Top 10] गंगोत्री में घूमने की जगह | Places to visit in Gangotri in Hindi

Rate this post

उत्तराखंड की खूबसूरती के सभी को दीवाना बनाने वाली जगहों में से एक है, गंगोत्री. हिमालय की गोद में बसा ये धाम न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर भी है. तो अगर आप भी गंगोत्री दर्शन की यात्रा का प्लान बना रहे हैं, और ये सोच रहे हैं कि वहां घूमने के लिए क्या-क्या है, तो पढ़िए हमारा ये लेख “गंगोत्री में घूमने की जगह”. इस लेख में हम आपको गंगोत्री के आसपास की उन खूबसूरत जगहों के बारे में बताएंगे, जिन्हें देखना आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देगा.

Table of Contents

गंगोत्री के दर्शनीय स्थल – गौमुख (Gaumukh)

गंगोत्री के दर्शनीय स्थल - गंगोत्री में घूमने की जगह
Tourist places near Gangotri in Hindi

बचपन से ही ये कहानी सुनते आ रहे हैं कि गंगा मां कहां से निकलती हैं. फिर मन में एक ख्वाहिश सी जाग उठती है कि काश! कभी गंगोत्री धाम जाकर गंगा के उद्गम स्थल, गोमुख, को अपने सिर झुका सकूं. अगर आप भी यही सपना देखते हैं, तो ज़रा ठहरिए. इस लेख में “गंगोत्री में घूमने की जगह” बताते हुए सबसे पहले हम आपको ले चलेंगे गोमुख के दर्शन कराने. गोमुख, हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के बीच एक कुदरती गुफा है, जहां से गंगोत्री का पवित्र जल निकलता है. इसे गंगा जी का मुख (मुख) कहा जाता है, जहां से गंगा मां यात्रा आरंभ करती हैं.

  • Timings: सूर्योदय से पहले दर्शन बंद हो जाते हैं, इसलिए सुबह जल्दी निकलना उचित रहता है.
  • Entry Fee: निःशुल्क
  • Location: गंगोत्री धाम से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
  • How to reach: आप घोड़े या खच्चरों पर बैठकर या फिर ट्रैकिंग करके गोमुख पहुंच सकते हैं.

Top 22] भारत में हॉट स्प्रिंग्स | Best Hot Springs in india in hindi

गंगोत्री के प्रसिद्ध मंदिर – गंगोत्री मंदिर (Gangotri Temple)

और गंगोत्री की यात्रा अधूरी है अगर आपने गंगोत्री में घूमने की जगह मंदिर के दर्शन ना किए हों. ये वो पवित्र स्थल है जहां पर सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है. दूर-दूर से श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं. मंदिर की सफेद संगमरमर की खूबसूरती तो मनमोह लेती ही है, साथ ही मंदिर के वातावरण में एक अलग ही तरह की शांति महसूस होती है. मंदिर के गर्भगृह में मां गंगा की वो चरणपादुका विराजमान हैं, जिन्हें राजा भागीरथ ने कड़ी मेहनत के बाद स्वर्ग से धरती पर लाए थे. मंदिर में पूजा-अर्चना करने और मां गंगा के पवित्र जल का स्पर्श कर के मन को असीम सुकून मिलता है.

  • Timings: सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक (समय में थोड़ा बदलाव हो सकता है)
  • Entry Fee: निशुल्क
  • Location: गंगोत्री धाम के मुख्य परिसर में स्थित है.
  • How to reach: गंगोत्री धाम पहुंचने के बाद मंदिर तक पैदल ही जाना पड़ता है.

गंगोत्री के पर्यटन स्थल – यमुनोत्री (Yamunotri)

गंगोत्री के पर्यटन स्थल
Places to visit near Gangotri in Hindi

गंगोत्री की यात्रा के दौरान यमुनोत्री जरूर जाना चाहिए. वैसे तो यमुनोत्री एक अलग धाम है, लेकिन गंगोत्री से यमुनोत्री की दूरी करीब 140 किलोमीटर है और दोनों जगहों को एक साथ ही घूमने का प्लान बनाया जा सकता है. यमुनोत्री मां यमुना का उद्गम स्थल है और यहां का वातावरण भी गंगोत्री की तरह ही पवित्र और सुंदर है. यहां काली पहाड़ियों के बीच बहती यमुना नदी का मनमोहक दृश्य देखते ही बनता है. साथ ही यमुनोत्री मंदिर के दर्शन कर के मन को शांति मिलती है. सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यमुनोत्री धाम कुछ महीनों के लिए बंद रहता है, इसलिए अगर आप गंगोत्री में घूमने की जगह हिमनद के साथ-साथ यमुनोत्री भी घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले मौसम की जानकारी जरूर ले लें.

  • Timings: मंदिर के खुलने और बंद होने का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है, यात्रा से पहले पता कर लें.
  • Entry Fee: निशुल्क
  • Location: गंगोत्री हिमनद से 140 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी जिले में स्थित है.
  • How to reach: गंगोत्री से टैक्सी या फिर ज shared जीप द्वारा यमुनोत्री पहुंचा जा सकता है.

Top 7] भारत में महिलाओं के लिए रोड ट्रिप | Best Road Trips for Women in hindi

गंगोत्री में घूमने वाले स्थान – हर्षिल (Harsil)

पहाड़ों को करीब से निहारना चाहते हैं और गंगोत्री की धार्मिक रौनक के साथ-साथ थोड़ा शांत वातावरण भी अनुभव करना चाहते हैं, तो गंगोत्री से थोड़ी दूर हर्षिल नाम का एक खूबसूरत गांव है. ये जगह गंगोत्री से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां का वातावरण पहाड़ी घाटियों और सेब के बागों से भरपूर है. सुबह सूरज की पहली किरणें पहाड़ों को रंगती हैं और शाम को सूर्यास्त का नजारा तो देखते ही बनता है. हर्षिल में आप ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं या फिर बेतरिनी से पहाड़ों को निहारते हुए पिकनिक मना सकते हैं. गंगोत्री हिमनद की दर्शन यात्रा के दौरान हर्षिल जरूर जाएं, वहां का शांत वातावरण आपको गंगोत्री की भीड़-भाड़ से थोड़ा सुकून देगा.

  • Timings: घूमने के लिए किसी खास समय की पाबंदी नहीं है.
  • Entry Fee: निशुल्क
  • Location: गंगोत्री से 23 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी जिले में स्थित है.
  • How to reach: गंगोत्री से टैक्सी या फिर शेयरिंग जीप द्वारा हर्षिल पहुंचा जा सकता है.

गंगोत्री के पास पर्यटन स्थल – भैरों घाटी (Bhairon Valley)

गंगोत्री के पास पर्यटन स्थल - गंगोत्री में घूमने की जगह
Famous festivals in Gangotri in Hindi

हिमालय गंगोत्री में घूमने की जगहों की बात हो और भैरों घाटी का जिक्र ना हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता. गंगोत्री हिमनद से करीब 6 किलोमीटर दूर ये खूबसूरत घाटी ट्रैकिंग करने वालों के बीच काफी पसंद की जाती है. ये थोड़ी कठिन चढ़ाई जरूर है, लेकिन ऊपर से जो नज़ारा देखने को मिलता है, वो हर थकान को मिटा देता है. घने जंगलों और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच से होकर जाने वाला ये रास्ता रोमांच से भरपूर होता है. रास्ते में आपको कई तरह के पहाड़ी पौधे और फूल देखने को मिलेंगे. अगर आप फिटनेस के लिहाज से खुद को अच्छा मानते हैं और थोड़े एडवेंचर का मज़ा लेना चाहते हैं, तो भैरों घाटी की ट्रैकिंग आपके लिए एक यादगार अनुभव हो सकती है.

  • Timings: ट्रैकिंग के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा रहता है.
  • Entry Fee: निशुल्क
  • Location: गंगोत्री से 6 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी जिले में.
  • How to reach: गंगोत्री से टैक्सी या फिर जीप किराए पर लेकर भैरों घाटी की शुरुआत तक पहुंचा जा सकता है, वहां से आगे का रास्ता पैदल ही तय करना होता है.

गंगोत्री में करने के लिए चीजें – गंगोत्री ग्लेशियर (Gangotri Glacier)

इस लेख में, हम आपको गंगोत्री की यात्रा का असली मजा तो गंगोत्री में घूमने की जगह धाम का महत्व ग्लेशियर को देखे बिना पूरा नहीं हो सकता. ये वही विशाल हिमनद है, जहां से गंगा मां निकलती हैं. बचपन में किताबों में पढ़ी हुई बातें, गंगोत्री ग्लेशियर को देख कर जैसे आंखों के सामने सजीव हो जाती हैं. मगर ये आसान टूर नहीं है. गंगोत्री से गंगोत्री ग्लेशियर, जिसे गोमुख के नाम से भी जाना जाता है, करीब 19 किलोमीटर दूर है.

ये रास्ता थोड़ा कठिन है, पैदल चलना होता है या फिर खच्चरों की मदद ली जा सकती है. लेकिन इतनी दूर तय करने के बाद जब आप गोमुख के सामने खड़े होते हैं, तो सारी थकान पल भर में गायब हो जाती है. विशाल ग्लेशियर का मुंह देखते हुए ये एहसास होता है कि मानो प्रकृति ने अपनी सारी शक्ति यहां समेट दी हो. इस पवित्र स्थल को छूने और गंगा मां के उद्गम स्थल के दर्शन करने का अनुभव一生 में कभी नहीं भुलाया जा सकता.

  • Timings: सूर्योदय के बाद ही दर्शन किए जा सकते हैं.
  • Entry Fee: निशुल्क
  • Location: गंगोत्री से 19 किलोमीटर दूर गंगोत्री-गोमुख पैदल मार्ग पर.
  • How to reach: गंगोत्री से पैदल या फिर खच्चरों की सवारी लेकर गोमुख पहुंचा जा सकता है.

चार धाम यात्रा 2023 | Char Dham Yatra 2023 in Hindi

गंगोत्री के आस पास घूमने की जगह – सात तालाब (Seven Ponds)

गंगोत्री की खूबसूरती पहाड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां आपको कुछ अनोखे कुदरती नज़ारे भी देखने को मिलेंगे. ऐसे ही खास जगहों में से एक है “सात तालाब”. ये सात तालाब गंगोत्री में घूमने की जगह से कुछ ही दूरी पर स्थित हैं और इनकी खास बात ये है कि हर तालाब का रंग अलग-अलग है! जी हां, किसी तालाब का पानी लाल है, तो किसी का हरा, नीला या पीला. माना जाता है कि इन तालाबों के पानी में औषधीय गुण होते हैं. इन तालाबों को देखने में जितना आनंद आता है, उतना ही रोमांच पैदा करता है इनके बनने का रहस्य. अगर आप गंगोत्री में हैं, तो इन रंगीन तालाबों को जरूर देखें, यकीन मानिए ये नज़ारा आपको हैरान कर देगा.

  • Timings: घूमने के लिए किसी खास समय की पाबंदी नहीं है.
  • Entry Fee: निशुल्क
  • Location: गंगोत्री से करीब 13 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी जिले में.
  • How to reach: गंगोत्री से टैक्सी या फिर शेयरिंग जीप द्वारा सात तालाब पहुंचा जा सकता है.

गंगोत्री में घूमने की जगह – नंदनवन (Nandanvan)

गंगोत्री में घूमने की जगह
Tourist places near Gangotri in Hindi

गंगोत्री की खूबसूरती पहाड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां आपको कुछ अनोखे कुदरती नज़ारे भी देखने को मिलेंगे. ऐसे ही खास जगहों में से एक है “सात तालाब”. ये सात तालाब गंगोत्री में घूमने की जगह से कुछ ही दूरी पर स्थित हैं और इनकी खास बात ये है कि हर तालाब का रंग अलग-अलग है! जी हां, किसी तालाब का पानी लाल है, तो किसी का हरा, नीला या पीला. माना जाता है कि इन तालाबों के पानी में औषधीय गुण होते हैं. इन तालाबों को देखने में जितना आनंद आता है, उतना ही रोमांच पैदा करता है इनके बनने का रहस्य. अगर आप गंगोत्री में हैं, तो इन रंगीन तालाबों को जरूर देखें, यकीन मानिए ये नज़ारा आपको हैरान कर देगा.

Timings: घूमने के लिए किसी खास समय की पाबंदी नहीं है.
Entry Fee: निशुल्क
Location: गंगोत्री से करीब 13 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी जिले में.
How to reach: गंगोत्री से टैक्सी या फिर शेयरिंग जीप द्वारा सात तालाब पहुंचा जा सकता है.

Top 17] भारत में सर्वश्रेष्ठ धार्मिक स्थान | Best Religious Places in India in Hindi

गंगोत्री के पास घूमने की जगह – काली मंदिर (Kali Temple)

गंगोत्री की अध्यात्मिक यात्रा के दौरान एक ऐसा मंदिर भी है, जो शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है – काली मंदिर. ये मंदिर गंगोत्री धाम का महत्व के मुख्य मंदिर परिसर से थोड़ा हटकर स्थित है, लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालु ज़रूर दर्शन के लिए जाते हैं. मंदिर की काली मूर्ति बेहद खूबसूरत है और माता काली का रौद्र रूप देखते ही मन में एक अलग ही तरह की ऊर्जा का संचार होता है. कहा जाता है कि माता के दर्शन करने से भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति मिलती है. साथ ही, आसपास के खूबसूरत पहाड़ों का नजारा मंदिर के वातावरण को और भी शांत और पवित्र बना देता है.

  • Timings: सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक (समय में थोड़ा बदलाव हो सकता है)
  • Entry Fee: निशुल्क
  • Location: गंगोत्री के मुख्य मंदिर परिसर से थोड़ी दूर.
  • How to reach: मंदिर तक पैदल ही पहुंचा जा सकता है, या फिर कोई स्थानीय विक्रम किराए पर लेकर जा सकते हैं.

Top 15] दक्षिण भारत के प्रमुख हिल स्टेशन | Hill Station for Honeymoon in south india in hindi

गंगोत्री में घूमने की जगह – गंगोत्री में होटल – Hotels in Gangotri

क्योंकि गंगोत्री में आपके ठहरने के लिए कुछ बेहतरीन होटल विकल्प:

गंगोत्री में प्रसिद्ध त्यौहार – अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)

और गंगोत्री की धार्मिक महिमा के साथ-साथ यहां मनाए जाने वाले त्यौहार भी किसी उत्सव से कम नहीं होते. इन त्यौहारों में शामिल होकर आप ना सिर्फ धर्म लाभ कमाते हैं, बल्कि यहां के रहन-सहन और संस्कृति को भी करीब से देख पाते हैं. गंगोत्री घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इन प्रमुख त्यौहारों को भी ध्यान में रखें:

  • अक्षय तृतीया: इस दिन गंगोत्री मंदिर के कपाट खुलते हैं, और गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है.
  • गंगा दशहरा: भगवान गंगा के अवतरण का उत्सव.
  • दीपावली: रोशनी का ये पर्व गंगोत्री में भी उल्लास से मनाया जाता है.

गंगोत्री में घूमने की जगह – गंगोत्री कैसे पहुंचे

गंगोत्री की पवित्र भूमि पर माता गंगा के दर्शन का सपना हर किसी श्रद्धालु के मन में होता है. लेकिन सफर का सवाल आते ही ज़हन में कई सवाल उठ खड़े होते हैं – गंगोत्री कैसे पहुंचे? कितना समय लगेगा? किराया कितना होगा? तो चलिए, आज हम गंगोत्री पहुंचने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा करते हैं:

सड़क मार्ग (Roadways):

यदि आप सड़क यात्रा का रोमांच पसंद करते हैं, तो आप सड़क मार्ग से गंगोत्री पहुंच सकते हैं.

  • दिल्ली से गंगोत्री: लगभग 520 किलोमीटर की दूरी है. सड़क यात्रा में लगभग 12 से 14 घंटे का समय लग सकता है. किराया बस के प्रकार पर निर्भर करता है, परंतु सामान्य तौर पर ₹1200 से ₹2000 के बीच रहता है.
  • हरिद्वार से गंगोत्री: लगभग 250 किलोमीटर की दूरी है. सड़क यात्रा में लगभग 7 से 8 घंटे लग सकते हैं. किराया भी दिल्ली से कम होकर ₹800 से ₹1500 के बीच रहता है.

गंगोत्री पहुंचने के लिए आप सरकारी या निजी बसों का इस्तेमाल कर सकते हैं. रास्ते में पहाड़ों की मनमोहक छटा और हरियाली का नज़ारा आपका सफर सुखद बना देगा.

वायु मार्ग (Airways):

गंगोत्री के निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (Jolly Grant Airport) है. यहां से गंगोत्री लगभग 220 किलोमीटर दूर है. हवाई यात्रा का विकल्प चुनने वाले यात्री पहले देहरादून पहुंच कर वहां से टैक्सी या बस द्वारा गंगोत्री जा सकते हैं. हवाई यात्रा का समय तो कम है, लेकिन कुल मिलाकर सफर में अधिक समय लग सकता है. किराया भी दूरी और मौसम के हिसाब से बदलता रहता है.

फिलहाल, गंगोत्री तक रेलवे लाइन नहीं है. निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार या ऋषिकेश में है. आप इन स्टेशनों तक ट्रेन से पहुंच कर आगे सड़क मार्ग से गंगोत्री जा सकते हैं. हरिद्वार और ऋषिकेश से गंगोत्री के लिए टैक्सी या बसें आसानी से मिल जाती हैं.

इन सब विकल्पों में से आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार रास्ता चुन सकते हैं. सड़क मार्ग ज़्यादा समय लेता है, लेकिन प्रकृति का नज़ारा लेने का मौका देता है. हवाई मार्ग ज़्यादा खर्चीला है, लेकिन समय की बचत होती है. रेल मार्ग का विकल्प फिलहाल सीधे तौर पर गंगोत्री पहुंचने के लिए मौजूद नहीं है.

Top 10] बद्रीनाथ में घूमने की जगह | Places to visit in Badrinath in Hindi

निष्कर्ष – Conclusion

गंगोत्री की पवित्रता और प्राकृतिक सौंदर्य हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है. यहां का धार्मिक महत्व तो अद्वितीय है ही, साथ ही घूमने-फिरने के लिए भी कई मनमोहक स्थान हैं. चाहे आप गंगा मईया के दर्शन करना चाहते हों, प्राकृतिक छटा का आनंद लेना चाहते हों, या फिर ट्रैकिंग का रोमांच लेना चाहते हों, गंगोत्री में आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है. तो देर किस बात की, श्रद्धा और घूमने की जुनून अपने झोले में भरकर निकल पड़िए गंगोत्री की अविस्मरणीय यात्रा पर!

12वीं के बाद पायलट कैसे बने | How to become a pilot after 12th in hindi

गंगोत्री में घूमने की जगहों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q. गंगोत्री में क्या है?

Ans. गंगोत्री, उत्तराखंड राज्य में स्थित एक धार्मिक और पर्यटन स्थल है, जो हिमालय की गोद में बसा है। यह भागीरथी नदी, जो गंगा नदी का उद्गम स्थल है, के तट पर स्थित है।

Q. दक्षिण गंगोत्री का संबंध किससे है?

Ans. दक्षिण गंगोत्री का संबंध भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम से है। यह भारत का पहला स्थायी अंटार्कटिक अनुसंधान केंद्र था, जिसे 1983 में स्थापित किया गया था। इसका नाम भारत की पवित्र नदी गंगा के नाम पर रखा गया था।

Q. गंगोत्री कहां है?

Ans. गंगोत्री उत्तराखंड राज्य, भारत में स्थित एक धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह ढ़वाल हिमालय की गोद में, भागीरथी नदी (जो गंगा नदी का उद्गम स्थल है) के तट पर बसा हुआ है।
गंगोत्री उत्तरकाशी जिले में आता है, और यह देहरादून से 250 किलोमीटर और हरिद्वार से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
गंगोत्री 3,042 मीटर ऊंचाई पर स्थित है, और यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।

Q. गंगोत्री हिमनद कहाँ है

Ans. गंगोत्री हिमनद उत्तराखंड राज्य, भारत में गढ़वाल हिमालय की गोद में स्थित है। यह उत्तरकाशी जिले में आता है, और गंगोत्री नामक धार्मिक और पर्यटन स्थल के पास स्थित है।
गंगोत्री हिमनद भागीरथी नदी का उद्गम स्थल माना जाता है, जो आगे चलकर गंगा नदी में मिल जाता है। यह हिमनद लगभग 27 किलोमीटर लंबा और 3 किलोमीटर चौड़ा है, और इसकी ऊंचाई 3,048 मीटर है।

Top 10] केदारनाथ में घूमने की जगह | Places to visit in Kedarnath in Hindi

Leave a Reply