Top 10 यमुनोत्री के दर्शन | Darshan of Yamunotri in Hindi

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क्या आप भारत के चार धामों की यात्रा का प्लान बना रहे हैं? अगर हां, तो यमुनोत्री धाम आपके लिए निश्चित रूप से एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। यमुनोत्री मंदिर, जो भारत की पवित्र नदी मां यमुना का स्रोत माना जाता है, हिमालय की गोद में स्थित है। आइए, इस लेख में हम यमुनोत्री के दर्शन की भव्यता, धार्मिक महत्व और वहां पहुंचने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानें।

Table of Contents

यमुनोत्री में घूमने की जगह – सूर्य कुंड (Surya Kund)

यमुनोत्री में घूमने की जगह

Places to visit in Yamunotri – Surya Kund

यमुनोत्री के दर्शन के पवित्र अनुभव में सूर्य कुंड का स्नान एक ऐसा क्षण है जिसे भुलाया नहीं जा सकता। यह गर्म जल का कुंड मंदिर परिसर के ठीक बगल में स्थित है। प्रातः काल सूर्योदय, जब चारों ओर पहाड़ों की चोटियां सूर्य की किरणों से जगमगा उठती हैं, तब सूर्य कुंड में स्नान करने का अपना ही आनंद होता है। गर्म जल शरीर को तरोताजा कर देता है और आने वाले दिन की यात्रा के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। कई सूर्यास्त सूर्योदय से पहले ही यहां पहुंच गए थे, ताकि वो सूर्य देव को अर्घ्य दे सकें और बाद में इस पवित्र कुंड में स्नान कर सकें। माना जाता है कि सूर्य कुंड में स्नान करने से सिर्फ पुण्य नहीं मिलता बल्कि इससे शारीरिक थकान भी दूर होती है।

  • समय: सूर्योदय से पहले से लेकर शाम तक
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: यमुनोत्री मंदिर परिसर के ठीक बगल में
  • कैसे पहुंचें: यमुनोत्री मंदिर तक पहुंचने के बाद ये कुंड आसानी से मिल जाएगा।

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यमुनोत्री के प्रमुख मंदिर – यमुनोत्री मंदिर (Yamunotri Temple)

यमुनोत्री के प्रमुख मंदिर

Yamunotri Temple – Yamunotri Temple

अब आइए देखते हैं यमुनोत्री मंदिर का इतिहास

यमुनोत्री के दर्शन की यात्रा तब अधूरी दिखती है, जब आप यमुनोत्री मंदिर के दर्शन न करें। पहाड़ों के भगवान में बसा ये छोटा सा मंदिर दूर से ही अपनी ओर खींचता है। काले पत्थरों से बना यह मंदिर वैसे तो आकार में छोटा है, लेकिन आस्था का केंद्र बहुत बड़ा है। मंदिर के गर्भगृह में धूप और दीपों की रोशनी के बीच मां यमुना की काली मूर्ति के दिव्य दर्शन होते हैं। मंदिर के बाहर बहता हुआ गर्म जलकुंड पूजा के प्रसाद को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहां का माहौल इतना शांत और पवित्र है कि मन को कोटेशन शांति मिलती है।

  • समय: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक (समय के अनुसार मौसम बदला जा सकता है)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: यमुनोत्री, उत्तरकाशी जिला, उत्तराखंड
  • कैसे पहुंचें: जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम तक पैदल या फिर पालकी से पहुंचा जा सकता है।

यमुनोत्री के पर्यटन स्थल – भवन कुंड (Bhawan Kund)

आगे बढ़ने से पहले यमुनोत्री के दर्शन की यादों में एक मीठा एहसास आता है भवन कुंड में स्नान का अनुभव। मंदिर परिसर से हटकर स्थित यह कुंड अपने ठंडे पानी के लिए जाना जाता है। पहाड़ों से सीधे आने वाला ये पानी इतना ठंडा होता है कि छूते ही दोस्त में एक झंझनाहट सी दौड़ जाती है। लेकिन यकीन मानिए, इस ठंडे पानी में पहुंचने के बाद शरीर और मन दोनों ही एकदम सही तारोताजा हो जाते हैं। गर्मी के दिनों में तो ये कुंड मानो तपती धूप से राहत पाने वाला फरिश्ता बन जाता है। कई सूर्य कुंड में स्नान के बाद खुद को शीतलता प्रदान करने के लिए भवन कुंड का रुख किया जाता है।

  • समय: सुबह से शाम तक
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: यमुनोत्री मंदिर परिसर से थोड़ी दूरी पर
  • कैसे पहुंचें: मंदिर के दर्शन करने से आपको भवन कुंड का रास्ता आसानी से मिल जाएगा।

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यमुनोत्री में दर्शनीय स्थल – काली कुंड (Kali Kund)

यमुनोत्री में दर्शनीय स्थल

Sightseeing places in Yamunotri – Kali Kund

यमुनोत्री के दर्शन की कहानी अधूरी रह जाती है अगर आप काले कुंड में स्नान का अनुभव ना करें। यह कुंड यमुनोत्री मंदिर का निर्माण परिसर से छोटा सा हटकर स्थित है और यहां का राक्षसी बड़ा ही रहस्यमय है। आसपास के काले पत्थरों से बना यह गर्म जल का कुंड आम सहमति पर निष्कर्ष के रूप में पॉश्चर की तरह प्रतीत होता है। कहते हैं कि इस कुंड के जल में औषधीय गुणों की प्रचुरता होती है और इसमें स्नान करने से कई तरह के हानिकारक रोग दूर हो जाते हैं। हालाँकि, इस कुंड का जल इतना गर्म होता है कि सीधे स्नान करना संभव नहीं है। इसलिए, अदृश्य सूर्य कुंड या भवन कुंड के जल में ही स्नान किया जाता है। स्नान के बाद यहां पहाड़ों के नजारों को निहारना और पवित्र हवा में सांस लेना, यमुनोत्री यात्रा के वो पल शामिल हैं जिनमें शब्दों का ब्यान नहीं किया जा सकता।

  • समय: सुबह से शाम तक
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: यमुनोत्री मंदिर परिसर से कुछ दूरी पर
  • कैसे पहुंचें: मंदिर के बाहर या स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर आपको काली कुंड का रास्ता मिल जाएगा।

यमुनोत्री में घूमने लायक स्थान – उपरोक्त यमुनोत्री

यमुनोत्री के दर्शन की सुंदरता बरकरार नहीं रही। उत्तम यमुनोत्री या हनुमान् चट्टी, जो यमुनोत्री मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित है, वह अपनी प्राकृतिक प्रकृति के लिए जाना जाता है। यहां से बर्फ से ढके पहाड़ों का इतना मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है कि मनो प्रकृति ने अपनी कलाकारी का बेहतरीन उदाहरण पेश किया हो। दूर-दूर तक की तस्वीरें घाटियां और आसमान में उड़ते हुए रंग-बिरंगे पक्षी, ये दृश्य में कैद कर लेने के लिए मजबूर कर देते हैं। यहां एक प्राचीन हनुमान मंदिर भी है, जहां पर अलौकिक पूजा-अर्चना की जा सकती है। पर्यटकों के शौकीनों के लिए ऊंची यमुनोत्री बिल्कुल सही जगह है। आप यहां के मनोरम दृश्यों का भरपूर आनंद ले सकते हैं।

  • समय: पूरे दिन खुला रहता है।
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: यमुनोत्री मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
  • कैसे पहुंचें: यमुनोत्री मंदिर से पैदल चलकर ही यमुनोत्री तक पहुंचा जा सकता है।

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यमुनोत्री के आसपास घूमने की जगह – गोमुख (Gomukh)

यमुनोत्री के आसपास घूमने की जगह

Places to visit around Yamunotri – Gomukh

एक दिलचस्प बात यह है कि यमुनोत्री के दर्शन की यात्रा अधूरी मानी जाती है अगर आप गोमुख के दर्शन नहीं करते हैं। गोमुख, अर्थात गाय का मुख, यमुनोत्री से करीब 19 किमी दूर गंगोत्री के किनारे वाले रास्ते में एक पवित्र स्थान स्थित है। ये वो जगह है जहां माना जाता है कि यहां पवित्र यमुना नदी का उद्गम होता है। हालाँकि, यह स्थान दुर्गम होने के कारण दर्शन के लिए आम तौर पर बंद रहता है। लेकिन दूर से ही गोमुख के दर्शन और वहां से छूटी हुई यमुना की धारा को देखने पर आपको एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। यहां का माहौल इतना पवित्र और शांत होता है कि मन को सार्वभौम दर्शन मिलता है। गंगोत्री की यात्रा के दौरान कई लघु यमुनोत्री यात्रा भी की जाती है और इस दौरान वो गोमुख के भी दर्शन कर लेते हैं।

  • समय: दर्शन के लिए आम तौर पर बंद रहता है।
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क (यदि आप गंगोत्री यात्रा भी कर रहे हैं)
  • स्थान: यमुनोत्री से 19 किमी दूर गंगोत्री जाने का रास्ता।
  • कैसे पहुंचें: यमुनोत्री से जीप या सड़क मार्ग से गंगोत्री जाने का समय मार्ग में ही गोमुख दिख जाता है

यमुनोत्री के पास घूमने की जगह – हनुमान मंदिर (Hanuman Temple)

गौर करने वाली बात यह है यमुनोत्री के दर्शन की यात्रा के दौरान एक शांति और आस्था का दर्शन हुआ जिसमें हनुमान मंदिर का दर्शन हुआ। ये मंदिर यमुनोत्री धाम से थोड़ी दूरी पर स्थित है ऊंची यमुनोत्री या हनुमान चट्टी में ही मिल जाएगा। पहाड़ों के भगवान में बना ये छोटा सा मंदिर दूर से ही अपनी ओर खींचता है। मंदिर के अंदर भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित है। सिद्धांत है कि हनुमान जी ने सीता माता की खोज के दौरान विश्राम किया था। यहां का माहौल इतना शांत और पवित्र है कि मन को कोटेशन शांति मिलती है। मंदिर के बाहर बर्फ से ढके पहाड़ों का दृश्य मनमोहक होता है। पूजा- प्रमाणन के बाद यहां कुछ देर पहाड़ों को निहारना, यात्रा की थकान को कम करता है।

  • समय: प्रातः सूर्योदय से लेकर शाम सूर्य तक (समय के अनुसार मौसम बदला जा सकता है)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
    स्थान: यमुनोत्री धाम यमुनोत्री से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
  • कैसे पहुंचें: यमुनोत्री मंदिर से पैदल चलकर ऊंचे यमुनोत्री और वहां स्थित हनुमान मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

यमुनोत्री में देखने लायक जगह – जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park)

यमुनोत्री में देखने लायक जगह

Places worth seeing in Yamunotri – Jim Corbett National Park

यमुनोत्री के दर्शन का ये है खास मजा कि आप अपनी धार्मिक बातों के साथ थोड़ा सा रोमांच भी जोड़ सकते हैं। यमुनोत्री से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध जिम कॉरबेट नेशनल पार्क स्थित है। यदि आप वस्तुओं को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के शौकीन हैं, तो यमुनोत्री यात्रा के बाद यहां का रुख कर सकते हैं। जंगल की सैर पर जंगल की सैर और बाघ, हाथी, हिरण जैसे जंगली जानवरों को देखना, जंगल की सैर का एक रोमांचकारी अनुभव होगा। इस राष्ट्रीय उद्यान में घने जंगल, खूबसूरत झील और तरह-तरह के पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं। प्रकृति की गोद में कुछ समय के लिए रुकें यमुनोत्री का महत्व की यात्रा और भी बना सकते हैं स्मारक।

  • समय: पार्क सुबह सूर्योदय से पहले खुलता है और शाम सूरज के बाद बंद हो जाता है। सफ़ारी की समय अवधि अलग-अलग हो सकती है।
  • प्रवेश शुल्क: मूवी के लिए ₹ 1500 से ₹ 2500 के बीच (भारतीय नागरिकों के लिए) और विदेशी नागरिकों के लिए ₹ 3500 से ₹ 5500 के बीच (वाहन किराए पर)
  • स्थान: उत्तराखंड, उत्तराखंड से 15 किमी की दूरी पर।
  • कैसे पहुंचें: यमुनोत्री से टैक्सी या बस द्वारा पहुंचा जा सकता है। वहां से पार्क तक पहुंचने के लिए आपको जिप या अन्य वाहन किराए पर लेने होंगे।

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यमुनोत्री में होटल – Hotels in Yamunotri in Hindi

यमुनोत्री में आपके आवास के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें होटल, होमस्टे और गेस्ट हाउस शामिल हैं।

यहां कुछ लोकप्रिय विकल्प दिए गए हैं:

बुरांश होमस्टे – ₹805 प्रति रात। 35 रेटिंग के आधार पर 4.7 की औसत रेटिंग।
होटल यमुनोत्री – ₹1,613 प्रति रात। 19 रेटिंग के आधार पर 4.2 की रेटिंग।
होटल ट्राइटन रेसिडेंसी – ₹1,008 प्रति रात। 19 रेटिंग के आधार पर 3.8 की औसत रेटिंग।
भारत होमस्टे (द नेटिव हिमालयन) – ₹1,119 प्रति रात। 185 रेटिंग के आधार पर 5.0 की रेटिंग। (सामान्य से 44% कम)
होम स्टेट डोडिटल – ₹1,166 प्रति रात। 10 रेटिंग के आधार पर 3.7 की औसत रेटिंग। (सामान्य से 52% कम)

यमुनोत्री में प्रसिद्ध त्यौहार – यमुना जयंती (Yamuna Jayanti)

जैसा कि हमने देखा यमुनोत्री के दर्शन की खूबसूरती सिर्फ धार्मिक स्थलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां मनाए जाने वाले त्योहार भी इसकी रौनक बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं यमुनोत्री के कुछ प्रसिद्ध त्योहारों के बारे में:

  • यमुना जयंती: यह त्योहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की छठे दिन मनाया जाता है। इस दिन मां यमुना के जन्मोत्सव पर श्रद्धालु यमुनोत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं और धूमधाम से इस पर्व को मनाते हैं।
  • बसंत पंचमी: यह त्योहार जनवरी-फरवरी के महीने में पड़ता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। यमुनोत्री में इस अवसर पर पीले वस्त्र पहने श्रद्धालु देखने को मिलते हैं। साथ ही, मंदिर परिसर में रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

यमुनोत्री के दर्शन: कैसे पहुंचें धाम तक

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यमुनोत्री के दर्शन की पवित्र यात्रा पर निकलने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि आखिर वहां तक पहुंचा कैसे जाए? तो चलिए, जानते हैं यमुनोत्री पहुंचने के विभिन्न मार्गों के बारे में:

1. सड़क मार्ग (Roadways):

यमुनोत्री तक पहुंचने का सबसे आम रास्ता सड़क मार्ग है। आप दिल्ली से यमुनोत्री के लिए सीधी बस सेवा ले सकते हैं। यात्रा का समय लगभग 12-14 घंटे का है और किराया ₹1500 से ₹2000 के बीच हो सकता है।

  • समय: 12-14 घंटे
  • किराया: ₹1500 से ₹2000 (दिल्ली से यमुनोत्री)

2. रेलवे मार्ग (Railways):

यमुनोत्री तक सीधा रेलवे मार्ग नहीं है। आप निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार या देहरादून तक पहुंच सकते हैं। वहां से यमुनोत्री के लिए टैक्सी या बस मिल जाती है। हरिद्वार से यमुनोत्री तक का सफर लगभग 6-7 घंटे का है और टैक्सी का किराया ₹3000 से ₹4000 के बीच हो सकता है।

  • समय: हरिद्वार से यमुनोत्री तक 6-7 घंटे
  • किराया: हरिद्वार से यमुनोत्री के लिए टैक्सी का किराया ₹3000 से ₹4000

3. हवाई मार्ग (Airways):

यमुनोत्री के सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा Jolly Grant Airport, देहरादून है। वहां से आप टैक्सी या हेलीकॉप्टर द्वारा यमुनोत्री पहुंच सकते हैं। हेलीकॉप्टर सेवाएं चार धाम यात्रा पैकेज के अंतर्गत मिलती हैं, जिनकी कीमतें ₹20,000 से शुरू हो सकती हैं। टैक्सी का किराया देहरादून से यमुनोत्री तक लगभग ₹4000 से ₹5000 के बीच हो सकता है।

  • समय: देहरादून से यमुनोत्री तक टैक्सी द्वारा 4-5 घंटे
  • किराया:
    • देहरादून से यमुनोत्री के लिए टैक्सी का किराया ₹4000 से ₹5000
    • हेलीकॉप्टर सेवाएं: ₹20,000 से शुरू (चार धाम यात्रा पैकेज के अंतर्गत)

यात्रा के लिए सुझाव:

यमुनोत्री की यात्रा अप्रैल के अंत से लेकर जून के मध्य तक करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहाना रहता है और यात्रा सुखद होती है। सड़क मार्ग से यात्रा करने का विचार है, तो पहले से ही सीट बुक करवा लें, खासकर पीक सीजन के दौरान।

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निष्कर्ष – conclusion

यमुनोत्री के दर्शन की यात्रा निश्चित रूप से जीवन भर याद रहने वाला अनुभव होगी। पहाड़ों की मनमोहक छटा, मंदिरों की पवित्रता और यमुना नदी का पवित्र जल, ये सब मिलकर यमुनोत्री को एक अविस्मरणीय तीर्थ स्थल बनाते हैं। चाहे आप धार्मिक आस्था रखते हों या फिर प्राकृतिक सौंदर्य के दीवाने हों, यमुनोत्री आपका दिल जीत लेगी। तो देर किस बात की, आज ही यमुनोत्री यात्रा की योजना बनाएं और हिमालय की गोद में मां यमुना का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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यमुनोत्री के दर्शनीय स्थलों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q. यमुनोत्री के कपाट कब खुलेंगे?

Ans. यमुनोत्री के कपाट 10 मई 2024 को खुल चुके हैं।
यह हर साल अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर होता है। इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को ही थी।
यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होने का समय भाई दूज के अगले दिन होता है।
यह जानकारी मैंने विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त की है, जिनमें शामिल हैं:

Q. यमुनोत्री किस जिले में है?

Ans. यह गढ़वाल क्षेत्र में हिमालय की गोद में बसा एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहाँ यमुना नदी का उद्गम स्थल है, जो हिंदुओं के लिए एक पवित्र नदी मानी जाती है।
यमुनोत्री चार धाम यात्रा के चार मुख्य पड़ावों में से एक है। यहाँ का मुख्य आकर्षण यमुनोत्री मंदिर है, जो देवी यमुना को समर्पित है।

Q. यमुनोत्री किस पर्वत पर हैं?

Ans. यह पर्वत गढ़वाल हिमालय का भाग है और उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यमुनोत्री मंदिर, जो देवी यमुना को समर्पित है, इसी पर्वत पर 3,293 मीटर (10,804 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

Q. यमुनोत्री क्या है?

यमुनोत्री भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक हिंदू तीर्थस्थल है। यह चार धाम यात्रा के चार मुख्य पड़ावों में से एक है, और यमुना नदी का उद्गम स्थल है।

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