पहाड़ों की रानी, उत्तराखंड, अपने मनमोहक प्राकृतिक नजारों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस खूबसूरत राज्य में एक ऐसी जगह भी है, जिसे फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है?फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान मानो धरती पर किसी ने फूलों का रंगीन कालीन बिछा दिया हो, फूलों की घाटी वाकई प्रकृति का एक अनोखा चमत्कार है. हर साल जुलाई से सितंबर के महीने के दौरान यहां फूलों का ऐसा अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जो आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. आइए, इस लेख में हम फूलों की घाटी राष्ट्रीय की खूबसूरती, यहां पाए जाने वाले फूलों की विविधता और घूमने के लिए जरूरी जानकारी के बारे में विस्तार से जानते हैं.
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Table of Contents
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के दर्शनीय स्थल – Valley of cheerful flowers
Places to visit in Valley of Flowers National Park – Cheerful Valley of Flowers in Hindi
कभी पहाड़ों की चोटी पर खड़े होकर ऐसा लगा है कि मानो प्रकृति ने रंगों की थैली पलट दी हो? यही अनुभव कराता है उत्तराखंड का फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जिसे “हँसमुख फूलों की घाटी” भी कहा जाता है. जून के अंत से मानसून की शुरुआत होते ही ये घाटी मानो ज़िंदगी से भर उठती है. हर तरफ दूर-दूर तक रंग-बिरंगे फूल खिल उठते हैं, जो सूरज की किरणों में हंसते हुए लगते हैं. कल्पना कीजिए, एक पल सदाबहार बर्फ से ढके पहाड़ और अगले ही पल फूलों का रंगीन समंदर! ये नज़ारा आपको निरुत्तर कर देगा. फोटोग्राफर हों या प्रकृति प्रेमी, हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है ये हँसमुख फूलों की घाटी.
- समय: सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक (नोट: समय मौसम के अनुसार बदल सकता है)
- प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹150, विदेशियों के लिए ₹600
- स्थान: गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड
- कैसे पहुंचे: आप पहले हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून पहुंच सकते हैं. वहां से गौरीकुंड तक टैक्सी या बस मिलती है. गौरीकुंड से फूलों की घाटी तक 19 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है.
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में प्रसिद्ध मंदिर – Hemkund Sahib
कभी सोचा है आप धर्म दर्शन और प्रकृति सैर को एक साथ अनुभव कर सकते हैं? जी हां, उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीयआपको यह अनोखा अवसर देता है. यहीं पर मौजूद है हेमकुंट साहिब, जो सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी का एक पवित्र धर्मस्थल है. इस तीर्थस्थल की खास बात ये है कि ये फूलों से घिरी हुई एक खूबसूरत घाटी में स्थित है. मानसून की शुरुआत के साथ ही रंग-बिरंगे फूल खिल उठते हैं, जो हेमकुंट साहिब के पवित्र वातावरण में चार चांद लगा देते हैं. यहाँ प्रकृति की सुंदरता और आध्यात्मिक शांति का संगम आपको मंत्रमुग्ध कर देगा.
समय: सुबह 7:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक (नोट: समय मौसम के अनुसार बदल सकता है)
प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
स्थान: गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड के अंतर्गत फूलों की घाटी राष्ट्रीय में स्थित है
कैसे पहुंचे: आप पहले हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून पहुंच सकते हैं.
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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पर्यटन स्थल – Valley of Flowers Trek
Tourist Places in Valley of Flowers National Park – Valley of Flowers Trek in Hindi
कभी जीवन में ऐसा ट्रैकिंग का अनुभव करना चाहते हैं, जो आपको फूलों के रंगीन सपनों की दुनिया में ले जाए? तो उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान आपके लिए एकदम सही जगह है. यहां मौजूद “वैली ऑफ फ्लावर्स ट्रेक” न सिर्फ प्रकृति से जुड़ने का शानदार मौका देता है, बल्कि फूलों की अद्भुत विविधता को देखने का भी. ये ट्रैक जून के अंत से सितंबर के मध्य तक खुला रहता है, जो मानसून के दौरान खिलने वाले फूलों की मनमोहक छटा को निहारने का सबसे सही समय होता है. हर कदम पर रंग-बिरंगे फूलों का ऐसा मेला देखने को मिलेगा कि आप खुद को फूलों की परीकथा में खोया हुआ महसूस करेंगे.
- समय: जून अंत से सितंबर मध्य तक (समय मौसम पर निर्भर करता है)
- प्रवेश शुल्क: फूलों की घाटी राष्ट्रीय का प्रवेश शुल्क ही लगता है (भारतीयों के लिए ₹150, विदेशियों के लिए ₹600)
- स्थान: गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड
- कैसे पहुंचे: आप पहले हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून पहुंच सकते हैं. वहां से गौरीकुंड तक टैक्सी या बस मिलती है. गौरीकुंड से फूलों की घाटी तक 19 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है.
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में जाने की जगहें – Hot Springs
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान भले ही ठंडी हवाओं और बर्फ से ढके पहाड़ों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां एक छुपा हुआ आश्चर्य भी है – गरम पानी के चश्मे! जी हां, फूलों की घाटी ट्रैक पर गौरीकुंड नामक जगह पर स्थित हैं ये प्राकृतिक हॉट स्प्रिंग्स. ट्रैकिंग के थकान को दूर करने और खुद को तरोताजा करने के लिए ये गर्म पानी के चश्मे किसी वरदान से कम नहीं हैं. इन चश्मों का गर्म पानी न सिर्फ आपको सुकून देता है, बल्कि माना जाता है कि इसमें औषधीय गुण भी होते हैं. फूलों की रंगीन वादियों के बीच स्थित ये हॉट स्प्रिंग्स आपके ट्रैकिंग अनुभव को और भी यादगार बना देंगे.
- समय: सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (समय बदल सकता है)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: गौरीकुंड, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड
- कैसे पहुंचे: आप पहले हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून पहुंच सकते हैं. वहां से गौरीकुंड तक टैक्सी या बस मिलती है.
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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास पर्यटन स्थल – Villages in the Valley
Tourist Places near Valley of Flowers National Park – Villages in the Valley in Hindi
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की खूबसूरती देखते समय क्या आपने कभी सोचा है कि इतने सारे फूलों की पहचान कैसे हो पाएगी? तो आपकी इसी जिज्ञासा को शांत करने के लिए मौजूद है यहां का वनस्पति उद्यान. फूलों की घाटी के प्रवेश द्वार के पास ही स्थित है ये छोटा सा वनस्पति उद्यान. यहां आपको फूलों की घाटी में पाए जाने वाली विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों की जानकारी मिलेगी. हर फूल के साथ एक छोटी सी तख्ती लगी होती है, जिस पर उसका नाम, वैज्ञानिक नाम और खासियत लिखी होती है. दूर से देखने में जो फूल एक जैसे लगते थे, उनमें से विभिन्न प्रजातियों को करीब से देख पाना वाकई रोमांचक होता है. तो फूलों की घाटी की यात्रा के दौरान वनस्पति उद्यान जाना न भूलें, फूलों की दुनिया के कुछ अनोखे राज़ जानने के लिए.
- समय: फूलों की घाटी राष्ट्रीय के खुलने के समय पर ही (जून अंत से सितंबर मध्य तक)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: फूलों की घाटी राष्ट्रीय के प्रवेश द्वार के पास, गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड
- कैसे पहुंचे: आप पहले हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून पहुंच सकते हैं. वहां से गौरीकुंड तक टैक्सी या बस मिलती है. गौरीकुंड से फूलों की घाटी जाते समय वनस्पति उद्यान रास्ते में ही मिल जाएगा.
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में करने के लिए चीजें – Gori Parbat
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की मनमोहक सुंदरता के पीछे एक दिलचस्प कहानी छिपी है, जिसे गोरी पर्वत से जोड़ा जाता है. मान्यता है कि प्राचीन समय में यहां गौरी नाम की एक परी रहा करती थीं. गौरी को भगवान शिव से अगाध प्रेम था. जब उन्हें पता चला कि भगवान शिव हिमालय में निवास करते हैं, तो वो भी वहां जाने के लिए निकल पड़ीं. लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही उन्हें इतनी तेज सर्दी लग गई कि वो जमकर पत्थर बन गईं.
गौरी के निस्वार्थ प्रेम से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उनके आसपास विभिन्न प्रकार के फूल उगा दिए, जिससे वो हमेशा फूलों से घिरी रहें. तभी से इस जगह को फूलों की घाटी और उस पर्वत को गोरी पर्वत के नाम से जाना जाता है. फूलों की घाटी घूमने के दौरान गोरी पर्वत की कहानी को सुनना, प्रकृति के सौंदर्य को और भी ज्यादा मनमोहक बना देता है.
- समय: फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के खुलने के समय पर ही (जून अंत से सितंबर मध्य तक)
- प्रवेश शुल्क: फूलों की घाटी राष्ट्रीय का प्रवेश शुल्क ही लगता है (भारतीयों के लिए ₹150, विदेशियों के लिए ₹600)
- स्थान: फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड
- कैसे पहुंचे: आप पहले हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून पहुंच सकते हैं. वहां से गौरीकुंड तक टैक्सी या बस मिलती है. गौरीकुंड से फूलों की घाटी जाते समय गोरी पर्वत दिखाई देगा.
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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के आसपास घूमने की जगह – Nanda Devi National Park
Places to visit near Valley of Flowers National Park – Nanda Devi National Park in Hindi
यह फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की पड़ोसन, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ही स्थित एक और रमणीय स्थल है. हालांकि फूलों की घाटी अपनी रंगीन वादियों के लिए जानी जाती है, वहीं नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान हिमालय की ऊंची चोटियों और ग्लेशियरों का घर है. यहां ट्रैकिंग के शौकीनों को रोमांचक अनुभव मिलता है. फूलों की घाटी घूमने आ रहे हैं, तो कुछ ज्यादा दूर जाने के लिए तैयार हैं, तो नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान ज़रूर जाएं. यह दो अलग-अलग तरह के प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव एक ही यात्रा में देगा.
- समय: मार्च से मई और सितंबर से नवंबर के मध्य तक खुल रहता है (समय मौसम पर निर्भर करता है)
- प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹150, विदेशियों के लिए ₹600 (अलग-अलग उद्यानों के लिए शुल्क हो सकता है)
- स्थान: गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड
- कैसे पहुंचें: फूलों की घाटी तक पहुंचने के बाद आपको नंदा देवी के लिए अलग से रास्ता लेना होगा. ऋषिकेश या देहरादून से आप जोशी पहुंच सकते हैं, वहां से नंदा देवी के प्रवेश द्वार तक गाड़ी मिल जाती है.
राष्ट्रीय उद्यान के पास घूमने की जगह – Jungle Safari
यह फूलों की घाटी राष्ट्रीय घूमने आए हैं, तो जंगल सफारी का रोमांच भी जरूर लें. जी हां, फूलों की घाटी के आसपास के क्षेत्रों में वन विभाग द्वारा जंगल सफारी का आयोजन किया जाता है. इन सफारियों के दौरान आप जीप या हाथी की मदद से जंगल के विभिन्न भागों का भ्रमण कर सकते हैं. सफारी के दौरान आप वहां पाए जाने वाले जंगली जानवरों, जैसे कि पहाड़ी गिद्ध, कस्तूरी मृग, भालू और विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देख सकते हैं. जंगल का प्राकृतिक सौंदर्य और जंगली जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अनुभव, फूलों की घाटी की यात्रा को और भी यादगार बना देगा.
समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक (सफारी की अवधि करीब 2-3 घंटे होती है)
प्रवेश शुल्क: वन विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क (लगभग ₹1000 से ₹2000 तक)
स्थान: फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के क्षेत्र (गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड)
कैसे पहुंचे: फूलों की घाटी राष्ट्रीय पहुंचने पर वन विभाग के दफ्तर से सफारी की बुकिंग कराई जा सकती है.
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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में घूमने वाली जगह – Bird Sanctuary
Places to visit in Valley of Flowers National Park – Bird Sanctuary in Hindi
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ फूलों का ही जन्नत नहीं है, बल्कि ये पक्षी देखने वालों के लिए भी स्वर्ग है. जी हां, ये पूरा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पक्षी अभयारण्य भी है. हिमालय की तलहटी में बसे होने की वजह से, यहां प्रवासी पक्षियों सहित विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं. रंग-बिरंगे तीतर, सुनहरी चोंच वाले मोनॉल, ऊंचे आसमान में चक्कर लगाते हुए गिद्ध और खूबसूरत हिमालयन मोनाल को देखना, पक्षी प्रेमियों के लिए किसी सपने के सच होने जैसा होता है. इन पक्षियों की मीठी चहचहाहट के बीच फूलों की खुशबू में घूमना, फूलों की घाटी के अनुभव को और भी मंत्रमुग्ध कर देता है.
- समय: फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के खुलने के समय पर ही (जून अंत से सितंबर मध्य तक)
- प्रवेश शुल्क: फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश शुल्क ही लगता है (भारतीयों के लिए ₹150, विदेशियों के लिए ₹600)
- स्थान: फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, गढ़वाल क्षेत्र, उत्तराखंड
- कैसे पहुंचे: आप पहले हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून पहुंच सकते हैं. वहां से गौरीकुंड तक टैक्सी या बस मिलती है. गौरीकुंड से फूलों की घाटी जाते समय पक्षी देखने का आनंद लिया जा सकता है.
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में होटल – Hotels in Valley of Flowers National Park
यहां कुछ लोकप्रिय होटलों की सूची दी गई है:
- होटल नंदा लोकपाल: यह एक 3-सितारा होटल है जो राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार के पास स्थित है। होटल में वाई-फाई, रेस्तरां, बार, गर्म पानी और 24-घंटे फ्रंट डेस्क जैसी सुविधाएं हैं।
- होटल कुबेर: यह एक 2-सितारा होटल है जो राष्ट्रीय उद्यान के अंदर गहरे स्थित है। होटल में बुनियादी सुविधाएं हैं, जैसे कि गर्म पानी और बिजली।
- होटल हिमालयन हॉलिडेज़: यह एक बजट-अनुकूल होटल है जो राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार के पास स्थित है। होटल में बुनियादी सुविधाएं हैं, जैसे कि गर्म पानी और बिजली।
- होटल प्रीतम: यह एक रेस्तरां वाला गेस्ट हाउस है जो राष्ट्रीय उद्यान के अंदर गहरे स्थित है। गेस्ट हाउस में बुनियादी सुविधाएं हैं, जैसे कि गर्म पानी और बिजली।
- होटल ब्लू पॉपपी: यह एक 2-सितारा होटल है जो राष्ट्रीय उद्यान के अंदर गहरे स्थित है। होटल में वाई-फाई, रेस्तरां और बार जैसी सुविधाएं हैं।
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राष्ट्रीय उद्यान में प्रसिद्ध त्यौहार – Uttarakhandi Bhujia Festival
यह फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान भले ही अपने फूलों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां त्योहारों का भी अपना ही महत्व है. ट्रेकर्स के लिए खुशखबरी ये है कि फूलों की घाटी के आसपास के गांवों में साल भर विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं. इन त्योहारों में हिस्सा लेकर आप उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को करीब से जान सकते हैं. आइए जानते हैं फूलों की घाटी ट्रैक पर पड़ने वाले कुछ प्रसिद्ध त्योहारों के बारे में:
- उत्तराखंडी भुजिया उत्सव (जनवरी): यह त्योहार मकर संक्रांति के पर्व पर मनाया जाता है. इस उत्सव में पारंपरिक भोजन, लोक नृत्य और खेलों का आयोजन किया जाता है.
- बैसाखी (अप्रैल): यह फसल कटाई का त्योहार है, जिसे पूरे उत्तराखंड में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. फूलों की घाटी ट्रैक पर पड़ने वाले गांवों में भी आप इस त्योहार की धूम देख सकते हैं.
- गंगा दशहरा (मई): यह पवित्र नदी गंगा को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन लोग गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं. हालांकि, गंगा नदी फूलों की घाटी से काफी दूर है, लेकिन यहां के गांवों में भी इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है.
राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचे – How to reach Valley of Flowers National Park
यह फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचने के लिए, आपको पहले उत्तराखंड राज्य तक पहुंचना होगा. फिर वहां से थोड़ी ट्रैकिंग करनी होगी. आइए, विभिन्न रास्तों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
- सड़क मार्ग: दिल्ली से फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए सबसे अच्छा विकल्प सड़क मार्ग है. यह लगभग 580 किलोमीटर की दूरी है और इसे पूरा करने में लगभग 16 घंटे लग सकते हैं. आप दिल्ली से हरिद्वार या ऋषिकेश के लिए बस ले सकते हैं, वहां से आपको गौरीकुंड तक जाने के लिए टैक्सी या जीप मिल जाएगी. गौरीकुंड से फूलों की घाटी तक 13 किलोमीटर की ट्रैक है. हरिद्वार से गौरीकुंड तक टैक्सी का किराया लगभग ₹4,000 से ₹5,000 तक हो सकता है.
- वायु मार्ग: हालांकि फूलों की घाटी के पास कोई हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन आप निकटतम हवाई अड्डे, जो कि देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, तक उड़ान भर सकते हैं. देहरादून से गौरीकुंड तक, आप टैक्सी या बस ले सकते हैं. दिल्ली से देहरादून के लिए उड़ान का किराया लगभग ₹3,000 से ₹5,000 तक हो सकता है.
- रेलवे मार्ग: फूलों की घाटी के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में है, जो लगभग 276 किलोमीटर दूर है. ऋषिकेश से गौरीकुंड तक आप टैक्सी या बस ले सकते हैं. दिल्ली से ऋषिकेश के लिए ट्रेन का किराया लगभग ₹500 से ₹1,000 तक हो सकता है.
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फूलों की घाटी का रहस्य – Mystery of the Valley of Flowers
हिमालय की गोद में बसा फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के लिए जाना जाता है। हर साल जून से सितंबर के बीच, यह घाटी रंग-बिरंगे फूलों के कालीन से ढक जाती है, जो पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस घाटी से जुड़े कुछ रहस्य भी हैं जो इसे और भी रोमांचक बनाते हैं?
1. अदृश्य फूल: कहा जाता है कि इस घाटी में कुछ ऐसे फूल भी खिलते हैं जो किसी को भी दिखाई नहीं देते। इन फूलों को “अदृश्य फूल” कहा जाता है और ये केवल भाग्यशाली लोगों को ही दिखाई देते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ये फूल देवताओं का आशीर्वाद हैं, जबकि अन्य का मानना है कि ये जादुई शक्तियों से युक्त हैं।
2. परी की झील: घाटी के अंदर एक छोटी सी झील है जिसे “परी की झील” कहा जाता है। कहा जाता है कि इस झील में परियों का निवास होता है। कुछ लोगों का मानना है कि यदि आप झील के शांत पानी में अपना प्रतिबिंब देखते हैं, तो आप अपनी आत्मा को देख सकते हैं।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
3. रहस्यमय गुफा: घाटी में एक गुफा भी है जिसे “रहस्यमय गुफा” कहा जाता है। इस गुफा के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस गुफा में एक खजाना छिपा हुआ है, जबकि अन्य का मानना है कि यह बुरी आत्माओं का घर है।
4. फूलों की घाटी का अभिशाप: एक पुरानी किंवदंती के अनुसार, फूलों की घाटी पर एक अभिशाप है। कहा जाता है कि जो कोई भी इस घाटी में फूलों को तोड़ता है, वह दुर्भाग्य का शिकार हो जाता है। इसलिए, स्थानीय लोग घाटी के फूलों को छूने से भी डरते हैं।
5. फूलों की घाटी की आत्मा: कुछ लोगों का मानना है कि फूलों की घाटी की अपनी एक आत्मा है। वे कहते हैं कि यह आत्मा घाटी की रक्षा करती है और जो कोई भी यहां गलत इरादे से आता है, उसे दंडित करती है।
निष्कर्ष – Conclusion
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। रंग-बिरंगे फूलों का यह कालीन, पहाड़ों की ऊंचाई और साफ हवा मन को मोह लेती है। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए तो यह किसी सपने के पूरा होने जैसा है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा न सिर्फ आपको प्रकृति के करीब ले जाएगी, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति से भी रूबरू कराएगी। यह जगह आपको यादगार तस्वीरें और जीवन भर सहेजने लायक अनुभव देगी। तो देर किस बात की, इस “फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान” की सैर का कार्यक्रम बनाइए और प्रकृति की खूबसूरती में खो जाइए।
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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. फूलों की घाटी उत्तराखंड राज्य, भारत में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को दिया गया एक लोकप्रिय नाम है। यह घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, रंगीन फूलों और समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।
Ans. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य, भारत में चमोली जिले में स्थित है। यह नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान से सटा हुआ है।
Ans. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जाने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर तक है, जब फूल खिलते हैं। इस दौरान मौसम सुहावना होता है और आसपास के दृश्य मनोरम होते हैं।
Ans. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए, आपको वन विभाग से परमिट प्राप्त करना होगा। आप ऑनलाइन या जोशीmath में वन विभाग कार्यालय से परमिट प्राप्त कर सकते हैं।
Ans. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में मौसम ठंडा रहता है, इसलिए आपको गर्म कपड़े पहनने चाहिए। आपको आरामदायक जूते भी पहनने चाहिए क्योंकि आपको बहुत चलना होगा।