पहाड़ों को छूने का सपना देख रहे हैं? उत्तराखंड का “मिनी स्विट्जरलैंड” कहे जाने वाला चोपता आपके इस सपने को पूरा करने का एक बेहतरीन ज़रिया है। रुद्रप्रयाग जिले में बसा ये खूबसूरत हिल स्टेशन आपको प्रकृति की मनमोहक छटा के साथ-साथ धार्मिक स्थलों और रोमांचकारी ट्रैकों का भी अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है। देवदार के घने जंगलों से घिरे चोपता में घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें हैं। आइए, इस लेख में हम आपको चोपटा में घूमने वाली जगह के बारे में बताते हैं, जहां घूमने का आनंद आपको सालों याद रहेगा।
Table of Contents
दिसंबर में चोपटा में घूमने की जगहें – Chandrashila
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चोपटा घूमने आए हैं, तो चंद्रशिला चोटी की चढ़ाई का ज़रूर लुत्फ़ उठाएं। ये ना सिर्फ एक रोमांचकारी ट्रेक है, बल्कि यहां से आपको हिमालय की इतनी दिलकश तस्वीर देखने को मिलेगी कि आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। करीब 3690 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंद्रशिला की चोटी तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन यकीन मानिए नज़ारा देखने के बाद सारी थकान पल में दूर हो जाएगी. कहा जाता है कि भगवान राम ने रावण पर विजय के बाद यहीं पर ध्यान लगाया था। तो ज़रा सोचिए, जिस जगह पर खुद भगवान ने विश्राम किया हो, वो कितनी पवित्र और खास होगी!
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक (दिसंबर से फरवरी महीने में बर्फबारी के कारण बंद रहता है)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपता, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चंद्रशिला तक पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको चोपता पहुंचना होगा। ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग होते हुए चोपता तक पहुंचा जा सकता है। चोपता से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी तय करके आप तुंगनाथ मंदिर पहुंचेंगे। यहीं से शुरू होता है चंद्रशिला का 1 किलोमीटर का कठिन लेकिन रोमांचकारी ट्रेक।
चोपटा में प्रसिद्ध मंदिर – Ukimath
गौरतलब है कि चोपटा घूमने आएं तो धार्मिक स्थलों में सबसे ऊंचाई पर स्थित “उकीमठ” मंदिर दर्शन के लिए ज़रूर जाएं। ये मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है, जिसे महादेव का आलीशान धाम भी कहा जाता है। करीब 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से बर्फ से ढके हुए मनमोहक पर्वतमाला का नज़ारा देखने को मिलता है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव ने उर्वशी को श्राप दिया था। शांत वातावरण और धार्मिक मान्यताओं से जुड़े इस मंदिर में आपको आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव होगा।
चोपटा में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (दिसंबर से फरवरी महीने में बर्फबारी के कारण बंद रहता है)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपता – उकीमठ रोड, चोपता, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से उकीमठ मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 6 किलोमीटर का सफर तय करना होगा। आप टैक्सी या फिर पैदल रास्ता चुन सकते हैं। ट्रेकिंग का शौक रखते हैं तो पैदल रास्ता चुनना ज़्यादा बेहतर रहेगा। रास्ते में आपको खूबसूरत पहाड़ और प्रकृति का मनमोहक दृश्य देखने को मिलेगा।
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चोपटा के पर्यटन स्थल – Mandakini River
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चोपता की खूबसूरती का असली मज़ा लेना है, तो मंदाकिनी नदी के किनारे ज़रूर घूमें। पहाड़ों के बीच से बहती यह निर्मल धारा मानो धरती पर स्वर्ग उतार देती है। ठंडे, स्वच्छ पानी में पैर डुबोते हुए, आसपास के हरे-भरे जंगलों और बर्फ से ढके पहाड़ों को निहारना, मन को सुकून देने वाला अनुभव है। कहा जाता है कि मां पार्वती स्वयं इस पवित्र नदी में स्नान किया करती थीं। मान्यता है कि मंदाकिनी के जल में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और मन को शांति मिलती है।
चोपटा में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: आप पूरे दिन (सुबह से शाम) मंदाकिनी नदी के किनारे जा सकते हैं।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपता – गौरीकुंड रोड, चोपता, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से मंदाकिनी नदी तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 28 किलोमीनेटर का सफर तय करना होगा। आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर अपनी गाड़ी से जा सकते हैं।
चोपता उत्तराखंड में घूमने की जगहें – Ghumali
चोपटा घूमने आए हैं, तो थोड़ा ऑफबीट होकर घुमाली की खूबसूरती का भी दीदार कीजिए। ये कोई मंदिर या झील नहीं, बल्कि घने देवदार के जंगलों से घिरा हुआ एक शांत मैदान है। यहां दूर-दूर तक सिर्फ हरे-भरे पेड़-पौधे और पहाड़ों का ही नज़ारा दिखता है। शांत वातावरण और पक्षियों की मीठी चहचहाट आपको शहर की भागदौड़ से दूर एक सुकून भरा अनुभव देगी। पिकनिक मनाने या फिर अपने आप से दिल की बात करने के लिए घुमाली एक बेहतरीन जगह है। यहां आकर आप किताब पढ़ सकते हैं, कैमरे में खूबसूरत तस्वीरें कैद कर सकते हैं या फिर चट्टानों पर बैठकर पहाड़ों को निहारते हुए कुछ पल सिर्फ प्रकृति के सान्निध्य में बिता सकते हैं।
- समय: आप पूरे दिन (सुबह से शाम) घुमाली घूमने जा सकते हैं।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपता – घुमाली रोड, चोपता, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से घुमाली तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 4 किलोमीटर का सफर तय करना होगा। आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर थोड़ा एडवेंचर करते हुए पैदल भी जा सकते हैं।
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चोपटा के पास पर्यटन स्थल – Chaukhuti
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चोपटा घूमने आए हैं, तो प्राकृतिक सौंदर्य का खज़ाना “चौखुटी” देखना ज़रूर जाएं। ये चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ एक ऐसा मनमोहक घास का मैदान है, मानो धरती पर किसी ने हरी चादर बिछा दी हो। यहां पहुंचते ही आपकी सारी थकान दूर हो जाएगी। चोपटा में घूमने वाली जगह, शांत वातावरण, ठंडी हवा और चारों तरफ फैले हरियाली का नज़ारा आपको निरुद्विग्ध कर देगा। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं या फिर फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, तो चौखुटी आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं। यहां आप घास पर लेटकर बादलों को छूने का एहसास ले सकते हैं, मस्ती से पतंग उड़ा सकते हैं या फिर घोड़ों की सवारी का मज़ा ले सकते हैं।
चोपटा में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: आप पूरे दिन (सुबह से शाम) चौखुटी घूमने जा सकते हैं।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपता – चौखुटी रोड, चोपता, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से चौखुटी तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 1.5 किलोमीटर का सफर तय करना होगा। आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर पैदल ही सैर करते हुए जा सकते हैं। रास्ते में आपको खूबसूरत पहाड़ी नज़ारे देखने को मिलेंगे।
चोपता में घूमने की सबसे अच्छी जगहें – Deoria Tal
चोपटा घूमने आए हैं, तो भुलाए नहीं “देवरिया ताल” की खूबसूरती को। ये चोटी पर स्थित एक छोटी सी लेकिन बेहद खूबसूरत झील है। चारों तरफ से देodar के घने जंगलों से घिरी ये झील किसी परीकथा से निकलकर आई लगती है। सूर्य की किरणें जब झील के पानी पर पड़ती हैं, तो वो सोने जैसा चमक उठता है। पहाड़ों की शांत गोद में बसी ये झील ट्रैकिंग करने वालों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है। यहां आकर आप न सिर्फ खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं बल्कि बोटिंग का मज़ा भी उठा सकते हैं।
- समय: आप सुबह से शाम तक देवरिया ताल घूमने जा सकते हैं।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपता – देवरिया ताल रोड, चोपता, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से देवरिया ताल तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 8 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा। आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर ट्रैकिंग करते हुए जा सकते हैं। रास्ते में आपको मनमोहक पहाड़ी नज़ारे और वनस्पति देखने को मिलेगी।
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चोपटा के आसपास घूमने की जगह – Nanda Devi National Park
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चोपटा आने का प्लान बना रहे हैं, तो ज़रूर “नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान” घूमने जाएं। ये उत्तराखंड का प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है, जो चोपटा में घूमने वाली जगह से कुछ ही दूरी पर स्थित है। पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ ये राष्ट्रीय उद्यान वन्य जीवों और वनस्पतियों का ख़ज़ाना है। यहां आपको एशियाई काले भालू, कस्तूरी मृग, हिमालयन मोनाल और थार जैसी दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिल सकती हैं। अगर आप भाग्यशाली हैं, तो आपको ये पशु जंगल के बीच से गुज़रते हुए भी दिख सकते हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान की खास बात ये है कि यहां फूलों की करीब 700 से भी ज़्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। जिनमें से कुछ तो दुर्लभ ऑर्किड फूल भी शामिल हैं। प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीवों को देखने के शौकीन लोगों के लिए ये स्वर्ग से कम नहीं!
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक (नवंबर से मार्च माह तक अधिकांश इलाके बर्फ से ढके होने के कारण बंद रहता है)
- प्रवेश शुल्क: भारतीय पर्यटकों के लिए – ₹150 विदेशी पर्यटकों के लिए – ₹600 (5 से 12 साल के बच्चों के लिए आधी टिकट)
- स्थान: नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, चमोली जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 30 किलोमीटर का सफर तय करना होगा। आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर सरकारी बसों का सहारा ले सकते हैं।
चोपता में झरना – Bhraamkund Lake
चोपटा घूमने आए हैं, तो भ्रमकुंड झील की रहस्यमयी खूबसूरती का दीदार ज़रूर करें। ये झील अपने अलौकिक सौंदर्य और धार्मिक मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस कुंड की गहराई का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मान्यता है कि इस कुंड में परिक्षा देवी का वास है। झील के आसपास का वातावरण बेहद शांत और सुकून देने वाला है। यहां आकर आप न सिर्फ प्राकृतिक छटा का आनंद ले सकते हैं बल्कि पैदल नौका विहार का भी मज़ा उठा सकते हैं।
चोपटा में घूमने की जगह के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: आप सुबह से शाम तक भ्रमकुंड झील घूमने जा सकते हैं।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चोपता – भ्रमकुंड झील रोड, चोपता, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से भ्रमकुंड झील तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 17 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा। आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर थोड़ी मेहनत करके ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। रास्ते में आपको खूबसूरत पहाड़ी नज़ारे और वन्यजीव देखने को मिल सकते हैं।
चोपता हिल स्टेशन – Tungnath
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चोपता घूमने आए हैं, तो धार्मिक महत्व रखने वाले “तुंगनाथ” मंदिर के दर्शन ज़रूर करें। ये दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिरों में से एक है। समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि चोपटा में घूमने वाली जगह यहां पर महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी। मंदिर की खास बात ये है कि यहां से आप न सिर्फ मनमोहक पर्वत श्रृंखलाओं का नज़ारा देख सकते हैं बल्कि त्रिशूल चोटी का भी दर्शन कर सकते हैं। अध्यात्मिक शांति की अनुभूति के साथ-साथ ये जगह ट्रैकिंग करने वालों को भी खूब आकर्षित करती है।
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 3 बजे तक (मई से अक्टूबर के महीनों में ही दर्शन किए जा सकते हैं, बाकी समय भारी बर्फबारी के कारण मंदिर बंद रहता है)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: तुंगनाथ मंदिर, चोपता – तुंगनाथ रोड, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड
कैसे पहुंचे: चोपता से तुंगनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 4 किलोमीटर का कठिन लेकिन रोमांचकारी ट्रैक पूरा करना होगा।
चोपटा में होटल – Hotels in Chopta
आपकी पसंद और बजट के अनुसार, यहां कुछ विकल्प दिए गए हैं:
चोपता में ठहरने की जगहें किफायती विकल्प:
- होटल वुडन उम्ब्रेल्ला – ₹1,120 प्रति रात। 203 समीक्षाओं के आधार पर 4.5 की औसत रेटिंग।
- होटल कमला सदन – ₹941 प्रति रात (सामान्य से 46% कम)। 4 समीक्षाओं के आधार पर 5.0 की औसत रेटिंग।
मध्यम श्रेणी के विकल्प:
- अगस्त्य कैफे & होमस्टे – ₹950 प्रति रात। 547 समीक्षाओं के आधार पर 4.9 की औसत रेटिंग।
- माउंटेन होम स्टे – ₹1,573 प्रति रात। 10 समीक्षाओं के आधार पर 4.7 की औसत रेटिंग।
लक्जरी विकल्प:
- गैलेक्सी होटल – ₹2,016 प्रति रात। 70 समीक्षाओं के आधार पर 3.3 की औसत रेटिंग।
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चोपटा में प्रसिद्ध त्यौहार- Nanda Devi Raj Jat Yatra
जैसा कि हमने देखा चोपटा की खूबसूरती सिर्फ नज़ारों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां मनाए जाने वाले लोकप्रिय त्योहार भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। इन त्योहारों में ना सिर्फ उत्तराखंड की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है, बल्कि स्थानीय लोगों के साथ मिलकर जश्न मनाने का भी अनूठा अनुभव प्राप्त होता है। तो आइए, जानते हैं चोपटा के कुछ प्रसिद्ध त्योहारों के बारे में:
- तुंगनाथ मंदिर मेला: हर साल सावन के महीने में (आमतौर पर जुलाई-अगस्त में) भगवान शिव को समर्पित तुंगनाथ मंदिर में भव्य मेला लगता है। इस दौरान दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मेले में पारंपरिक नृत्य, लोकगीत और स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ़ उठाया जा सकता है।
- नंदा देवी राज जात यात्रा: यह उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जो चोपटा में घूमने वाली जगह में भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान माता नंदा देवी की डोली को विभिन्न गांवों में घुमाया जाता है। भक्तिभाव से सराबोर इस यात्रा में शामिल होना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
- मकर संक्रांति: जिसे उत्तराखंड में “घुघुतिया” के नाम से जाना जाता है, इस फसल कटाई के त्योहार को चोपटा में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पतंगबाजी, पारंपरिक खेल और लोकनृत्य इस त्योहार की खासियत हैं।
चोपटा कैसे पहुंचे – How to reach Chopta
चाहे आप पहाड़ों की हसीन वादियों में घूमना चाहते हैं, चाहे धार्मिक स्थलों के दर्शन करने की इच्छा रखते हैं, तो उत्तराखंड का चोपटा आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है। लेकिन सबसे पहला सवाल जो मन में आता है, वो है वहां तक पहुंचने का रास्ता। तो चलिए, अब विस्तार से जानते हैं चोपता पहुंचने के विभिन्न मार्गों के बारे में:
1. सड़क मार्ग (Roadways):
चोपटा सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। चोपटा में घूमने वाली जगह आप दिल्ली, ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से टैक्सी किराए पर लेकर या फिर सरकारी बसों द्वारा चोपता पहुंच सकते हैं।
- दिल्ली से चोपता: दिल्ली से चोपता की दूरी लगभग 590 किलोमीटर है। सड़क मार्ग द्वारा चोपता पहुंचने में लगभग 14 से 16 घंटे का समय लग सकता है। किराया ₹5,000 से ₹7,000 के बीच (टैक्सी के प्रकार के आधार पर) तक हो सकता है।
- ऋषिकेश से चोपता: अगर आप पहले ऋषिकेश घूमना चाहते हैं, तो वहां से भी आप आसानी से चोपता पहुंच सकते हैं। ऋषिकेश से चोपता की दूरी लगभग 190 किलोमीटर है। सड़क मार्ग द्वारा चोपता पहुंचने में लगभग 6 से 7 घंटे का समय लग सकता है। किराया ₹2,000 से ₹3,000 के बीच (टैक्सी के प्रकार के आधार पर) तक हो सकता है।
2. हवाई मार्ग (Airways):
चोपता के सबसे निकटतम हवाई अड्डा Jolly Grant Airport है, जो देहरादून में स्थित है। देहरादून से चोपता लगभग 220 किलोमीटर दूर है।
- देहरादून हवाई अड्डे से चोपता: हवाई जहाज से देहरादून पहुंचने के बाद, आप वहां से टैक्सी किराए पर लेकर चोपता पहुंच सकते हैं। हवाई किराया आपकी यात्रा की तिथि और बुकिंग के समय पर निर्भर करता है। टैक्सी का किराया लगभग ₹3,000 से ₹4,000 के बीच हो सकता है और चोपता पहुंचने में लगभग 6 से 7 घंटे का समय लग सकता है।
3. रेलवे मार्ग (Railways):
जैसा कि हमने देखा चोपता का निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में है। हरिद्वार से चोपता लगभग 225 किलोमीटर दूर है।
- हरिद्वार रेलवे स्टेशन से चोपता: हरिद्वार पहुंचने के बाद, आप वहां से टैक्सी या बस द्वारा चोपता पहुंच सकते हैं। रेलवे का किराया आपके प्रारंभिक स्टेशन और डिब्बे के प्रकार पर निर्भर करता है। टैक्सी का किराया लगभग ₹3,000 से ₹4,000 के बीच हो सकता है और चोपता पहुंचने में लगभग 6 से 7 घंटे का समय लग सकता है।
चोपता घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit chopta in Hindi
एक दिलचस्प बात यह है कि चोपता उत्तराखंड राज्य में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ट्रेकिंग ट्रेल्स और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चोपता घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है।
- गर्मियों (अप्रैल-जून) में मौसम सुहावना होता है, जिसमें दिन में तापमान 20°C से 25°C तक और रात में 10°C से 15°C तक होता है। यह ट्रेकिंग और अन्य बाहरी गतिविधियों के लिए एक आदर्श समय है।
- मानसून (जुलाई-अगस्त) में भारी बारिश होती है, जिससे ट्रेकिंग और अन्य गतिविधियां मुश्किल हो सकती हैं।
- सर्दियों (दिसंबर-फरवरी) में मौसम ठंडा होता है, जिसमें तापमान 0°C तक गिर सकता है। हालांकि, बर्फ से ढके पहाड़ों के शानदार दृश्य देखने का यह एक अच्छा समय है।
निष्कर्ष – Conclusion
कुल मिलाकर, चोपटा उन लोगों के लिए स्वर्ग है जो प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थलों, रोमांचक ट्रैकिंग और शांत वातावरण का आनंद लेना चाहते हैं। उम्मीद है कि इस लेख में दी गई जानकारी ने आपको यह तय करने में मदद की होगी कि चोपटा में घूमने वाली जगह आपकी अगली यात्रा के लिए एक आदर्श स्थान है या नहीं। पर्वतों की गोद में बसा ये खूबसूरत गांव आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। तो देर किस बात की, अपना बैग पैक करें और चोपटा घूमने की योजना बनाएं!
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चोपटा में घूमने वाली जगह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. चोपटा उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है। यह 2680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और बर्फ से ढके पहाड़ों, देवदार के जंगलों और मनोरम घाटियों से घिरा हुआ है।
Ans. चोपटा घूमने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक का होता है। इन महीनों में मौसम सुखद होता है और आसपास के पहाड़ों के शानदार दृश्य देखने को मिलते हैं।
Ans. चोपटा में ट्रेकिंग, कैंपिंग, राफ्टिंग, मछली पकड़ना और पक्षी देखना जैसी कई गतिविधियां कर सकते हैं। आप यहां के शांत वातावरण में आराम भी कर सकते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
Ans. चोपटा उत्तराखंड में “मिनी स्विट्जरलैंड” के नाम से प्रसिद्ध है। ये अपनी मनमोहक सुंदरता, ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़ों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए जाना जाता है। चोपटा धार्मिक स्थलों से भी भरपूर है, यहाँ प्रसिद्ध तुंगनाथ मंदिर स्थित है। इसके अलावा, ये ट्रैकिंग और पिकनिक मनाने के शौकीनों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। तो चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों, धार्मिक यात्रा करना चाहते हों या फिर रोमांच पसंद करते हों, चोपटा आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है।
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