे बसा ये भव्य मंदिर दूर से ही मन को मोह लेता है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की “बद्रीनारायण” रूप में दर्शन करने के लिए घंटों कतार में लगना पड़ सकता है, बद्रीनाथ में घूमने की जगह लेकिन जब आप अंततः उनके दर्शन कर पाते हैं, तो उस पल की अनुभूति अविस्मरणीय होती है. मंदिर की कलात्मक नक्काशी और शांत वातावरण आपको आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है. बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर की यात्रा अधूरी है अगर आपने यहां के दर्शन का सुख ना लिया हो.
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक (दिन के समय परिवर्तन हो सकते हैं)
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
स्थान: बद्रीनाथ, चमोली जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: सड़क और हवाई मार्ग से
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बद्रीनाथ केदारनाथ के मंदिर – मणिमंदिर (Mani Mandir)
हम आपको बद्रीनाथ की पवित्र यात्रा के दौरान आपको मणिमंदिर ज़रूर देखना चाहिए. ये छोटा सा मंदिर भगवान बद्रीनाथ में घूमने की जगह के शीतकालीन निवास के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि सर्दियों में जब बद्रीनाथ धाम भारी हिमपात के कारण बंद हो जाता है, तब यहां भगवान विष्णु की मूर्ति को लाकर पूजा की जाती है. मंदिर की दीवारों पर देवी-देताओं की खूबसूरत मूर्तियां बनी हुई हैं, जो हमें कला और शिल्पकला के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाती हैं. मंदिर के अंदर का वातावरण शांत और पवित्र है, जहां आप मन की शांति पा सकते हैं. बद्रीनाथ केदारनाथ धाम घूमने आए हैं, तो मणिमंदिर ज़रूर जाएं.
समय: सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (दिन के समय परिवर्तन हो सकते हैं)
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
स्थान: बद्रीनाथ से 3 किमी दूर, तप्तकुंड के पास
कैसे पहुंचे: टैक्सी या पैदल यात्रा द्वारा
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बद्रीनाथ के पर्यटन स्थल – वसुधारा जलप्रपात (Vasudhara Falls)
बद्रीनाथ की धार्मिक यात्रा के साथ रोमांच का तड़का लगाना चाहते हैं? तो वसुधारा जलप्रपात ज़रूर देखें. ये करीब 400 फीट ऊंचा झरना मानो पहाड़ों से दूध की धार सींच रहा हो. बर्फीले पानी की ये निर्मल धारा दूर से ही मन मोह लेती है. ट्रैकिंग का शौक रखते हैं तो यहां पहुंचने का सफर भी रोमांच से भरपूर है. माणा गांव से लगभग 6 किलोमीटर का ये रास्ता खूबसूरत घाटियों और देवदार के घने जंगलों से होकर गुजरता है. जलप्रपात के करीब पहुंचकर अगर आप पानी को छूने की कोशिश करेंगे तो शायद थोड़ा मुश्किल हो. ऐसा माना जाता है कि पापी व्यक्ति पर ये पवित्र जल नहीं गिरता. बद्रीनाथ में घूमने की जगह चाहे ये मान्यता सच हो या ना हो, ये अनुभव निश्चित रूप से यादगार होगा.
समय: सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (सामान्यतः, मानसून के दौरान जलस्तर बढ़ने पर रास्ता बंद हो सकता है)
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
स्थान: माणा गांव से 6 किमी दूर
कैसे पहुंचे: माणा गांव से टैक्सी या ट्रेकिंग द्वारा
बद्रीनाथ में घूमने की जगह – बद्रीनाथ केदारनाथ यात्रा – व्यास गुफा (Vyas Cave)
धाम की यात्रा के दौरान ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखने वाली व्यास गुफा को देखना ना भूलें. मान्यता है कि यहीं पर महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास ने भगवान गणेश को सुनाकर इस ग्रंथ को लिखवाया था. गुफा के अंदर जाने पर आपको एक शांत और रहस्यमयी वातावरण का अनुभव होगा. गुफा की दीवारों पर लिखे कुछ शिलालेख भी आपको प्राचीन इतिहास की झलक दिखा सकते हैं. यहाँ बैठकर आप कल्पना कर सकते हैं कि कैसे सदियों पहले यहीं बैठकर वेद व्यास जी ने इस महाकाव्य की रचना की होगी. बद्रीनाथ में घूमने की जगह में व्यास गुफा का अपना एक अलग ही महत्व है.
समय: सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
स्थान: माना गांव से लगभग 2 किमी पहले
कैसे पहुंचें: माना गांव जाने वाले रास्ते पर पैदल या टैक्सी द्वारा
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बद्रीनाथ के आसपास घूमने की जगह – माणा गांव (Mana Village)
बद्रीनाथ की आध्यात्मिक यात्रा के दौरान सीमावर्ती माना गांव ज़रूर घूमना चाहिए. ये आखिरी भारतीय गांव होने का गौरव रखता है. इस गांव की खूबसूरती तो मनमोह लेती है ही, साथ ही यहां के लोगों की मेहमान और संस्कृति भी आपको अपनी ओर खींच लेगी. तिब्बती संस्कृति का प्रभाव यहां साफ देखने को मिलता है. यहां के बाज़ारों में आपको हस्तशिल्प की खूबसूरत चीज़ें और तिब्बती खाने का लज़ीज़ स्वाद मिल जाएगा. माना गांव में रहने वाले लोग भी बहुत दिलचस्प हैं, उनसे बातचीत कर आप सीमावर्ती क्षेत्र की कहानियां सुन सकते हैं. बद्रीनाथ में घूमने की जगह आए हैं, तो माना गांव ज़रूर जाएं, यहाँ का अनुभव आपको हमेशा याद रहेगा.
समय: पूरे दिन घूमने के लिए खुला है
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
स्थान: बद्रीनाथ से लगभग 34 किमी दूर
कैसे पहुंचें: बद्रीनाथ से टैक्सी किराए पर लेकर
बद्रीनाथ में घूमने की जगह – उत्तराखंड वन्यजीव अभयारण्य (Uttarakhand Wildlife Sanctuary)
बद्रीनाथ न सिर्फ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, बल्कि रोमांचकारी वन्यजीव अभयारण्यों का भी घर है। अगर आप बद्रीनाथ की यात्रा में प्रकृति के करीब जाना चाहते हैं, तो उत्तराखंड वन्यजीव अभयारण्य ज़रूर देखें।
उत्तराखंड वन्यजीव अभयारण्य अपनी विविधतापूर्ण वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है। यहां आपको हिमालयी भालू, तेंदुए, हिरण, बंदर, विभिन्न प्रकार के पक्षी और भी बहुत कुछ देखने को मिल सकता है। अभयारण्य में ट्रेकिंग, कैंपिंग और जंगल सफारी जैसी रोमांचक गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं।
बद्रीनाथ में घूमने की जगह उत्तराखंड वन्यजीव अभयारण्य में प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत कुछ है। यहां आप शांत वातावरण में प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (दिन के समय परिवर्तन हो सकते हैं)
प्रवेश शुल्क: ₹ 30 प्रति व्यक्ति
स्थान: बद्रीनाथ से 30 किलोमीटर दूर
कैसे पहुंचें: बद्रीनाथ से टैक्सी या बस द्वारा
बद्रीनाथ में करने के लिए चीजें – तप्त कुंड में स्नान करें (Bathe in the hot pond)
बद्रीनाथ की यात्रा अधूरी है अगर आपने वहां के पवित्र तप्त कुंड में स्नान ना किया हो. ये कुंड बद्रीनाथ मंदिर के ठीक पास स्थित है और माना जाता है कि इन गरम जलकुंडों का पानी प्राकृतिक रूप से गर्म रहता है. सुबह सवेरे जब आप मंदिर के दर्शन के लिए निकलते हैं, तो ज़रा सी जल्दी उठकर तप्त कुंड में स्नान का आनंद जरूर लें. हालांकि पानी गर्म है, लेकिन इसमें स्नान करने के बाद आपको एक अजीब सी ताज़गी का अनुभव होगा. यह अनुभव बताता है कि कैसे पहाड़ों के बीच से निकलता हुआ ये गर्म पानी मानो पापों को धो देता है और तन-मन को शुद्ध कर देता है.
समय: सुबह 5:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
स्थान: बद्रीनाथ मंदिर परिसर के पास
कैसे पहुंचें: बद्रीनाथ मंदिर जाते समय रास्ते में ही तप्त कुंड मिल जाएगा
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बद्रीनाथ में होटल – Hotels in Badrinath
बद्रीनाथ में कुछ होटल:
भजन आश्रम बद्रीनाथ – ₹1,672 प्रति रात। 4.2 सितारा रेटिंग।
Alaknanda sadan homestay – ₹2,217 प्रति रात। 4.0 सितारा रेटिंग। (सामान्य से 34% कम)
औली कैम्पस – ₹1,125 प्रति रात। 5.0 सितारा रेटिंग। (सामान्य से 73% कम)
होमस्टे – ₹1,121 प्रति रात। 4.3 सितारा रेटिंग।
बद्रीनाथ में मंदिर के पास होटल – 2-सितारा होटल। 4.1 सितारा रेटिंग।
बद्रीनाथ में प्रसिद्ध त्यौहार – जन्माष्टमी (Janmashtami)
मनमोहक तीर्थ बद्रीनाथ धाम की खूबसूरती तो अविस्मरणीय है ही, पर यहां मनाए जाने वाले त्यौहार इस धाम की रौनक को और भी बढ़ा देते हैं। बचपन से ही सुनते आए हैं बदरीनाथ के दर्शन का महत्व, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहां साल भर कौन-कौन से त्यौहार धूमधाम से मनाए जाते हैं? तो अगर आप अपनी बद्रीनाथ यात्रा को और भी यादगार बनाना चाहते हैं, तो इन त्यौहारों के आसपास यात्रा की योजना बनाएं।
वसंत पंचमी के पावन अवसर पर सरस्वती मां की पूजा का विशेष आयोजन होता है। मई में माता मूर्ति का मेला लगता है, जिसमें मां गंगा को श्रद्धांजलि दी जाती है। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरे पर रावण दहन का कार्यक्रम होता है और दीपावली पर जगमगाते दीपों से बद्रीनाथ जगमगा उठता है। इसके अलावा, नवरात्रि और शीतकाल में होने वाले कपाट बंद होने के कार्यक्रम भी अपने आप में अद्भुत अनुभव देते हैं।
बद्रीनाथ कैसे पहुंचें: धाम तक की रोमांचक यात्रा
अगर आप थोड़े साहसी हैं और रोमांच पसंद करते हैं, तो सड़क मार्ग आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. ऋषिकेश या हरिद्वार से आप बस या टैक्सी किराए पर लेकर बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं. रास्ते में आपको पहाड़ों की खूबसूरती और नदियों का संगम देखने का मौका मिलेगा. यकीन मानिए ये सफर भी आपकी यात्रा का एक यादगार हिस्सा बन जाएगा.
- समय: ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक पहुंचने में लगभग 12 से 14 घंटे लग सकते हैं.
- किराया: बस का किराया लगभग ₹ 500 से ₹ 1000 प्रति व्यक्ति तक हो सकता है. वहीं टैक्सी का किराया थोड़ा ज्यादा हो सकता है, जो ₹ 4000 से ₹ 6000 के बीच हो सकता है (टैक्सी किराया गाड़ी के प्रकार और यात्रियों की संख्या पर निर्भर करता है).
2. हवाई मार्ग (एयरवेज) द्वारा:
अगर आप समय बचाना चाहते हैं तो हवाई जहाज आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. हालांकि, बद्रीनाथ का कोई सीधा हवाई अड्डा नहीं है. लेकिन निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट (देहरादून) है, जो बद्रीनाथ से लगभग 314 किलोमीटर दूर स्थित है. जॉली ग्रांट हवाई अड्डे के लिए देश के कई बड़े शहरों से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं. वहां से आप टैक्सी किराए पर लेकर बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं.
- समय: हवाई जहाज़ से जॉली ग्रांट पहुंच में आपके शहर के हिसाब से समय लगेगा, लेकिन वहां से बद्रीनाथ तक पहुंचने में सड़क मार्ग से लगभग 7 से 8 घंटे लग सकते हैं.
- किराया: हवाई जहाज़ का किराया आपके शहर और सीजन के हिसाब से अलग-अलग होगा. वहीं जॉली ग्रांट से बद्रीनाथ तक टैक्सी का किराया ₹ 4000 से ₹ 6000 के बीच हो सकता है.
3. रेल मार्ग (रेलवे) द्वारा बद्रीनाथ में घूमने की जगह
अगर आप आराम से यात्रा करना पसंद करते हैं, तो रेलवे आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. बद्रीनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है, जो बद्रीनाथ से 295 किलोमीटर दूर स्थित है. देश के कई प्रमुख शहरों से ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक सीधी ट्रेनें चलती हैं. वहां से आप टैक्सी या बस द्वारा बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं. रास्ते में आपको खेतों और गांवों के खूबसूरत नज़ारे देखने का मौका मिलेगा.
- समय: ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से बद्रीनाथ तक पहुंचने में लगभग 8 से 10 घंटे लग सकते हैं.
- किराया: रेलवे का किराया आपके शहर के हिसाब से अलग-अलग होगा. वहीं ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक टैक्सी या बस का किराया ऊपर बताए गए सड़क मार्ग किराए के बराबर होगा.
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निष्कर्ष – Conclusion
बद्रीनाथ की यात्रा न सिर्फ आपको आध्यात्मिक शांति देगी, बल्कि आपको प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पल भी प्रदान करेगी। हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच बसा बद्रीनाथ, धार्मिक स्थलों से लेकर रोमांचक एडवेंचर तक, घूमने के लिए बहुत कुछ समेटे हुए हैं। उत्तराखंड वन्यजीव अभयारण्य में आप वनस्पतियों और जीवों की विविधता देख सकते हैं। तप्त कुंड में स्नान करके आप अपने आप को ऊर्जावान महसूस करेंगे। वहीं माणा गांव की संस्कृति और परंपराओं को जानने का अनुभव अविस्मरणीय होगा। तो फिर इंतज़ार किस बात का? अभी अपनी बद्रीनाथ यात्रा की योजना बनाएं और आध्यात्मिकता और रोमांच से भरपूर सफर पर निकल जाएं।
बद्रीनाथ में घूमने की जगह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. बद्रीनाथ में भगवान विष्णु का मंदिर है। यह मंदिर चारधाम यात्रा के चार पवित्र धामों में से एक है, और हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है।
मंदिर लकड़ी और पत्थर से बना हुआ है, और इसकी कलाकारी और वास्तुकला अद्भुत है। भगवान विष्णु की मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है, और इसे बद्रीनारायण कहा जाता है। यह मूर्ति ध्यान की मुद्रा में है, और शांत और आध्यात्मिक वातावरण को दर्शाती है।
Ans. अलकनंदा नदी बद्रीनाथ मंदिर के पास से बहती है, और हिंदुओं के लिए एक पवित्र नदी मानी जाती है। कई तीर्थयात्री नदी में स्नान करते हैं और इसके पवित्र जल को पिते हैं।
Ans. बद्रीनाथ धाम का कपाट हर साल वसंत ऋतु में खोला जाता है। कपाट खोलने की तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार तय की जाती है।
आमतौर पर बद्रीनाथ धाम का कपाट प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया के अवसर पर खोला जाता है। अक्षय तृतीया वैशाख महीने की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अप्रैल-मई के महीनों में आता है।
Ans. बद्रीनाथ धाम के कपाट हर साल शरद ऋतु में बंद कर दिए जाते हैं। इसकी तिथि भी हिंदू पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है।
आमतौर पर बद्रीनाथ धाम के कपाट कुंभ मेले वाले वर्ष को छोड़कर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन बंद किए जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि होती है जो अक्टूबर-नवंबर के महीनों में आती है।
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