मुक्तेश्वर में घूमने की जगह | Places to visit in Mukteshwar
मुक्तेश्वर, उत्तराखंड राज्य में स्थित एक मनोरम हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और साहसिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। नैनीताल से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मुक्तेश्वर धाम हिमालय की तलहटी में बसा है, जो आश्चर्यजनक दृश्य और मनोरम वातावरण प्रदान करता है। यह हिल स्टेशन प्रकृति के लिए स्वर्ग है, जहाँ वे ट्रैकिंग, कैम्पिंग और पक्षी देखने जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले लोग मुक्तेश्वर मंदिर और झूलाघाट की यात्रा कर सकते हैं।
Table of Contents
यहाँ का इतिहास
मुक्तेश्वर, उत्तराखंड राज्य का एक मनमोहक हिल स्टेशन, अपने समृद्ध इतिहास और प्राचीन संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां के प्राचीन मंदिर, ब्रिटिशकालीन अवशेष और प्राकृतिक सुंदरता इसे पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाते हैं।
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भाट्टा जलप्रपात- Bhatta Falls
- मुक्तेश्वर में घूमने की जगहों की बात हो और भट्टा फॉल्स का जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता।
- घने जंगलों के बीच से निकलता हुआ यह झरना मानो पहाड़ों का सीने से निकला हुआ कोई मोती हो।
- पानी इतना साफ होता है कि उसकी तली साफ दिखाई देती है।
- आसपास का शांत वातावरण और पेड़-पौधों की हरियाली मन को मोह लेती है।
- यहां कुछ देर बैठकर पानी की कलकल धारा को सुनना और पैरों को पानी में डुबो देना मानो सारी थकान को दूर कर देता है।
Time: 9 am to 5 pm
Entry fee: Free
Location: About 7 km from Mukteshwar
How to reach: Bhatta Falls can be reached by hiring a taxi or bike from Mukteshwar.
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मुक्तेश्वर धाम मन्दिर
- मुक्तेश्वर में घूमने की खास जगहों में से एक- मुक्तेश्वर महादेव मंदिर।
- पहाड़ की चोटी पर स्थित ये मंदिर दूर से ही अपनी ओर आकर्षित करता है।
- यहां पहुंचने के लिए करीब 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन मंदिर के दर्शन के बाद जो शांति मिलती है।
- वो इस चढ़ाई की सारी थकान को मिटा देती है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का शिवलिंग विराजमान है।
- साथ ही माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश जी की भी खूबसूरत मूर्तियां हैं।
- मंदिर की बालकनी से हिमालय की चोटियों का नजारा मनमोहक होता है। यहां आकर ऐसा लगता है मानो देवों के धाम में पहुंच गए हों।
- Time: 6 am to 7 pm
- Entry fee: Free
- Location: About 2 km from the main market of Mukteshwar
- How to reach: The temple can be reached on foot or by taxi.
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चौबीस कुआँ
- यहाँ घूमने जाएं तो वहां की प्राचीन धरोहरों को देखना भी ना भूलें।
- ऐसी ही एक खास जगह है चौबीस कुआँ।
- नाम सुनते ही शायद आप सोचने लगें कि इसमें घूमने जैसा क्या होगा?
- लेकिन यकीन मानिए यहां का इतिहास और शिल्पकला आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।
- चौबीस कुआं दरअसल एक प्राचीन कुआं है जिसमें चौबीस सीढ़ियां हैं।
- बताया जाता है कि इस कुएं का निर्माण कुमाऊं के राजाओं द्वारा करवाया गया था।
- कुएं की गहराई और चौड़ाई इतनी है, कि आज भी इसमें भरपूर पानी रहता है।
- कुएं के चारों तरफ बनी हुई नक्काशी देखते ही बनती है।
- कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस कुएं का इस्तेमाल सिंचाई और पीने के पानी के लिए किया जाता था।
- यहां आकर इतिहास की धरोहर को करीब से देखने का अपना ही अलग मजा है।
- समय: कभी भी
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: मुक्तेश्वर के मुख्य बाजार से करीब 1 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: चौबीस कुआं तक पैदल या रिक्शा लेकर पहुंचा जा सकता है।
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केम्पटी फाल्स- मुक्तेश्वर में घूमने की जगह
- कभी-कभी घूमने फिरने के दौरान अचानक से मन करता है कि प्रकृति की गोद में कहीं दूर चले जाएं।
- जहां शोर-शराबा न हो, बस चारों तरफ हरियाली और पानी की कलकल धारा सुनाई दे।
- मुक्तेश्वर में घूमने की जगहों की बात करें, तो ऐसे शांत वातावरण का अनुभव कराने के लिए कैम्प्टी फॉल्स एकदम सही जगह है।
- मुक्तेश्वर से थोड़ा हटकर घने जंगलों के बीच स्थित ये झरना मानो पहाड़ों के सीने से फूट निकला हो।
- ठंडे पानी का गिरना और हरियाली के बीच से रास्ता बनाते हुए नीचे आना देखने में बेहद खूबसूरत लगता है।
- यहां पहुंचने के लिए थोड़ा पैदल चलना पड़ता है, लेकिन प्रकृति के ऐसे नजारे देखने के बाद सारी थकान गायब हो जाती है।
- पानी इतना साफ होता है कि उसकी तली साफ दिखाई देती है।
- कैम्प्टी फॉल्स में कुछ देर बैठकर पानी की आवाज सुनना और आसपास के खूबसूरत दृश्यों का आनंद लेना वाकई यादगार बन जाता है।
- Time: 9 am to 5 pm
- Entry fee: Free
- Location: About 11 km from Mukteshwar
- How to reach: Kempty Falls can be reached by hiring a taxi or bike from Mukteshwar.
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मुक्तेश्वर वन्यजीव अभयारण्य
- प्रकृति प्रेमियों के लिए मुक्तेश्वर एक स्वर्ग है। यहां वनस्पतियों और जीवों की अद्भुत विविधता देखने को मिलती है।
- मुक्तेश्वर वन्यजीव अभयारण्य, मुक्तेश्वर में घूमने की सबसे खास जगहों में से एक है।
- यह अभयारण्य 1986 में स्थापित किया गया था और 86.33 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- यहां हिमालय की तलहटी में घने जंगल हैं, जो विभिन्न प्रकार के पेड़ों, पौधों और जानवरों का घर हैं।
- अभयारण्य में बाघ, तेंदुए, हिरण, भालू, बंदर, लोमड़ी, जंगली सूअर जैसे जंगली जानवर पाए जाते हैं।
- विभिन्न प्रकार के पक्षी भी यहां देखने को मिलते हैं।
- यदि आप प्रकृति के करीब जाना चाहते हैं और वन्यजीवों को देखना चाहते हैं।
- तो मुक्तेश्वर वन्यजीव अभयारण्य आपके लिए एकदम सही जगह है।
समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
प्रवेश शुल्क: ₹50 प्रति व्यक्ति
स्थान: मुक्तेश्वर से करीब 5 किमी दूर
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मुक्तेश्वर में करने के लिए चीजें – Bhatta Ropeway
- यहाँ की खूबसूरती को ऊंचाई से निहारने का मन हो तो भला भट्टा रोपवे की सैर कैसे छूट सकती है!
- मुक्तेश्वर घूमने की खास जगहों में से एक ये रोपवे आपको पहाड़ों की दूरी नापने का मौका देता है।
- जैसे ही आप केबल कार में बैठते हैं, वैसे ही नीचे का नजारा एकदम सिमटने लगता है।
- पेड़-पौधे छोटे से छोटे और सड़कें पतली सी धागे की तरह दिखने लगती हैं।
- रोपवे से हिमालय की चोटियां इतनी करीब नजर आती हैं कि मानो हाथ लगाकर छुआ जा सकता हो।
- ठंडी हवाएं चेहरे को छूती हैं और मन खुशी से झूम उठता है।
- ऊपर पहुंचने के बाद दूर तक फैले पहाड़ों का नजारा देखकर तो आंखें खुली की खुली रह जाती हैं।
- यकीनन, मुक्तेश्वर की यादों को समेटने के लिए भट्टा रोपवे की सैर एक यादगार अनुभव बन जाती है।
- Time: 10 am to 5 pm
- Entry fee: ₹ 150 per person (approximately)
- Location: About 3 km from Mukteshwar
- How to reach: Bhatta Ropeway can be reached by taking a taxi or rickshaw from Mukteshwar.
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मुक्तेश्वर के आसपास घूमने की जगह – Mukteshwar Club
- कभी-कभी परिवार के साथ घूमते समय मन करता है कि किसी ऐसी जगह चले जाएं जहां बच्चों को भी मजा आ जाए।
- मुक्तेश्वर घूमने की जगहों में से एक, मुक्तेश्वर क्लब, ऐसे ही पिकनिक मनाने के लिए एकदम सही जगह है।
- हसीन पहाड़ों के बीच बने इस क्लब में एडवेंचर, एक्टिविटीज का भी लुत्फ उठाया जा सकता है।
- बच्चों के लिए झूले, मीना बाजार और टॉय ट्रेन जैसी चीजें हैं, जहां वो खूब खेल-कूद सकते हैं।
- वहीं बड़ों के लिए बिलियर्ड्स, टेबल टेनिस और कैरम जैसी गेमिंर सुविधाएं मौजूद हैं।
- इसके अलावा घुड़सवारी और गोल्फ जैसी एक्टिविटीज का भी मजा लिया जा सकता है।
- क्लब के अंदर ही एक रेस्टोरेंट भी है, जहां आप स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं।
- शाम के वक्त यहां लाइव म्यूजिक का आयोजन भी किया जाता है।
- जिसका आनंद उठाते हुए आप खूबसूरत शाम बिता सकते हैं।
- Timings: 10am to 7pm
- Entry Fee: ₹50 per person (approx.)
- Location: About 2km from the main market of Mukteshwar
- How to reach: The club can be reached from Mukteshwar by taxi, rickshaw or even on foot.
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मुक्तेश्वर शिखर- मुक्तेश्वर में घुमने की जगह
- अगर आप मुक्तेश्वर घूमने आए हैं, तो आपको मुक्तेश्वर पीक जरूर जाना चाहिए।
- यह वो जगह है, जहां से आपको मुक्तेश्वर की सुंदरता का पूरा पैनोरमा देखने को मिलता है।
- पहाड़ों की कतारें, दूर तक फैली हरी घाटियां, और आसमान को छूते हुए हिमालय – मानो प्रकृति ने अपनी सारी खूबसूरती यहीं समेट दी हो।
- यहां पहुंचने के लिए थोड़ी सी ट्रैकिंग करनी पड़ती है, लेकिन यकीन मानिए, ऊपर से देखा गया नजारा इस मेहनत को भुला देता है।
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: मुक्तेश्वर से लगभग 3 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: आप चाहे तो टैक्सी किराए पर लेकर 2 किमी तक जा सकते हैं, वहां से फिर एक आसान ट्रैकिंग रास्ते से लगभग 1 किमी की चढ़ाई कर मुक्तेश्वर पीक पहुंचा जा सकता है।
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मुक्तेश्वर बाज़ार
- मुक्तेश्वर धाम की खूबसूरती के अलावा वहां का बाजार भी किसी आकर्षण से कम नहीं है।
- मुक्तेश्वर घूमने की खास जगहों में से एक ये बाजार आपको ना सिर्फ खाने-पीने का सामान लेने का मौका देता है।
- बल्कि यहां की लोकल संस्कृति की झलक भी दिखाता है।
- बाजार छोटा जरूर है, लेकिन सैलानियों को अपनी ओर खींचने का हुनर बखूबी रखता है।
- लकड़ी की बनी खूबसूरत चीजें, ऊनी शॉल, टोपी और स्वेटर जैसी गरम कपड़े, साथ ही स्थानीय रूप से बनाए गए मसाले और जैम यहां मिलने वाली कुछ खास चीजें हैं।
- इतना ही नहीं, ताजे फल और सब्जियां भी यहीं से मिल जाती हैं।
- यहां की दुकानों में सौदेबाजी करने का भी अपना अलग मजा है।
- शाम के वक्त बाजार रोशनी से जगमगा उठता है।
- और ठंडी हवा के झोंके के साथ गरमा गरम पकौड़े या मक्के की रोटी खाने का मजा ही कुछ और होता है।
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक (कुछ दुकानें रात 8 बजे तक भी खुलती हैं)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: मुक्तेश्वर के मुख्य इलाके में ही स्थित है
- कैसे पहुंचे: मुक्तेश्वर पहुंचने के बाद आप यहां घूमते हुए आसानी से बाजार तक पहुंच सकते हैं।
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कुमाऊँनी लो संक्रांति- मुक्तेश्वर के प्रसिद्ध त्यौहार
यहाँ की खूबसूरती के अलावा, यहां मनाए जाने वाले त्योहार भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। हालांकि यहां कोई बहुत बड़े फेस्टिवल नहीं होते, लेकिन कुछ स्थानीय त्योहारों का हिस्सा बनना अपने आप में एक यादगार अनुभव हो सकता है। आइए जानते हैं मुक्तेश्वर में घूमने के साथ-साथ आप किन त्योहारों का मजा ले सकते हैं:
- मकर संक्रांति: यह फसल कटाई का त्योहार है, जो जनवरी के मध्य में मनाया जाता है। इस दौरान पतंगबाजी का आयोजन किया जाता है, जिसे देखने का अपना ही अलग आनंद है। साथ ही, स्थानीय लोग “खिचड़ी” का प्रसाद बांटते हैं।
- कुमाऊंनी लो संक्रांति: यह फरवरी के मध्य में मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार है। इस दिन लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं, लोक नृत्य करते हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं।
- बैसाखी: अप्रैल के मध्य में आने वाला यह फसल उत्सव पारंपरिक नृत्यों और भंगड़ा के साथ बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
मुक्तेश्वर कैसे पहुंचे – How to reach Mukteshwar
यहाँ की मनमोहक वादियों तक पहुंचने का सफर अपने आप में एक यादगार अनुभव हो सकता है। आप अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से सड़क, रेलवे या हवाई मार्ग से मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इन रास्तों के बारे में:
1. सड़क मार्ग (Roadways):
- दिल्ली से मुक्तेश्वर: सड़क मार्ग से दिल्ली से मुक्तेश्वर की दूरी लगभग 330 किलोमीटर है। यह सफर लगभग 8-9 घंटे का लग सकता है। आप दिल्ली के ISBT कश्मीरी गेट से मुक्तेश्वर के लिए सीधी बसें प्राप्त कर सकते हैं।
- हरिद्वार से मुक्तेश्वर: हरिद्वार से मुक्तेश्वर की दूरी लगभग 190 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यह सफर लगभग 5-6 घंटे का लग सकता है। हरिद्वार से भी आप मुक्तेश्वर के लिए सीधी बसें प्राप्त कर सकते हैं।
2. रेलवे मार्ग (Railways):
- काठगोदाम से मुक्तेश्वर: काठगोदाम पहुंचने के बाद आप टैक्सी या बस किराए पर लेकर मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं। यह सफर लगभग 1.5 से 2 घंटे का लग सकता है।
- दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता जैसे बड़े शहरों से काठगोदाम के लिए ट्रेनें आसानी से मिल जाती हैं।
3. हवाई मार्ग (Airways):
- हवाई जहाज से यात्रा करने वालों के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जो मुक्तेश्वर से लगभग 95 किलोमीटर दूर स्थित है। दिल्ली और कुछ अन्य शहरों से पंतनगर के लिए सीमित संख्या में उड़ानें हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
मुक्तेश्वर, उत्तराखंड का एक मनमोहक हिल स्टेशन, प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक गतिविधियों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां आप न केवल हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं, बल्कि रोमांचकारी ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों का भी अनुभव कर सकते हैं। इतिहास और संस्कृति प्रेमियों के लिए भी यहां कई आकर्षण हैं, जैसे कि प्राचीन मुक्तेश्वर महादेव मंदिर और ब्रिटिश काल के अवशेष।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल FAQs
जवाब: मार्च से जून (गर्मी) और सितंबर से नवंबर (शरद ऋतु) का समय सबसे अच्छा रहता है।
जवाब: नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम और हवाई अड्डा पंतनगर है। वहाँ से टैक्सी उपलब्ध है।
जवाब: मुक्तेश्वर धाम मंदिर, चौथी की झाली, IVRI परिसर और हिमालय के शानदार नज़ारे।
जवाब: मुक्तेश्वर और पास के रामगढ़ में होमस्टे, रिसॉर्ट और बजट होटल्स की अच्छी सुविधा है।
जवाब: हाँ, दिसंबर और जनवरी में हल्की बर्फबारी हो सकती है।
जवाब: यह रॉक क्लाइम्बिंग स्पॉट है और यहाँ से हिमालय का मनोरम दृश्य दिखता है।
जवाब: मुख्य स्थान देखने के लिए 2-3 दिन पर्याप्त हैं।
जवाब: हाँ, भौंसी और आसपास के गाँवों में हल्की-फुल्की ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं।
जवाब: रामगढ़, सीतला और घोराखाल (गोलू देवता मंदिर) घूम सकते हैं।
जवाब: हाँ, अगर आप ठंड और संभावित बर्फबारी का मजा लेना चाहते हैं, तो जा सकते हैं। गर्म कपड़े जरूर ले जाएँ।