प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर रानीखेत, उत्तराखंड राज्य का एक रमणीय पहाड़ी पर्यटन स्थल है। हिमालय की तलहटी में बसा यह आकर्षक स्थान अपने मनमोहक दृश्यों, शांत वातावरण और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। रानीखेत घूमने की सोच रहे हैं? तो चलिए इस लेख में हम आपको रानीखेत के दर्शनीय स्थल के बारे में बताते हैं, जिन्हें देखना आप बिल्कुल भी ना भूलें!
Table of Contents
रानीखेत के प्रमुख मंदिर – झूला देवी मंदिर (Jhula Devi Temple)
Places to visit in Ranikhet – Jhula Devi Temple in hindi
रानीखेत के दर्शनीय स्थल की बात हो और झूला देवी मंदिर का जिक्र ना हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता! घने जंगलों के बीच बसा ये प्राचीन मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है। कहा जाता है कि यहां माता अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मंदिर में जाते ही आपको ऐसा लगेगा मानो आप किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं. चारों तरफ देवदार के घने पेड़ और पहाड़ों की खामोशी आपको अपने आप में मदहोश कर देगी। मंदिर के गर्भगृह में माँ एक लकड़ी के झूले पर विराजमान हैं, जिन्हें देख मन शांत हो जाता है।
- समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: रानीखेत से करीब 8 किमी दूर चिलियाली गांव में कुमाऊं रेजिमेंट के अंतर्गत
- कैसे पहुंचे: रानीखेत से टैक्सी या जिप मिल जाती है. आप चाहें तो चिलियाली गांव तक ट्रैकिंग भी कर सकते हैं.
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रानीखेत में घूमने का जगह – चौबटिया (Chaubatiya)
रानीखेत घूमने आए हैं, तो चौबटिया की सैर करना तो बनता ही है! ये वो जगह है जहां पहुंचते ही आप खुद को पहाड़ों की बाहों में गले लगा हुआ महसूस करेंगे. चौबटिया दरअसल एक मनोरम फल बगीचा है, जो सेब के लिए पूरे देश में मशहूर है. सड़क के दोनों ओर हरे-भरे सेब के पेड़ों की कतारें आपको मानो हरे रंग के सुरम्य सुरंग में ले जाती हैं. मई-जून के महीने में जब पेड़ों पर सेब लगते हैं, तो पूरा बगीचा किसी जन्नत से कम नहीं लगता. यहाँ आप न सिर्फ घूमने का आनंद ले सकते हैं बल्कि ताज़े सेब तोड़ने और उनकी खट्टे-मीठी खुशबू में खोने का मज़ा भी उठा सकते हैं.
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: रानीखेत से लगभग 15 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: रानीखेत से टैक्सी या जिप आसानी से मिल जाती है. आप चाहें तो बाइक किराए पर लेकर भी जा सकते हैं.
रानीखेत में प्रसिद्ध मंदिर – हेड़ाखान मंदिर – (Hedakhan Temple)
Famous Temples in Ranikhet – Hedakhan Temple in hindi
रानीखेत के दर्शनीय स्थल में हेड़ाखान मंदिर का एक अलग ही महत्व है। ये मंदिर पहाड़ों की ऊंचाई पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। लेकिन यकीन मानिए, मंदिर तक का सफर और वहां से मिलने वाला नज़ारा आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. रास्ते में आपको घने जंगल, रंग-बिरंगे फूल और तरह-तरह के पंछी देखने को मिलेंगे. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और मान्यता है कि यहां आकर मन की हर मुराद पूरी होती है. चाहे शांत वातावरण में कुछ पल बिताने हों या फिर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना हो, हेड़ाखान मंदिर दोनों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है.
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: रानीखेत से करीब 5 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: आप टैक्सी किराए पर लेकर जा सकते हैं या फिर थोड़ा पैदल चलकर भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं.
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रानीखेत के पर्यटन स्थल – द द्वाराहाट (The Dwarahat)
रानीखेत में देखने लायक जगह की खूबसूरती का बखान करते समय, “द्वाराहाट” को भुलाना तो दूर की बात है, इसका जिक्र करते ही मन खुश हो उठता है! “द्वाराहाट” का मतलब है “स्वर्ग का रास्ता”, और वाकई में यहां आने पर आपको यही अहसास होगा. पहाड़ों से घिरी ये शांत सी जगह प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि यहां 55 से भी ज्यादा मंदिर हैं, जिनकी वास्तुकला कत्यूरी शैली की शानदार झलक दिखाती है. इन मंदिरों के बीच घूमना और उनकी खूबसूरती को निहारना, आपको मानो समय की धारा में वापस ले जाता है. इतना ही नहीं, द्वाराहाट से हिमालय की चोटियों का नजारा भी इतना मनमोहक होता है कि आप घंटों खड़े होकर रानीखेत के दर्शनीय स्थल देखते रह सकते हैं.
- समय: पूरे दिन खुला रहता है
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: रानीखेत से लगभग 33 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: रानीखेत से टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है.
रानीखेत में देखने लायक जगह – टाइगर हिल (Tiger Hill)
Places worth seeing in Ranikhet – Tiger Hill in hindi
रानीखेत के पास घूमने की जगह में टाइगर हिल का नाम आते ही, रोमांच का मिश्रण उत्साह से मन में भर जाता है! ये वो जगह है जहां से सूर्योदय का नज़ारा देखना किसी अनुभव से कम नहीं होता. अभी सुबह की हल्की सर्दी, आसमान में तारों की चमक और फिर क्षितिज पर सूरज की पहली किरणें, ये दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. टाइगर हिल पहुंचने के लिए आपको थोड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ सकती है, लेकिन यकीन मानिए, सूर्योदय का नज़ारा देखने के बाद सारी थकान पलभर में गायब हो जाएगी. यहां दूर तक फैले पहाड़ों को सूर्य की किरणों से नहाते देखना, प्रकृति की खूबसूरती का एक अविस्मरणीय अनुभव होता है.
- समय: सूर्योदय से पहले पहुंचना उचित रहता है (लगभग सुबह 4 बजे से)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: रानीखेत से करीब 5 किमी दूर
- कैसें पहुंचे: टैक्सी किराए पर लेकर या फिर थोड़ी पैदल चलकर आप टाइगर हिल पहुंच सकते हैं.
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रानीखेत के आसपास घूमने की जगह – कैम्प जेबी (Camp JB)
जैसा कि हमने पहले बताया रानीखेत के दर्शनी स्थलों की लिस्ट में कैम्प जेबी का नाम आते ही, रोमांच के साथ-साथ इतिहास की धुंध भी मन में छा जाती है. ये ब्रिटिशकालीन सैन्य शिविर अब एक संग्रहालय में बदल चुका है, जहां जाकर आप वीरता की कहानियों को महसूस कर सकते हैं. पुराने हथियार, सैनिकों की वर्दियाँ और युद्ध से जुड़ी चीजों को देखना आपको उस दौर में ले जाएगा. कैम्प जेबी परिसर में ही एक छोटा तालाब भी है, जो शांति के दो पल बिताने के लिए एकदम सही जगह है. इतिहास प्रेमियों के लिए तो कैम्प जेबी किसी खजाने से कम नहीं, वहीं आम घूमने वालों के लिए भी रानीखेत के दर्शनीय स्थल जगह कुछ नया सीखने का शानदार अवसर देती है.
- समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: ₹20/- भारतीयों के लिए, ₹50/- विदेशियों के लिए
- स्थान: रानीखेत शहर के बीचोंबीच
- कैसे पहुंचे: रानीखेत कहीं भी घूम रहे हों, कैम्प जेबी वहां से आसानी से पहुंचा जा सकता है. आप चाहें तो पैदल चलकर जा सकते हैं या फिर रिक्शा किराए पर ले सकते हैं.
रानीखेत के पास घूमने की जगह – भालू बांध (Ranikhet)
Places to visit near Ranikhet – Bhalu Dam in Hindi
गौरतलब है कि रानीखेत का मौसम खूबसूरती पहाड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक छटा समेटे हुए “भालू बांध” भी किसी को मोहित कर लेता है. ये कृत्रिम झील घने जंगलों के बीचोंबीच बनी हुई है, जहां पहुंचने के लिए आपको थोड़ी ट्रैकिंग करनी पड़ सकती है. लेकिन यकीन मानिए, जंगल का सफर और फिर अचानक से सामने आने वाला भालू बांध का नजारा, आपके रोमांच को दोगुना कर देगा. शांत झील का नीला पानी, आसपास हरियाली और दूर-दूर पहाड़ों की चोटियां, ये सब मिलकर एक ऐसी मनमोहक तस्वीर बनाते हैं, जिसे आप अपने कैमरे में कैद करना चाहेंगे. पिकनिक मनाने या फिर प्रकृति के गोद में कुछ पल सुकून से बिताने के लिए भालू बांध एक बेहतरीन विकल्प है.
- समय: पूरे दिन खुला रहता है
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: रानीखेत से लगभग 6 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: टैक्सी किराए पर लेकर आप चौबटिया तक जा सकते हैं, वहां से करीब 3 किमी की ट्रैकिंग करनी होती है.
रानीखेत के दर्शनीय स्थल – कुमाऊँ रेजिमेंटल म्यूजियम (Kumaon Regimental Museum)
इसे समझने के लिए रानीखेत के दर्शनीय स्थल की बात हो और कुमाऊँ रेजिमेंटल म्यूजियम (Kumaon Regimental Museum) का जिक्र न हो, ऐसा कैसे हो सकता है! ये म्यूजियम उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने सदियों से भारत की रक्षा करते आ रहे हैं. कुमाऊँ रेजिमेंट के शौर्य गाथाओं को समेटे हुए ये म्यूजियम, इतिहास प्रेमियों के लिए किसी तीर्थस्थान से कम नहीं. यहां आपको युद्धों में इस्तेमाल किए गए हथियार, सैनिकों की वर्दियाँ, सम्मानित पदक और रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास को दर्शाती तस्वीरें देखने को मिलेंगी. कुमाऊँ रेजिमेंट के वीर सैनिकों के बलिदानों की कहानियां आपको रोमांचित कर देंगी और देश के लिए सम्मान का भाव जगाएंगी.
- समय: सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक (सोमवार बंद)
- प्रवेश शुल्क: ₹10/- भारतीयों के लिए, ₹25/- विदेशियों के लिए
- स्थान: रानीखेत शहर के बीचोंबीच, कैम्प जेबी के पास
- कैसे पहुंचे: रानीखेत कहीं भी घूम रहे हों, कुमाऊँ रेजिमेंटल म्यूजियम वहां से आसानी से पहुंचा जा सकता है. आप चाहें तो पैदल चलकर जा सकते हैं या फिर रिक्शा किराए पर ले सकते हैं.
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रानीखेत में होटल – Hotels in Ranikhet in Hindi
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रानीखेत में आपके लिए कुछ बेहतरीन होटल विकल्प:
- हिमालया व्यू – ₹1,176 प्रति रात। 24 समीक्षाओं के आधार पर 5.0 की रेटिंग।
- क्वीन्स मेडो होटल – 3-सितारा होटल जिसमें हवादार और सादे कमरे हैं. सस्ता कैफ़े भी है. होटल से पहाड़ दिखाई देते हैं। ₹1,961 प्रति रात। 362 समीक्षाओं के आधार पर 3.9 की रेटिंग।
- हिमालय गेस्ट हाउस – 2-सितारा होटल। ₹1,176 प्रति रात। 5 समीक्षाओं के आधार पर 4.8 की रेटिंग।
- सुपर OYO SPOT ON होटल ऐना – ₹966 प्रति रात। 22 समीक्षाओं के आधार पर 3.9 की रेटिंग।
- BUDDHI VILAS HOME STAY – ₹1,512 प्रति रात। 7 समीक्षाओं के आधार पर 3.7 की रेटिंग।
रानीखेत में प्रसिद्ध त्यौहार – नंदाष्टमी (Nandashtami)
Famous Festivals in Ranikhet – Nandashtami in hindi
रानीखेत के दर्शनीय स्थलों के अलावा, यहां मनाए जाने वाले त्योहार भी अपने आप में खास हैं. इन त्योहारों में ना सिर्फ उत्तराखंड की संस्कृति की झलक मिलती है, बल्कि पहाड़ों की खूबसूरती के बीच इन त्योहारों को मनाने का अपना ही अलग आनंद है. तो चलिए जानते हैं रानीखेत के कुछ प्रसिद्ध त्योहारों के बारे में:
- नंदाष्टमी: यह त्योहार पूरे उत्तराखंड में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, और रानीखेत भी इससे अछूता नहीं रहता. यह त्योहार माता नंदा देवी को समर्पित होता है और इस दौरान जगह-जगह मेले लगती हैं, भजन-कीर्तन होते हैं और लोकनृत्यों का आयोजन किया जाता है.
- श्यालदेई मेला: अगर आप नवंबर में रानीखेत के आसपास घूमने की जगह का प्लान बना रहे हैं, तो श्यालदेई मेले का हिस्सा जरूर बनें. श्यालदेई मंदिर में लगने वाली इस मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं और जमकर खरीदारी करते हैं. साथ ही, मेले में विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन होता है, जो बच्चों को खूब लुभाता है.
- द्वाराहाट मेला: द्वाराहाट रानीखेत के पास ही एक खूबसूरत गांव है, और यहां भी एक प्रसिद्ध मेले का आयोजन किया जाता है. द्वाराहाट मेले में कुमाऊंनी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. मेले में पारंपरिक वेशभूषाधारी लोग, लोकनृत्य और स्वादिष्ट कुमाऊंनी व्यंजन देखने और चखने का अपना ही अलग मजा है.
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रानीखेत कैसे पहुंचे – रानीखेत के दर्शनीय स्थल यात्रा गाइड
रानीखेत की मनमोहक वादियों और दिल को छू लेने वाले दृश्यों का दीदार करने की ख्वाहिश रखते हैं? तो फिर देर किस बात की, अपना बैग पैक करें और निकल पड़ें रानीखेत की सैर पर! लेकिन रानीखेत पहुंचने के लिए रास्ता कैसे चुनें, ये भी एक पेचीदा सवाल है. घबराने की कोई बात नहीं, इस लेख में हम आपको रानीखेत पहुंचने के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे:
1. सड़क मार्ग (Roadways):
रोड ट्रिप के शौकीनों के लिए रानीखेत पहुंचने का सड़क मार्ग एक बेहतरीन विकल्प है.
- समय: दिल्ली से रानीखेत तक सड़क मार्ग से पहुंचने में लगभग 7 से 8 घंटे का समय लग सकता है.
- किराया: उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों द्वारा किराया ₹500 से ₹1000 के बीच रहता है, जो बस के प्रकार पर निर्भर करता है. आप रोडवेज बस स्टेशन पर जाकर या ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।
2. हवाई मार्ग (Airways):
रानीखेत में कोई हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर में है.
- समय: दिल्ली से पंतनगर हवाई अड्डे तक पहुंचने में लगभग 1 घंटे 30 मिनट का समय लगता है. फिर पंतनगर से रानीखेत तक पहुंचने के लिए आपको टैक्सी या बस लेनी होगी, जिसमें लगभग 2 घंटे का समय लग सकता है.
- किराया: दिल्ली से पंतनगर तक हवाई किराया ₹2000 से ₹4000 के बीच रह सकता है, जो सीजन और एयरलाइन पर निर्भर करता है. पंतनगर से रानीखेत तक टैक्सी का किराया लगभग ₹1500 से ₹2000 के बीच हो सकता है.
3. रेल मार्ग (Railways):
रानीखेत पहुंचने के लिए रेलवे एक आरामदायक विकल्प है.
- समय: दिल्ली से काठगोदाम रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में लगभग 11 से 12 घंटे का समय लग सकता है. फिर काठगोदाम से रानीखेत तक पहुंचने के लिए आपको टैक्सी या रिक्शा लेनी होगी, जिसमें लगभग 1.5 घंटे का समय लग सकता है.
- किराया: दिल्ली से काठगोदाम तक ट्रेन का किराया ₹300 से ₹1500 के बीच रह सकता है, जो ट्रेन के प्रकार और श्रेणी पर निर्भर करता है. काठगोदाम से रानीखेत तक टैक्सी का किराया लगभग ₹500 से ₹700 के बीच हो सकता है.
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निष्कर्ष – Conclusion
रानीखेत, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का खूबसूरत संगम है. उम्मीद है कि इस लेख में बताए गए रानीखेत के दर्शनीय स्थल आपके घूमने के शौक को पूरा करने में मदद करेंगे. चाहे आप रोमांचकारी ट्रैकिंग करना चाहते हों, शांत वातावरण में आराम फरमाना चाहते हों या फिर प्राचीन मंदिरों और संग्रहालयों को देखना चाहते हों, रानीखेत में आपके लिए सब कुछ है. तो देर किस बात की, रणनीति बनाइए, अपना सामान पैक करें और निकल पड़िए रानीखेत की मनमोहक यात्रा पर!
रानीखेत के दर्शनीय स्थलों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. यह अल्मोड़ा जिले का एक तहसील मुख्यालय और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। रानीखेत अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और विभिन्न दर्शनीय स्थलों के लिए जाना जाता है।
Ans. रानीखेत की स्थापना 1869 में हुई थी।
यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कुमाऊं क्षेत्र में एक छावनी के रूप में स्थापित किया गया था।
Ans. रानीखेत घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और पर्यटन के लिए अनुकूल होता है।
Ans. रानीखेत में घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें हैं, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध स्थानों में शामिल हैं:
चौखुटिया: रानीखेत का सबसे ऊँचा स्थान, जो हिमालय के मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
टाइगर फॉल: एक शानदार झरना जो घने जंगलों से घिरा हुआ है।
गोमती विहार: भगवान बुद्ध को समर्पित एक शांत बौद्ध मंदिर।
मन्ना मंदिर: भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर।
भारतीय सेना संग्रहालय: रानीखेत के सैन्य इतिहास को प्रदर्शित करता है।
Ans. रानीखेत में बजट और सुविधाओं के अनुसार विभिन्न प्रकार के होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। आप अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार होटल चुन सकते हैं।