क्या आप प्रकृति की खूबसूरती के बीच खो जाना चाहते हैं? क्या आप कॉफी की सुगंध से भरपूर हवा में सांस लेना चाहते हैं? तो चिकमगलूर आपके लिए एकदम सही जगह है! कर्नाटक के पश्चिमी घाटों में बसा यह खूबसूरत हिल स्टेशन “कॉफी लैंड” के नाम से प्रसिद्ध है। यहां हरे-भरे कॉफी के बागान, ऊंचे पहाड़, शांत झरने और आकर्षक मंदिर मिलते हैं. ट्रैकिंग के शौकीनों से लेकर इतिहास प्रेमियों तक, चिकमगलूर हर तरह के यात्री को आकर्षित करता है. तो आइए, इस लेख में हम चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल के बारे में जानते हैं!
Top 14] कर्नाटक के हिल स्टेशन | Best hill stations in Karnataka in Hindi
Table of Contents
चिकमंगलूर में घूमने के लिए सर्वोत्तम स्थान – Kudremukh National Park
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चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहाँ घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें हैं, जिनमें से एक है कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान। यह 600 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है, और यह विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों का घर है। यहाँ आप बाघ, हाथी, चित्ते, हिरण, बंदर, और पक्षियों सहित कई जानवरों को देख सकते हैं। उद्यान में घने जंगल, ऊंचे पहाड़, गहरी घाटियां, और शानदार झरने भी हैं।कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान ट्रेकिंग, कैम्पिंग, और वन्यजीव सफारी के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो यह आपके लिए एकदम सही जगह है।
कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:
- Timings: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
- Entry fee: ₹50 प्रति व्यक्ति
- Location: चिकमंगलूर जिले से 90 किलोमीटर दूर
- How to reach: आप बस या टैक्सी से उद्यान तक पहुंच सकते हैं।
चिकमंगलूर में प्रसिद्ध मंदिर – Manikarnika Temple
बचपन की यादों को जगाता है चिकमगलूर का मणिकर्णिका मंदिर! स्कूल की छुट्टियों में दादी-नानी के किस्से सुनते हुए, अक्सर मंदिरों के रहस्य और प्राचीन मूर्तियों के बारे में सुनकर मन में कौतूहल पैदा होता था। चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल की खोज में अगर आप भी इतिहास और अध्यात्म के संग सफर करना चाहते हैं, तो मणिकर्णिका मंदिर जरूर जाएं। माना जाता है कि इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर की दीवारों पर बनी नक्काशी और शिलालेख आपको उस दौर की कला और संस्कृति से रूबरू कराएंगे।
चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक (हर दिन)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: बाबाबुडनगिरी पहाड़ियों पर
- कैसे पहुंचे: चिकमगलूर शहर से टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
चिकमंगलूर के पर्यटन स्थल – Shravanabelagola
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चिकमगलूर की खूबसूरती तो आपने देख ही ली, अब जरा सीढ़ियों की खनक सुनिए! जी हां, चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल आएं तो श्रवणबेलगोला जरूर जाइए। बचपन में तो मुश्किल से कुछ ही सीढ़ियां चढ़ पाते थे, पर अब श्रवणबेलगोला की 57 फुट ऊंची बाहुबली की मूर्ति को देखने के लिए, हजारों सीढ़ियां चढ़ने का भी मजा आता है। पहाड़ों के बीच विराजमान ये दिगंबर जैन मूर्ति न केवल कला का बेजोड़ नमूना है, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का भी प्रतीक है। श्रवणबेलगोला जाते समय रास्ते में हरी-भरी पहाड़ियां और जैन धर्म से जुड़े प्राचीन मंदिर भी देखने को मिलते हैं।
- समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक (हर दिन)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: हासन जिले में, चिकमगलूर से लगभग 80 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचे: चिकमगलूर से बस या टैक्सी द्वारा श्रवणबेलगोला आसानी से पहुंचा जा सकता है।
चिकमंगलूर में घूमने के लिए सर्वोत्तम स्थान – Jog Falls
मानसून की खिली धूप और चारों तरफ फैले हरे मैदानों के बीच अगर आप ज़ोरदार धुआंधार देखना चाहते हैं, तो चिकमगलूर से जोग फॉल्स का रास्ता पकड़ लीजिए! बरसात के दिनों में तो मानो ये झरना अपना रौद्र रूप दिखाता है। वैसे तो कभी भी जाएं, जोग फॉल्स निराश नहीं करेगा। 253 मीटर की ऊंचाई से गिरता हुआ पानी इतनी तेज आवाज करता है कि दूर से ही सुनाई देने लगता है। नदी के किनारे खड़े होकर इस फॉल्स को निहारना, और पानी की बूंदों को चेहरे पर महसूस करना, एक ऐसा अनुभव है जो जिंदगी भर याद रहेगा। फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी ये किसी जन्नत से कम नहीं!
चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (हर दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹20 (भारतीयों के लिए) ₹400 (विदेशियों के लिए)
- स्थान: शिमोगा जिले में, चिकमगलूर से लगभग 100 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचे: चिकमगलूर से बस या टैक्सी द्वारा जोग फॉल्स आसानी से पहुंचा जा सकता है।
चिकमंगलूर के पास पर्यटन स्थल – Agastya Lake
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चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल, तो फिर थोड़ा आगे बढ़कर अगस्त्य झील जरूर देखिएगा। यकीन मानिए, ये वो पल हैं जिन्हें आप उम्र भर संजो कर रखेंगे। पहाड़ों से घिरी ये खूबसूरत झील किसी शांत सपने जैसी लगती है। पहली बार यहां आने पर ऐसा लगेगा जैसे वक्त थम सा गया हो। चारों तरफ फैले पेड़-पौधे झील में अपना उल्टा सीधा रूप दिखाते हैं, और दूर पहाड़ों की नीलिमा झील के पानी में घुलने लगती है। अगर आप थोड़े एडवेंचर के मूड में हैं, तो बोटिंग का मज़ा भी ले सकते हैं। वैसे, किनारे पर बैठकर किताब पढ़ने या पिकनिक मनाने का अपना ही अलग सुकून है।
- समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक (हर दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹10 (भारतीयों के लिए) ₹50 (विदेशियों के लिए)
- स्थान: चिकमगलूर से लगभग 35 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचें: चिकमगलूर से बस या टैक्सी द्वारा अगस्त्य झील आसानी से पहुंचा जा सकता है।
चिकमंगलूर में घूमने लायक जगहें – Arabic Ghat
चिकमगलूर घूमने आए हैं तो फिर थोड़ी एडवेंचर की खुराक भी ले लीजिए! अरेबिक घाट, चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल किसी चुनौती से कम नहीं। याद है बचपन में जब हम पहाड़ों पर चढ़ने की जिद करते थे? वही रोमांच, वही खूबसूरत नज़ारा, बस फर्क इतना कि अब हम बड़े हो गए हैं। पहाड़ों की कच्ची सड़कें और घने जंगल, ये सब मिलकर अरेबिक घाट को ट्रैकिंग के शौकीनों का जन्नत बना देते हैं। यहां से सूर्योदय का नज़ारा देखना किसी सपने से कम नहीं लगता। हवाओं के झोंकों को महसूस करते हुए, नीचे देखते वक्त हरी घाटियों का नज़ारा मन को मोह लेता है।
चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: पूरे दिन खुला रहता है
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चिकमगलूर शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचे: चिकमगलूर शहर से टैक्सी या जिप किराए पर लेकर अरेबिक घाट तक पहुंचा जा सकता है। रास्ते में गाड़ी चलाने का अनुभव भी अपने आप में खास है।
चिकमंगलूर के आसपास घूमने की जगह – Mullayanagiri Peak
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बचपन का वो सपना, पहाड़ों की सबसे ऊंची चोटी पर खड़े होकर दुनिया को अपने नीचे देखने का, क्या चिकमगलूर में पूरा कर लिया जाए? तो जवाब है हां! चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल , मुल्लायनागिरि शिखर। कर्नाटक की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करना अपने आप में एक यादगार अनुभव होगा। पहाड़ों की कच्ची रास्तों पर चलते हुए, दूर-दूर तक फैले हरे-भरे खेत और खूबसूरत गांवों को देखना, आपको प्रकृति से जुड़ाव का एक अलग ही एहसास कराएगा। यहां से सूर्यास्त का नज़ारा देखना किसी पेंटिंग से कम नहीं! तो क्या आप इस चुनौती के लिए तैयार हैं?
- समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (हर दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹100 (प्रति व्यक्ति)
- स्थान: चिकमगलूर जिले में
- कैसे पहुंचे: चिकमगलूर शहर से बस या टैक्सी द्वारा मुल्लायनागिरि पहुंचा जा सकता है। वहां से आगे ट्रेक शुरू होता है। ट्रेकिंग के लिए गाइड लेना बेहतर रहता है।
चिकमंगलूर में घूमने की जगहें – Hebbe Falls
याद हैं वो बारिश वाले दिन, जब कागज की नाव बनाकर बहते हुए पानी में छोड़ते थे? चिकमगलूर में घूमने वाली जगहों में से एक है, हेब्बे फॉल्स, जो आपको बचपन की यादों में डुबो देगा। जंगल के बीच से रास्ता बनाती हुई ये नदी, बरसात के दिनों में एक ऊंचे शिलाखंड से नीचे गिरकर हेब्बे फॉल्स का रूप ले लेती है। फॉल्स का गिरता हुआ पानी इतना तेज होता है कि मानो आसपास सब कुछ धुंधला हो जाता है। इसीलिए मानसून के अलावा यहां जाने का सही समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच का होता है, जब पानी का बहाव थोड़ा कम हो जाता है। फॉल्स के आसपास की हरियाली और शांत वातावरण आपको पिकनिक मनाने के लिए भी आमंत्रित करता है।
चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक (हर दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹20 (प्रति व्यक्ति)
- स्थान: केंममनगुंडी से लगभग 10 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचे: चिकमगलूर शहर से टैक्सी या जिप किराए पर लेकर केंममनगुंडी पहुंचा जा सकता है। वहां से फिर स्थानीय टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा हेब्बे फॉल्स तक पहुंचा जा सकता है।
चिकमंगलूर में घूमने लायक – Talakaveri
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चिकमगलूर घूमने आए हैं, तो फिर पश्चिमी घाटों की खूबसूरती का भी लुत्फ उठा लीजिए! दूर-दूर तक फैले हरे-भरे पहाड़ और उन पर उगते चाय के बागान, तलकवेरी का नज़ारा ऐसा है, जिसे देखकर आप मंत्रमुग्ध रह जाएंगे। कहा जाता है कि ये वही जगह है, जहां से कावेरी नदी निकलती है। इतिहास और प्रकृति का संगम समेटे हुए ये स्थल, तन और मन दोनों को सुकून देता है। अगर आप भाग्यशाली हैं, तो यहां कुछ दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों को भी देख सकते हैं। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं।
चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक (हर दिन)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: चिकमगलूर जिले से लगभग 80 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुंचे: चिकमगलूर शहर से बस या टैक्सी द्वारा तलकवेरी आसानी से पहुंचा जा सकता है।
चिकमंगलूर में होटल – Hotels in Chikamangalu
जैसा कि हमने पहले बताया चिकमंगलूर में आपके ठहरने के लिए कई बेहतरीन होटल हैं। आपकी पसंद और बजट के अनुसार, यहां कुछ विकल्प दिए गए हैं:
- होटल राजमहल – ₹702 प्रति रात। 181 समीक्षाओं के आधार पर 3.9 की रेटिंग।
- होटल सफायर – ₹568 प्रति रात। 100 समीक्षाओं के आधार पर 3.0 की रेटिंग।
- होटल रेड ब्लू – ₹745 प्रति रात। 110 समीक्षाओं के आधार पर 4.5 की रेटिंग।
- होटल खुलकर सराय – ₹681 प्रति रात। 3-सितारा होटल। 274 समीक्षाओं के आधार पर 3.6 की रेटिंग।
- होटल सम्राट – ₹560 प्रति रात। 2-सितारा होटल। सुविधा भरे कमरे, मुफ्त वाई-फाई और पार्किंग। 3130 समीक्षाओं के आधार पर 4.0 की रेटिंग।
चिकमंगलू में प्रसिद्ध त्यौहार – Kailash Fair
चिकमगलूर की खूबसूरती सिर्फ घूमने वाली जगहों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां मनाए जाने वाले त्योहार भी दिल को छू लेते हैं। इन त्योहारों में शामिल होकर, आप स्थानीय लोगों की संस्कृति और परंपरा को करीब से जान सकते हैं। तो चलिए, चिकमगलूर के कुछ प्रसिद्ध त्योहारों की झलक देखें –
- सुग्गी हब्बा (Sugi Habba): अप्रैल-मई के महीनों में मनाया जाने वाला यह फसल कटाई का त्योहार है। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। रंगारंग कार्यक्रमों और पारंपरिक नृत्यों का आयोजन होता है।
- कैलाश फेयर (Kailash Fair): भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाने वाला यह मेला हर साल चिकमगलूर में आयोजित किया जाता है। मेले में दुकानें लगती हैं, भंडारे होते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- दिवाली (Diwali): रोशनी के पर्व दिवाली को चिकमगलूर में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। घरों को सजाया जाता है, दीप जलाए जाते हैं और लोग मिठाईयां बांटते हैं।
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चिकमंगलूर कैसे पहुंचे – How to reach Chikmagalur
चिकमंगलूर, कर्नाटक के पश्चिमी घाटों में बसा एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। दिल्ली से चिकमगलूर पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं, आइए देखते हैं इनके बारे में –
1. हवाई मार्ग (Airways):
दिल्ली से चिकमगलूर के लिए सीधी हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा मैसूर (150 किमी दूर) या मैंगलोर (210 किमी दूर) में है। आप दिल्ली से इनमें से किसी एक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर सकते हैं और फिर वहां से टैक्सी या बस द्वारा चिकमगलूर पहुंच सकते हैं।
- समय: दिल्ली से मैसूर या मैंगलोर तक हवाई यात्रा का समय लगभग 2 से 3 घंटे का है।
- किराया: दिल्ली से मैसूर या मैंगलोर तक हवाई किराया ₹5,000 से ₹10,000 के बीच हो सकता है (बुकिंग के समय और सीजन के हिसाब से भिन्न हो सकता है)।
2. रेल मार्ग (Railways):
दिल्ली से चिकमगलूर के लिए सीधी रेलगाड़ी नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेशन कदूर (60 किमी दूर) है। आप दिल्ली से कदूर के लिए ट्रेन ले सकते हैं और फिर वहां से टैक्सी या रिक्शा द्वारा चिकमगलूर पहुंच सकते हैं।
- समय: दिल्ली से कदूर तक रेल यात्रा का समय लगभग 30 से 36 घंटे का है।
- किराया: दिल्ली से कदूर तक ट्रेन का किराया आपकी चुनी हुई श्रेणी के अनुसार भिन्न हो सकता है। सामान्य श्रेणी में किराया लगभग ₹1,000 से ₹1,500 के बीच हो सकता है।
3. सड़क मार्ग (Roadways):
दिल्ली से चिकमगलूर तक सड़क मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है। यह रास्ता लगभग 2,122 किमी लंबा है और इसे पूरा करने में लगभग 36 घंटे लग सकते हैं। रास्ते में कई खूबसूरत जगहें हैं जहां आप रुक सकते हैं और आराम कर सकते हैं।
- समय: दिल्ली से चिकमगलूर तक सड़क यात्रा का समय यातायात की स्थिति के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन सामान्य तौर पर 36 घंटे का समय लग सकता है।
- किराया: दिल्ली से चिकमगलूर तक सड़क यात्रा का किराया आपकी गाड़ी के माइलेज और ईंधन की कीमतों के आधार पर भिन्न हो सकता है।
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चिकमंगलूर में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit in Chikmagalur in Hindi
चिकमंगलूर, “कॉफी की भूमि” के नाम से जाना जाने वाला, कर्नाटक का एक मनोरम हिल स्टेशन है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप चिकमंगलूर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि घूमने का सबसे अच्छा समय कब है।
अक्टूबर से मार्च:
यह चिकमंगलूर घूमने का सबसे लोकप्रिय समय है। इस दौरान, मौसम सुहावना होता है, तापमान 10°C से 25°C के बीच रहता है। आसमान साफ रहता है, जिससे आप शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यह ट्रेकिंग, कैम्पिंग और अन्य बाहरी गतिविधियों के लिए भी एक आदर्श समय है।
अप्रैल से मई:
गर्मियों के महीनों में, तापमान 30°C तक पहुंच सकता है। हालांकि, कम भीड़ और सस्ते होटल के कारण यह कुछ पर्यटकों के लिए आकर्षक हो सकता है। यदि आप गर्मी बर्दाश्त कर सकते हैं, तो यह जलप्रपातों का आनंद लेने का एक अच्छा समय हो सकता है, क्योंकि वे इस अवधि में अधिक बहते हैं।
जून से सितंबर:
यह बरसात का मौसम है, और भारी बारिश हो सकती है। जमीन धोखाधड़ी हो सकती है, इसलिए ट्रेकिंग और अन्य बाहरी गतिविधियों से बचना सबसे अच्छा है। हालांकि, यदि आप शांत वातावरण पसंद करते हैं और हरियाली का आनंद लेना चाहते हैं,
निष्कर्ष – Conclusion
तो लीजिए, चिकमगलूर घूमने के लिए तैयार हैं आप? पहाड़ों की ऊंचाइयों से लेकर हरियाली भरे बागानों और धुआंधार झरनों तक, चिकमगलूर में घूमने वाली हर जगह आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। इतिहास और प्रकृति का संगम समेटे हुए ये शहर, रोमांच और सुकून दोनों का अनुभव कराता है। अगली बार जब आप कर्नाटक घूमने का प्लान बनाएं, तो चिकमगलूर को अपनी यात्रा कार्यक्रम में जरूर शामिल करें। विश्वास कीजिए, चिकमगलूर की खूबसूरत यादें आपकी जिंदगी भर आपके साथ रहेंगी।
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चिकमंगलूर के दर्शनीय स्थल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सावल (FAQ)
Ans.चिकमंगलूर भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक जिला और शहर है। यह पश्चिमी घाट की तलहटी में स्थित है, और कॉफी के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।चिकमंगलूर बेंगलुरु से लगभग 250 किलोमीटर दूर है। आप बस, ट्रेन, या हवाई जहाज से यहाँ पहुंच सकते हैं।
Ans. चिकमंगलूर में घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें हैं, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध जगहें हैं:
मुल्लायनगिरि:पश्चिमी घाटों की सबसे ऊँची चोटी, मुल्लायनगिरि ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।हेब्बे फॉल्स:250 फीट से गिरने वाला यह झरना अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है।
Ans. चिकमंगलूर घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है और घूमने में मजा आता है।
Ans. चिकमंगलूर में सभी बजट के लिए कई होटल और रिसॉर्ट्स उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार होटल चुन सकते हैं।
Ans. स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करने के लिए किसी गांव की यात्रा करें।
एक आयुर्वेदिक मालिश का आनंद लें।
चिकमगलूर के प्रसिद्ध कॉफी बागानों में से एक की यात्रा करें।
सूर्यास्त देखने के लिए किसी पहाड़ी की चोटी पर जाएं।
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