मध्य प्रदेश में पश्चिमी छोर पर स्थित, खजुराहो अपने मंदिरों के कामुक मूर्तियों के कारण दुनिया भर में जाना जाता है। ये मूर्तियां, जो खजुराहो के मंदिरों की दीवारों को सुशोभित करती हैं, सदियों से इतिहासकारों और कला समीक्षकों को मोहित करती रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खजुराहो सिर्फ कामुक कला के बारे में ही नहीं है? यह वास्तुकला, मूर्तिकला और धर्म का एक संगम स्थल है। आइए, इस लेख में हम आपको खजुराहो में घूमने की जगह के बारे में बताते हैं, जिन्हें देखना आपके लिए एक यादगार अनुभव हो सकता है।
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खजुराहो मंदिर का रहस्य – Mystery of Khajuraho temple in Hindi
मध्य प्रदेश के पश्चिमी छोर पर स्थित खजुराहो, अपनी भव्य मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। 9वीं और 13वीं शताब्दी के बीच चंदेल राजपूतों द्वारा निर्मित ये मंदिर, कला और वास्तुकला का अद्भुत नमूना हैं। इन मंदिरों की दीवारों को सजाने वाली मूर्तियां, सिर्फ कामुक दृश्यों के लिए ही नहीं जानी जातीं, बल्कि इनके पीछे गहरा अर्थ और दर्शन भी छिपा हुआ है।
खजुराहो मंदिरों का रहस्य:
- कला का उत्कृष्ट नमूना: खजुराहो की मूर्तियां, भारतीय कला का उत्कृष्ट नमूना हैं। इन मूर्तियों को बारीकी से तराशा गया है और इनमें अभिव्यक्ति एवं भावनाओं की अद्भुत झलक देखने को मिलती है।
- जीवन का प्रतीक: कुछ विद्वानों का मानना है कि ये मूर्तियां जीवन के चक्र का प्रतीक हैं, जिसमें जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म शामिल हैं।
- कामुक ऊर्जा का दर्शन: अन्य का मानना है कि ये मूर्तियां कामुक ऊर्जा को दर्शाती हैं जो ब्रह्मांड की रचनात्मक शक्ति है।
- धार्मिक महत्व: खजुराहो के मंदिर हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों को समर्पित हैं। इन मूर्तियों में देवी-देवताओं, रामायण और महाभारत की कहानियों, तथा दैनिक जीवन के दृश्यों को दर्शाया गया है।
- सामाजिक जीवन का चित्रण: मूर्तियों में कलाकारों ने तत्कालीन समाज के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि राजाओं का दरबार, शिकार के दृश्य, नृत्य-संगीत, और विभिन्न व्यवसायों को भी उकेरा है।
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खजुराहो के दर्शनीय स्थल – Nandi temple
tourist places in khajuraho – Nandi Temple in Hindi
बचपन की कहानियों में हमने भगवान शिव की वाहन नंदी की कई बातें सुनी हैं. धर्मराज के दरबार में सच बोलने वाला, शांत स्वभाव का ये बैल भगवान शिव का सबसे प्रिय भक्त माना जाता है. अगर आप खजुराहो घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो वहां के नंदी मंदिर दर्शन करना बिल्कुल न भूलें.
यह मंदिर खजुराहो के पूर्वी समूह में स्थित है और अपने विशाल आकार के लिए जाना जाता है. करीब आठ फीट ऊंची और लगभग तेरह फीट लंबी नंदी की एक भव्य मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में विराजमान है. इस काले ग्रेनाइट से बनी मूर्ति को देखते ही मन में शांति का अनुभव होता है. नंदी की मूर्ति के पीछे भगवान शिव का लिंग भी स्थापित है. माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
नंदी मंदिर:
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: ₹50 (भारतीयों के लिए) ; ₹750 (विदेशियों के लिए)
- स्थान: खजुराहो के पूर्वी समूह में
- कैसे पहुंचे: खजुराहो मंदिर परिसर के अंदर ही स्थित है.
खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिर – Parshvanath Temple
इसके अलावा खजुराहो की धरती पर इतिहास, कला और अध्यात्म का संगम देखने को मिलता है। इन अद्भुत मंदिरों के बीच घूमते हुए, मेरा मन एक शांत लेकिन भव्य मंदिर पर ठहर गया – पार्श्वनाथ मंदिर। 10वीं शताब्दी में बना यह जैन मंदिर, बाहरी वैभव से ज्यादा, अपने शांत वातावरण और जैन धर्म की बारीकियों को समेटे हुए, मन को मोह लेता है।
मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियां, भगवान पार्श्वनाथ के जीवन और जैन धर्म के सिद्धांतों को दर्शाती हैं। सूरज की किरणें इन मूर्तियों पर पड़ती हैं, तो मानो वो कहानी कहने लगती हैं। मंदिर के अंदर का वातावरण शांत है, जहाँ आप खुद को खोकर, इतिहास के स्पर्श को महसूस कर सकते हैं।
खजुराहो में घूमने की जगहों की तलाश कर रहे हैं, तो पार्श्वनाथ मंदिर को जरूर शामिल करें। यह आपको कला और अध्यात्म का एक अलग ही नज़ारा दिखाएगा।
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: ₹25 (भारतीयों के लिए), ₹500 (विदेशियों के लिए)
- स्थान: खजुराहो के पूर्वी समूह के मंदिरों में स्थित
- कैसे पहुंचे: खजुराहो शहर से ऑटो रिक्शा या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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खजुराहो के पर्यटन स्थल – Panna National Park
khajuraho tourist places – Panna National Park in Hindi
खजुराहो की मंत्रमुग्ध कर देने वाली कलाकृतियों के दीदार के बाद, प्रकृति की शरण में थोड़ा समय बिताना कैसा रहेगा? आप खजुराहो से थोड़ी दूरी पर स्थित पन्ना राष्ट्रीय उद्यान घूमने जा सकते हैं। जंगल सफारी पर निकलते हुए बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांबर और बारहसिंघा जैसे जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का रोमांच ही कुछ अलग है। भाग्यशाली हों तो शायद आपको दुर्लभ घोंघर सियार या गौर भी दिख जाए! पन्ना राष्ट्रीय उद्यान पक्षी देखने वालों के लिए भी स्वर्ग है। यहां आप रंगीन तोता, मोर, हॉर्नबिल और ढेर सारे अन्य पक्षियों को देख सकते हैं।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक (गर्मी और सर्दी के मौसम में समय थोड़ा बदल सकता है)
- प्रवेश शुल्क: भारतीय नागरिकों के लिए ₹500, विदेशी नागरिकों के लिए ₹1200 (लगभग)
- स्थान: खजुराहो से लगभग 120 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचे: आप खजुराहो से टैक्सी या कैब किराए पर लेकर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान जा सकते हैं। इसके अलावा, आप खजुराहो से सतना (लगभग 70 किलोमीटर) तक ट्रेन ले सकते हैं और फिर सतना से पन्ना के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।
खजुराहो में जाने की जगहें – Vaman Temple
इसी सिलसिले में खजुराहो के पूर्वी समूह के मंदिरों में घूमते हुए, मेरी नज़र अचानक एक अपेक्षाकृत छोटे से, लेकिन बेहद खूबसूरत मंदिर पर पड़ी। यह था वामन मंदिर, जो भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित है। इस मंदिर की खास बात इसकी मूर्तिकला है। अपेक्षाकृत कम जटिल नक्काशियों के बावजूद, केंद्रीय मंडप में विराजमान वामन की मूर्ति बेहद आकर्षक है। तीन पग में विश्व व्याप्त होने वाले वामन की मुद्रा में शक्ति और दृढ़ता साफ झलकती है। मंदिर के बाहरी हिस्से में देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं से जुड़े छोटे-छोटे आलेख भी देखने को मिले। कुल मिलाकर, वामन मंदिर भले ही बड़ा न हो, लेकिन अपनी कलात्मकता और शांत वातावरण के कारण खजुराहो घूमने वालों के लिए जरूर देखने लायक जगह है।
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 8 am to 6 pm
- Entry fee: ₹40 for Indians, ₹600 for foreigners
- Location: In the Eastern Group of Temples of Khajuraho, near Brahma Temple
- How to reach: About 1.8 km from Khajuraho bus stand. You can reach the temple by taxi or rickshaw.
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खजुराहो के पास पर्यटन स्थल – Pandava Falls and Pandava Caves
places to visit near khajuraho – Pandava Falls and Pandava Caves
अब बात करते हैं खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा, यहां प्राकृतिक सौंदर्य और रहस्य से भरे कई स्थान भी हैं। इनमें से एक है पांडव जलप्रपात और पांडव गुफाएं।पांडव जलप्रपात:यह जलप्रपात केन नदी की सहायक नदी पर स्थित है और लगभग 30 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। हरे-भरे जंगलों से घिरा यह झरना मानसून के मौसम में अपनी पूरी रौ में होता है।पांडव गुफाएं:झरने के पास ही स्थित इन गुफाओं का नाम महाभारत के पांडवों के नाम पर रखा गया है। माना जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान कुछ समय इन गुफाओं में बिताया था। गुफाओं की दीवारों पर प्राचीन चित्र और नक्काशी देखने को मिलती है।
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 8 am to 6 pm
- Entry fee: ₹20 per person
- Location: 35 km from Khajuraho, inside Panna National Park
- How to reach: By bus or taxi from Khajuraho
खजुराहो में करने के लिए चीजें – Dance Performances
अब आइए देखते हैं खजुराहो के भव्य मंदिरों की खूबसूरती तो देख ही ली, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शाम ढलने पर ये पत्थर मानो जान पड़ते हैं? जी हां, खजुराहो में नृत्य प्रदर्शनों का आयोजन होता है, जो इतिहास और कला का एक अद्भुत संगम है। रंगीन रोशनी से नहाए इन मंदिरों के सामने कलाकार मंच पर आते हैं और अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुतियां न सिर्फ खजुराहो के इतिहास को जीवंत कर देती हैं, बल्कि दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहराई में भी ले जाती हैं।
नृत्य प्रदर्शन
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: शाम 7:00 बजे से 8:00 बजे तक (लगभग)
- प्रवेश शुल्क: ₹100 से ₹200 के बीच (स्थान के अनुसार परिवर्तनशील)
- स्थान: लाइट एंड साउंड शो परिसर, वेस्टर्न ग्रुप ऑफ टेम्पल्स के पास
- कैसे पहुंचें: खजुराहो मंदिर परिसर के अंदर ऑटो रिक्शा या पैदल आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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खजुराहो के आसपास घूमने की जगह – Kutni Dam
khajuraho places to visit – Kutni Dam in Hindi
खजुराहो की धरोहर सिर्फ मंदिरों तक ही सीमित नहीं है! अगर आप इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का मिश्रण तलाश रहे हैं, तो कुटनी बांध आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। खजुराहो से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित, कुटनी बांध एक प्राचीन कृत्रिम झील है। कहा जाता है कि इसका निर्माण चंदेल राजवंश के शासनकाल में हुआ था। झील के चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे और शांत वातावरण मन को मोह लेते हैं। शाम के समय सूरज की किरणें झील के पानी पर चमकती हैं, तो नजारा देखते ही बनता है। आप यहां न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं, बल्कि नाव की सवारी कर झील के बीचों-बीच पहुंच सकते हैं और वहां मौजूद पक्षियों को देखने का मजा ले सकते हैं।
कुटनी बांध घूमने की जानकारी:
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: ₹20/- (प्रति व्यक्ति)
- स्थान: खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचे: खजुराहो से टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा कुटनी बांध तक पहुंचा जा सकता है।
खजुराहो के पास घूमने की जगह – Ajaygarh Fort
एक दिलचस्प बात यह है कि खजुराहो की खूबसूरती सिर्फ मंदिरों तक ही सीमित नहीं है। इतिहास प्रेमियों के लिए यहां एक और शानदार जगह मौजूद है, अजयगढ़ का किला। घने जंगलों के बीच बसा ये किला, चंदेल राजपूतों की शौर्य गाथा गाता है। किले की ऊंचाई से खजुराहो के मंदिरों का नजारा ऐसा है, जिसे भुला पाना मुश्किल है। किले के अंदर घूमते हुए, आप खुद को सदियों पीछे चले जाने का अनुभव करेंगे। जर्जर तोरणद्वार और टूटी हुई दीवारें, बीते युगों की कहानियां बयां करती हैं। किले के अंदर प्राचीन मंदिरों के अवशेष भी देखने को मिलते हैं। इतिहास और रोमांच पसंद करते हैं, तो खजुराहो आने पर अजयगढ़ किले को जरूर देखिए।
अजयगढ़ किला:
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 5 pm
- Entry fee: ₹25 (for Indians), ₹500 (for foreigners)
- Location: 25 km from Khajuraho
- How to reach: The fort can be reached by taxi or auto rickshaw from Khajuraho.
खजुराहो में घूमने वाली जगह – Beni Sagar Dam
khajuraho visiting places – Beni Sagar Dam
खजुराहो की धरोहर सिर्फ मंदिरों तक ही सीमित नहीं है। अगर आप शहर की रौनक से थोड़ा दूर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं, तो बेनी सागर बांध आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। खजुराहो से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये बांध, बेतवा नदी पर बनाया गया है। यहां का शांत वातावरण और मनोरम दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। बांध के किनारे हरी-भरी पहाड़ियाँ और नीला पानी किसी खूबसूरत पेंटिंग का नजारा बनाते हैं। शाम के समय सूर्यास्त का नज़ारा तो देखते ही बनता है। आप चाहें तो बोटिंग का मज़ा ले सकते हैं या फिर किनारे पर बैठकर पिकनिक मना सकते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह किसी सपने से कम नहीं।
बेनी सागर बांध:
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 8 am to 6 pm
- Entry fee: Free
- Location: About 25 km from Khajuraho, near Rehli
- How to reach: Taxis or auto rickshaws are easily available from Khajuraho.
खजुराहो मंदिर का इतिहास – History of Khajuraho Temple
जैसा कि हमने देखा खजुराहो के मंदिर, 9वीं और 13वीं शताब्दी के बीच निर्मित, भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक हैं। ये मंदिर अपनी भव्य कलाकृति, शानदार वास्तुकला और कामुक मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं।
समृद्ध इतिहास:
- चंदेल राजवंश: खजुराहो मंदिरों का निर्माण चंदेल राजपूत राजाओं द्वारा करवाया गया था, जिनकी राजधानी महोबा थी।
- राजा खजुराहो: कहा जाता है कि राजा खजुराहो ने इन मंदिरों का निर्माण करवाया था, जिनके नाम पर ही इस स्थान का नाम पड़ा।
- कला का विकास: चंदेल राजा कला और संस्कृति के great patron थे। उनके शासनकाल में, खजुराहो कला और शिक्षा का केंद्र बन गया।
- विभिन्न धर्म: खजुराहो के मंदिर हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों को समर्पित हैं।
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खजुराहो में होटल – Hotels in Khajuraho
गौरतलब है कि खजुराहो में आपके लिए कुछ होटल विकल्प हैं:
- होटल सूर्या – आरामदेह होटल में बगीचे वाले टेरेस के साथ अंतरराष्ट्रीय रेस्टोरेंट है और योग क्लास होती हैं। ₹896 प्रति रात। 4.0/5 रेटिंग (384 समीक्षा)।
- खजुराहो होटल्स – ₹1,288 प्रति रात। 4.2/5 रेटिंग (354 समीक्षा)।
- बुंदेला रिज़ॉर्ट – 3-स्टार होटल। ₹2,218 प्रति रात (सामान्य से 30% कम)। 4.2/5 रेटिंग (1091 समीक्षा)।
- SYNA हेरिटेज होटल – A हेरिटेज होटल इन खजुराहो – 5-स्टार होटल। ₹2,945 प्रति रात (सामान्य से 20% कम)। 4.1/5 रेटिंग (770 समीक्षा)।
- मस्टऐश खजुराहो – ₹575 प्रति रात (सामान्य से 50% कम)। 4.6/5 रेटिंग (220 समीक्षा)।
खजुराहो में प्रसिद्ध त्यौहार – Khajuraho Festival
खजुराहो सिर्फ ऐतिहासिक मंदिरों के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां आयोजित होने वाले रंगारंग उत्सव भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। अगर आप खजुराहो घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इन मस्ती से भरपूर समारोहों में शामिल होकर अपनी यात्रा को और भी यादगार बना सकते हैं। आइए, जानते हैं खजुराहो के कुछ प्रसिद्ध उत्सवों के बारे में:
- खजुराहो नृत्य समारोह (फरवरी): यह वार्षिक उत्सव भारतीय शास्त्रीय नृत्यों का एक रंगारंग मंच है। कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, और कुचिपुड़ी जैसे विभिन्न नृत्य शैलियों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
- खजुराहो महोत्सव (फरवरी – मार्च): यह बहुआयामी उत्सव खजुराहो के इतिहास और संस्कृति का जश्न मनाता है। इसमें शिल्प प्रदर्शनी, लोक नृत्य, संगीत कार्यक्रम, और एक रोमांचक ध्वनि और प्रकाश शो शामिल हैं।
- अल्पना महोत्सव (अक्टूबर – नवंबर): यह अनूठा उत्सव रंगोली कला को समर्पित है। प्रतिभाशाली कलाकार जमीन पर रंगीन पाउडर से खूबसूरत अल्पनाएं बनाते हैं। इस समारोह में पारंपरिक संगीत और नृत्य का भी प्रदर्शन होता है।
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खजुराहो का मंदिर किसने बनवाया – Who built the Khajuraho Temple
खजुराहो के भव्य मंदिरों का निर्माण चंदेल राजपूत राजाओं ने करवाया था, जिनमें राजा खजुराहो, राजा विद्याधर, राजा देवपाल और राजा रणपाल प्रमुख थे। इन राजाओं ने 8वीं से 12वीं शताब्दी के बीच शासन किया और कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
यह माना जाता है कि राजा खजुराहो ने 8वीं शताब्दी में इस क्षेत्र की राजधानी बनाई और मंदिर निर्माण कार्य शुरू करवाया। उनके बाद आने वाले राजाओं ने भी इस परंपरा को जारी रखा और खजुराहो को मंदिरों का शहर बना दिया।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि खजुराहो के मंदिरों का निर्माण एकल राजा द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह कई पीढ़ियों के प्रयासों का परिणाम था।
यहां कुछ प्रमुख राजा और उनके द्वारा बनवाए गए मंदिरों की सूची दी गई है:
- राजा खजुराहो: लक्ष्मण मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर
- राजा विद्याधर: कंदारिया महादेव मंदिर, विश्वनाथ मंदिर
- राजा देवपाल: चित्रगुप्त मंदिर, नंदी मंदिर
- राजा रणपाल: देवी जगदम्बा मंदिर, वामन मंदिर
खजुराहो जाने का सही समय – Best Time to Visit Khajuraho
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खजुराहो जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है, और पर्यटन के लिए अनुकूल होता है।
खजुराहो कैसे पहुंचे – How to Reach Khajuraho
उदाहरण के लिए खजुराहो, मध्य प्रदेश के मध्य में स्थित है। हालांकि यह एक छोटा शहर है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए हवाई, रेल और सड़क मार्ग सहित कई विकल्प उपलब्ध हैं। आइए, इन विकल्पों पर एक नजर डालते हैं और देखते हैं कि आपके लिए कौन सा सबसे सुविधाजनक है:
हवाई मार्ग (Airways):
- खजुराहो का अपना हवाई अड्डा है, जिसे खजुराहो विमानक्षेत्र (Khajuraho Airport) के नाम से जाना जाता है (IATA कोड: HJR)। यह हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, और आगरा जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से खजुराहो के लिए उड़ान का समय लगभग 1 घंटा 15 मिनट है और हवाई किराया ₹3,500 से ₹7,000 के बीच हो सकता है। हवाई जहाज से यात्रा करने का लाभ यह है कि यह सबसे तेज विकल्प है, लेकिन यह थोड़ा महंगा भी हो सकता है।
रेल मार्ग (Railways):
- खजुराहो में अपना रेलवे स्टेशन है, जिसे खजुराहो रेलवे स्टेशन (Khajuraho Railway Station) के नाम से जाना जाता है (स्टेशन कोड: HJ). दिल्ली, आगरा, झांसी और वाराणसी जैसे शहरों से खजुराहो के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं। दिल्ली से खजुराहो के लिए ट्रेन का सफर लगभग 10 से 12 घंटे का होता है और किराया ₹500 से ₹2,000 के बीच हो सकता है। ट्रेन यात्रा का एक फायदा यह है कि यह हवाई जहाज से सस्ती है, और आप रास्ते के खूबसूरत दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं।
- सड़क मार्ग (Roadways): खजुराहो अच्छी तरह से जुड़े सड़क मार्गों के माध्यम से आसपास के शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, आगरा, ग्वालियर, झांसी और भोपाल से खजुराहो के लिए नियमित बस सेवाएं चलती हैं। दिल्ली से खजुराहो तक सड़क यात्रा लगभग 12 से 14 घंटे की होती है और बस का किराया ₹800 से ₹1,500 के बीच हो सकता है। सड़क यात्रा का लाभ यह है कि आप अपनी यात्रा के दौरान कहीं भी रुक सकते हैं और आसपास के स्थानों को देखने का आनंद ले सकते हैं।
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निष्कर्ष – Conclusion
खजुराहो की यात्रा निस्संदेह इतिहास, कला और अध्यात्म के संगम का अनुभव कराती है। मंदिरों की भव्य वास्तुकला, मूर्तियों की कलात्मकता, और यहां का समृद्ध इतिहास पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। चाहे आप कला और वास्तुकला के दीवाने हों, या इतिहास के धनी तथ्यों को जानने में रुचि रखते हों, या फिर अध्यात्मिक शांति की तलाश में हों, खजुराहो आपकी यात्रा को यादगार बना देगा।अगली बार जब आप मध्य प्रदेश की यात्रा की योजना बनाएं, तो खजुराहो को अपनी यात्रा सूची में अवश्य शामिल करें। आपको निराशा नहीं होगी!
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खजुराहो में घूमने की जगह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. खजुराहो के मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में स्थित हैं। यह झांसी से लगभग 175 किलोमीटर और खजुराहो हवाई अड्डे से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Ans. खजुराहो, मध्य प्रदेश में स्थित, अपनी भव्य मंदिरों और अद्भुत मूर्तियों के लिए जाना जाता है। यहां 22 से अधिक मंदिर हैं, जिनमें से पश्चिमी समूह के मंदिर विश्व धरोहर स्थल घोषित किए गए हैं। इन मंदिरों की दीवारों पर कामुक मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो खजुराहो कला की विशिष्ट विशेषता हैं।
Ans. खजुराहो इतिहास, कला, संस्कृति, और प्राकृतिक सुंदरता का एक अद्भुत संगम है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
Ans. खजुराहो अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें से कंदारिया महादेव मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, विश्वनाथ मंदिर और देवी जगदम्बा मंदिर सबसे लोकप्रिय हैं। इन मंदिरों के अलावा, आप पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, रनेह जलप्रपात, खजुराहो नृत्य महोत्सव और स्थानीय बाजारों का भी आनंद ले सकते हैं।
Ans. खजुराहो के मुख्य आकर्षणों को देखने के लिए 2-3 दिन पर्याप्त हैं। यदि आप पन्ना राष्ट्रीय उद्यान या अन्य आसपास के स्थानों की यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको अधिक समय की आवश्यकता होगी।
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