उज्जैन! पवित्र नगरी, प्राचीन मंदिरों का धाम और सनातन संस्कृति का केंद्र. कहा जाता है कि यहां हर कदम पर आपको इतिहास और अध्यात्म का दर्शन होता है. यदि आप उज्जैन घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यकीनन आपके मन में यह सवाल होगा – उज्जैन में घूमने की बेहतरीन जगह कौन सी हैं? चाहे आप धार्मिक स्थलों के दर्शन करना चाहते हों, ऐतिहासिक धरोहरों को देखना चाहते हों, या फिर प्रकृति की खूबसूरती में खो जाना चाहते हों, उज्जैन आपकी हर इच्छा को पूरा करने के लिए तैयार है. तो चलिए, इस लेख में हम आपको उज्जैन की उन शानदार जगहों के बारे में बताते हैं, जिन्हें देखे बिना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी.
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महाकालेश्वर उज्जैन दर्शन का समय – Mahakaleshwar Ujjain Darshan Timings in Hindi
इसी सिलसिले में महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में स्थित, भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह प्राचीन मंदिर न केवल अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि भगवान शिव के दर्शन के लिए भी जाना जाता है। यदि आप भगवान शिव के दर्शन का अनमोल अवसर प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको महाकालेश्वर उज्जैन महाकाल दर्शन के समय की जानकारी होना आवश्यक है।
अब बात करते हैं महाकालेश्वर मंदिर दर्शन का समय:
- सुबह: मंदिर के कपाट सुबह 3:00 बजे खुलते हैं और दर्शनार्थियों को 1:30 बजे तक प्रवेश दिया जाता है।
- शाम: शाम को मंदिर के कपाट 4:00 बजे खुलते हैं और दर्शनार्थियों को 11:30 बजे तक प्रवेश दिया जाता है।
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले आपको अपने मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जमा करना होगा।
- मंदिर में उचित वेशभूषा पहनना अनिवार्य है। पुरुषों को धोती और कमीज पहननी चाहिए, जबकि महिलाओं को साड़ी या सलवार-कमीज पहननी चाहिए।
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले आपको अपने जूते उतारने होंगे।
- मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश वर्जित है।
- आप मंदिर परिसर में स्थित विभिन्न पूजा और अनुष्ठानों में भी भाग ले सकते हैं।
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उज्जैन के दर्शनीय स्थल – Mahakaleshwar Temple
Places to visit in Ujjain – Mahakaleshwar Temple in Hindi
उज्जैन महाकाल मंदिर की पावन धरती पर कई सारे मंदिर हैं, जिनमें से महाकालेश्वर मंदिर का अपना ही एक अलग महत्व है। यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं है, बल्कि सदियों पुराने इतिहास और आस्था का संगम भी है। बचपन से ही मैंने इस मंदिर के बारे में कहानियां सुनी हैं, मंदिर की भव्यता के बारे में, यहां होने वाली आरतियों के बारे में। और फिर जब खुद पहली बार महाकाल के दर्शन हुए, तो एक अलग ही अनुभूति हुई। मानो सारा समय रुक गया हो, और सिर्फ शिव की शक्ति का अनुभव हो रहा हो.
महाकालेश्वर मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है। ऊंचे शिखर, हाथी पर सवार भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा, और मंदिर के प्रांगण में घूमते साधु-संत – सब मिलकर एक अलौकिक वातावरण बनाते हैं. इतिहास के जानकार बताते हैं कि ये मंदिर करीबन 12वीं सदी का है, जिसे बाद में कई राजाओं ने जीर्णोद्धार कराया और उसमें अपना अंश जोड़ा।
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: सुबह 3:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 11:30 बजे तक (दिन के समय आरती और पूजा के लिए थोड़े समय के लिए बंद रह सकता है)
- Entry Fee: निःशुल्क
- Location: महाकालेश्वर मंदिर, महाकाल रोड, उज्जैन, मध्य प्रदेश
- How to reach: उज्जैन रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से टैक्सी या रिक्शा आसानी से मिल जाते हैं।
उज्जैन में प्रसिद्ध मंदिर – Kal Bhairav Temple
अब आइए देखते हैं उज्जैन काल भैरव मंदिर की पवित्र यात्रा के दौरान, आपको एक अनोखे मंदिर के दर्शन का अवसर ज़रूर प्राप्त करना चाहिए – काल भैरव मंदिर। भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित ये मंदिर अपनी ऊर्जा और वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां आते ही आपको एक अलग ही तरह का अनुभव होगा। मंदिर के पुजारी आपको बताएंगे कि कैसे भक्त काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें शराब चढ़ाते हैं, जो एक अनोखा रिवाज है। मंदिर का माहौल रहस्यमय और रोमांचकारी है, मानो भगवान काल भैरव की उपस्थिति वातावरण में ही घुली हो।
काल भैरव मंदिर:
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 4:00 बजे से रात 11:00 बजे तक (दिन में दो बार दर्शन)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश (महाकालेश्वर मंदिर के निकट)
- कैसे पहुंचे: उजजैन जंक्शन से रिक्शा या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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उज्जैन के पर्यटन स्थल – Hari Siddhi Temple
ujjain tourist places – Hari Siddhi Temple in Hindi
उज्जैन की धार्मिक यात्रा कभी अधूरी नहीं रहती, खासकर तब, जब आप हरसिद्धि मंदिर के दर्शन कर लें। मान्यता है कि यहां मां अन्नपूर्णा के रूप में विराजमान हैं। मंदिर में कदम रखते ही आपको एक अशक्ति का अनुभव होगा। ऐसा लगता है मानो मां की मूर्ति से असीम शक्ति का प्रवाह हो रहा है। मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। मराठा शैली में बने इस मंदिर में जटिल नक्काशी और ऊंचा शिखर आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। यहां की सबसे खास बात ये है कि मंदिर में एक अखंड ज्योत जलती रहती है, जिसे दर्शन के दौरान देखना मन को बहुत सुकून देता है।
हरसिद्धि मंदिर दर्शन
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक (दिन के समय आरती के लिए थोड़ा विश्राम रहता है।)
- प्रवेश शुल्क: निशुल्क
- स्थान: हरसिद्धि मार्ग, हरसिद्धि चौराहा, उज्जैन
- कैसे पहुंचे: उज्जैन जंक्शन से मंदिर लगभग 4 किलोमीटर दूर है। आप रिक्शा या टैक्सी आसानी से ले सकते हैं।
उज्जैन में जाने की जगहें – Ramghat
एक दिलचस्प बात यह है कि उज्जैन की पवित्र यात्रा अधूरी है अगर आपने रामघाट की सीढ़ियाँ ना चढ़ी हों। क्षिप्रा नदी के किनारे बसा ये घाट न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि शाम के वक्त यहाँ का नज़ारा मन को मोह लेता है. बचपन से ही सुना है कि रामघाट पर सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा अद्भुत होता है, लेकिन शाम की आरती का अपना ही अलग ही माहौल है. सोने की तरह चमकती दीपों की लहरें नदी के शांत जल पर तैरती हैं और दूर से आती हुई भजन की धुन मन को शांति देती है. घाट पर बैठकर आप न सिर्फ इस आरती को देख सकते हैं बल्कि स्थानीय लोगों से बातचीत कर के उज्जैन की कहानियाँ भी सुन सकते हैं.
रामघाट दर्शन:
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: महाकालेश्वर मंदिर के दक्षिण में क्षिप्रा नदी के किनारे
- कैसे पहुँचे: उज्जैन रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से ऑटो या रिक्शा द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है
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उज्जैन के पास पर्यटन स्थल – Triveni Sangam
Tourist Places near Ujjain – Triveni Sangam in Hindi
उज्जैन की धार्मिक यात्रा अधूरी मानी जाती है अगर आपने त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी नहीं लगाई! जी हां, जहां तीन पवित्र नदियां – सिपरा, गंधर्वती और सरस्वती – एक होकर त्रिवेणी का निर्माण करती हैं, वही त्रिवेणी संगम है। बचपन से ही मैंने दादी मां की कहानियां सुनी हैं कि त्रिवेणी संगम में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं, मन को शांति मिलती है। पिछले साल जब मैं उज्जैन गई थी, तो सबसे पहले त्रिवेणी संगम जाना चाहती थी। सुबह सूर्योदय से पहले ही मैं वहां पहुंची। वातावरण इतना शांत और पवित्र था कि मानो सारी दुनिया सोई हुई हो। संगम के किनारे बैठकर सूर्य को उगते देखना और फिर उस पवित्र जल में स्नान करना – ये अनुभव शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। आप भी उज्जैन जाएं तो त्रिवेणी संगम जरूर जाइएगा, यकीन मानिए, आपको भी असीम शांति का अनुभव होगा।
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 5:00 बजे से रात 11:00 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: महाकालेश्वर मंदिर के उत्तर में, क्षितिज भवन के पास
- कैसे पहुंचें: उज्जैन जंक्शन से रिक्शा या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
उज्जैन में करने के लिए चीजें (things to do in ujjain) – Boat Ride in Kshipra River
कुल मिलाकर उज्जैन की धार्मिक यात्रा सिर्फ मंदिरों तक ही सीमित नहीं है। यहां बहने वाली पवित्र क्षिप्रा नदी में नाव की सवारी का आनंद लेना न भूलें। सुबह सूर्योदय के समय जब हवा में ठंडक होती है और सूरज की किरणें नदी के पानी पर चमकती हैं, तब क्षिप्रा नदी में नाव की सवारी करना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। नदी के बीचोबीच बैठकर, उज्जैन के घाटों और मंदिरों को दूर से निहारना, आपको शहर के एक अलग ही रूप से रूबरू कराएगा। नदी की शांत धाराओं में बहते हुए, आप आसपास के वातावरण की खूबसूरती में खो सकते हैं और मन की शांति का अनुभव कर सकते हैं। यह न सिर्फ आपको धार्मिक महत्व का एहसास दिलाएगा बल्कि रोमांच का एक टड़का भी लगाएगा।
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक (समय मौसम के अनुसार बदल सकता है)
- Entry Fee:₹50 से ₹100 प्रति व्यक्ति (नाव के आकार और सवारी अवधि के आ धार पर भिन्न हो सकता है)
- Location: क्षिप्रा नदी के विभिन्न घाट, विशेष रूप से राम घाट और महाकाल घाट
- How to reach: उज्जैन शहर के केंद्र से कोई भी ऑटो या रिक्शा लेकर आप आसानी से क्षिप्रा नदी के घाटों तक पहुंच सकते हैं।
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उज्जैन के आसपास घूमने की जगह – Mahakaleshwar Museum
Places to visit around Ujjain – Mahakaleshwar Museum in Hindi
उज्जैन घूमने आए हैं, तो सिर्फ महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन ही काफी नहीं! धर्मिक आस्था के साथ इतिहास के गौरवशाली अतीत को छूने का एक बेहतरीन मौका है, प्रसिद्ध महाकालेश्वर म्यूजियम। बचपन में इतिहास की किताबों में पढ़ी हुई बातें, यहाँ आकर मानो जान पड़ने लगती हैं। प्राचीन मूर्तियाँ, शिलालेख और हथियार, ये सभी हमें उस समय में ले जाते हैं, जब उज्जैन ज्ञान और कला का केंद्र हुआ करता था।
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9:00 am to 5:00 pm (Monday closed)
- Entry fee: ₹15 (for Indians), ₹200 (for foreigners)
- Location: In the southern part of Mahakaleshwar temple complex
- How to reach: Easily accessible by rickshaw or taxi from Ujjain junction.
उज्जैन के पास घूमने की जगह – Kaliadeh Palace
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उज्जैन की यात्रा अधूरी है अगर आपने कालियादेह महल ना देखा हो! ये ऐतिहासिक इमारत आपको समय के एक अलग सफर पर ले जाती है. बचपन में सुनाई जाने वाली राजा-महाराजाओं की कहानियां यहां ज़िंदा हो जाती हैं. कहा जाता है कि कभी ये महल शीतल वातावरण देने वाला एक शानदार मंदिर हुआ करता था. आज भी यहां की भव्य वास्तुकला और दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां हमें उस दौर के कारीगरों की हुनर की याद दिलाती हैं. महल के ऊंचे हिस्से से शिप्रा नदी का नज़ारा मनमोहक होता है, मानो इतिहास और प्रकृति एक साथ मुस्कुरा रहे हों.
कालियादेह महल घूमने की जानकारी:
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (सभी दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹15 प्रति व्यक्ति (भारतीयों के लिए), ₹200 विदेशी पर्यटकों के लिए
- स्थान: उज्जैन शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर भैरवगढ़ किले के पास
- कैसे पहुंचे: उज्जैन से आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा लेकर कालियादेह महल तक पहुंच सकते हैं.
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उज्जैन में घूमने वाली जगह – Bhartrihari Cave
Places to visit in Ujjain – Bhartrihari Caves in Hindi
उज्जैन की पवित्र यात्रा के दौरान, इतिहास और रहस्य का स्पर्श पाने के लिए भर्तृहरि गुफा जरूर जाएं। गोहद्री पहाड़ी पर स्थित ये गुफाएं न सिर्फ अपने प्राचीन वैभव से मोहित करती हैं, बल्कि राजा भर्तृहरि की कहानी भी बयां करती हैं। बचपन का साथी राजा विक्रमादित्य के राज्य का संचालन करते हुए, राजा भर्तृहरि ने वैराग्य लिया और यहीं तपस्या की थी।गुफा तक जाने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन ऊपर से मिलने वाला नजारा आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। गुफाओं के अंदर शिवलिंग और भगवान गणेश की प्रतिमाएं हैं, जहां आप पूजा-अर्चना कर सकते हैं। शांत वातावरण और आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य मन को सुकून देता है।
भर्तृहरि गुफा:
उज्जैन में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: गोहद्री पहाड़ी, उज्जैन
- कैसे पहुंचे: महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित है। आप ऑटो या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
महाकाल उज्जैन का इतिहास -History of Mahakal Ujjain in Hindi
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में स्थित, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह प्राचीन मंदिर न केवल अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि हजारों साल पुराने इतिहास का भी गवाह है।
मंदिर का प्राचीन इतिहास:
- पौराणिक मान्यताएं:
- स्कंद पुराण और महाभारत जैसे ग्रंथों में महाकालेश्वर मंदिर का उल्लेख मिलता है।
- कहा जाता है कि यह मंदिर सृष्टि के आदि से ही अस्तित्व में है।
- भगवान शिव ने यहां राक्षस दूषण का वध किया था और भक्तों की रक्षा के लिए यहां ज्योतिर्लिंग स्थापित किया था।
- ऐतिहासिक काल:
- पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व का है।
- कई शासकों ने मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार किया, जिनमें चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य, परमार राजा, और मुगल बादशाह अकबर भी शामिल हैं।
- मध्यकालीन महत्व:
- महाकालेश्वर मंदिर मध्यकाल में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र था।
- कई संतों और विद्वानों ने यहां अध्ययन और साधना की।
- मंदिर अनेक तीर्थयात्राओं का केंद्र भी रहा है।
आधुनिक युग में महाकालेश्वर मंदिर:
- आज, महाकालेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है।
- हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां आते हैं।
- मंदिर कई धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों का आयोजन करता है, जिनमें महा शिवरात्रि, सिंहस्थ कुंभ मेला, और बड़ा गणेश उत्सव प्रमुख हैं।
महाकालेश्वर मंदिर का महत्व:
- महाकालेश्वर मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास का भी प्रतीक है।
- यह मंदिर भगवान शिव की शक्ति और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का प्रतीक है।
- महाकालेश्वर मंदिर की यात्रा आध्यात्मिकता और शांति की तलाश में आने वाले लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
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उज्जैन में होटल – Hotels in Ujjain
इसे समझने के लिए उज्जैन में आपके लिए कुछ होटल विकल्प हैं:
- श्री अग्रवाल यात्री गृह & लॉज – ₹926 प्रति रात। 719 समीक्षाओं के आधार पर 4.5 की रेटिंग।
- होटल महाकाल विश्राम – ₹809 प्रति रात। 175 समीक्षाओं के आधार पर 3.3 की रेटिंग।
- होटल सनशाइन पैलेस – 3-सितारा होटल, ₹914 प्रति रात। 155 समीक्षाओं के आधार पर 2.9 की रेटिंग।
- पार्वती होम स्टे उज्जैन – ₹797 प्रति रात। 36 समीक्षाओं के आधार पर 4.8 की रेटिंग।
- होटल IN उज्जैन – ₹672 प्रति रात। 60 समीक्षाओं के आधार पर 4.5 की रेटिंग।
उज्जैन में सस्ती धर्मशाला – Cheap Dharamshala in Ujjain
आइए अब जानते हैं,
- उज्जैन – ₹560 प्रति रात। 3 समीक्षाओं के आधार पर 3.7 की रेटिंग।
- नैन गेस्ट हाउस – ₹605 प्रति रात। 143 समीक्षाओं के आधार पर 4.4 की रेटिंग।
- पिनाकी होमस्टे – ₹651 प्रति रात। 31 समीक्षाओं के आधार पर 5.0 की रेटिंग।
- होटल IN उज्जैन – ₹672 प्रति रात। 60 समीक्षाओं के आधार पर 4.5 की रेटिंग।
- राय गेस्ट हाउस – ₹689 प्रति रात। 51 समीक्षाओं के आधार पर 4.4 की रेटिंग।
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उज्जैन में प्रसिद्ध त्यौहार – Shivaratri
उज्जैन आने का प्लान बना रहे हैं? तो फिर सिर्फ दर्शन ही काफी नहीं! इस पवित्र नगरी में घूमने की तो बात ही कुछ और है. यहां हर मौसम, हर त्योहार अपने आप में खास है.
- शिवरात्रि: महाकालेश्वर मंदिर में महा शिवरात्रि का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है. लेटे रात खुलने वाले मंदिर के दर्शन का अपना ही अलग अनुभव है.
- सिंहस्थ कुंभ मेला: हर 12 साल में होने वाला ये विशाल मेला आस्था का अनूठा संगम है. देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था और शाही स्नान का दृश्य देखना अपने आप में अविस्मरणीय है.
- कार्तिक मेला: ठंड के मौसम में लगने वाला ये मेला खरीदारी के शौकीनों के लिए स्वर्ग है. पारंपरिक वस्तुओं से लेकर स्वादिष्ट व्यंजनों तक, यहां सब कुछ मिल जाता है.
- अखिल भारतीय कालिदास समारोह: साहित्य प्रेमियों के लिए सात दिनों तक चलने वाला ये समारोह किसी उत्सव से कम नहीं. कविता पाठ, संगीत और नाटक प्रस्तुतियों का आनंद उठाना न भूलें.
उज्जैन से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी
जानने के लिए पढ़ते रहिए उज्जैन से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 89.4 मील है और कार से जाने में 3 घंटे 32 मिनट लगते हैं।
उज्जैन कैसे पहुंचें पवित्र नगरी की यात्रा का आरंभ
अब बात करते हैं उज्जैन की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों को देखने की इच्छा मन में है? तो देर किस बात की, पैकिंग बैग समेट लीजिए! उज्जैन देश के विभिन्न कोनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, जिससे आपकी यात्रा सुखद और सुविधाजनक हो सके। आइए, विभिन्न माध्यमों से उज्जैन पहुंचने के बारे में विस्तार से जानते हैं:
- सड़क मार्ग (रोडवेज): उज्जैन राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप अपने शहर से सरकारी या निजी बसों द्वारा उज्जैन पहुंच सकते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली से उज्जैन की दूरी लगभग 775 किमी है और Volvo बस में सफर करने में लगभग 13 घंटे लगते हैं। किराया ₹1200 से ₹1800 के बीच हो सकता है।
- हवाई मार्ग (एयरवेज): उज्जैन का अपना हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में स्थित देवी अहilya होल्कर हवाई अड्डा (Devi Ahilyabai Holkar Airport) है। यह हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इंदौर से उज्जैन की दूरी लगभग 56 किमी है और टैक्सी या कैब द्वारा लगभग 1 घंटे में पहुंचा जा सकता है। हवाई किराया आपके प्रारंभिक शहर और बुकिंग समय के अनुसार अलग-अलग होगा।
- रेल मार्ग (रेलवेज): उज्जैन एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है और यह देश के विभिन्न शहरों से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेन का चुनाव कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली से उजजैन के लिए कई ट्रेनें चलती हैं, कुछ सुपरफास्ट ट्रेनों में सफर करने में लगभग 8 घंटे लगते हैं और किराया ₹500 से ₹2000 के बीच हो सकता है।
निष्कर्ष – Conclusion
उज्जैन की धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा आपको अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगी। यहाँ के भव्य मंदिर, प्राचीन स्थल और पौराणिक महत्व के स्थान न केवल आस्था को जगाते हैं बल्कि इतिहास के झरोखों से भी रूबरू कराते हैं। उज्जैन आना हो, तो देर किस बात की? आइए, इस पवित्र नगरी की यात्रा की योजना बनाइए और आध्यात्मिकता के साथ इतिहास के स्पर्श का आनंद लीजिए। उज्जैन में घूमने की जगह ढूंढ रहे हैं? तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। इस लेख में हमने आपको उज्जैन के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से बताया है, उम्मीद है आपकी यात्रा सुखद और यादगार होगी!
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उज्जैन में घूमने की जगह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. उज्जैन कई चीजों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें शामिल हैं:
धार्मिक महत्व:
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: उज्जैन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का घर है। यह भगवान शिव का एक पवित्र मंदिर है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
सिंहस्थ कुंभ मेला: उज्जैन हर 12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के चार पवित्र स्थानों में से एक है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है और लाखों तीर्थयात्री और साधु यहां गंगा नदी में स्नान करने और अपने पापों को धोने के लिए आते हैं।
Ans. यह आपकी रुचि पर निर्भर करता है। यदि आप धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं, तो महाकालेश्वर मंदिर, काल भैरव मंदिर और गोपाल मंदिर अवश्य देखें। यदि आप इतिहास और संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो भर्तृहरि गुफाएँ, कालियादेह महल और त्रिवेणी संगम अवश्य देखें। यदि आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो क्षिप्रा नदी पर जाएं या रामघाट पर घूमें।
Ans. उज्जैन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है, जब मौसम सुहावना होता है। गर्मियों में तापमान बहुत अधिक हो सकता है, और मानसून के दौरान भारी बारिश हो सकती है।
Ans. उज्जैन में सभी बजट के अनुरूप कई होटल और धर्मशालाएँ हैं। यदि आप महाकालेश्वर मंदिर के पास रहना चाहते हैं, तो आपको कई विकल्प मिलेंगे। यदि आप बजट पर हैं, तो आप शहर के केंद्र में कई सस्ते होटल और गेस्ट हाउस पा सकते हैं।