क्या आप उत्तराखंड की असीम खूबसूरती को परे झांकने और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव लेना चाहते हैं? तो धारचूला आपके लिए एकदम सही जगह है! यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक रमणीय पहाड़ी शहर है, जो हिमालय की तलहटी में बसा है. पिछले कुछ समय में, “धारचूला में घूमने की जगह” इंटरनेट पर खूब सर्च किया जा रहा है. ऐसे में, आइए इस लेख के माध्यम से धारचूला में घूमने जगह के बारे में जानें, जहाँ आप प्राकृतिक नज़ारों का मज़ा ले सकते हैं, रोमांचक ट्रैकिंग का अनुभव कर सकते हैं और धार्मिक स्थलों में दर्शन कर शांति पा सकते हैं।
Table of Contents
धारचूला के दर्शनीय स्थल – Jauljibi
Places to visit in Dharchula – Jauljibi in Hindi
बचपन में सुनाई देने वाली दादी की कहानियों सी लगती है जौलजीबी. पहाड़ों के बीचों बीच बसा ये छोटा सा गांव मानो समय में खो गया हो. धारचूला से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर स्थित ये गांव अपने अनोखे मंदिरों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है. यहां पहुंचते ही आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं. लकड़ी और पत्थरों से बने पारंपरिक घर, खेतों में काम करते स्थानीय लोग और चारों ओर फैली हरियाली, जौलजीबी की खूबसूरती का असली जादू है.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: धारचूला से 60 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: धारचूला से टैक्सी या जीप द्वारा जौलजीबी पहुंचा जा सकता है.
धारचूला में प्रसिद्ध मंदिर – Pindeshwar Mahadev Temple
पिंडेश्वर महादेव मंदिर धारचूला में घूमने के लिए सबसे पवित्र और मनमोहक स्थलों में से एक है. ये मंदिर एक शांत वातावरण में स्थित है और दूर से ही इसकी भव्यता देखने लायक है. मुझे वहां जाने का मौका कुछ साल पहले मिला था. मंदिर तक पहुंचने के लिए हमने थोड़ी सी चढ़ाई तय की. रास्ते में चारों ओर हरे-भरे पेड़ और पहाड़ों का नजारा देखते हुए थकान भी महसूस नहीं हुई. मंदिर पहुंचने पर शांत वातावरण और पवित्र धाम का अनुभव अतुलनीय था. मंदिर के अंदर भगवान शिव की भव्य प्रतिमा स्थापित है. वहां पूजा-अर्चना करने और धूप-दीप के नजारे के बीच मन को असीम शांति मिली.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: धारचूला से करीब 2 किमी दूर
- कैसे पहुंचे: धारचूला से टैक्सी या स्थानीय बस द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है.
धारचूला के पर्यटन स्थल – Om Parvat
Tourist Places in Dharchula – Om Parvat in Hindi
बचपन की यादों में खो जाइए ओम पर्वत के साथ! सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि धारचूला घूमने आएं तो ओम पर्वत ज़रूर देखें. ये पहाड़ दूर से देखने में परम पूजनीय “ॐ” का आकार लिए हुए नज़र आता है. मान्यता है कि तिब्बत की तरफ जाता हुआ ये रास्ता धार्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. कहते हैं कि इस पर्वत के दर्शन करने से मन को शांति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धूप में नहाया हुआ ये पर्वत अपनी भव्यता से सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है. तो फिर देर किस बात की, धारचूला आएं और ओम पर्वत के दर्शन कर के अपने दिल को सुकून दें.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Time: 6 am to 6 pm
- Entry fee: Free
- Location: 8 km from Dharchula
- How to reach: Taxi or jeep is easily available from Dharchula.
धारचूला में जाने की जगहें – Kali River
नदी के किनारे बैठकर पहाड़ों को निहारना या फिर पानी में कंकड़-पत्थरों से खेलना, यहां हर पल आपको खुशी देगा. शाम के वक्त सूरज ढलने का नजारा काली नदी को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देता है.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Time: 9 am to 6 pm
- Entry fee: Free
- Location: About 8 km from Dharchula
- How to reach: Kali River can be easily reached from Dharchula by taxi or local bus.
धारचूला के पास पर्यटन स्थल – Askot Musk Deer Sanctuary
Tourist Places near Dharchula – Askot Musk Deer Sanctuary in Hindi
बचपन में दादी माँ की कहानियों में सुनते थे, जंगल में कस्तूरी मृग नाम का एक सुंदर हिरण होता है, जिसकी कस्तूरी बड़ी ही कीमती होती है. अगर आप भी असली जिंदगी में इस खूबसूरत जीव को देखना चाहते हैं, तो धारचूला में घूमने के लिए “असकोट कस्तूरी मृग अभयारण्य” ज़रूर जाइए. कहते हैं घने जंगलों के बीच कभी-कभी ये आंख मिचमिचाते हुए दिख जाते हैं. यहाँ विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और जंगली जानवरों का घर है, जहाँ प्रकृति की खूबसूरती को करीब से निहारा जा सकता है. इस अभयारण्य की सैर करते हुए आपको ऐसा लगेगा, जैसे आप किसी रहस्यमयी दुनिया में आ गए हों.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: भारतीय पर्यटकों के लिए ₹20, विदेशी पर्यटकों के लिए ₹50
- स्थान: धारचूला से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है.
- कैसे पहुंचे: धारचूला से टैक्सी या जीप किराए पर लेकर असकोट कस्तूरी मृग अभयारण्य तक पहुंचा जा सकता है.
धारचूला में करने के लिए चीजें – Enjoy Thrilling Activities
यादों से भरी यात्रा का मतलब सिर्फ खूबसूरत नज़ारे देखना नहीं होता, बल्कि रोमांचक अनुभव भी शामिल होते हैं. धारचूला में घूमने के लिए कई ऐसी जगह हैं जहां आप एडवेंचर एक्टिविटीज़ का मज़ा ले सकते हैं. कौर्नली नदी में रिवर राफ्टिंग करते हुए हिमालय की ठंडी हवा का रुँझान महसूस करें या फिर ओम पर्वत की ऊंची चोटी पर ट्रैकिंग करते हुए आसपास के मनमोहक दृश्यों का लुत्फ़ उठाएं. थोड़े ज़्यादा जोख़ लेने के शौकीन हैं? तो माउंटेन बाइकिंग का मज़ा लें. वैसे, ज़ोरों की बारिश के दिनों को छोड़कर आप साल भर इन गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (गतिविधि के आधार पर भिन्न हो सकता है)
- प्रवेश शुल्क: रिवर राफ्टिंग – ₹1000 से ₹2000 तक (अवधि के अनुसार) ट्रैकिंग और माउंटेन बाइकिंग – ऑपरेटर के अनुसार भिन्न
- स्थान: रिवर राफ्टिंग – कौर्नली नदी, धारचूला ट्रैकिंग – ओम पर्वत सहित विभिन्न ट्रेल्स उपलब्ध माउंटेन बाइकिंग – निर्धारित ट्रेल्स पर
- कैसे पहुंचे: धारचूला पहुंचने के बाद स्थानीय टूर ऑपरेटरों से संपर्क करें. वे आपको आवश्यक उपकरण किराए पर देने और गतिविधियों को व्यवस्थित करने में मदद करेंगे.
धारचूला के आसपास घूमने की जगह – Chirkila Dam
Places to visit around Dharchula – Chirkila Dam in Hindi
बचपन में जब भी बारिश होती थी, तो कागज की नाव बनाकर उसे बहते हुए देखने का एक अलग ही मजा आता था. अगर आप भी उन यादों को ताजा करना चाहते हैं, तो धारचूला में घूमने की जगहों में चिरकिला बांध को जरूर शामिल करें. दूर से देखने में ये किसी चमकते हुए नीले शीशे की तरह लगता है. इस बांध के किनारे खड़े होकर आप आसपास के हरे-भरे पहाड़ों को निहार सकते हैं और बांध के शांत पानी में बहती नदी को देखकर मन को सुकून मिलता है. अगर आप भाग्यशाली हैं, तो आपको यहां कुछ स्थानीय बच्चों को कागज की नावें बनाकर खेलते हुए भी देखने को मिल सकता है, जो आपके बचपन की यादों को और भी जगा देगा.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
चिरकिला बांध घूमने की जानकारी
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: Free
- Location: About 8 km from Dharchula
- How to reach: From Dharchula, you can reach Chirkila Dam by taking a taxi or local bus.
धारचूला के पास घूमने की जगह – Narayan Ashram
बचपन की एक याद मुझे आज भी बखूबी याद आती है. गर्मियों की छुट्टियों में मैं अपने दादा जी के साथ धारचूला गया था. वहां घूमने की कई खूबसूरत जगहें थीं, जिनमें से एक थी नारायण आश्रम. ये आश्रम इतना शांत और सुकून देने वाला था कि मुझे वहां से वापस आने का बिल्कुल मन नहीं कर रहा था. चारों तरफ देवदार के घने जंगल और सामने बहती सुएली का संगीत, मानो प्रकृति अपनी ही कोई तान छेड़ रही हो. आश्रम के अंदर एक प्राचीन मंदिर है, जहां की धार्मिक मान्यताएं भी काफी दिलचस्प हैं. अगर आप धारचूला घूमने जा रहे हैं, तो आपको बता दें कि नारायण आश्रम वहां की उन जगहों में से एक है जहां जरूर जाना चाहिए.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: धारचूला से 3 किलोमीटर दूर स्थित मालिंग गांव में
- कैसे पहुंचें: धारचूला से आप टैक्सी या फिर स्थानीय बस द्वारा मालिंग गांव पहुंच सकते हैं. वहां से थोड़ा पैदल चलकर आप नारायण आश्रम पहुंच जाएंगे.
धारचूला में घूमने वाली जगह – Mansar Lake
Places to visit in Dharchula – Mansar Lake in Hindi
बचपन की कहानियों में पढ़ी गई परीलोक जैसी खूबसूरती धारचूला में आपको देखने को मिल सकती है. मनसाखंड जाने वाले रास्ते पर स्थित मनसार झील मानो धरती पर स्वर्ग का टुकड़ा है. चारों ओर से देवदार और बुरांश के घने जंगलों से घिरी ये झील इतनी शांत और खूबसूरत है कि यहां पहुंचते ही आपका मन मोहित हो जाएगा. सूरज की किरणें जब झील के पानी पर पड़ती हैं, तो वो सोने जैसा चमक उठता है. झील के आसपास आप घंटों बैठकर पहाड़ों के नज़ारों का मजा ले सकते हैं और अगर एडवेंचर के शौकीन हैं, तो यहां बोटिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं.
धारचूला में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Time: 9 am to 5 pm
- Entry fee: Free
- Location: 60 km from Dharchula, on the Mansakhand road
- How to reach: Mansar Lake can be reached by hiring a taxi or jeep from Dharchula.
धारचूला का इतिहास – History of Dharchula in Hindi
इसे समझने के लिए धारचूला, उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक खूबसूरत शहर है। यह भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है और अपनी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। धारचूला का इतिहास काफी पुराना और रोचक है।
प्राचीन काल:
धारचूला का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में ‘धौली’ नामक स्थान के रूप में मिलता है। यह माना जाता है कि यह क्षेत्र कत्युरी राजवंश के शासन में था। 8वीं शताब्दी में, यह क्षेत्र कुमाऊं के राजाओं के अधीन आ गया।
मध्यकाल:
मध्यकाल में, धारचूला एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। यह तिब्बत और भारत के बीच व्यापार मार्ग पर स्थित था। यहाँ से ऊन, नमक, और अन्य सामानों का व्यापार होता था।
आधुनिक काल:
18वीं शताब्दी में, गोरखों ने कुमाऊं पर विजय प्राप्त की और धारचूला उनका हिस्सा बन गया। 19वीं शताब्दी में, अंग्रेजों ने गोरखों को हरा दिया और धारचूला ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।
स्वतंत्रता के बाद:
भारत की स्वतंत्रता के बाद, धारचूला उत्तर प्रदेश का हिस्सा बन गया। 2000 में, उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ और धारचूला इस नए राज्य का हिस्सा बन गया।
आज:
आज, धारचूला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहाँ आने वाले पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं, ट्रेकिंग और राफ्टिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं, और स्थानीय संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
धारचूला में होटल – Hotels in Dharchula
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि धारचूला में आपके ठहरने के लिए कुछ बेहतरीन विकल्प:
- हिमालयन बुटीक होटल – 2-सितारा होटल, ₹954 प्रति रात। 350 समीक्षाओं के आधार पर 3.9 की रेटिंग।
- होटल लक्ष्मी लॉज – ₹1,060 प्रति रात। 22 समीक्षाओं के आधार पर 4.3 की रेटिंग।
- केएमवीएन मानस होटल, धारचूला – 3-सितारा होटल। 472 समीक्षाओं के आधार पर 4.0 की रेटिंग।
- होटल न्यू यश धारचूला – प्रति रात की कीमत उपलब्ध नहीं है। 110 समीक्षाओं के आधार पर 3.7 की रेटिंग।
- हिम्तोप होटल धारचूला – प्रति रात की कीमत उपलब्ध नहीं है। 76 समीक्षाओं के आधार पर 3.9 की रेटिंग।
धारचूला घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Dharchula in Hindi
इन महीनों में मौसम सुखद होता है, और घूमने के लिए अनुकूल होता है:
- मौसम:
- गर्मी (मार्च-जून): दिन गर्म होते हैं, और रातें ठंडी होती हैं। मौसम शुष्क होता है, और बारिश कम होती है।
- शरद ऋतु (सितंबर-नवंबर): दिन थोड़े ठंडे होते हैं, और रातें ठंडी होती हैं। मौसम शुष्क होता है, और आसमान साफ रहता है।
- भीड़:
- पीक सीजन (अप्रैल-मई, अक्टूबर): पर्यटकों की संख्या अधिक होती है, और होटल और फ्लाइट टिकट महंगे हो सकते हैं।
- ऑफ-सीजन (जून, सितंबर, नवंबर): पर्यटकों की संख्या कम होती है, और होटल और फ्लाइट टिकट सस्ते हो सकते हैं।
- गतिविधियाँ:
- ट्रेकिंग:
- पिंडारी ग्लेशियर: यह धारचूला से 30 किलोमीटर दूर स्थित एक लोकप्रिय ट्रेकिंग स्थल है।
- कफनी ग्लेशियर: यह धारचूला से 40 किलोमीटर दूर स्थित एक और लोकप्रिय ट्रेकिंग स्थल है।
- राफ्टिंग:
- काली नदी: यह धारचूला से होकर बहने वाली एक नदी है, जो राफ्टिंग के लिए लोकप्रिय है।
- गोरी गंगा नदी: यह धारचूला से 20 किलोमीटर दूर बहने वाली एक नदी है, जो राफ्टिंग के लिए भी लोकप्रिय है।
- ट्रेकिंग:
धारचूला में प्रसिद्ध त्यौहार – Makar Sankranti
आगे बढ़ने से पहले धारचूला की खूबसूरती सिर्फ प्रकृति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां के त्योहार भी दिल को छू लेते हैं. अगर आप धारचूली संस्कृति का असली अनुभव लेना चाहते हैं, तो यहां कुछ ऐसे त्योहार हैं जिनका हिस्सा आप बन सकते हैं:
- मकर संक्रांति: पहाड़ों की गोद में सूर्यदेव के दर्शन और पवित्र नदियों में डुबकी लगाने का अपना ही मजा है. मकर संक्रांति के पर्व पर धारचूला में भी खिचड़ी का भंडारा लगता है और लोग खुशियां मनाते हैं.
- गुघटिया (काले कौवा): उत्तरायणी के मौके पर धारचूला में गुघटिया (काले कौवा) का मेला लगता है. ये एक पारंपरिक उत्सव है, जहां लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते गाते हैं और लोकनृत्य का प्रदर्शन करते हैं. इस मेले में शामिल होकर आप धारचूली संस्कृति की झलक देख सकते हैं.
धारचूला कैसे पहुंचे – How to reach Dharchula
कुदरती सौंदर्य से भरपूर धारचूला दूर जरूर है, लेकिन यहां पहुंचने का सफर भी अपने आप में यादगार बन जाता है. आइए जानते हैं आप धारचूला कैसे पहुंच सकते हैं:
- सड़क मार्ग: धारचूला उत्तराखंड के अन्य शहरों और उत्तर भारत के प्रमुख स्थानों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. दिल्ली से धारचूला तक की दूरी लगभग 338 किमी है. सड़क यात्रा में आपको लगभग 8 से 10 घंटे लग सकते हैं. किराए की टैक्सी या उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें धारचूला तक जाती हैं. ध्यान दें कि सड़क की स्थिति और मौसम के आधार पर यात्रा का समय बदल सकता है.
- वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर में है, जो धारचूला से लगभग 317 किमी दूर है. दिल्ली से पंतनगर के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं. पंतनगर से आप टैक्सी किराए पर लेकर धारचूला पहुंच सकते हैं. हवाई यात्रा निश्चित रूप से समय बचाती है, लेकिन टैक्सी का किराया सड़क यात्रा से थोड़ा अधिक हो सकता है.
- रेल मार्ग: धारचूला का निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर है, जो लगभग 200 किमी दूर है. देश के विभिन्न शहरों से टनकपुर के लिए ट्रेनें चलती हैं. टनकपुर से आप टैक्सी या बस द्वारा धारचूला पहुंच सकते हैं. रेलवे सबसे किफायती विकल्प है, लेकिन ट्रेन से उतरने के बाद आपको सड़क मार्ग से आगे का सफर तय करना होगा.
निष्कर्ष – Conclusion
पहाड़ों की प्यारी सी चोटी धारचूला, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहरों का एक अनूठा खजाना है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ये हिमालयी गांव ट्रैकिंग, दर्शनीय स्थलों की सैर और आध्यात्मिक अनुभवों की तलाश करने वाले पर्यटकों को साल भर अपनी ओर खींचता है. यहां आकर आपको न केवल मनमोहने दृश्य और रोमांचकारी अनुभव मिलते हैं, बल्कि यहां के लोगों की गर्मजोशी और सदाबहार मेहमान نواजी भी दिल को छू लेती है. तो देर किस बात की, अगर आप पहाड़ों की गोद में सुकून के पल बिताना चाहते हैं, तो धारचूला आने की योजना जरूर बनाएं. यकीन मानिए, ये यात्रा आपको जिंदगी भर याद रहने वाली है!
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धारचूला में घूमने जगह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. धारचूला में आप कई रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं, जैसे ट्रेकिंग, राफ्टिंग, कैम्पिंग, और स्थानीय संस्कृति का अनुभव करना।
Ans. विनम्रता से कपड़े पहनें और स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करें।
सनस्क्रीन, टोपी और धूप का चश्मा लगाएं।
पर्याप्त पानी पिएं।
आरामदायक जूते पहनें।
अपनी यात्रा पहले से बुक करें।
गर्म कपड़े लाएँ।
Ans. धारचूला घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का होता है। इन महीनों में मौसम सुखद होता है, और घूमने के लिए अनुकूल होता है।
Ans. धारचूला में आपको स्वादिष्ट स्थानीय भोजन मिलेगा, जिसमें कुमाऊनी भोजन और नेपाली व्यंजन शामिल हैं। कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में शामिल हैं:
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