मध्य प्रदेश में स्थित उदयगिरि की गुफाएं इतिहास और धर्म प्रेमियों को अपनी ओर खींचती हैं। इन गुफाओं को “उदयगिरि की गुफाएं” के नाम से जाना जाता है, वही नाम जो इंटरनेट पर इन गुफाओं के बारे में सबसे ज्यादा खोजा जाता है। ये गुफाएं न सिर्फ प्राचीन हैं बल्कि हिंदू धर्म और कला का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी मानी जाती हैं। आइए जानते हैं उदयगिरि की गुफाओं के रहस्य और इतिहास के बारे में।
Table of Contents
उदयगिरि के दर्शनीय स्थल – Hans Cave (Cave 1)
Places to visit in Udayagiri – Hans Gufa in Hindi
बच्चपन की कहानियों में पढ़े गए खजाने वाली गुफाओं का अनुभव कभी किया है? मध्य प्रदेश की विदिशा में स्थित उदयगिरि की गुफाओं में, हंस गुफा ऐसी ही एक गुफा है जो आपको रोमांच से भर देगी. बाहर से तो ये एक साधारण सी गुफा नजर आती है, लेकिन अंदर जाते ही दीवारों पर बनी कलाकृतियां और उकेरी गई मूर्तियां आपको अतीत में ले जाती हैं. कहा जाता है कि इस गुफा का नाम इसके द्वार पर बनी हंस की आकृति के कारण पड़ा. इतिहास और कला के दीवाने हों या फिर रोमांच पसंद शख्स, हंस गुफा सभी को अपनी ओर जरूर खींच लेती है.
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (सभी दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹15 (भारतीयों के लिए), ₹200 (विदेशियों के लिए)
- स्थान: उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा, मध्य प्रदेश
- कैसे पहुंचे: विदिशा रेलवे स्टेशन से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप टैक्सी या रिक्शा लेकर आसानी से हंस गुफा तक पहुंच सकते हैं.
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उदयगिरि में प्रसिद्ध मंदिर (udayagiri temple) – Gauri Shankar Temple
बचपन में कहानियों में सुनते थे कि पहाड़ों को काटकर कैसे गुफाएं बनाई जाती थीं. तब लगता था कि ये तो बस कहानियों का ही हिस्सा होगा. लेकिन जब मैंने विदिशा की यात्रा की और उदयगिरि की गुफाओं को देखा, तो मानो इतिहास अपनी आंखों के सामने खुल गया हो. इन गुफाओं में से सबसे मनमोहक है गौरी शंकर मंदिर. गुफा के अंदर जाते ही शिव-पार्वती की एक साथ विराजमान मूर्ति नजर आती है. कहते हैं ये मूर्तियां करीब 5वीं शताब्दी की हैं और इतने सालों से गुफा के अंदर सुरक्षित रहना वाकई काबिले तारीफ है.
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: भारतीय पर्यटकों के लिए ₹15, विदेशी पर्यटकों के लिए ₹200
- स्थान: उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा, मध्य प्रदेश
- कैसे पहुंचे: विदिशा जाने के लिए आप भोपाल से ट्रेन या बस ले सकते हैं. विदिशा से उदयगिरि की गुफाएं लगभग 4 किलोमीटर दूर हैं. आप चाहें तो टैक्सी या रिक्शा लेकर जा सकते हैं.
उदयगिरि के पर्यटन स्थल – Choti Gufa (Cave 2)
Tourist Places in Udayagiri – Choti Gufa in Hindi
बचपन में हम सबने दीवारों पर चित्र बनाने का मजा लिया है, पर क्या आपने कभी पहाड़ की चट्टानों को कैनवास बनाकर उस पर कलाकृतियां उकेरने की कल्पना की है? विदिशा में स्थित उदयगिरि की गुफाओं के बीच एक ऐसी ही छोटी सी गुफा है, जिसे देखते ही लगता है मानो समय थम गया हो। इस गुफा के अंदर की दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियों को निहारते हुए मैं दंग रह गया। मूर्तियों को इतनी बारीकी से तराशा गया है कि उनके भाव तक जीवंत नजर आते हैं। ऐसा लगता है मानो ये मूर्तियां हमें उस दूर के युग की कहानियां सुना रही हों।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 5 pm
- Entry fee: ₹15 for Indians, ₹200 for foreigners
- Location: Vidisha, Madhya Pradesh
- How to reach: Vidisha is 43 km from Bhopal. You can reach Vidisha by taxi or bus. From there, the Udayagiri caves are about 3 km away. You can go by auto or rickshaw.
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उदयगिरि में जाने की जगहें – Hatyaa Cave (Cave 3)
बचपन में तो हम सबने खिलौनों की तलवारों से ही लड़ाई-लड़ाई खेली होगी, लेकिन क्या आपने कभी असल हथियारों को इतनी पास से देखा है? मध्य प्रदेश की विदिशा में स्थित उदयगिरि की गुफाओं में से एक गुफा “हथियार गुफा” के नाम से जानी जाती है। इस गुफा की दीवारों पर तलवार, भाले और धनुष-बाण जैसे हथियारों की आकृतियां बनी हुई हैं। इन आकृतियों को देखते वक्त ऐसा लगता है मानो कोई योद्धा युद्ध की तैयारियों में जुटा हो. आइए जानें हथियार गुफा के रहस्य के बारे में और देखें ये आखिरकार किसने और क्यों बनवाई होगी।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Time: 9 am to 5 pm
- Entry fee: ₹50 (for Indians), ₹300 (for foreigners)
- Location: On the hills of Udayagiri, Vidisha, Madhya Pradesh
- How to reach: Located at a distance of about 55 km by road from Bhopal. You can reach here by taxi or bus.
उदयगिरि के पास पर्यटन स्थल – Singh Gufa (Cave 16)
Tourist Places near Udayagiri – Singh Gufa in Hindi
कभी किसी गुफा में शेर की दहाड़ सुनी है? शायद नहीं, मगर उदयगिरि की गुफाओं में घुसते वक्त शेर की मांद जैसा एहसास जरूर होता है। यहाँ की एक गुफा को “सिंह गुफा” के नाम से जाना जाता है। बाहर से देखने में तो ये एक साधारण सी गुफा लगती है, मगर अंदर का नजारा चौंका देने वाला है। दरवाजे पर ही शेर की एक विशाल मूर्ति बनी हुई है, मानो गुफा के रहस्य की रखवाली कर रही हो। भीतर जाने पर दीवारों पर युद्ध के कई चित्र उकेरे गए हैं, जो हमें उस वक्त के राजाओं के शौर्य की याद दिलाते हैं। इन चित्रों को देखते हुए ऐसा लगता है मानो हम वीरता की कहानियों के बीच खो गए हों।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 5 pm
- Entry fee: ₹15 (for Indians), ₹200 (for foreigners)
- Location: On the hills of Udayagiri, Vidisha, Madhya Pradesh
- How to reach: Easily accessible by taxi or autorickshaw from Vidisha railway station.
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उदयगिरि में करने के लिए चीजें – Camping
कभी सूर्योदय को पहाड़ों की चोटी से देखने का मन किया है? तो मध्य प्रदेश की विदिशा में स्थित उदयगिरि की गुफाओं के पास कैंपिंग का अनुभव आपके लिए लाजवाब हो सकता है। इन गुफाओं के आसपास का वातावरण शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। रात में आसमान में टिमटिमाते तारों को निहारते हुए इतिहास की कहानियों को महसूस करना, एक ऐसा अनुभव है जिसे आप हमेशा याद रखेंगे। कल्पना कीजिए, सुबह की किरणें पहाड़ों को रंगती हैं और आप गुफाओं के रहस्य को छूने के लिए तैयार खड़े हैं।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹15 for Indians, ₹200 for foreigners (approx.)
- Location: Vidisha, Madhya Pradesh
- How to reach: Vidisha is 43 km from Bhopal. You can reach Bhopal by train or bus and then take a taxi or rickshaw from there to Udayagiri caves.
उदयगिरि के आसपास घूमने की जगह – Varaha Cave (Cave 17)
Places to visit near Udayagiri – Varaha Gufa in Hindi
बचपन में कभी ना कभी हम सबने यही सुना होगा कि भगवान विष्णु ने वाराह अवतार लिया था। लेकिन क्या आपने कभी उस भव्य मूर्ति को देखा है जो इस कहानी को बयां करती है? विदिशा की “उदयगिरि की गुफाओं” में स्थित वाराह गुफा, ऐसी ही एक अदभुत कृति है। गुफा के अंदर जाते ही दायीं ओर हमें वाराह की विशाल मूर्ति नजर आती है। यह मूर्ति बलुआ पत्थर को काटकर बनाई गई है और इसकी मजबूती और कलाकृति देखकर आप दंग रह जायेंगे। वाराह की मूर्ति के नीचे धरती माता की आकृति भी बनी हुई है, जो इस कहानी को और भी सजीव बना देती है। आइये अब इस गुफा के दर्शन के लिए जरूरी जानकारी देखें।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (सभी दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹50 (भारतीयों के लिए) ₹500 (विदेशियों के लिए)
- स्थान: उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा, मध्य प्रदेश
- कैसे पहुंचे: विदिशा रेलवे स्टेशन से टैक्सी या रिक्शे द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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उदयगिरि के पास घूमने की जगह – Shahi Gufa (Cave 18)
बचपन में इतिहास की किताबों में देखी हुई गुफाओं को अपने सामने पाना, एक ऐसा अनुभव है जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। विदिशा की यात्रा पर निकला था, तो वहां उदयगिरि की गुफाओं को देखने का मौका मिला। इन गुफाओं के बीच में से एक है, जिसे ‘शाही गुफा’ के नाम से जाना जाता है। इस गुफा के बाहर तोरणद्वारनुमा आकार बना हुआ है, जो मानो राजा के महल में प्रवेश करा रहा हो। अंदर जाने पर दीवारों पर बनी हुई मूर्तियों और नक्काशियों को देखते हुए ऐसा लगता है मानो वक्त थम गया हो। इन गुफाओं को देखते हुए यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि इन्हें बनाने वाले कलाकार कितने कुशल रहे होंगे।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Time: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹15 for Indians, ₹200 for foreigners
- Location: On the hills of Udayagiri, Vidisha, Madhya Pradesh
- How to reach: One can easily reach from Vidisha railway station by taxi or auto rickshaw.
उदयगिरि में घूमने वाली जगह – Ganesh Gufa
udayagiri mountain – Ganesh Gufa in Hindi
बच्चपन से ही गणेश जी की प्रतिमाएं हर मंदिर में देखी हैं, लेकिन क्या आपने कभी गुफा के अंदर विराजमान गणेश जी की मूर्ति के दर्शन किए हैं? विदिशा की “उदयगिरि की गुफाओं” में ऐसी ही एक खास गुफा है, जिसे गणेश गुफा के नाम से जाना जाता है। इस गुफा में बाल गणेश की एक दुर्लभ मूर्ति विराजमान है, जिसे देश की सबसे प्राचीन बाल गणेश प्रतिमा माना जाता है। कहा जाता है कि द्वितीय शताब्दी ईस्वी पूर्व की इस मूर्ति में गणेश जी को अपने वाहन मूषक के साथ खड़े हुए दर्शाया गया है। यह मूर्ति न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है बल्कि उस दौर की कला शैली की भी झलक दिखाती है।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Time: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹15 for Indians, ₹200 for foreigners
- Location: On the hills of Udayagiri, Vidisha, Madhya Pradesh
- How to reach: One can easily reach by taxi or auto rickshaw from Vidisha railway station.
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उदयगिरि पहाड़ियाँ (udayagiri hills) – Neelkanth Cave
बचपन में इतिहास की किताबों में पढ़ी हुई गुफाओं को सामने देखना, अपने आप में एक रोमांचकारी अनुभव होता है। ऐसा ही अनुभव मिलता है मध्य प्रदेश की विदिशा में स्थित “उदयगिरि की गुफाओं” में। इन गुफाओं में से एक गुफा है नीलकंठ गुफा। इस गुफा के द्वार पर भगवान शिव की विशाल प्रतिमा देखते ही मन में श्रद्धा का भाव जाग उठता है। कहा जाता है कि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय ने इस गुफा का निर्माण करवाया था। गुफा की दीवारों पर बनी हुई नक्काशी कला की उत्कृष्टता का उदाहरण है।
उदयगिरि की गुफाएं के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Time: 9 am to 5 pm
- Entry fee: ₹15 for Indian tourists, ₹200 for foreign tourists
- Location: On the hills of Udayagiri, Vidisha, Madhya Pradesh
- How to reach: Located about 55 km from Bhopal. It can be easily reached by taxi or auto rickshaw from Vidisha railway station.
उदयगिरि की गुफाएं का इतिहास – History of Udayagiri Caves
गौरतलब है कि उदयगिरि की गुफाएं, मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित, अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इन गुफाओं को 5वीं शताब्दी ईस्वी में गुप्तकालीन शासकों द्वारा बनवाया गया था, और ये हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म से जुड़ी कलाकृतियों का खजाना हैं।
इन गुफाओं का उल्लेख प्राचीन साहित्य में भी मिलता है, जैसे कि महाकवि कालिदास की रचना “विक्रमोर्वशीयम्”। इनमें से सबसे प्रसिद्ध गुफा “सिंह गुफा” है, जिसमें भगवान विष्णु के वराह अवतार की विशाल मूर्ति है।
उदयगिरि की गुफाएं न केवल धार्मिक महत्व रखती हैं, बल्कि ये उस समय के स्थापत्य कला और मूर्तिकला का भी उत्कृष्ट नमूना हैं। इन गुफाओं की दीवारों पर बनी मूर्तियां और चित्रकारी, गुप्तकालीन कला और संस्कृति को समझने में हमारी मदद करते हैं।
यदि आप इतिहास और कला में रुचि रखते हैं, तो उदयगिरि की गुफाएं आपके लिए एक अवश्य देखने योग्य जगह हैं।
उदयगिरि की गुफाओं की कुछ प्रमुख विशेषताएं:
- गुप्तकालीन शासकों द्वारा निर्मित
- हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म से जुड़ी कलाकृतियां
- भगवान विष्णु के वराह अवतार की विशाल मूर्ति
- स्थापत्य कला और मूर्तिकला का उत्कृष्ट नमूना
- प्राचीन भारत के इतिहास और संस्कृति को समझने का महत्वपूर्ण स्रोत
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उदयगिरि में होटल – Hotels in Udayagiri
उदाहरण के लिए उदयगिरि में आपके लिए कुछ होटल विकल्प हैं:
- होटल राजावत – सादगी भरे किफ़ायती होटल में बुनियादी सुविधाओं वाले क्वॉर्टर हैं. यहां अनौपचारिक रेस्टोरेंट भी है। ₹975 प्रति रात।
- OYO होटल कोज़ी केव – ₹691 प्रति रात।
- जंगल रिसॉर्ट – 3-स्टार होटल। ₹ कीमत उपलब्ध नहीं है।
- अर्श पैलेस – 3-स्टार होटल। ₹1,257 प्रति रात।
- होटल अप्केशा – ₹1,202 प्रति रात।
उदयगिरि में प्रसिद्ध त्यौहार – Mahashivratri
इसे समझने के लिए उदयगिरि की गुफाएं सिर्फ इतिहास और कला का खजाना ही नहीं हैं, बल्कि यहां साल भर में कई दिलचस्प उत्सव भी मनाए जाते हैं। हालांकि, इन गुफाओं से जुड़ा कोई एक विशिष्ट त्योहार नहीं है, फिर भी यहां मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख उत्सवों का जिक्र करना जरूरी है।
- महाशिवरात्रि: शिवरात्रि के पर्व पर उदयगिरि की गुफाओं में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है। भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए गुफाओं के अंदर स्थित शिवलिंग की पूजा करते हैं। रात भर भजन-कीर्तन का आयोजन होता है, जिससे गुफाओं का वातावरण दिव्य हो जाता है।
- गुप्त नवरात्रि: नवरात्रि के नौ दिनों में से पहले तीन दिन गुप्त नवरात्रि के रूप में मनाए जाते हैं। माना जाता है कि इन दिनों में गुफाओं के गर्भगृह में स्थित देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है।
उदयगिरि की गुफाओं की यात्रा का सबसे अच्छा समय
उदयगिरि की गुफाओं (udaygiri ki gufayen) की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है, और ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही ज्यादा सर्दी।
यहाँ कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखते हुए आप अपनी यात्रा का समय चुन सकते हैं:
- मौसम: यदि आप गर्मी से परेशान नहीं होते हैं, तो आप अप्रैल और मई में भी जा सकते हैं। हालांकि, जून, जुलाई और अगस्त के महीनों में बारिश की वजह से यात्रा करना मुश्किल हो सकता है।
- त्यौहार: दशहरा और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान, उदयगिरि में काफी भीड़ होती है। यदि आप शांत वातावरण में यात्रा करना चाहते हैं, तो इन त्योहारों के समय से बचना बेहतर है।
- व्यक्तिगत पसंद: यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो आप मानसून के दौरान भी जा सकते हैं, जब आसपास का इलाका हरा-भरा होता है।
उदयगिरि कैसे पहुंचे – How to Reach Udayagiri
अगर आप प्राचीन कला और इतिहास के खजाने, उदयगिरि की गुफाओं को देखने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले वहाँ तक पहुँचने का रास्ता जानना ज़रूरी है। तो चलिए, उदयगिरि तक पहुँचने के विभिन्न तरीकों पर एक नज़र डालते हैं:
- सड़क मार्ग: अगर आप सड़क मार्ग से यात्रा करना पसंद करते हैं, तो आप राष्ट्रीय राजमार्ग NH 44 या NH 46 से होते हुए उदयगिरि जा सकते हैं। भोपाल से उदयगिरि की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। टैक्सी या कैब किराए पर लेकर आप लगभग 1-1.5 घंटे में वहां पहुंच सकते हैं। किराया ₹600 से ₹1000 के बीच आने का अनुमान है।
- रेलवे मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन विदिशा जंक्शन है, जो उदयगिरि से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। भोपाल जंक्शन से भी कई ट्रेनें विदिशा जाती हैं। विदिशा जंक्शन से आप ऑटोरिक्शा या टैक्सी लेकर उदयगिरि पहुंच सकते हैं। रेलवे किराया आपके प्रारंभिक स्टेशन के अनुसार अलग-अलग होगा, लेकिन आमतौर पर यह ₹100 से ₹500 के बीच होता है। यात्रा का समय ट्रेन के प्रकार पर निर्भर करता है।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में स्थित राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (BHO) है। भोपाल हवाई अड्डे से आप टैक्सी या कैब किराए पर लेकर उदयगिरि पहुंच सकते हैं। हवाई किराया आपके प्रारंभिक शहर के अनुसार अलग-अलग होगा, लेकिन यह आम तौर पर ₹3000 से ऊपर होता है। यात्रा का समय हवाई यात्रा के समय और फिर सड़क मार्ग से यात्रा करने में लगने वाले समय को मिलाकर होगा।
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निष्कर्ष – Conclusion
सम्पूर्ण रूप से, उदयगिरि की गुफाएं इतिहास, धर्म और कला के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती हैं। गुप्तकालीन स्थापत्य शैली और मूर्तिकला का शानदार प्रदर्शन, इन गुफाओं को “उदयगिरि की गुफाएं” के रूप में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले ऐतिहासिक स्थलों में से एक बनाता है। तो इतिहास के झरोखों में झांकने और प्राचीन कला को करीब से निहारने के लिए, उदयगिरि की गुफाओं की यात्रा अवश्य करें!
उदयगिरि गुफाओं के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. उदयगिरि की गुफाएं मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित हैं।
यह विदिशा शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर, बेतवा नदी के तट पर स्थित हैं।
Ans. उदयगिरि की गुफाएं केवल एक धर्म से संबंधित नहीं हैं, बल्कि हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म तीनों से जुड़ी हैं।यह गुफाएं 5वीं शताब्दी ईस्वी में गुप्तकालीन शासकों द्वारा बनवाई गई थीं, जो उस समय धार्मिक सहिष्णुता के लिए जाने जाते थे।
Ans. उदयगिरि शिलालेखों को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं कि इन्हें किसने अंकित करवाया था।कुछ इतिहासकारों का मानना है कि गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वितीय ने इन शिलालेखों को अंकित करवाया था, जबकि अन्य का मानना है कि ये स्थानीय राजाओं द्वारा करवाए गए थे।
Ans. कुल मिलाकर उदयगिरि में 20 गुफाएं हैं।
Ans. उदयगिरि की गुफाओं के पास कई प्राचीन मंदिर भी हैं, जिनमें भगवान विष्णु, भगवान शिव, देवी दुर्गा और सूर्य देव को समर्पित मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा आप यहां ट्रेकिंग और कैंपिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
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