उत्तराखंड के मुकुटमणि के नाम से विख्यात, अल्मोड़ा अपनी मनमोहक सुंदरता के लिए जाना जाता है। हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का नज़ारा, घने जंगल और शांत वातावरण हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है। अगर आप प्रकृति की गोद में शांति की तलाश कर रहे हैं या फिर धार्मिक स्थलों के दर्शन की इच्छा रखते हैं, तो अल्मोड़ा आपके लिए एक आदर्श स्थान है। आइए, इस लेख में हम आपको अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल के बारे में बताते हैं, जिनकी सैर आपके ट्रिप को यादगार बना देगी।
Table of Contents
अल्मोड़ा के पर्यटन स्थल – Gangolihat
Tourist places in Almora – Gangolihat in Hindi
बचपन की एक याद मुझे आज भी बखूब अच्छी तरह से याद आती है। गर्मी की छुट्टियों में जब मैं अपने नाना-नानी के यहां अल्मोड़ा गया था, तब उन्होंने मुझे गंगोलीहाट घुमाने ले जाया था। पहाड़ों की कच्ची सीढ़ियां चढ़ते हुए, ठंडी हवा का झोंका चेहरे पर आते हुए, मैंने पहली बार झील देखी थी। इतना नीला पानी, उसमें तैरते हुए सफेद हंस, दूर पहाड़ों पर जंगल का हरापन – ये नजारा मेरी आंखों में आज भी बसता है। अगर आप अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल की सैर कर रहे हैं, तो गंगोलीहाट जरूर जाएं। यकीन मानिए, ये पल आप भी जिंदगी भर संजोएंगे।
अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 7 am to 6 pm
- Entry fee: Free
- Location: About 12 km from Almora
- How to reach: Easily accessible from Almora by taxi or local bus.
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अल्मोड़ा में प्रसिद्ध मंदिर – Chitai Temple
पहाड़ों की बात चले और मंदिरों का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थलों में चितई मंदिर की अपनी एक अलग ही पहचान है. ये मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. सुबह के वक्त जब आप मंदिर जाते हैं, तो वहां की सकारात्मक ऊर्जा आपको अंदर तक महसूस होती है. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं और माथा टेकते हैं. मंदिर के बाहर लगे घंटों की गूंज पहाड़ों में गूंजती है, जो मन को शांति प्रदान करती है. अगर आप अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल घूमने जा रहे हैं, तो चितई मंदिर ज़रूर दर्शन करें.
- Timings: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक
- Entry Fee: निशुल्क
- Location: अल्मोड़ा से लगभग 8 किलोमीटर दूर
- How to reach: आप टैक्सी या फिर रिक्शे से चितई मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं.
अल्मोड़ा में जाने की जगहें – Mount Kailash
Places to visit in Almora – Mount Kailash in Hindi
अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल की बात करें, तो अध्यात्म और शांति की अनुभूति के लिए कैलाश पर्वत का ज़िक्र करना न भूलें. ये वो जगह है, जहां पहुंचते ही मन को एक अजीब सी सुकून मिलता है. ऊंचे पहाड़ों पर स्थित ये शिव मंदिर दूर से ही अपनी ओर खींच लेता है. मंदिर तक जाने के लिए आपको थोड़ा पैदल चलना पड़ सकता है, लेकिन रास्ते में चारों तरफ फैले पहाड़ों का नज़ारा और ठंडी हवाएं आपकी सारी थकान मिटा देंगी. मंदिर के गर्भगृह में जाकर शिवलिंग के दर्शन करने का अपना ही अलग अनुभव है. ऐसा लगता है मानो भगवान शिव खुद पहाड़ों के बीच विराजमान हों.
अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक
- Entry Fee: निशुल्क
- Location: अल्मोड़ा से लगभग 6 किलोमीटर दूर
- How to reach: आप टैक्सी या फिर रिक्शे से कैलाश पर्वत आसानी से पहुंच सकते हैं.
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अल्मोड़ा के पास पर्यटन स्थल – Binsar
जैसा कि हमने पहले बताया अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थलों की खूबसूरती का बखान तो हमेशा से होता रहा है, लेकिन अगर आप पहाड़ों के बीच प्रकृति का असली रूप निहारना चाहते हैं, तो बिंसर जरूर जाइएगा. जंगल से होकर जाते वक्त ऐसा लगेगा मानो पेड़ों की हर साँस आपको ताज़गी दे रही हो. ऊंचाई पर पहुंचने के बाद चारों तरफ फैले घने जंगल और दूर दूर तक दिखते हिमालय के नज़ारे आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे. यहाँ ठहरने के लिए कई सारे बंगले भी हैं, जहाँ आप सुबह उठकर कोहरे के बीच चाय की चुस्की लेते हुए पहाड़ों के जागने का नजारा देख सकते हैं. बिंसर की खामोशी आपके शहर के शोर को भुलाकर आपको सालों का सुकून देगी.
- Timings: बिंसर घूमने के लिए किसी खास समय की पाबंदी नहीं है, लेकिन जंगल सफारी के लिए सुबह का समय बेहतर होता है.
- Entry Fee: बिंसर वन्यजीव अभयारण्य में जाने के लिए ₹150 का प्रवेश शुल्क लगता है.
- Location: अल्मोड़ा से लगभग 30 किलोमीटर दूर
- How to reach: आप टैक्सी या फिर अपनी गाड़ी से बिंसर आसानी से पहुंच सकते हैं.
अल्मोड़ा में करने के लिए चीजें – Adventure activities
Things to do in Almora – Adventure Activities in Hindi
अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल न सिर्फ आँखों को खूबसूरती दिखाते हैं, बल्कि रोमांच पसंद लोगों के लिए भी किसी जन्नत से कम नहीं हैं. ऊंचे पहाड़ों के बीच अगर आप अपने एडवेंचर के जुनून को पूरा करना चाहते हैं, तो साहसिक गतिविधियों का मज़ा लेना न भूलें. जंगलों के बीच ट्रैकिंग करते हुए प्राकृतिक सौंदर्य को निहारना या फिर रैपलिंग करके पहाड़ों की ऊंचाई को महसूस करना, ये अनुभव अविस्मरणीय बन जाते हैं. अगर किस्मत साथ दे तो ट्रैकिंग के दौरान आपको कोई जंगली जानवर भी दिख सकता है! वैसे घबराने की बात नहीं है, अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल क्योंकि ट्रैकिंग के लिए हमेशा गाइड का इंतज़ाम रहता है. तो ज़िंदगी में थोड़ा रोमांच भरने के लिए अल्मोड़ा में साहसिक गतिविधियों का ज़रूर लुत्फ़ उठाएं.
अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: निश्चित समय नहीं है, लेकिन सुबह के समय शुरू करना बेहतर होता है.
- Entry Fee: कुछ एडवेंचर कंपनियां शुल्क लेती हैं, राशि गतिविधि के प्रकार पर निर्भर करती है.
- Location: विभिन्न स्थानों पर (ट्रेकिंग के लिए जंगल, रैपलिंग के लिए निर्धारित पहाड़ी क्षेत्र)
- How to reach: निजी वाहन या टैक्सी द्वारा एडवेंचर कंपनियों के कार्यालय तक पहुंचा जा सकता है.
Top 10] अल्मोड़ा में घूमने की जगह | Places to visit in Almora in Hindi
अल्मोड़ा हिल स्टेशन – Almora City
अब बात करते हैं अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थलों की सैर अधूरी ही रहती है अगर आपने खुद अल्मोड़ा शहर की सैर ना की हो. ये शहर मानो पहाड़ों की गोद में बसा हुआ कोई सपना है. घुमावदार सड़कें, रंग-बिरंगे मकान और दूर तक फैले पहाड़ों का नज़ारा मन को मोह लेता है. सुबह के वक्त धूप में नहाए ये घर किसी रंगीन तस्वीर से कम नहीं लगते. शाम ढलते ही दीपों की रोशनी शहर को जगमगा देती है. ठंडी हवा के झोंके के साथ गरमा गरम चाय की चुस्की लेते हुए घंटों घूमने का मन करता है. यहां के बाज़ारों में घूमकर आप स्थानीय हस्तशिल्प की खरीदारी कर सकते हैं या फिर तिब्बती मठों में जाकर शांति का अनुभव कर सकते हैं.
- Timings: घूमने का कोई खास समय नहीं है, लेकिन सुबह या शाम का नजारा ज़्यादा मनमोहक होता है.
- Entry Fee: निशुल्क
- Location: मुख्य अल्मोड़ा जिला
- How to reach: आप टैक्सी या रिक्शा लेकर आसानी से घूम सकते हैं.
अल्मोड़ा के आसपास घूमने की जगह – Pindari Glacier
Places to visit near Almora – Pindari Glacier in Hindi
पहाड़ों की कहानियां सुनने का मन हो रहा है, तो अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थलों में पिंडारी ग्लेशियर ज़रूर शामिल करें. ये वो जगह है जहां पहाड़ों की खामोशी आपको अपनी गहराईयों में खींच लेती है. चारों तरफ फैले बर्फ के सफेद चादर, दूर दूर बहती नदियां और आसमान से छूते पर्वत श्रृंखलाएं, ये नज़ारा देखकर ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने अपनी कलाकृति यहीं उकेरी हो. ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए तो ये किसी जन्नत से कम नहीं. अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल हालांकि, थोड़ी मुश्किल चढ़ाई जरूर चढ़नी पड़ती है, पर मंजिल तक पहुंचने पर जो खुशी मिलती है वो शब्दों में बयां नहीं की जा सकती.
अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: घूमने का कोई खास समय नहीं है, लेकिन सर्दियों में रास्ता बंद हो जाता है. अक्टूबर से मार्च के बीच जाने से बचें.
- Entry Fee: निशुल्क, लेकिन ट्रैकिंग के लिए गाइड की फीस लग सकती है.
- Location: अल्मोड़ा से लगभग 125 किलोमीटर दूर
- How to reach: पहले आपको कपकोट या सोबला पहुंचना होगा, वहां से आप जीप या फिर ट्रैकिंग करके पिंडारी ग्लेशियर तक जा सकते हैं.
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अल्मोड़ा के पास घूमने की जगह – Kafalgarh
अब आइए देखते हैं अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थलों में अगर इतिहास और रोमांच का मिश्रण चाहिए, तो काफलगढ़ ज़रूर जाइएगा. ये वो जगह है जिसे सुनते ही दिमाग में राजा-महाराजाओं के किस्से और छुपे हुए खज़ाने घूमने लगते हैं. काफलगढ़ का किला पहाड़ी की चोटी पर बना है और वहां तक पहुंचने के लिए थोड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. लेकिन यकीन मानिए, ऊपर पहुंचने पर नज़ारा ऐसा देखने को मिलेगा कि सारी थकान पल में गायब हो जाएगी. चारों तरफ फैले हरे-भरे पहाड़ और दूर तक जाता हुआ आसमान, ऐसा लगता है जैसे बादलों को छू रहे हों. किले के अंदर घूमते हुए इतिहास के पन्नों को पलटने का अलग ही मज़ा है.
- Timings: 9 am to 5 pm
- Entry Fee: ₹10/- for Indians, ₹50/- for foreigners
- Location: About 6 km from Almora
- How to reach: You can easily reach Kafalgarh by taking a rickshaw or taxi.
अल्मोड़ा में घूमने वाली जगह – Jageshwar Temple
Places to visit in Almora – Jageshwar Temple in Hindi
अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थलों की इतनी बात हो रही है, तो फिर जिक्र ना हो जगेश्वर मंदिर का, ऐसा तो हो ही नहीं सकता! बचपन में दादा जी के साथ अक्सर यहाँ आया हूँ. मंदिर की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए इतिहास के झरोखों से झांकने का एक अलग ही मज़ा आता था. कहा जाता है कि यहाँ 12वीं से 18वीं शताब्दी के बीच 124 से भी ज्यादा मंदिर बनाए गए थे. इन मंदिरों की शिल्पकला देखकर कलाकारों की कारीगरी का लोहा मानना पड़ता है. आज भी कई मंदिरों में प्राचीन शिवलिंग विराजमान हैं. अगर आप इतिहास और धर्म में रुचि रखते हैं, तो अल्मोड़ा आने पर जगेश्वर मंदिर ज़रूर दर्शन करें, अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल वहाँ का वातावरण आपको अतीत में ले जाएगा.
- Timings: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक
- Entry Fee: निशुल्क
- Location: अल्मोड़ा से लगभग 35 किलोमीटर दूर
- How to reach: आप टैक्सी या फिर किराए पर गाड़ी लेकर जगेश्वर मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं.
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अल्मोड़ा का इतिहास – History of Almora
अल्मोड़ा, उत्तराखंड राज्य का एक खूबसूरत हिल स्टेशन, अपनी समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
प्राचीन काल:
- पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि अल्मोड़ा क्षेत्र में मानव बस्तियां कम से कम 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व से मौजूद हैं।
- कत्यूरी राजवंश (8वीं-16वीं शताब्दी) ने इस क्षेत्र पर शासन किया और अल्मोड़ा को अपनी राजधानी बनाया।
- कत्यूरियों ने कला, स्थापत्य और साहित्य को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई मंदिरों और महलों का निर्माण हुआ।
मध्यकाल:
- 16वीं शताब्दी में, कुमाऊं क्षेत्र पर चंद राजवंश (16वीं-18वीं शताब्दी) का शासन आया।
- राजा कल्याण चंद ने 1568 में अल्मोड़ा शहर की स्थापना की और इसे अपनी राजधानी बनाया।
- चंद राजाओं ने कला, संस्कृति और शिक्षा को प्रोत्साहित किया, और अल्मोड़ा एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र बन गया।
आधुनिक काल:
- 18वीं शताब्दी में, गोरखा साम्राज्य ने कुमाऊं पर विजय प्राप्त की और अल्मोड़ा को अपनी राजधानी बनाया।
- गोरखा शासन ने क्षेत्र में सामाजिक और राजनीतिक सुधार लाए।
- 1815 में, एंग्लो-नेपाली युद्ध के बाद, कुमाऊं ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन में आ गया।
- ब्रिटिश शासन के दौरान, अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल एक लोकप्रिय हिल स्टेशन बन गया और कई सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों का घर बन गया।
स्वतंत्रता के बाद:
- भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1947 में, अल्मोड़ा उत्तर प्रदेश का हिस्सा बन गया।
- 2000 में, उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ और अल्मोड़ा इसका एक जिला बन गया।
आज:
- अल्मोड़ा एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है।
- यह शहर कई त्योहारों और कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जो पूरे साल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
अल्मोड़ा में होटल – Hotels in Almora
अल्मोड़ा में विभिन्न बजट और आवश्यकताओं के अनुरूप कई होटल, रिसॉर्ट और गेस्ट हाउस हैं।
यहां कुछ लोकप्रिय विकल्प दिए गए हैं:
लक्जरी होटल:
- द लेक व्यू: नौकुचिया ताल के किनारे स्थित, हिमालय के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। स्पा, स्विमिंग पूल, रेस्तरां जैसी सुविधाएं।
- द हिमालयन रीजेंट: अल्मोड़ा शहर के केंद्र में स्थित, आसपास के पहाड़ों का शानदार दृश्य। स्पा, स्विमिंग पूल, फिटनेस सेंटर जैसी सुविधाएं।
मध्यम श्रेणी के होटल:
- होटल सेंट्रल: अल्मोड़ा शहर के केंद्र में, आसपास के बाजारों और रेस्तरां तक पैदल दूरी। साफ-सुथरे और आरामदायक कमरे।
- होटल कृष्णा: अल्मोड़ा शहर के बाहरी इलाके में, शांत वातावरण। बगीचे के दृश्य वाले कमरे, रेस्तरां।
बजट होटल:
- होटल गंगा: अल्मोड़ा शहर के केंद्र में, सस्ती कीमतों पर बुनियादी सुविधाएं।
- होटल शिव: अल्मोड़ा शहर के बस स्टेशन के पास, साफ-सुथरे और आरामदायक कमरे।
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अल्मोड़ा में प्रसिद्ध त्यौहार – Hawankund
गौर करने वाली बात यह है अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थलों के साथ-साथ यहाँ के रंगारंग त्यौहार भी भुलाए नहीं जा सकते. इन त्यौहारों में शामिल होना आपको सीधे पहाड़ी लोक संस्कृति से जोड़ता है.
- नंदाष्टमी महोत्सव: यह मेला सितंबर महीने में आयोजित होती है और माता नंदा देवी को समर्पित होती है. इस दौरान भक्तिमय भजनों और जागरों की धुन हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है.
- हवनकुंड: अक्टूबर महीने में हवनकुंड का आयोजन होता है. इस दौरान जमकर गरबा और मांदार नाच होते हैं, जो देखने में वाकई आनंददायक होते हैं.
- बैशाखी प पूर्णिमा: लोकमहेसरा ताल के पास जून महीने में बैशाखी पूर्णिमा का मेला लगता है. यह मेला खासतौर पर पारंपरिक खेलों और कुमाऊंनी व्यंजनों के लिए जानी जाती है.
अल्मोड़ा कैसे पहुंचे – How to reach Almora
एक दिलचस्प बात यह है कि अल्मोड़ा की मनमोहक वादियों तक पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं. आप अपनी यात्रा की सुविधा के हिसाब से रास्ता चुन सकते हैं.
- सड़क मार्ग (Roadways): दिल्ली से अल्मोड़ा लगभग 370 किलोमीटर दूर है. आप दिल्ली के ISBT आनंद विहार से सरकारी या निजी बस लेकर आसानी से अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं. किराया लगभग ₹1000 से ₹1500 के बीच है और सफर में 9 से 10 घंटे लग जाते हैं.
- रेल मार्ग (Railways): निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो अल्मोड़ा से 83 किलोमीटर दूर स्थित है. लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से काठगोदाम के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं. काठगोदाम से आप टैक्सी या शेयरिंग कैब लेकर अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं. टैक्सी का किराया लगभग ₹1200 से ₹1500 के बीच होता है.
- वायु मार्ग (Airways): हालांकि, अल्मोड़ा में कोई हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है. पंतनगर हवाई अड्डा अल्मोड़ा से 115 किलोमीटर दूर स्थित है. दिल्ली और कुछ अन्य शहरों से पंतनगर के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं. पंतनगर से आप टैक्सी या बस लेकर अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं. टैक्सी का किराया लगभग ₹2000 से ₹2500 के बीच होता है.
निष्कर्ष – Conclusion
संक्षेप में, अल्मोड़ा प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का एक अद्भुत संगम है. यहाँ के मनोरम दृश्य, प्राचीन मंदिर, रंगारंग त्यौहार और मधुर लोकसंस्कृति हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. चाहे आप परिवार के साथ घूमना चाहते हों, एडवेंचर के शौक़ीन हों या फिर शांत वातावरण में कुछ समय बिताना चाहते हों, अल्मोड़ा आपके लिए एक आदर्श स्थान है. तो देर किस बात की, अल्मोड़ा घूमने की योजना अभी बनाइए और यादगार पलों की झोली भर लीजिये!
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अल्मोड़ा के दर्शनीय स्थल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. अल्मोड़ा का प्राचीन नाम “शाल्मली” था। यह नाम संस्कृत शब्द “शाल्म” से आया है, जिसका अर्थ है “साल का पेड़”। माना जाता है कि अल्मोड़ा क्षेत्र में साल के पेड़ों की बहुतायत के कारण इसे यह नाम दिया गया था।
कुछ अन्य स्रोतों के अनुसार, अल्मोड़ा का प्राचीन नाम “काश्यपुर” भी था। यह नाम संस्कृत शब्द “काश्य” से आया है, जिसका अर्थ है “चांदी”। माना जाता है कि इस क्षेत्र में चांदी के खनन के कारण इसे यह नाम दिया गया था।
Ans. यह कुमाऊं मंडल का मुख्यालय है और हिमालय की तलहटी में 1,550 मीटर (5,085 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
Ans. अल्मोड़ा घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है. इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है और दर्शनीय स्थलों की यात्रा करना आसान होता है.
Ans. अल्मोड़ा में आपको कई स्वादिष्ट व्यंजन मिल जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
बड़ूआ: यह एक प्रकार का दाल है, जिसे चावल के साथ परोसा जाता है.
कपड़ू: यह एक प्रकार का पैनकेक है, जिसे चाय के साथ खाया जाता है.
आलू के गुटके: ये तले हुए आलू के टुकड़े होते हैं, जिन्हें हरी चटनी के साथ परोसा जाता है.
मोमो: ये स्टीम्ड डंपलिंग होते हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार की चटनी के साथ खाया जाता है.
Ans. अल्मोड़ा से आप कई तरह की चीज़ें खरीद सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
हस्तशिल्प: लकड़ी के सामान, ऊनी कपड़े, और कढ़ाई वाले कपड़े.
स्थानीय मसाले: हल्दी, मिर्च, और धनिया.
सूखे मेवे: अखरोट, किशमिश, और अंजीर.
जड़ी-बूटी: तुलसी, अश्वगंधा, और शिलाजीत.