मध्य प्रदेश में स्थित खजुराहो, अपने मंदिरों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह ऐतिहासिक स्थल, अपने वास्तु कला के अद्भुत नमूनों के लिए जाना जाता है, जिन्हें देखने के लिए हर साल हज़ारों पर्यटक आते हैं। यहाँ पर खजुराहो के दर्शनीय स्थल स्थित मंदिरों की खासियत यह है कि ये हिंदू और जैन धर्म दोनों से जुड़े हुए हैं। इन मंदिरों की दीवारों पर बनी हुई मूर्तियाँ, न सिर्फ धार्मिक महत्व को दर्शाती हैं, बल्कि उस समय के समाज, कला और संस्कृति की भी झलक दिखाती हैं। इन मंदिरों में कामुक मूर्तियों को लेकर भले ही काफी चर्चा हो, लेकिन खजुराहो का असली सौंदर्य उसकी कलात्मकता और ऐतिहासिक विरासत में ही छुपा हुआ है। आइये, इस लेख के माध्यम से खजुराहो के दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से जानें।
Top 10] खजुराहो मंदिर का रहस्य | Khajuraho temple history in hindi
Table of Contents
खजुराहो मंदिर का इतिहास – History of khajuraho temple in Hindi
खजुराहो के मंदिर, मध्य प्रदेश राज्य में स्थित, अपनी अद्भुत वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। 9वीं से 13वीं शताब्दी के बीच निर्मित ये मंदिर चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए थे, जो कला और संस्कृति के महान संरक्षक थे।
इन मंदिरों की सबसे खास विशेषता उनकी मूर्तियां हैं, जो कामुकता, दैनिक जीवन, पौराणिक कथाओं और वीरता के दृश्यों का चित्रण करती हैं। इन मूर्तियों को देखकर उस समय के समाज, संस्कृति और जीवनशैली का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हालांकि, इन मूर्तियों के कारण खजुराहो के दर्शनीय स्थल खजुराहो मंदिरों को सदियों से विवादों का सामना करना पड़ा है। कुछ लोगों ने इन मूर्तियों को अश्लील और अनैतिक बताया है, जबकि अन्य ने इन्हें कला का उत्कृष्ट नमूना माना है।
आज, खजुराहो मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक हैं। 1986 में इन्हें यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
खजुराहो मंदिरों का इतिहास हमें उस समय के समाज, संस्कृति और कला के बारे में बहुत कुछ सिखाता है। ये मंदिर न केवल स्थापत्य कला का एक अद्भुत नमूना हैं, बल्कि उस युग की समृद्ध विरासत को भी दर्शाते हैं।
खजुराहो में घूमने की जगह – Kandariya Mahadev Temple
mp khajuraho mandir
khajuraho ki kamuk murti – बचपन की किसी कहानी की तरह, खजुराहो के दर्शनीय स्थल में कंदरिया महादेव मंदिर का एक अलग ही आभामंडल है। दूर से ही इसकी ऊंची शिखरें आसमान को छूती हुई नज़र आती हैं। मंदिर के करीब पहुंचते ही, विस्तृत नक्काशीदार दीवारें मानो इतिहास के झरोखों से कहानियां सुनाने लगती हैं। सीढ़ियां चढ़ते हुए, हर कोना मानो कला का एक नया आयाम खोलता हुआ लगता है। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते वक्त, शिवलिंग के सामने श्रद्धा से शीश झुकाना तो बनता ही है, साथ ही मन में कारीगरों की उस कल्पनाशक्ति को सलाम करने का भाव भी जन्म लेता है जिन्होंने पत्थरों को इतनी जीवंतता से तराशा है।
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹25 for Indians, ₹500 for foreigners
- Location: Khajuraho, Madhya Pradesh
- How to reach: Easily accessible by taxi or autorickshaw from Khajuraho airport.
खजुराहो का प्रसिद्ध मंदिर – Laxman Temple
एक दिलचस्प बात यह है कि खजुराहो दर्शनीय स्थलों की कतार में लक्ष्मण मंदिर, स्थानीय लोगों के बीच अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। कहते हैं गर्मी के दिनों में भी इस मंदिर के आसपास पेड़ों की शीतल छाँव थकान मिटा देती है। मंदिर के बाहर घूमते हुए, आसपास की हरियाली मन को प्रसन्न कर देती है। जैसे ही आप मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं, शांत वातावरण और मंदिर की भव्य वास्तुकला आपको मंत्रमुग्ध कर देती है। करीब से देखने पर, मंदिर की दीवारों पर बारीकी से की गई नक्काशी, उस समय के शिल्पकारों की कलात्मक प्रतिभा का जीता जागता उदाहरण प्रतीत होती है। लक्ष्मण मंदिर की खूबसूरती शोर-शराबे से दूर, शांति के कुछ पल बिताने के लिए एक आदर्श स्थल है।
खजुराहो के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹25 for Indians, ₹500 for foreigners
- Location: Located in the western group of Khajuraho.
- How to reach: Easily accessible by taxi or rickshaw from the main temple complex of Khajuraho.
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खजुराहो के पर्यटन स्थल – Vishwanath Temple
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गौर करने वाली बात यह है खजुराहो दर्शनीय स्थलों की सैर के दौरान, विश्वनाथ मंदिर मानो इतिहास के पन्नों को पलटने का एहसास दिलाता है। मंदिर के बाहर खड़े होकर, उसके ऊपर बनी शिखरों को निहारते हुए, ऐसा लगता है मानो समय थम सा गया हो। जैसे ही आप मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुँचते हैं, जटिल नक्काशी से सजी दीवारें आपको उस युग में ले चलती हैं, जब शिल्पकला अपने चरम पर थी। हॉल के अंदर का वातावरण शांत और पवित्र है, जहाँ श्रद्धालु भक्तिभाव से भगवान शिव के दर्शन कर रहे होते हैं। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई मूर्तियाँ, न सिर्फ धार्मिक कथाओं को बयां करती हैं, बल्कि उस दौर के जीवनशैली की भी झलक दिखाती हैं। विश्वनाथ मंदिर, खजुराहो के दर्शनीय स्थल खजुराहो की धरोहर का एक ऐसा हिस्सा है, जो इतिहास प्रेमियों को जरूर मंत्रमुग्ध कर देता है।
खजुराहो के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹25 for Indians, ₹500 for foreigners
- Location: Located in the western group of Khajuraho.
- How to reach: Easily accessible by taxi or rickshaw from the main temple complex of Khajuraho.
खजुराहो के दर्शनीय स्थल – Devi Jagadamba Temple
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खजुराहो दर्शनीय स्थलों की खोज में, देवी जगदंबा मंदिर एक अनोखा पड़ाव है। कहते हैं इस मंदिर की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है, जितनी इसकी खूबसूरती। आप जैसे ही मंदिर के करीब पहुंचते हैं, उसकी भव्य शिखरें आसमान की ओर उठी हुई नज़र आती हैं। मंदिर के बाहर घूमते हुए, इतिहास की धरोहर को अपने स्पर्श से महसूस कर सकते हैं। जानकार बताते हैं कि इस मंदिर को पहले विष्णु भगवान को समर्पित किया गया था, लेकिन बाद में यहाँ माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित कर दी गई। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर माता के दर्शन करना, मन को एक अजीब सी शांति प्रदान करता है। इतिहास और धर्म का संगम समेटे हुए, देवी जगदंबा मंदिर, खजुराहो के दर्शनीय स्थल की यात्रा को निश्चित रूप से यादगार बना देता है।
खजुराहो के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: आम तौर पर यह मंदिर साल भर बंद रहता है और सिर्फ नवरात्रि के नौ दिनों के लिए खोला जाता है। हालांकि, विशेष अनुष्ठानों के लिए पुजारी से संपर्क किया जा सकता है।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: खजुराहो के पश्चिमी समूह में स्थित है।
- कैसे पहुंचे: खजुराहो के मुख्य मंदिर परिसर से टैक्सी या रिक्शा द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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खजुराहो के पास पर्यटन स्थल – Chitragupta Temple
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इसे समझने के लिए खजुराहो के दर्शनीय स्थल की जटिल सुंदरता के बीच, चित्रगुप्त मंदिर एक अनोखा रत्न है। दूर से ही इसकी लाल बलुआ पत्थरों से बनी मीनारें सूरज की रोशनी में चमकती हुई नजर आती हैं। मंदिर के करीब पहुंचने पर, बारीकी से की गई नक्काशी मानो कहानियाँ सुनाने लगती हैं। कुछ नक्काशी देवी-देताओं को समर्पित हैं, तो वहीं कुछ में उस दौर के लोगों के जीवन की झलकियाँ दिखाई देती हैं। इतिहासकार बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण चित्रगुप्त को समर्पित किया गया था, जो यमराज के गणों के प्रमुख माने जाते हैं। हालाँकि, आजकल मंदिर में सूर्य देव की प्रतिमा विराजमान है। मंदिर की छत पर मौजूद सूर्य की नक्काशी, सूर्य उपासना के प्रचलन की भी निशानी है। कुल मिलाकर, चित्रगुप्त मंदिर, खजुराहो की धार्मिक और कलात्मक विविधता का एक बेहतरीन उदाहरण है।
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹25 for Indians, ₹500 for foreigners
- Location: Located in the eastern group of Khajuraho.
- How to reach: Easily accessible by taxi or rickshaw from the main temple complex of Khajuraho.
खजुराहो के आसपास घूमने की जगह – Dulhadev Temple
आइए अब देखते हैं कि आगे क्या होता है खजुराहो दर्शनीय स्थलों की कतार में, दूल्हादेव मंदिर का एक अलग ही आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहाँ दूल्हे के रूप में दर्शाया गया है। मंदिर के बाहर घूमते हुए, इसकी जटिल नक्काशियां आपका ध्यान खींचती हैं। कुछ नक्काशियां तो मानो पौराणिक कहानियों के पात्रों को जीवंत कर देती हैं, वहीं कुछ में उस समय के लोगों के रीति-रिवाजों की झलक दिखाई देती है। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते वक्त, दूल्हे के रूप में सजे शिवलिंग के दर्शन, मन में एक अनोखी श्रद्धा जगाते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजाओं द्वारा करवाया गया था और माना जाता है कि यह उनके द्वारा बनवाया गया अंतिम मंदिरों में से एक है। इतिहास और कला का संगम समेटे हुए, दूल्हादेव मंदिर खजुराहो की यात्रा को और भी यादगार बना देता है।
खजुराहो के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: ₹25 for Indians, ₹500 for foreigners
- Location: Located in the southern group of Khajuraho.
- How to reach: Easily accessible by taxi or rickshaw from the main temple complex of Khajuraho.
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खजुराहो के पास घूमने की जगह – Parshuram Temple
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आइए अब जानते हैं खजुराहो के दर्शनीय स्थल में परशुराम मंदिर, इतिहास प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। दूर से देखने पर, भले ही ये खंडहर जैसा लगे, लेकिन करीब जाने पर इसकी कहानियां धीरे-धीरे सामने आने लगती हैं। जर्जर मूर्तियों को गौर से देखने पर, उनमें छिपी कलात्मकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इतिहासकार बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी के आसपास हुआ था और इसे भगवान परशुराम को समर्पित किया गया था। हालाँकि, समय के थपेड़ों ने इसे क्षतिग्रस्त कर दिया है, फिर भी ये मंदिर खजुराहो के गौरवशाली इतिहास को बयां करने में अहम भूमिका निभाता है। कहते हैं, परशुराम मंदिर के आसपास की खुदाई में कई महत्वपूर्ण मूर्तियाँ और शिलालेख भी मिले हैं, जो उस दौर की वास्तुकला और धार्मिक मान्यताओं को समझने में मदद करते हैं।
खजुराहो के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 AM to 6 PM (Complex opening hours, no permission to go inside the temple)
- Entry Fee: ₹25 for Indians, ₹500 for foreigners (entry fee into the complex)
- Location: Located in the eastern group of Khajuraho.
- How to reach: Easily accessible by taxi or rickshaw from the main temple complex of Khajuraho.
Khajuraho खजुराहो के दर्शनीय स्थल – Jain Temple
जैसा कि हमने पहले बताया खजुराहो दर्शनीय स्थलों की खास बात ये है कि यहां हिंदू धर्म के साथ-साथ जैन धर्म के भी कई महत्वपूर्ण मंदिर मौजूद हैं। जैन मंदिरों का समूह पूर्वी क्षेत्र में स्थित है, और दूर से ही इनकी शिखरों को आसमान को छूता हुआ देखा जा सकता है। इन मंदिरों की दीवारों पर बनी हुई महीन जाली का काम और जैन धर्म के तीर्थंकरों की सुंदर मूर्तियाँ, कला का एक बेजोड़ नमूना पेश करती हैं। कुल मिलाकर ये जैन मंदिर, खजुराहो की धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं, और जैन धर्म के इतिहास और कला को समझने का एक शानदार अवसर प्रदान करते हैं।
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 5:30 pm
- Entry fee: ₹25 for Indians, ₹500 for foreigners
- Location: Located in the eastern group of Khajuraho.
- How to reach: Easily accessible by taxi or rickshaw from the main temple complex of Khajuraho.
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खजुराहो दर्शनीय स्थल – (Khajuraho Museum
history of khajuraho temple in hindi
अब आइए देखते हैं खजुराहो के दर्शनीय स्थल की यात्रा अधूरी है, अगर आप खजुराहो संग्रहालय ना देखें। इतिहास और कला प्रेमियों के लिए तो ये किसी खजाने से कम नहीं। संग्रहालय के अंदर जाते ही, आपको ऐसा लगेगा मानो समय थम गया हो और आप खजुराहो के सुनहरे अतीत में चल पड़े हैं। यहाँ पर आपको टूटी-फूटी मूर्तियों से लेकर प्राचीन हथियार और सिक्के तक देखने को मिल जाएंगे। इन वस्तुओं को गौर से देखने पर, उस दौर के लोगों की कलात्मक शैली, रहन-सहन और संस्कृति की झलक मिलती है। खजुराहो मंदिरों की प्रसिद्ध मूर्तियों की प्रतिकृतियां भी यहाँ मौजूद हैं, जो असली मंदिरों तक ना पहुंच पाने वाले पर्यटकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। कुल मिलाकर, खजुराहो संग्रहालय, खजुराहो की कलात्मक विरासत को समेटे हुए, आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देता है।
खजुराहो में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 10 AM to 5 PM (Closed Monday)
- Entry fee: ₹15 for Indians, ₹200 for foreigners
- Location: Located near the main temple complex of Khajuraho.
- How to reach: The museum is at walking distance. Alternatively, you can also take the help of rickshaw.
खजुराहो में होटल – Hotels in Khajuraho
Khajuraho खजुराहो में आपके ठहरने के लिए कई बेहतरीन होटल हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- होटल रामायण खजुराहो – 2-सितारा होटल, ₹1,123 प्रति रात।
- होटल मार्बल पैलेस – 2-सितारा होटल, संगमरमर के फर्श और मुफ्त वाई-फाई वाले कमरे, रेस्टोरेंट और लाइब्रेरी, ₹572 प्रति रात।
- खजुराहो होटल्स – ₹1,297 प्रति रात।
- प्रियंका रिसॉर्ट – ₹1,295 प्रति रात।
- मस्टऐश खजुराहो – ₹642 प्रति रात।
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खजुराहो में प्रसिद्ध त्यौहार – Khajuraho Dance Festival
खजुराहो के दर्शनीय स्थल अपने आप में तो मनमोहक हैं ही, लेकिन अगर आप अपनी यात्रा को और भी यादगार बनाना चाहते हैं, तो यहां के किसी प्रसिद्ध त्यौहार के दौरान आने की कोशिश करें।
- फरवरी-मार्च में आएं, तो आप खूबसूरत खजुराहो नृत्य महोत्सव का आनंद ले सकते हैं। देश के प्रसिद्ध कलाकार भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी जैसी शास्त्रीय नृत्य शैलियों की मनमोहक प्रस्तुतियां देते हैं।
- इतिहास और कला के दीवाने हैं, तो नवंबर-दिसंबर में आयोजित होने वाला अंतर्राष्ट्रीय खजुराहो महोत्सव आपके लिए है। कला प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम देखने को मिलेगी।
- रंगों का त्यौहार होली खजुराहो में भी खूब धूमधाम से मनाया जाता है। होली के दौरान आते हैं, तो सड़कों पर उमंग देखने को मिलेगी।
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खजुराहो कैसे पहुंचे – How to reach Khajuraho in Hindi
खजुराहो की मनमोहक यात्रा का प्लान बना रहे हैं? तो सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि आखिर खजुराहो कैसे पहुंचा जाए। घबराइए मत, आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग से आसानी से खजुराहो पहुंच सकते हैं। तो आइए, सबसे पहले जानते हैं हर एक विकल्प के बारे में विस्तार से:
- सड़क मार्ग: खजुराहो सड़क मार्ग द्वारा देश के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अगर आप सड़क यात्रा का रोमांच पसंद करते हैं, तो आप दिल्ली, आगरा, ग्वालियर या झांसी से सड़क मार्ग से खजुराहो पहुंच सकते हैं। किराए की बात करें, तो दिल्ली से खजुराहो तक की टैक्सी का किराया लगभग ₹5,000 से ₹7,000 के बीच हो सकता है। सड़क यात्रा में आपको लगभग 10 से 12 घंटे का समय लग सकता है।
- रेल मार्ग: रेल प्रवास का आनंद लेने वाले यात्रियों के लिए भी खजुराहो अच्छी खबर है। खजुराहो का अपना रेलवे स्टेशन है, हालांकि सभी प्रमुख शहरों से सीधी ट्रेनें नहीं हैं। आप दिल्ली से हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस पकड़ सकते हैं, जो लगभग 10-11 घंटे में खजुराहो पहुंचा देती है। किराया स्लीपर क्लास में लगभग ₹1000 से ₹1500 के बीच हो सकता है।
- हवाई मार्ग: समय की कमी है? तो हवाई जहाज आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है। खजुराहो में एक घरेलू हवाई अड्डा है, जो देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, वाराणसी और आगरा से सीधी उड़ानें खजुराहो के लिए उपलब्ध हैं। हवाई यात्रा सबसे तेज़ विकल्प है, दिल्ली से खजुराहो तक की उड़ान भरने में आपको लगभग 1 घंटे का समय लगेगा। किराया सीजन और एयरलाइन के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन आप लगभग ₹5,000 से ₹10,000 के बीच किराए में टिकट मिल सकती है।
खजुराहो में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit khajuraho in hindi
खजुराहो, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर, अपनी भव्य मंदिरों और कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है। साल भर पर्यटकों को आकर्षित करने वाला यह शहर, मौसम के अनुसार अलग-अलग अनुभव प्रदान करता है।
अक्टूबर से मार्च:
यह खजुराहो घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इन महीनों में मौसम सुहावना होता है, दिन गर्म और रातें ठंडी होती हैं। इस दौरान पर्यटकों की भीड़ कम होती है, जिससे आप मंदिरों का शांति से आनंद ले सकते हैं।
अप्रैल से जून:
गर्मियों के दौरान, तापमान 40°C तक पहुंच सकता है। यदि आप गर्मी बर्दाश्त कर सकते हैं, तो यह कम भीड़ और सस्ते होटलों का लाभ उठाने का समय हो सकता है।
जुलाई से सितंबर:
बरसात के मौसम में, खजुराहो हरा-भरा हो जाता है। हालांकि, भारी बारिश मंदिरों की यात्रा में बाधा डाल सकती है।
यहाँ कुछ त्यौहार और कार्यक्रम हैं जिन पर आप अपनी यात्रा का समय तय कर सकते हैं:
- खजुराहो नृत्य महोत्सव: फरवरी में आयोजित यह त्यौहार शास्त्रीय नृत्य और संगीत का एक शानदार प्रदर्शन है।
- दीपावली: दीपावली के दौरान, मंदिरों को रोशनी से सजाया जाता है और एक विशेष उत्सव होता है।
- होली: होली, रंगों का त्यौहार, खजुराहो में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
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निष्कर्ष – Conclusion
कुल मिलाकर, खजुराहो अपने मंदिरों, कलाकृतियों, इतिहास और संस्कृति के संगम से सराबोर एक अविस्मरणीय स्थल है। प चाहे आप इतिहास buff हों, कला प्रेमी हों, या फिर अध्यात्मिक पर्यटक हों, खजुराहो आपकी यात्रा को अवश्य ही यादगार बना देगा। तो देर किस बात की, पैकिंग शुरू करें और खजुराहो की खूबसूरत गलियों में खो जाने के लिए तैयार हो जाएं!
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खजुराहो के दर्शनीय स्थल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. Khajuraho खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच हुआ था।
यह काल चंदेल राजवंश के शासनकाल का था, जिनके शासकों ने कला और स्थापत्य कला को खूब बढ़ावा दिया। इस दौरान निर्मित 25 से अधिक मंदिरों में से आज भी 22 मंदिर खड़े हुए हैं, जो अपनी भव्यता और अद्भुत शिल्पकारी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
Ans. खजुराहो, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर, अपनी भव्य मंदिरों और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच चंदेल राजवंश के शासनकाल के दौरान बनाए गए 25 से अधिक मंदिरों का घर है। इनमें से 22 मंदिर आज भी खड़े हैं, जो अपनी अद्भुत शिल्पकारी और मैथुन मूर्तियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
Ans. Khajuraho खजुराहो घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। इस दौरान मौसम सुखद होता है और तापमान 20°C से 25°C के बीच होता है।
Ans. खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक शहर है। यह दिल्ली से लगभग 600 किलोमीटर और भोपाल से लगभग 380 किलोमीटर दूर है।
Ans. खजुराहो के मुख्य दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए 2-3 दिन पर्याप्त हैं। यदि आप आसपास के अन्य स्थानों की भी यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको 4-5 दिन चाहिए।
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