प्रकृति की गोद में बसा हुआ उत्तराखंड का एक रमणीय पर्वतीय स्थल, पिथौरागढ़, अपनी मनमोहक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह हिमालय की दूधिया चोटियों से घिरा हुआ है, विशेष रूप से पंचाचूली शिखर जो सोंस जैसी हरी-भरी घाटी को देखते हैं। यहाँ बहती नदियाँ और जंगलों को चीरती झरने प्रकृति प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। पिथौरागढ़ समुद्र तल से 1645 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह अपने समनाम जिले का मुख्यालय है। यह कुमाऊँ क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और म Milam ग्लेशियर और दारमा घाटी के ट्रेक के लिए शुरुआती बिंदु के रूप में प्रसिद्ध है। आइए, इस लेख में हम पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल और रोमांचक गतिविधियों के बारे में जानें।
Table of Contents
पिथौरागढ़ के दर्शनीय स्थल – Dharchula
Places to Visit in Pithoragarh – Dharchula in Hindi
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल आपको सिर्फ प्राकृतिक नज़ारों से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अनुभव भी प्रदान करता है। धारचूला तो ऐसे ही एक रत्न जैसा स्थान है। तिब्बती सीमा के पास बसा ये गांव अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां के रंग-बिरंगे घर, गर्मजोशी से भरे स्थानीय लोग और बौद्ध मठों की शांति आपको सम्मोहित कर देगी। धारचूला में घूमते हुए आपको तिब्बती शरणार्थियों द्वारा स्थापित बाज़ार भी देखने को मिलेंगे, जहां आप हस्तशिल्प और ऊनी कपड़ों की खरीदारी कर सकते हैं।
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- Timings: 9 am to 6 pm
- Entry fee: Free
- Location: Northern part of Pithoragarh district, near the Indo-Tibet border
- How to reach: Taxis or government buses run from Pithoragarh city to Dharchula.
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पिथौरागढ़ में प्रसिद्ध मंदिर – Arjuneshwar Temple
जैसा कि हमने पहले बताया पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल इतिहास और आध्यात्म का संगम भी है। ऐसे ही एक रत्न हैं अर्जुनेश्वर मंदिर। पिथौरागढ़ शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर नाचोली गांव में स्थित ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। किंवदंतियों के अनुसार, पांडवों में से एक अर्जुन ने ही इस शिवलिंग की स्थापना की थी। मंदिर की वास्तुकला पहाड़ी शैली में बनी हुई है और काले पत्थरों से तराशी गई है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग विराजमान है। मंदिर प्रांगण में ही माता पार्वती और हनुमान जी की भी सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। यहाँ का शांत वातावरण और धार्मिक महत्व पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेता है।
- Time: 6 am to 7 pm
- Entry fee: Free
- Location: Nacholi village, 8 km from Pithoragarh
- How to reach: Nacholi village can be reached by taxi or local bus from Pithoragarh.
पिथौरागढ़ के पर्यटन स्थल – Pithoragarh Fort
Tourist Places in Pithoragarh – Pithoragarh Fort in Hindi
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल इतिहास प्रेमियों के लिए भी किसी जन्नत से कम नहीं है। यहाँ का “पिथौरागढ़ किला” जिसे “लंदन फोर्ट” के नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ी चोटी पर स्थित है। इस किले की ऊंचाई से पूरे शहर का नजारा देखना अपने आप में एक अविस्मरणीय अनुभव है। किले की दीवारों को छूते हुए हवा में बहते हुए आप मानो इतिहास के झरोखों से झांकने लगते हैं। किले के अंदर मौजूद तोप और युद्ध सामग्री उस वक्त के राजाओं के शौर्य की गाथा गाती हैं। यहाँ आकर ऐसा लगता है मानो हम उन राजा-महाराजाओं के दरबार में पहुँच गए हों। आइए, अगले पैरों में हम किले के खुलने के समय, प्रवेश शुल्क और स्थान के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (सभी दिन)
- प्रवेश शुल्क: ₹15 (भारतीयों के लिए), ₹100 (विदेशियों के लिए)
- स्थान: पिथौरागढ़ शहर के मध्य
- कैसे पहुँचे: पिथौरागढ़ बस स्टेशन से टैक्सी या रिक्शा द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
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पिथौरागढ़ में जाने की जगहें – Nagali
अब आइए देखते हैं पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए तो स्वर्ग है ही, साथ ही आध्यात्मिक शांति की तलाश करने वालों को भी अपनी ओर खींच लेता है। नागली गाँव, पिथौरागढ़ से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको घने जंगलों और चाय के बागानों से होकर गुजरना होगा। रास्ते में मिलते हुए खूबसूरत पहाड़ और दूर-दूर गाते हुए पक्षी आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। गाँव के बीचोबीच स्थित प्राचीन नागनाथ मंदिर, शिव भक्तों के लिए किसी तीर्थस्थान से कम नहीं है। मंदिर की शांत वातावरण और पहाड़ों की गूंजती हुई ध्वनि मन को असीम शांति प्रदान करती है।
- समय: मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: पिथौरागढ़ से 25 किलोमीटर दूर नाचोमी गाँव के पास
- कैसे पहुँचे: पिथौरागढ़ बस स्टेशन से नाचोमी के लिए टैक्सी या साझा टैक्सी मिल जाती है। वहाँ से नागली गाँव तक पैदल या फिर स्थानीय जिप से पहुँचा जा सकता है।
पिथौरागढ़ के पास पर्यटन स्थल – Jhulaghat
Tourist Places Near Pithoragarh – Jhulaghat in Hindi
कभी सीमा पर खड़े होने का अनुभव किया है? पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल आपको वो रोमांच जरूर देगा। झूलाघाट, पिथौरागढ़ से लगभग 6 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा सा गाँव है। यहाँ भारत और नेपाल की सीमा का पता लगाने वाली काली नदी बहती है। इस नदी पर बना हुआ झूलता हुआ पुल, जिसे झूलाघाट कहा जाता है, पार करते समय ऐसा लगता है मानो हम आसमान में चल रहे हों। पुल के नीचे तेज रफ्तार से बहती नदी और दोनों तरफ खड़े ऊँचे पहाड़ नदी के किनारे बसे गाँवों को समेटे हुए, किसी खूबसूरत पेंटिंग से कम नहीं लगते।
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- समय: हमेशा खुला रहता है।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: पिथौरागढ़ से 6 किलोमीटर दूर काली नदी पर
- कैसे पहुँचे: पिथौरागढ़ बस स्टेशन से टैक्सी या लोकल बस द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
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पिथौरागढ़ में करने के लिए चीजें – Deeping
एक दिलचस्प बात यह है कि पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल रोमांच पसंद यात्रियों के लिए भी किसी जन्नत से कम नहीं है। दीपिंग ऐसे ही एक रोमांचक एडवेंचर की तलाश करने वालों के लिए स्वर्ग है। यह पिथौरागढ़ से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा सा गाँव है। यहाँ से शुरू होता है मल्लीगाँव जाने का रास्ता, जो कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रारंभिक बिंदु भी है। दीपिंग गाँव की खासियत है कि यह तीन तरफ से गहरी खाई से घिरा हुआ है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले सड़क खत्म होने के बाद पैदल चलना होगा, फिर रास्ते में एक डरावना झूला पार करना पड़ता है। हालाँकि, इस सारे रोमांच के बाद दीपिंग की मनमोहक सुंदरता और शांत वातावरण आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
- समय: हमेशा खुला रहता है।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: पिथौरागढ़ से 70 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुँचे: पिथौरागढ़ बस स्टेशन से मल्लीगाँव जाने वाली जिप मिल जाती है। दीपिंग गाँव तक जाने के लिए आपको कुछ दूर पैदल चलना पड़ सकता है।
पिथौरागढ़ के आसपास घूमने की जगह – Sorang Valley
Places to Visit Near Pithoragarh – Solang Valley in Hindi
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल घूमने आए हैं, तो फिर सोरंग घाटी की खूबसूरती को देखना तो भूल ही गए! पिथौरागढ़ से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह घाटी, मानो धरती पर स्वर्ग का टुकड़ा हो। यहाँ पहुँचने के लिए आपको घुमावदार सड़कों से होते हुए जाना होगा। रास्ते में आपको स्थानीय गांव, खेतों में काम करते किसान और चारों तरफ फैले हरे-भरे जंगल देखने को मिलेंगे। घाटी तक पहुँचते ही दूर तक फैले खेत, उनके बीच से बहती हुई सोर नदी और पहाड़ों की रंग-बिरंगी चोटियाँ आपका मन मोह लेंगी। यहाँ की ताजी हवा और शांत वातावरण आपको तनाव दूर कर देगा।
- समय: हमेशा खुला रहता है।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: पिथौरागढ़ से 30 किलोमीटर दूर सोर नदी के किनारे
- कैसे पहुँचे: पिथौरागढ़ बस स्टेशन से सोबला गाँव के लिए टैक्सी मिल जाती है। वहाँ से आगे सोरंग घाटी तक जीप या फिर पैदल रास्ता है।
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पिथौरागढ़ के पास घूमने की जगह – Malla Jajor
जैसा कि हमने देखा पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल इतिहास और आधुनिकता के संगम का भी गवाह है। मल्ला जाजोर गाँव, पिथौरागढ़ से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित है। यह गाँव अपने प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की स्थापत्य कला पहाड़ी शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है। मंदिर की दीवारों पर बनी हुई नक्काशी और मूर्तियाँ आपको कला की दुनियां में खो देंगी। वहीं, गाँव के पास स्थित प्राचीन गुफाएँ इतिहास प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं। इन गुफाओं में दीवारों पर बनी हुई चित्रकारी उस समय के जीवन शैली की झलक दिखाती हैं। मल्ला जाजोर आधुनिकता का भी स्पर्श लिए हुए है। यहाँ से कुछ ही दूर पर स्थित है पिथौरागढ़ का एयरपोर्ट, जो पहाड़ों के बीच विमानों को उतरते-उतरते देखने का एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है।
- समय: जगन्नाथ मंदिर: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। गुफाएं: हमेशा खुली रहती हैं।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: पिथौरागढ़ से 22 किलोमीटर दूर
- कैसे पहुँचे: पिथौरागढ़ बस स्टेशन से मल्ला जाजोर के लिए आसानी से टैक्सी या जिप मिल जाती है।
पिथौरागढ़ में घूमने वाली जगह – Sarpodaya
Places to Visit in Pithoragarh – Sarpodaya in Hindi
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल आपको प्रकृति के करीब ले जाने का हर मौका देता है। सर्पोदय ऐसा ही एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है, जो पिथौरागढ़ शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले पिथौरागढ़-तनकपुर रोड पर जाना होगा, और फिर वहाँ से एक कच्ची सड़क सर्पोदय की ओर जाती है। रास्ते में आपको घने जंगल और पहाड़ियों के मनमोहक दृश्य देखने को मिलेंगे। सर्पोदय की सबसे खास बात है यहाँ की साफ सुथरी सारीगढ़ी नदी। नदी के किनारे बैठकर आप पहाड़ों की गूँजती हुई आवाज़ सुन सकते हैं, या फिर ठंडे पानी में पैर डुबोकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद का होता है, जब चारों तरफ हरियाली का कंबल बिछ जाता है।
- समय: हमेशा खुला रहता है।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: पिथौरागढ़ से 12 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़-तनकपुर रोड पर
- कैसे पहुँचे: पिथौरागढ़ बस स्टेशन से टैक्सी या जिप लेकर पहले पिथौरागढ़-तनकपुर रोड तक जाएं। वहाँ से फिर सर्पोदय की ओर जाने वाली कच्ची सड़क पकड़ें।
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पिथौरागढ़ में होटल – Hotels in Pithoragarh
पिथौरागढ़ में कुछ बेहतरीन होटल:
1. हिमालयन बुटीक होटल:
- 2-स्टार होटल
- ₹1,238 प्रति रात
- Google Hotels पर 3.9 की रेटिंग
2. होटल ज्योनार पैलेस:
- 2-स्टार होटल
- ₹992 प्रति रात (सामान्य से 18% कम)
- Google Hotels पर 3.7 की रेटिंग
3. होटल अतिथि:
- ₹1,200 प्रति रात (सामान्य से 23% कम)
- Google Hotels पर 3.0 की रेटिंग
4. प्लाज़ा होटल:
- ₹1,291 प्रति रात
- Google Hotels पर 4.7 की रेटिंग
5. होटल कौशल्या रेसिडेंसी, बेरीनाग:
- ₹1,452 प्रति रात
- Google Hotels पर 4.8 की रेटिंग
पिथौरागढ़ में प्रसिद्ध त्यौहार – Mahashivratri
पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए भी जाना जाता है। यहाँ साल भर कई रंगारंग त्यौहार मनाए जाते हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। आइए, कुछ ऐसे ही लोकप्रिय त्यौहारों के बारे में जानते हैं:
- महाशिवरात्रि: भगवान शिव के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का पर्व किसी महापर्व से कम नहीं होता। इस दिन श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और धूमधाम से सेहरा निकाला जाता है।
- हिल जत्रा: यह अनोखा त्यौहार मुख्य रूप से पिथौरागढ़ जिले के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। कई दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में पारंपरिक नृत्य, लोक नाट्य और पशु बलि की परंपरा देखने को मिलती है।
- गाँधी जयंती: राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। पिथौरागढ़ में भी इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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पिथौरागढ़ कैसे जाएं – How to Reach Pithoragarh
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर उत्तराखंड का एक रमणीय स्थल, पिथौरागढ़, तक पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं। आप अपनी यात्रा के बजट और समय के अनुसार रास्ता चुन सकते हैं। आइए, पिथौरागढ़ पहुँचने के तीन मुख्य तरीकों को विस्तार से जानते हैं:
सड़क मार्ग (रोडवेज):
- पिथौरागढ़ सड़क मार्ग द्वारा देश के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली से पिथौरागढ़ की दूरी लगभग 460 किलोमीटर है। आप दिल्ली के आनंद विहार आईएसबीटी बस स्टेशन से सरकारी या निजी बस लेकर सीधे पिथौरागढ़ पहुँच सकते हैं। सरकारी बसों का किराया ₹700 से ₹1000 के बीच होता है और यात्रा का समय लगभग 15-17 घंटे लग सकता है। निजी बसें थोड़ी तेज चलती हैं और इनका किराया ₹800 से ₹1200 के बीच होता है।
हवाई मार्ग (एयरवेज):
- हवाई मार्ग से पिथौरागढ़ पहुँचना थोड़ा जटिल है, लेकिन समय की बचत होती है। पिथौरागढ़ का अपना हवाई अड्डा, नैनी सैनी, अभी वाणिज्यिक उड़ानों के लिए चालू नहीं है। हालांकि, आप निकटतम हवाई अड्डे, पंतनगर हवाई अड्डे (Pantnagar Airport) तक उड़ान भर सकते हैं। पंतनगर लगभग 241 किलोमीटर दूर स्थित है। दिल्ली से पंतनगर के लिए हवाई यात्रा का समय लगभग 1 घंटा है। पंतनगर हवाई अड्डे से पिथौरागढ़ पहुँचने के लिए आपको टैक्सी या बस लेनी होगी। टैक्सी का किराया लगभग ₹3000 से ₹4000 के बीच होता है और यात्रा का समय 5-6 घंटे लग सकता है।
रेल मार्ग (रेलवेज):
- यदि आप ट्रेन यात्रा के शौकीन हैं, तो पिथौरागढ़ पहुँचने के लिए रेलवेज एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालाँकि, पिथौरागढ़ का अपना रेलवे स्टेशन नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर है, जो लगभग 138 किलोमीटर दूर स्थित है। देश के कई प्रमुख शहरों से टनकपुर के लिए रेलगाड़ियाँ चलती हैं। दिल्ली से टनकपुर तक की रेल यात्रा का समय लगभग 10-12 घंटे लग सकता है। टनकपुर से पिथौरागढ़ पहुँचने के लिए आपको टैक्सी या बस लेनी होगी। टैक्सी का किराया लगभग ₹1500 से ₹2000 के बीच होता है और यात्रा का समय 3-4 घंटे लग सकता है।
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निष्कर्ष – Conclusion
सम्पूर्ण रूप से, पिथौरागढ़ उन पर्यटकों के लिए स्वर्ग है जो प्रकृति की शांत गोद में रोमांच और आध्यात्मिकता का अनुभव लेना चाहते हैं। हिमालय की दूधिया चोटियों को निहारते हुए यहाँ आप एतिहासिक किलों से लेकर प्राचीन मंदिरों तक और रोमांचक ट्रेकिंग मार्गों से लेकर शांत झीलों तक, घूमने के लिए बहुत कुछ पाएंगे। तो देर किस बात की, पिथौरागढ़ आइए और अपने जीवन में एक अविस्मरणीय अनुभव संजोइए!
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पिथौरागढ़ पर्यटन स्थल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. पिथौरागढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का होता है। इन महीनों में मौसम सुहावना होता है, ठंड नहीं होती और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए अनुकूल होता है।
Ans. पिथौरागढ़ में सभी बजट के अनुरूप कई होटल, गेस्ट हाउस और लॉज उपलब्ध हैं।
बजट होटल: होटल कृष्णा, होटल विष्णु पैलेस, होटल गंगा
मध्यम श्रेणी के होटल: होटल रॉयल प्लाजा, होटल पवन पैलेस, द पिंडारी रिसॉर्ट
लक्जरी होटल: द ग्रैंड विंडसर होटल, द ताज पिथौरागढ़, द रॉयल रिट्रीट
Ans. पिथौरागढ़ से आप कई हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं:
लकड़ी का सामान: लकड़ी के खिलौने, मूर्तियां, बर्तन
ऊनी कपड़े: शॉल, टोपी, स्कार्फ
स्थानीय हस्तशिल्प: थंगका पेंटिंग, मिट्टी के बर्तन, ज्वेलरी
Ans. पिथौरागढ़ में कई गतिविधियाँ हैं, जिनमें शामिल हैं:
ट्रेकिंग: पिथौरागढ़ ट्रेकिंग के लिए एक स्वर्ग है, जिसमें कई आसान और कठिन ट्रेल्स हैं।
कैंपिंग: पिथौरागढ़ में कई खूबसूरत जगहें हैं जहाँ आप कैंपिंग का आनंद ले सकते हैं।
राफ्टिंग: काली नदी राफ्टिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।