Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल: हम्पी में घुमने की जगह
हम्पी कर्नाटक का एक ऐसा शहर, जो भारत के सबसे आकर्षक ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है, और एक ज़माने में विश्व के सबसे बड़े और समृद्ध साम्राज्यों में से एक, 14वीं से 16वीं शताब्दी तक, विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी।
विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ईस्वी में हरिहर और बुक्का राय ने की थी। जो उस समय दुनिया के सबसे बड़े और समृद्ध साम्राज्यों में से एक हुआ करते थे। हम्पी इस साम्राज्य का हृदय स्थल था, और व्यापार, संस्कृति और कला का केंद्र बना। यहाँ की विशालकाय चट्टानें, प्राचीन मंदिरों के अवशेष, और जीवंत इतिहास हर पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
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हम्पी के प्रमुख आकर्षण
Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल यह स्थान अपने प्राचीन मंदिरों, राजसी स्मारकों और अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में शामिल है- विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर, हजारा राम मंदिर शामिल हैं। यहाँ के मतंग पर्वत से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा अविस्मरणीय है।
जबकि तुंगभद्रा नदी पर कोरकल की सवारी पर्यटक को रोमांचक अनुभव प्रदान करती है। हाथी का अस्तबल और लक्ष्मी नरसिम्हा मूर्ति भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। हम्पी का इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य इसे एक अनोखा पर्यटन स्थल बनाते हैं।
1. विरुपाक्ष मंदिर
Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल में शामिल यह ऐतिहासिक खंडहरों के बीच विरुपाक्ष मंदिर न केवल एक धार्मिक केंद्र बल्कि, उस समय के जीवंत इतिहास का प्रतीक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मन्दिर 7वीं शताब्दी से अस्तित्व में है, जो हम्पी के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है।
मंदिर की वास्तुकला
इस मन्दिर की निर्माण शैली की बात करें तो यह द्रविड़ शैली में बनाया गया है, जो कि दक्षिण भारतीय मंदिर वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- विरुपाक्ष मंदिर अपने 9-मंजिला गोपुरम (प्रवेश द्वार) के लिए प्रसिद्ध है।
- गोपुरम पर देवी-देवताओं, पौराणिक कथाओं और जानवरों की intricate नक्काशी देखने लायक है।
- मंदिर परिसर में एक विशाल अहाता, स्तंभों वाला मंडप और एक पवित्र जलकुंड भी बना हुआ है।
ऑप्टिकल इल्यूजन
- मंदिर के एक अंधेरे कमरे में एक छोटा सा छिद्र (Opening) है।
- जब सूर्य की रोशनी इस छिद्र से गुजरती है, तो यह प्रकाश दीवार पर एक उल्टे शिवलिंग (Inverted Shadow of Shiva Linga) की छवि बनाती है।
- यह छवि पूरी तरह से स्पष्ट और आकार में शिवलिंग जैसी ही होती है, जैसे वह वास्तव में वहाँ मौजूद हो।
- इसे “प्राचीन भारत का ऑप्टिकल साइंस” का उदाहरण माना जाता है।
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2. हजारा राम मंदिर
इसे रामायण का चलचित्र कहा जाता है। Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल में शामिल है। इस मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन और रामायण की घटनाओं को अत्यंत विस्तार और कलात्मकता से उकेरा गया है। यह विजयनगर साम्राज्य की कलात्मक उत्कृष्टता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह मंदिर मुख्य रूप से राजपरिवार के निजी पूजा स्थल के लिये बनाया गया था। पत्थरों पर की गई नक्काशी इतनी साफ और जीवंत है, कि आप इतिहास में खो से जाएंगे।
वास्तुकला की खासियत
- द्रविड़ शैली: इस मंदिर को द्रविड़ वास्तुकला शैली में बना हुआ है, जिसमें स्तंभों पर intricate नक्काशी की गई है।
- रामायण की कहानियाँ: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर रामायण की पूरी कथा उकेरी गई है – जन्म से लेकर रावण वध तक की घटनाएँ विस्तार से दर्शाई गई हैं।
- सैन्य जीवन के दृश्य: मंदिर की बाहरी दीवारों पर विजयनगर साम्राज्य के सैनिकों, घोड़ों और हाथियों की march करती हुई सेना के दृश्य अंकित हैं।
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3. विट्ठल मंदिर
हम्पी के सबसे भव्य और आकर्षक मंदिरों में से एक, विट्ठल मंदिर। यह स्थान Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल में शामिल है। यह मन्दिर विजयनगर साम्राज्य की वास्तुकला का अद्वितीय नमूना है। इस मंदिर को भगवान विष्णु के अवतार विट्ठल को समर्पित किया गया है। यह अपनी अद्भुत संरचनाओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
विट्ठल मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के शासक कृष्णदेवराय के शासनकाल में शुरू हुआ था। हालाँकि, यह मंदिर कभी भी पूरी तरह से पूरा नहीं हो पाया, फिर भी इसकी भव्यता आज भी पर्यटक को अचंभित करने के लिये काफी है।
वास्तुकला की अनूठी विशेषताएँ
1. पत्थर की रथ
- यह मंदिर परिसर का सबसे प्रसिद्ध स्थान है, जो भारत का icon बन चुका है।
- यह रथ वास्तविकता में एक मंदिर है, जो पत्थर से बने हाथियों और पहियों से सजा है।
- मूल रूप से इस रथ पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित थी।
2. संगीतमय स्तंभ
- मुख्य मंडप के 56 स्तंभों को विशेष तकनीक से तराशा गया है। जो आज के विज्ञान को हैरान करने के लिये काफी है।
- जब इन स्तंभों को हल्के से थपथपाया जाता है, तो विभिन्न वाद्ययंत्रों की ध्वनि (जैसे मृदंगम, वीणा) निकलती है।
- यह प्राचीन भारतीय वास्तुकला और विज्ञान का अद्भुत उदाहरण है।
3. महामंडप (Great Hall)
- 100 से अधिक स्तंभों वाला यह मंडप अपनी जटिल नक्काशी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
- स्तंभों पर देवताओं, योद्धाओं और पौराणिक जीवों की आकृतियाँ उकेरी गई हैं।
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4. राज्यों के ढेर
हम्पी के इस ऐतिहासिक परिसर में स्थित है रानी का स्नानागार (Queen’s Bath) जो विजयनगर साम्राज्य की शाही भव्यता और वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है। इसे यह संरचना अपने समय की उन्नत इंजीनियरिंग और सौंदर्यबोध को प्रदर्शित करती है।
रानी के स्नानागार का निर्माण 15वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के शासकों द्वारा करवाया गया था। इसका उपयोग राजपरिवार की महिलाओं द्वारा स्नान, विश्राम और मनोरंजन के लिए किया जाता था। यह स्थान उस ज़माने के राजसी जीवनशैली की झलक प्रस्तुत करता है।
वास्तुकला की विशेषताएँ
1. बाहरी संरचना
- साधारण दिखने वाली बाहरी दीवारें, जिससे बाहर से इसकी भव्यता का अंदाजा नहीं लगता।
- इस्लामिक वास्तुकला से प्रभावित मेहराबदार प्रवेश द्वार।
2. आंतरिक डिजाइन
- केंद्रीय स्नान कुंड: 1.8 मीटर गहरा और 6.7 मीटर चौड़ा आयताकार कुंड।
- सुगंधित जल व्यवस्था: राजपरिवार के स्नान के लिए गुलाबजल और सुगंधित तेलों की व्यवस्था।
- वेंटिलेशन सिस्टम: छत और दीवारों में हवादार खिड़कियों की व्यवस्था।
3. शाही गलियारे और बालकनियाँ
- स्नान कुंड को घेरते हुए बने covered corridors और बालकनियाँ।
- बालकनियों से राजपरिवार स्नान कार्यक्रम और मनोरंजन देख सकता था।
5. मतंग पर्वत
यह पर्वत हम्पी की सबसे ऊँची चोटी में शुमार है। (Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल) हम्पी में घुमने की जगह यह हम्पी का सबसे ऊँचा बिंदु है और अपने अद्वितीय दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है। थोड़ी चढ़ाई के बाद आपको हम्पी के पूरे खंडहर, तुंगभद्रा नदी और हरे-भरे खेतों का मनोरम दृश्य दिखाई देगा। सुबह का समय यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा है, जब सूरज की पहली किरणें पूरे landscape को सोने जैसा चमकाती हैं।
मतंग पर्वत का महत्व
- पौराणिक संबंध: मान्यता है कि यहाँ ऋषि मतंग ने तपस्या की थी, जिसके कारण यह प्रसिद्ध है।
- सामरिक महत्व: विजयनगर काल में यह एक महत्वपूर्ण प्रहरी point था, जिससे दुश्मन पर नज़र राखी जाती थी।
- धार्मिक महत्व: यहाँ एक प्राचीन शिवलिंग और छोटा मंदिर स्थित है।
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6.लक्ष्मी नरसिम्हा मूर्ति
यह हम्पी की सबसे बड़ी मोनोलिथिक मूर्ति है। जो एक ही पत्थर से तराशी गई है। यह भगवान विष्णु के नरसिम्हा अवतार को दर्शाती है। यह विशाल और भव्य है। मूर्ति के बगल में बैठे भगवान नरसिम्हा की पत्नी देवी लक्ष्मी की एक छोटी मूर्ति भी थी, जो अब क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
यह मूर्ति हम्पी की शिल्प कला का एक अद्वितीय नमूना है। हम्पी के ऐतिहासिक परिसर में स्थित लक्ष्मी नरसिम्हा मूर्ति भारतीय मूर्तिकला का एक अद्भुत नमूना है। यह विशाल प्रतिमा न केवल अपने आकार बल्कि अपनी कलात्मक उत्कृष्टता के लिए भी प्रसिद्ध है।
वास्तुकलात्मक विशेषताएं
- एकाश्म संरचना: एक ही ग्रेनाइट पत्थर से तराशी गई मूर्ति है।
- आयाम: 6.7 मीटर ऊँची मूर्ति इस मन्दिर में स्थापित है।
- शैली: विजयनगर कला शैली का उत्कृष्ट उदाहरण
वास्तुकला की प्रमुख विशेषताएँ
- इस मन्दिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है।
- मन्दिर की मूर्ति को एक ही ग्रेनाइट पत्थर से तराशा गया है।
- मूर्ति पद्मासन मुद्रा में विराजमान है।
- होयसल शैली के तत्व:
- स्तंभों पर सूक्ष्म नक्काशी
- कमल के फूलों की आकृतियाँ
शिल्प कौशल के उदाहरण:
- आदिशेष के सात फनों की विस्तृत नक्काशी
- योगपट्ट की बारीक डिजाइन
- मूर्ति के मुकुट में कलात्मक विवरण
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7.रॉयल एन्क्लोजर
इस ऐतिहासिक परिसर में स्थित रॉयल एन्क्लोजर विजयनगर साम्राज्य की शाही शक्ति और प्रशासनिक कुशलता का जीवंत प्रमाण है। यह विशाल परिसर अपने समय की भव्यता और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
सबसे प्रभावशाली संरचना दासरा मैदान है, जो एक विशाल सीढ़ीदार टैंक है, जिसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और जलभंडारण के लिए किया जाता था। इसके विशाल आकार से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह साम्राज्य कितना विशाल और समृद्ध रहा होगा।
वास्तुकला की विशेषता
- स्थापत्य शैली: इस मन्दिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है।
- सामग्री और निर्माण तकनीक: स्थानीय ग्रेनाइट पत्थर और ईंटों का उपयोग किया गया है।
- जल प्रबंधन प्रणाली: भूमिगत नहरों द्वारा तुंगभद्रा नदी को जोड़ा गया था, ताकि जल की आपूर्ति की जा सके।
- सुरक्षा व्यवस्था: 10-12 मीटर ऊँची ग्रेनाइट दीवारें बनाई गई थी ताकि दुश्मनो से सुरक्षित रखा जा सके।
- वेंटिलेशन और प्रकाश व्यवस्था: रणनीतिक रूप से स्थित वेंटिलेशन छिद्र बना गया है।
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8. हाथी का अस्तबल
यह एक लंबी और मजबूत इमारत है, जहाँ राज्य के शाही हाथियों को रखा जाता था। इसकी वास्तुकला हिंदू और इस्लामिक शैली का एक अनूठा मिश्रण है। इस इमारत की खासियत गुंबदनुमा छत वाले 11 बड़े-बड़े कमरे हैं। यह हम्पी के सबसे अच्छी तरह से संरक्षित ढाँचों में से एक है।
यह अस्तबल युद्ध और राजकीय अवसरों पर हाथियों का विशेष स्थान हुआ करता था। हाथियों की देखभाल और इनके ठहराव के लिये विशेष स्थान की जरूरत थी इस कारण इस इमारत का निर्माण करवाया गया था।
वास्तुकला का अद्भुत संगम
हाथीशाला को देखने पर सबसे पहली नज़र इसकी अनूठी स्थापत्य कला पर जाती है। यहाँ हिंदू और इस्लामिक शैली का अद्भुत मिश्रण दिखाई देता है।
- इस संरचना में गुंबदनुमा छत वाले 11 विशाल कक्ष बने हुए थे।
- प्रत्येक कक्ष में एक शाही हाथी को रखा जाता था।
- बीच का कक्ष सबसे बड़ा है, संभवतः इसे प्रमुख हाथियों या खास आयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जाता होगा।
- इमारत की मेहराबें और गुंबद मुस्लिम स्थापत्य शैली की याद दिलाती हैं, जबकि नक्काशी और सजावट हिंदू शिल्पकला का आभास कराती है।
9. तुंगभद्रा नदी और संगम
इस प्राचीन नगरी की शोभा तुंगभद्रा नदी से और भी निखर जाती है। नदी के किनारे और बीच स्थित विशाल चट्टानें यहाँ के नजारों को एक अलग ही आकर्षण प्रदान करती हैं। तुंगभद्रा नदी हम्पी के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। (Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल) इसे न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है, बल्कि यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए मनमोहक दृश्य भी प्रस्तुत करती है। सुबह और शाम के समय नदी के तट पर बैठकर सूर्योदय और सूर्यास्त देखना किसी आध्यात्मिक अनुभव से कम नहीं होता।
कोरकल नाव: एक अनूठा अनुभव
हम्पी की यात्रा का सबसे खास अनुभव है कोरकल नाव की सवारी।
- यह नाव गोलाकार टोकरी जैसी होती है, जिसे बांस और लकड़ी से बनाया जाता है।
- इसमें बैठकर जब आप तुंगभद्रा नदी के शांत जल पर तैरते हैं, तो ऐसा लगता है, जैसे आप समय में पीछे किसी प्राचीन युग में पहुँच गए हों।
- कोरकल नाव की सवारी आमतौर पर विट्ठल मंदिर के पीछे स्थित घाट से शुरू होती है।
- नदी के किनारे उभरी चट्टानें, हरियाली और दूर तक फैली शांति एक अद्भुत वातावरण बनाते हैं।
10. अच्युतराय मंदिर
हम्पी अपने प्राचीन मंदिरों, खंडहरों और स्थापत्य कला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। (Top 10 हम्पी पर्यटन स्थल) इन्हीं अद्भुत स्मारकों में से एक है अच्युतराय मंदिर, जो विजयनगर साम्राज्य की गौरवशाली कला और संस्कृति का प्रतीक है। यह मंदिर हम्पी की भीड़-भाड़ से थोड़ा अलग, शांति और सौंदर्य से भरपूर स्थान पर स्थित है।
अच्युतराय मंदिर का इतिहास
इसका निर्माण विजयनगर साम्राज्य के राजा अच्युतदेवराय (1529-1542 ई.) के शासनकाल में हुआ था। इस मंदिर को भगवान तिरुवेंगल नाथ (विष्णु जी का स्वरूप) को समर्पित किया गया है।
- इसे पहले तिरुवेंगल मंदिर के नाम से जाना जाता था।
- लेकिन बाद में अच्युतदेवराय के नाम पर इसे अच्युतराय मंदिर कहा जाने लगा।
स्थापत्य और कला
अच्युतराय मंदिर विजयनगर शैली की उत्कृष्ट कला को प्रदर्शित करता है।
- मंदिर के चारों ओर ऊँची प्राचीर बनी हुई है।
- इसमें प्रवेश द्वार (गोपुरम) भव्य और नक्काशीदार है।
- मुख्य गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित है।
- मंदिर प्रांगण में कई छोटे-छोटे मंदिर और मंडप बने हुए हैं।
- यहाँ की स्तंभों पर की गई नक्काशी विजयनगर शिल्पकला का अनूठा उदाहरण है।
हम्पी जाने का सही समय
यह कर्नाटक का विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site), अपनी प्राचीन मंदिरों, खंडहरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। लेकिन यहाँ घूमने का असली आनंद तभी आता है जब आप सही मौसम में यात्रा करें।
सर्दियाँ में घूमने का सबसे अच्छा समय:
- तापमान: 10°C से 28°C
- क्यों जाएँ: अक्टूबर से फरवरी के बीच मौसम सुहावना रहता है। ठंडी हवाओं और आरामदायक तापमान के कारण आप पूरे दिन मंदिरों, स्मारकों और बाजारों को आराम से देख सकते हैं।
- विशेष आकर्षण: इस दौरान हम्पी उत्सव (Hampi Festival) भी आयोजित किया जाता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, संगीत और कला देखने को मिलती है।
गर्मियाँ – कठिन मौसम:
- तापमान: 28°C से 40°C+
- क्यों न जाएँ: मार्च से जून के बीच गर्मी बहुत तेज होती है। धूप में विशाल खंडहरों और मंदिरों को देखना थकाऊ हो सकता है।
- फायदा: पर्यटक कम होते हैं, इसलिए भीड़-भाड़ से बच सकते हैं, लेकिन गर्मी की वजह से घूमना मुश्किल होता है।
बरसात – हरी-भरी खूबसूरती:
- तापमान: 22°C से 32°C
- क्यों जाएँ: जुलाई से सितम्बर के बीच हम्पी की प्राकृतिक सुंदरता अपने चरम पर होती है। चारों ओर हरियाली और तुंगभद्रा नदी का मनमोहक रूप देखने लायक होता है।
- चुनौती: भारी बारिश कभी-कभी यात्रा में बाधा डाल सकती है।
FAQs
उत्तर: हम्पी दक्षिणी भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। (Top 10 हम्पी पर्यटन)
उत्तर: हम्पी सबसे प्रसिद्ध है अपने प्राचीन विजयनगर साम्राज्य के खंडहरों, विशाल मंदिरों और पत्थर के रथ (Stone Chariot) के लिए।
उत्तर: अक्टूबर से मार्च के बीच का मौसम सबसे सुहावना और घूमने के लिए आदर्श होता है।
उत्तर: हाँ, विरुपाक्ष मंदिर एक सक्रिय मंदिर है जहाँ आज भी नियमित पूजा-अर्चना होती है।
उत्तर: प्रसिद्ध पत्थर का रथ (Stone Chariot) विजय विट्ठल मंदिर परिसर के अंदर स्थित है।
उत्तर: हेमकुटा हिल या मतंगा हिल से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा सबसे शानदार है।
उत्तर: हाथीघर शाही हाथियों के लिए बनाए गए विशाल और सुंदर अस्तबल हैं।
उत्तर: कमल महल अपनी अनोखी वास्तुकला और हवादार डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तर: मुख्य स्थानों को देखने के लिए कम से कम 2 दिन का समय अवश्य निकालें।
उत्तर: नज़दीकी रेलवे स्टेशन हॉस्पेट है। वहाँ से सड़क मार्ग द्वारा हम्पी आसानी से पहुँचा जा सकता है।