राजस्थान में घुमने की जगह | Rajasthan me ghumne ki jagah in hindi

यदि आप राजस्थान में घुमने की जगह तलाश कर रहें हैं, तो इसके बारे में सोच कर ही ख्याल आता है, यहाँ की royality, रंग-बिरंगे सांस्कृतिक त्योहारों,अनेको रंगों, महलों, किलों और वीर राजाओ की गाथाओं का, जहाँ अनेको शासक हुये जिन्होंने अपने शासन काल में अनेको किलो, महलों, और हवेलियों का निर्माण करवाया है, और इस भूमि को आक्रमणकारीओं से बचाया है। यहाँ आपको हर शहर में कोई न कोई किला, महल आसानी से देखने को मिल जायेगा। देरी है, तो बस आपके आने की, यदि आप मानसून का मजा लेना चलते हैं। राजस्थान में बन किलो से बाते करना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं, राजस्थान में घुमने की जगह के बारे में।
best tourist places in rajasthan के बारे में, राजस्थान के कुछ ऐसे हिस्से जहाँ आप मानसून हो या winter vacation आप आसानी से घूम सकते हैं। यहाँ मानसून में हर सूखा दरिया मुस्कराने लगता है, और अरावली की पहाड़ियाँ हरे घूंघट में छुप जाती हैं।
Table of Contents
1 जयपुर– गुलाबी नगरी की चमक
राजस्थान में घुमने की जगह में शामिल हैं। जिसे सवाई जय सिंह द्वितीय ने बसाया था। इस शहर को गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता है। बारिश की बूंदों से धूल कर आमेर किला जब दमकता है। तब लगता हैं, मानो इतिहास फिर से जी उठा हो। मानसून में जयपुर की सड़के और महल हरियाली के साथ एयर भी खुबसूरत नज़र आते हैं। Nahargarh Fort से आप मानसून में डूबे जयपुर शहर को आसानी से सकते हैं।
ठंडी हवाओं के साथ जयपुर की सैर एक रॉयल अनुभव बन जाती है। दिसंबर-जनवरी में गुलाबी शहर अपनी पूरी शान में होता है – हवा महल से लेकर सिटी पैलेस तक, सबकुछ ठंडक में और भी आकर्षक लगता है। यह समय shopping और local food trails के लिए भी बेस्ट है। jaipur rajasthan me ghumne ki jagah की बात की जाये तो ये इस प्रकार है-
प्रमुख आकर्षण: हवा महल, सिटी पैलेस, आमेर किला, जल महल, नाहरगढ़ किला, हल्बर्ट हॉल
स्पेशल: कुछ विशेष ज्वेलरी डिजाईन, मीनाकारी वर्क, प्याज कचोरी और सजे हरे रंग- बिरंगे बाज़ार
जयपुर घूमने का सही समय: अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम – घूमने के लिए सर्वोत्तम) इस समय मौसम ठंढा और आरामदायक होता है।
जयपुर का प्रसिद्ध खाना:दाल बाटी चूरमा, प्याज कचोरी, घेवर, गत्ते की सब्जी, मावा कचोरी।
कैसे पहुंचे:
- सड़क मार्ग: जयपुर राष्ट्रीय राजमार्गों (NH48, NH21) से अच्छी तरह जुड़ा है।
- हवाई यात्रा: जयपुर का अपना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है।
- रेल मार्ग: जयपुर रेलवे स्टेशन भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
2 राजस्थान में घुमने की जगह उदयपुर – झील की नगरी

top 5 tourist places in rajasthan में शामिल है उदयपुर। यहाँ की गर्म रेत और रजवाड़ी शान के बीच एक शहर ऐसा भी है, जहाँ पानी की शीतलता और इतिहास की गहराई आपको मंत्रमुग्ध कर देती है। “उदयपुर – झीलों की नगरी” एक ऐसा शहर जिसे झीलों की नगरी नाम से पुकारा जाता है। पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान यहाँ अनेको झीलों से रूबरू होता है।
यह राजस्थान में घुमने की जगह में शामिल एक खूबसूरत शहर है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महलों और शांत झीलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आप पिछोला झील का आनंद ले सकते हैं। यह झील शहर का केंद्रबिंदु है, जिसके चारों ओर महल और हवेलियाँ बनी हुई हैं। इस झील के बीचों-बीच बना लेक पैलेस यह अब एक लग्जरी होटल है।
प्रमुख आकर्षण: सिटी पैलेस, फतेह सागर झील, सहेलियों की बाड़ी, बागोर की हवेली
उदयपुर घूमने का सबसे अच्छा समय
- सर्दियाँ (अक्टूबर से मार्च) – मौसम सुहावना रहता है।
- मानसून (जुलाई से सितंबर) – झीलें लबालब भरी होती हैं, हरियाली दिखती है।
उदयपुर famous food: दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर सांगरी, मिर्ची बड़ा, लाल मांस, मोहनथाल।
कैसे पहुंचें
- हवाई मार्ग: महाराणा प्रताप एयरपोर्ट शहर से लगभग 22 किमी दूर है।
- रेल मार्ग: उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग: उदयपुर अच्छी तरह से NH27 और NH76 जैसे नेशनल हाईवे से जुड़ा है।
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3 राजस्थान में घुमने की जगह जैसलमेर – सुनहरा किला
सुनहरा किला न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के सबसे आश्चर्यजनक ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। राजस्थान पर्यटन का आकर्षण केंद्र पीले बलुआ पत्थर से निर्मित किले को देखकर ऐसा लगता है, मानो थार रेगिस्तान के बीचोंबीच सोने का ताज जड़ दिया गया हो। यह किला best place to visit in rajasthan की सूचि में शामिल है।
अगर किले की वास्तुकला की बात की जाए तो इसकी सुनहरी चमक इसके पीले बलुआ पत्थर से निर्मित होने के कारण आई है। इस किले का प्रवेश द्वार की तो इसे 4 भागों में विभाजित किया गया है जो की इस प्रकार है- चार विशाल दरवाजे अखै पोल, सूरज पोल, हवा पोल और गणेश पोल है। इस किले में 7 अद्भुत मंदिरों का समूह है जो जैन मन्दिर है। यहाँ एक राजमहल है जो की महाराजा का पूर्व निवास स्थान है।
प्रमुख आकर्षण: राजविलास पैलेस,जैन मंदिर समूह,लक्ष्मीनाथ मंदिर।
आसपास के आकर्षण: पटवों की हवेली, सालिम सिंह की हवेली, गडीसर झील।
यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च
जैसलमेर का प्रसिद्ध खाना: मिर्ची बड़ा, मोठे की दाल, बाजरे की रोटी और लहसुन की चटनी, मलाई घोट, घेवर
कैसे पहुंचें:
- सड़क मार्ग: राजस्थान रोडवेज और प्राइवेट बसें जोधपुर, बीकानेर, जयपुर और अहमदाबाद से जैसलमेर के लिए उपलब्ध हैं।
- हवाई मार्ग: जैसलमेर एयरपोर्ट शहर से लगभग 12-15 किमी दूर।
- रेल मार्ग: जैसलमेर रेलवे स्टेशन शहर का मुख्य स्टेशन है, जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
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4 राजस्थान में घुमने की जगह जोधपुर – नीले रंग का शहर

यदि आप एक बेहतर travel destination की तलाश में हैं। जोधपुर आपकी तलाश को पूरा करता है। राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में स्थित जोधपुर, जिसे “नीले शहर” और “सन सिटी” के नाम से जाना जाता है, अपने ऐतिहासिक किलों, नीले घरों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर मेहरानगढ़ किले की वजह से दुनिया भर में मशहूर है।
यहाँ का उम्मेद भवन पैलेस जो की शाही विलासिता के लिये जाना जाता है। इस किले का निर्माण 1929-1943 के बीच महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा। इसकी विशेषता की बात की जाए तो यह दुनिया के सबसे बड़े निजी निवासों में से एक है। इसे अब लग्जरी होटल और संग्रहालय में परिवर्तित किहा गया है। यह अपने मार्बल आर्किटेक्चर और विंटेज कार संग्रह के लिये जाना जाता है।
जोधपुर के प्रमुख आकर्षण: मेहरानगढ़ किला,उम्मेद भवन पैलेस, जसवंत थड़ा, मंडोर गार्डन, घंटाघर और सरदार मार्केट
जोधपुर घूमने का सबसे अच्छा समय –
- अक्टूबर से मार्च (ठंडा मौसम)
- रात का तापमान गर्मियों में भी सुहावना रहता है।
जोधपुर का प्रसिद्ध खाना: मावा कचौड़ी, दाल बाटी चूरमा, लहसुन की चटनी बाजरे की रोटी, मालपुआ, कड़ी पकोड़ा, प्याज कचौरी, राबड़ी।
जोधपुर कैसे पहुंचें
- हवाई मार्ग: यहाँ आप जोधपुर एयरपोर्ट (JDH) शहर से केवल 5 किमी दूर है।
- सड़क मार्ग: जोधपुर NH62 और NH58 से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहाँ आप अपनी कार से भी आ सकते हैं, या राजस्थान परिवहन का भी उपयोग कर सकते हैं।
- रेल मार्ग: जोधपुर रेलवे स्टेशन (JU) भारतीय रेलवे के प्रमुख जंक्शनों में से एक है।
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5 माउंट आबू – राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन

जिसे रेगिस्तान, ऐतिहासिक किलों और रंगीन संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, उसी राज्य में स्थित है एक खूबसूरत हिल स्टेशन – माउंट आबू। यदि आप monsoon me rajasthan me ghumne ki jagah तलाश रहे हैं, तो यह आपके लिये perfact है। राजस्थान में घुमने की जगह में शामिल अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटियों में बसा यह स्थान राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है।
माउंट आबू के ख़ास होने की वजह है, की यह राजस्थान का एक मात्र हिल स्टेशन है।यह चारों तरफ से प्राकृतिक सौंदर्य और झीलों से घिरा हुआ है। स्थान जैन और हिंदू तीर्थस्थलों का केंद्र भी है। यदि आप honeymoon प्लान कर रहें है तो यह हनीमून के लिए आदर्श डेस्टिनेशन है।
माउंट आबू के प्रमुख आकर्षण: दिलवाड़ा जैन मंदिर, नक्की झील, गुरु शिखर, सनसेट पॉइंट, अचलगढ़ किला
माउंट आबू प्रसिद्ध खाना: दिल खुश मालपुआ कॉर्न पकौड़े सांगरी की सब्जी गट्टे की सब्जी राजस्थानी दाल बाटी चूरमा।
माउंट आबू कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर (185 किमी)
- रेल मार्ग: आबू रोड (28 किमी)
- सड़क मार्ग: जयपुर से 500 किमी (8-9 घंटे)
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6 अजमेर – सूफी सैर और शांत वातावरण
राजस्थान के हृदय में बसा अजमेर एक ऐसा शहर है जहां इतिहास, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। यह शहर विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के लिए जाना जाता है। अजमेर अपने शांत वातावरण, ऐतिहासिक स्मारकों और पवित्र झीलों के लिए भी प्रसिद्ध है।अजमेर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिये सुप्रसिद्ध है। यहाँ लोग दूर-दूर से अपनी मनोकामना ले कर आते हैं। यहाँ ऐतिहासिक तारागढ़ किला और अकबर का महल का है। जो लोगो के बीच आकर्षण का केंद्र है। यहाँ आपको अन्ना सागर झील का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है।
अजमेर के प्रमुख आकर्षण: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह,तारागढ़ किला, अकबर का महल और संग्रहालय
अजमेर घूमने का सबसे अच्छा समय:
अक्टूबर से मार्च: मौसम सुहावना रहता है।
जुलाई-अगस्त: हरियाली का मौसम (कम भीड़)।
अजमेर कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा किशनगढ़ एयरपोर्ट (27 किमी)
- रेल मार्ग: अजमेर जंक्शन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता से सीधी ट्रेनें
- सड़क मार्ग: जयपुर से 135 किमी (2.5 घंटे), दिल्ली से 400 किमी (6-7 घंटे), उदयपुर से 275 किमी (5 घंटे)
उदयपुर से 275 किमी (5 घंटे)
7 पुष्कर – आध्यात्म और आस्था का संगम

यदि आप सर्दी में घुमने की जगह राजस्थान में खोज रहे है, तो अजमेर के हृदय में बस पुष्कर एक अच्छा option हो सकता है। पुष्कर वो शहर है जहां आस्था, अध्यात्म और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यह न केवल हिंदुओं का तीर्थ स्थल है, बल्कि विदेशी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। “पुष्कर” का अर्थ होता ही ब्रह्मा जी का मंदिर। पूरे भारत वर्ष में ब्रह्मा जी का ये केवल इकलौता मंदिर है, जो कि पुष्कर में विराजमान है। मंदिर की वास्तुकला और उसकी शांति आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है। अजमेर का यह पुष्कर शहर शामिल है राजस्थान में घुमने की जगह में।
बात करें पुष्कर सरोवर को यहाँ गंगा के समान पवित्र माना जाता है। यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालु यहाँ स्नान करते हैं। यह स्थान आध्यात्मिक अनुभव के लिए प्रमुख है। यहां बना वराह मंदिर भगवान विष्णु के वराह अवतार के लिए जाना जाता है। इस मंदिर की स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण है। यहां एक गुरुद्वारा भी है। जो गुरुद्वारा सिंह सभा के नाम से प्रसिद्ध है।
यह सिख धर्म से जुड़ा पवित्र स्थान में से एक है। यहां का पुष्कर मेला जो कि रंगों और संस्कृति का पर्व है। हर साल अक्टूबर-नवंबर में आयोजित पुष्कर मेला विश्व प्रसिद्ध है। यह एक पशु मेला है इसके अलावा यहां लोक नृत्य, संगीत, ऊँट दौड़, और पारंपरिक हस्तशिल्प की प्रदर्शनी होती है।
पुष्कर में प्रमुख आकर्षण केंद्र:
ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर सरोवर, पुष्कर मेला, सावित्री माता मंदिर वराह मंदिर, यहां केरंगीन बाजार, योग और मेडिटेशन सेंटर, गुरुद्वार सिंह साहेब, विदेशी कैफे और म्यूजिक कल्चर
पुष्कर का प्रसिद्ध खाना: मालपुआ, कचौरी-सब्जी, रबड़ी, गुलगुला, पुष्करी चाय, दाल बाटी चूरमा, भुट्टे का कीस, केला दही
पुष्कर कैसे पहुंचे:
- निकटतम रेलवे स्टेशन: अजमेर जंक्शन (लगभग 15 किमी)
- निकटतम हवाई अड्डा: किशनगढ़ एयरपोर्ट या जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
- सड़क मार्ग: दिल्ली, जयपुर, जोधपुर आदि शहरों से अच्छी सड़क कनेक्टिविटी
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8 किलों और भूतिया महलों की धरती – अलवर
alwar rajasthan me ghumne ki jagah राजस्थान राज्य का एक ऐसा स्थान है। जहां अतीत की गूंज किलो की दीवारों से आज भी लोगों को सुनाई देती है। यह जिला अपनी वीरता, संस्कृति,भव्य किलों और रहस्यों से भरे महलों के लिए जाना जाता है। अलवर शहर में मौजूद भानगढ़ किला जिसे भारत के सबसे भूतिया पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया गया है।
यदि आप Mystery और adventure के शौकीन है, तो आप यहां जा सकते हैं । यह शहर मेवाड़ और मुगलों के संघर्ष का गवाह रहा है और यहां की वास्तुकला, संस्कृति और रहन-सहन में राजपूत व मुगल प्रभाव स्पष्ट दिखता है। भानगढ़ का किला जो कि भारत का सबसे भूतिया किला है। यह किला अलवर से लगभग 85 किमी दूर स्थित है।
यहाँ सूर्यास्त के बाद प्रवेश वर्जित है, क्योंकि इसे “haunted place in India” माना जाता है। इस किले की कहानी से रूबरू होने विदेशी पर्यटक भी आते है।
अलवर के प्रमुख आकर्षण: भानगढ़ का किला, बाला किला, सिटी पैलेस, सरिस्का टाइगर रिज़र्व, मोती डूंगरी और विजय मंदिर, सिलिसेढ़ झील
अलवर famous food: कालाकंद, मठरी, दाल बाटी चूरमा, कदाई की सब्जी, मूंग दाल हलवा
अलवर कैसे पहुँचें?
- निकटतम एयरपोर्ट: जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (150 किमी)
- रेल मार्ग: अलवर रेलवे स्टेशन दिल्ली-मुंबई रूट पर स्थित है।
- सड़क मार्ग: दिल्ली और जयपुर से अलवर सड़क द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- ठहरने की व्यवस्था
अलवर में लग्ज़री होटल्स से लेकर बजट होटलों तक, हर प्रकार की ठहरने की सुविधा उपलब्ध है।
सरिस्का में भी रिसॉर्ट और जंगल लॉज मिलते हैं जो प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श हैं।
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9 बूँदी – चित्रों और बावड़ियों की कहानी
यह राजस्थान का एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत शहर है। यह अपनी प्राचीन चित्रकला, भव्य महलों और रहस्यों से भरी बावड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर अपने ऐतिहासिक महत्व और कलात्मक विरासत के कारण “राजस्थान का छुपा खजाना” माना जाता है। अगर आप ऐसी जगह की तलाश में है जहां इतिहास, कला और शांति तीनों का संगम मिले – तो बूँदी आपके लिए एक आदर्श स्थल है।
बूंदी की प्रसिद्ध चित्रकला
बूंदी की दीवारों, महलों और मंदिरों में आपको जो भित्ति चित्र Fresco Paintings दिखाई देंगे, वे कहीं और नहीं मिलेंगे। इन painting में आपको रामायण और महाभारत के दृश्य, शिकार दृश्य और दरबारी जीवन, कृष्ण लीला और राधा-कृष्ण प्रेम कथा आदि की चित्रकारी देखने को मिलती है। यदि आप कला प्रेमी है और आपको इन चित्रों को देखना है, तो आप गढ़ महल, छत्र महल, रंगमहल,
बूँदी संग्रहालय आप इन जगहों की सैर पर जा सकते हैं।
बूंदी चित्रकला को “Bundi School of Painting” के नाम से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। बूंदी की बावड़ियां न केवल जल संरक्षण का उदाहरण है, बल्कि ये बावड़ियां वास्तुकला का बेजोड़ नमूना भी पेश करता है। प्रमुख बावड़ियाँ की बात की जाए तो इन शामिल है रणजी की बावड़ी, नागर सागर कुंड, दाभाई कुण्ड आदि शामिल है।
बूँदी के प्रमुख दर्शनीय स्थल: गढ़ पैलेस, तारागढ़ किला, नवल सागर झील
बूँदी सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है। रामगढ़ विषधारी अभयारण्य, झीलें और झरने, हरियाली से ढकी अरावली की पहाड़ियाँ।
बूंदी का प्रसिद्ध खाना: बूंदी के लड्डू, मावा मिर्ची, बूंदी रायता, कचौरी-सब्जी, दाल बाटी चूरमा
बूँदी कैसे पहुँचे?
- निकटतम हवाई अड्डा: कोटा (लगभग 40 किमी) या जयपुर एयरपोर्ट (200 किमी)
- रेलवे स्टेशन: बूँदी रेलवे स्टेशन
- सड़क मार्ग: जयपुर, कोटा और उदयपुर से सीधी बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
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10 बारां – जलप्रपात और जंगलों की जादुई धरती

राजस्थान जो कि रेगिस्तान की भूमि है, लेकिन यहां एक ऐसा शहर भी बस हुआ है, जो हरियाली से ढके जंगल, खूबसूरत जलप्रपात waterfalls, ऐतिहासिक किले और आदिवासी संस्कृति– बारां एक ऐसा क्षेत्र है जो कि प्रकृति और शांति की गोद में बस हुआ है।
राजस्थान में प्राकृतिक सौंदर्य और अद्भुत झरनों की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए बारां एक अज्ञात रत्न Hidden Gem है।
बारां राजस्थान के हरित जिलों में से एक है। यहां का वातावरण बारिश के दौरान पूरी तरह हरियाली में डूब जाता है। यहां के घने जंगलों में बेशुमार जड़ी–बूटियां जंगली जीव–जंतु और पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती है।
बारां के प्रसिद्ध जलप्रपात Waterfalls in Baran; काकुनी जलप्रपात Kakuni Waterfall, छपरा जलप्रपात Chhipabarod Waterfall, भगवंतपुरा झरना
काकुनी जलप्रपात Kakuni Waterfall, छपरा जलप्रपात Chhipabarod Waterfall, भगवंतपुरा झरना
बारां आकर्षण केंद्र: शेरगढ़ किला, सिपनी घाटी, wildlife शेरगढ़ और किशनगढ़ के जंगल विशेष रूप से वन्यजीवों के अवलोकन के लिए उपयुक्त हैं। इसके अलावा बारां की आदिवासी संस्कृति, जीवनशैली, लोकगीत, नृत्य और हस्तकला इस क्षेत्र को एक अनूठी पहचान देते हैं।
बारां का प्रसिद्ध खाना: मालपुआ, दाल बाटी चूरमा, बाजरे की रोटी–छाछ, कचौरी-सब्जी, गुड़ की रोटी।
बारां कैसे पहुंचे?
- निकटतम हवाई अड्डा: कोटा (लगभग 110 किमी)
- रेल मार्ग: बारां रेलवे स्टेशन
- सड़क मार्ग: कोटा, झालावाड़, जयपुर और भोपाल से सीधी बसें उपलब्ध है।
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11 राजस्थान में घुमने की जगह – बीकानेर

best places to visit in bikaner, यह शहर अपनी अनूठी सांस्कृतिक विरासत, ऊंटों की शान और लाजवाब मिठाईयों के लिए देश–दुनिया में प्रसिद्ध है। इस शहर की गलियों में इतिहास की खुशबू है, महलों में राजसी ठाठ और बाजारों में मिठास घुली हुई है। बीकानेर को ऊंटों का शहर इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि यह राजस्थान के उन क्षेत्रों में सुमार है, जहां ऊंटों की संख्या सबसे अधिक है।बीकानेर “ऊँट उत्सव” पूरे देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध है। बीकानेर ऊंट उत्सव की विशेषताओं की बात की जाए तो ऊंटों की सजावट की जाती है।
और इनकी परेड निकली जाती है। इसके अलावा यहां पारम्परिक नृत्य और संगीत की व्यवस्था भी होती है। यहां लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियाँ भी दी जाती है। बीकानेर का नाम आते ही जुबान पर एक खास स्वाद आ जाता है — वो स्वाद है भुजिया, रसगुल्ला, घेवर और मोतीचूर के लड्डू का।यहाँ की मिठाइयाँ ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी मशहूर हैं। बीकानेर की प्रसिद्ध मिठाईयों की बात करें तो haldiraam और bikaji जैसी कंपनियों ने बीकानेर को अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
बीकानेर में आकर्षण का केंद्र: जूनागढ़ किला, लालगढ़ पैलेस, करणी माता मंदिर, राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केंद्र, बीकानेरी हवेलियाँ और बाजार
बीकानेर का प्रसिद्ध खाना: बीकानेरी भुजिया जो बीकानेर की शान है इसके अलावा यहां बीकानेरी रसगुल्ला, प्याज कचौड़ी और समोसा, मिर्ची वड़ा, घेवर और मालपुआ, गट्टे और पापड़ की सब्जी।
बीकानेर कैसे पहुँचें?
- सड़क मार्ग: यह शहर अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से आपको यहां के लिए हर जगह से बस, गाड़ी के ऑप्शन मिल जाएंगे
- रेल मार्ग: बीकानेर रेलवे स्टेशन भारत के अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग: नज़दीकी एयरपोर्ट जोधपुर है जो कि बीकानेर से 250 किमी दूर है लेकिन बीकानेर में भी सिविल एयरपोर्ट है।
- बीकानेर घूमने का सही समय
- अक्टूबर से मार्च के बीच यह समय यहां घूमने का सर्वोत्तम है क्योंकि अन्य महीने यहां गरम होते है।
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12 टोंक – उर्दू साहित्य की नगरी
rajasthan me sardiyon me ghumne ki jagah राजस्थान जो अक्सर रेत के टीलों, किलो, महलों और रंग–बिरंगी संस्कृति के लिए जाना जाता है, लेकिन इसी रेगिस्तान में एक शहर ऐसा भी बस है जो कलम, किताब और कलमकारों की पहचान बन चुका है और वो है टोंक। इसे “उर्दू साहित्य की नगरी” कहा जाता हेयर यह उपाधि इसे यूं ही नहीं मिली, बल्कि समृद्ध साहित्य और सांस्कृतिक विरासत की देन है। यह राजस्थान का एकमात्रा शहर था, जहां नवाबी शासन रहा। नवाबों के शासनकाल में यहाँ शिक्षा, संस्कृति और साहित्य को विशेष महत्व मिला।
टोंक की साहित्यिक धरोहर की बात की जाए तो सौदा संग्रहालय यह टोंक का प्रमुख साहित्यिक धरोहर है। जामा मस्जिद टोंक, मदरसा और पुस्तकालय शामिल है। यहां कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संभाल के रखा गया है। टोंक ने कई उर्दू कवियों और लेखकों को जन्म दिया है, जिनमें से कुछ हैं: नवाब वज़ीरुद्दीन हैदर, हकीम सैयद अली शाह, डॉ. साजिद टोंकी आदि।
टोंक साहित्यिक सम्मेलन और आयोजन:
यहाँ उर्दू मुशायरे, कविता गोष्ठियाँ, और साहित्यिक संगोष्ठियाँ नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं, जिनमें देशभर से विद्वान और साहित्य प्रेमी भाग लेते हैं।
टोंक में घूमने की प्रमुख जगहें: सनपाड़ा हवेली, नवाबों की कोठी, बिसालपुर बांध, घंटाघर टोंक, हाथी भाटा, घंटाघर टोंक, हाथी भाटा।
टोंक घूमने का सही समय: अक्टूबर से मार्च का समय टोंक यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और आप साहित्यिक स्थलों के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकते हैं।
टोंक का प्रसिद्ध खाना – नवाबी मटन करी, खिचड़ा, मुग़लई कबाब, नीमचंद की कचौड़ी, गुलाबी शरबत और ठंडाई
टोंक कैसे पहुँचें?
- सड़क मार्ग: जयपुर से 95 किमी दूर NH 52 से जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग: नज़दीकी रेलवे स्टेशन मालपुरा, जयपुर
- हवाई मार्ग: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 90 किमी दूर।
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13 राजस्थान में घुमने की जगह – सवाई माधोपुर
यह केवल अकेला ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों से भरपूर शहर– सवाई माधोपुर, अपने आप में विविधता, रोमांच और सांस्कृतिक गौरव को समेटे हुए है। इसे “रणथंभौर नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार” कहा जाता है, लेकिन यह शहर इससे कहीं अधिक है।
यह शहर कई राजवंशों — चौहान, दिल्ली सल्तनत, मुग़ल और मराठा — का गवाह रह चुका है। यहाँ प्राचीन किलों की दीवारों से लेकर जंगल की रिहायिश तक, हर कोना किसी न किसी कहानी को संजोए हुए है।
प्रमुख विशेषताएं: बंगाल टाइगर को खुले में देखने का दुर्लभ मौका, जैव विविधता से भरपूर तेंदुआ, भालू, नीलगाय, मगरमच्छ आदि
अद्वितीय फ्लोरा और फॉना, 300+ से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ।
सफारी का अनुभव: पार्क में आप जीप या कैंटर सफारी का आनंद ले सकते हैं।
सवाई माधोपुर में आकर्षण का केंद्र: शिल्पग्राम, राजीव गांधी क्षेत्रीय संग्रहालय, चामुंडा देवी मंदिर, सोई माता मंदिर आदि।
सवाई माधोपुर स्थानीय खानपान: यहां के स्थानीय बाजारों में चाय और मिर्ची वडा प्रसिद्ध है इसके अलावा यहां दाल–बाटी–चूरमा, केर–सागरी, गट्टे की सब्जी पसंद की जाती है।
घूमने का सही समय: अक्टूबर से मार्च का समय सवाई माधोपुर घूमने के लिए सबसे अनुकूल होता है। गर्मी में तापमान काफी बढ़ जाता है, जबकि मानसून के दौरान पार्क कुछ समय के लिए बंद रहता है।
कैसे पहुँचें सवाई माधोपुर?
सड़क मार्ग: यह स्थान नेशनल हाइवे से जुड़ा हुआ है आप किसी भी स्थान से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग: सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यह दिल्ली, मुंबई, जयपुर आदि जगहों से जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग: नज़दीकी एयरपोर्ट जयपुर है।
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14 चित्तौड़गढ़ – बलिदान और वीरता की भूमि

यह केवल एक शहर नहीं, बल्कि शौर्य, साहस, स्वाभिमान और सतित्व की अमर कहानी है। यहाँ की हवाओं में आज भी रानी पद्मिनी, महाराणा प्रताप, राणा सांगा और मीरा बाई के चरित्रों की गूंज सुनाई देती है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग एशिया का सबसे बड़ा और भारत के सबसे प्रतिष्ठित किलों में से एक है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है।
चित्तौड़गढ़ के आकर्षण केंद्र: विजय स्तम्भ, जौहर स्थल, रानी पद्मिनी महल, कीर्ति स्तम्भ, कालिका माता मंदिर, गोमुख कुंड और पानी की बावड़ियाँ।
चित्तौड घूमने का सही समय: यहां आप अक्टूबर से मार्च के बीच आ सकते हैं इस समय मौसम सुहाना बना रहता है।
स्थानीय खानपान: गट्टे की सब्जी, केर–सांगरी, मिर्ची वड़ा, घेवर, दाल–बाटी–चूर।
चित्तौड़गढ़ कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग: उदयपुर 120 किमी, कोटा 185 किमी, जयपुर 300 किमी।
रेल मार्ग: चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर (डबोक एयरपोर्ट) 100 किमी दूर है।
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15 राजस्थान में घुमने की जगह – कुंभलगढ़
best time to visit kumbhalgarh की बात की जाए मॉनसून में किले की विशाल दीवारें और आसपास की पहाड़ियाँ हरी-भरी हो जाती हैं, जो सूखे राजस्थान में दुर्लभ नज़ारा होता है। कुंभलगढ़ किला राजस्थान, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक दुर्ग है। यह राजस्थान के राजसमंद जिले में अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों पर स्थित है,rajasthan me sardiyon me ghumne ki jagah और इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में महाराणा कुंभा ने करवाया था। इतिहास में इसे “द अंबिटेबल फोर्ट” (अजेय किला) कहा जाता है, क्योंकि यह कभी भी सीधे हमले से नहीं हारा।
बारिश के समय यहाँ का नज़ारा और भी देखने योग्य होता है। मॉनसून में पहाड़ियाँ हरी-भरी हो जाती हैं, जिससे किले का नज़ारा और भी खूबसूरत लगता है। इस मौसम में पर्यटक कम होते हैं, जिससे आप शांति से घूम सकते हैं।
- कुंभलगढ़ प्रमुख आकर्षण केंद्र: कुंभलगढ़ किला, कुंभलगढ़ वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, मामा-भांजा मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, वेदी मंदिर, पगलिया पोल, कुंभा पैलेस, लाइट एंड साउंड शो, रणकपुर जैन मंदिर।
- कुंभलगढ़ प्रसिद्ध खाना: दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर सांगरी, मोहन माँस, बाजरे की रोटी, मिस्सी रोटी, मावा कचौड़ी
- घमने का सही समय: मॉनसून (जुलाई से सितंबर) – हरियाली का मजा सर्दियाँ (अक्टूबर से मार्च) – कुंभलगढ़ वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी सबसे अच्छा समय
कुंभलगढ़ कैसे पहुँचें?
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा महाराणा प्रताप एयरपोर्ट, उदयपुर
रेल मार्ग: फालना रेलवे स्टेशन – 80 किमी
उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन – 90 किमी
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निष्कर्ष:
राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है, जहाँ हर मौसम की अपनी खास कहानी है। मानसून में यहाँ की धरती हरियाली से मुस्कराती है, तो सर्दियों में इतिहास और संस्कृति की परतें ठंडी हवाओं के साथ खुलती हैं। जयपुर की रौनक, उदयपुर की झीलें, जैसलमेर की रेत, और रणथंभौर के जंगल — सब मिलकर आपकी यात्रा को बना देते हैं राजसी, रोमांचक और अविस्मरणीय।
अगर आप छुट्टियों में कुछ ऐसा चाहते हैं जो दिल को भी सुकून दे और आत्मा को भी रोमांचित करे, तो राजस्थान आपका इंतज़ार कर रहा है — हर मौसम में, हर मोड़ पर।
राजस्थान में घुमने की जगह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि सर्दियों में मौसम ठंडा और यात्रा के लिए अनुकूल होता है। मानसून (जुलाई–सितंबर) में भी कुछ जगहें बेहद सुंदर लगती हैं, जैसे माउंट आबू, उदयपुर और बूँदी।
हाँ, मानसून में राजस्थान जाना सुरक्षित है, लेकिन कुछ सावधानियाँ ज़रूरी हैं। इस मौसम में जयपुर, उदयपुर, माउंट आबू, बूँदी और चित्तौड़गढ़ जैसी जगहें हरियाली और ठंडी हवाओं से भर जाती हैं, जो यात्रा को और भी मनोरम बना देती हैं।
सुबह और रातें ठंडी होती हैं, इसलिए हल्के से लेकर गर्म कपड़े जैसे जैकेट, स्वेटर और स्कार्फ रखना जरूरी है।
बिल्कुल। जयपुर, उदयपुर, माउंट आबू, और पुष्कर जैसे स्थल परिवार और बच्चों के लिए सुरक्षित और मनोरंजक हैं।
नहीं, जुलाई से सितंबर के बीच मानसून के दौरान ये नेशनल पार्क बंद रहते हैं। सफारी के लिए अक्टूबर से जून का समय उपयुक्त है।
हाँ, माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो मानसून और सर्दियों दोनों में बेहद खूबसूरत लगता है।
कम से कम 7–10 दिन का समय रखें ताकि आप 4–5 प्रमुख शहर अच्छी तरह घूम सकें।
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