मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह |Munnar Me Ghumne Ki Jagah in hindi

यदि आप मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह तलाश कर रहे हैं। जो निसंदेह केरल का चमकता हुआ हीरा है। मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह की बात करें तो, पश्चिमी घाट की हरी भरी वादियों में बसा ये हील स्टेशन एक ऐसा स्थान है। जहाँ प्रक्रति अपनी पूरी सुन्दरता के साथ मुस्कुराती है। चाय के खेत, बादलों से ढके पहाड़, शांत झीलें और रोमांचक जंगल नीलकुरिंजी के फूल यहाँ प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में दिखाई देती है। यह सब प्राक्रतिक स्वरुप मिलकर मुन्नार को एक स्वर्ग बनाते हैं। चलिए जानते है मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह के बारे में।
तीन पहाड़ी धाराएँ मुतिरापूझा, नल्लथनी और कुंडला जहाँ स्थित है। वहाँ पर बसा केरल का बेस्ट टूरिस्ट प्लेस का मुन्नार हिल स्टेशन स्वर्ग के समान है। पहाड़ों से गुज़रती तीन नदियां, मनमोहक कुदरती नज़ारे, कल-कल करके बहते दुधिया जलप्रपात, सुन्दर झीलें, दूर-दूर तक फैले चाय के बागान इसे दक्षिण भारत का सबसे बेस्ट हिल स्टेशन बनाती है। चाय और कॉफ़ी के अलावा, मुन्नार का मुख्य आकर्षण नीली कुरिजी नामक ख़ूबसूरत फूल है। जो 12 साल में यह एक बार ही खिलता है।
Table of Contents
1 कोल्लुक्कुमलई टी एस्टेट – सबसे ऊँचा चाय बागान

मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह में से एक है। यह यह दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित चाय बागान है। यहाँ के चाय के बागानों की खुशबू और यहाँ की ठंडी हवा मन को शांति देती है। यहाँ को ठंडी जलवायु और शुद्ध हवा चाय की गुणवत्ता को बेहतरीन बनाते हैं।
यहाँ की ऊँचाई से दिखने वाली घाटियाँ, बादलों से लिपटे पहाड़ और दूर- दूर तक फैले चाय के बागान ये सब साथ मिल एक अद्वितीय दृश्य बनाते हैं। सूर्योदय के समय यहाँ का दृश्य अलौकिक होता है। यदि आप यहाँ आने के बारे में सोच रहे तो आपको यहाँ आ कर जीप सफारी का आनंद लें सकते हैं। सुबह उठ कर सूर्योदय का आनंद ले सकते हैं।
चाय फैक्ट्री टूर पर जा सकते हैं। लोकल गाइड से चाय की जानकारी प्राप्त करें एक विंटेज चाय फैक्ट्री है। जो की अभी भी पारंपरिक तरीके से चाय बनाने का काम करती है। लकड़ी से जलने वाले बॉयलर, पुराने रोलिंग मशीन और हाथ से पैकिंग सब कुछ आज भी जीवित है। यदि आप यहाँ के फैक्ट्री टूर पर आते हैं, तो आपको अंत में अलग-अलग वैरायटी की चाय दी जाती है। जिसकी ताजगी और स्वाद आपको तुरन्त तरोताज़ा कर देती है।
सर्वश्रेष्ठ समय: अक्टूबर से मार्च
समय: सुबह 6 बजे से दोपहर 4 बजे तक
समय लगने वाला ट्रिप: मुन्नार से जीप ट्रिप मिलाकर कुल 5-6 घंटे
एंट्री फीस/जीप चार्ज: ₹1500-₹2500 (डिपेंड करता है सीज़न और गाड़ी पर)
2 मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह: इको पॉइंट
मुन्नार के हरी-भरी पहाड़ियों और बादलों में लिपटी घाटियों के बीच एक ऐसी जगह है, जो आपकी आवाज के साथ मस्ती करते सुनाई देती है। यह स्थान अपने प्राकृतिक गूंज (Echo) के लिये जाना जाता है। और जब यहाँ कोई चिल्लाता तो आपकी आवाज पहाड़ों से टकराकर वापिस आपके पास आती है। जो की पर्यटक को आकर्षित करती है। इको पॉइंट, मुन्नार शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह स्थान समुद्र तल से करीब 600 फीट की ऊँचाई पर स्थित है, और चारों ओर से पहाड़ों और झीलों से घिरा हुआ है। इको पॉइंट जो मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह में से एक है। इसका म्रमुख आकर्षण केंद्र प्राकृतिक गूंज (echo) है। जो लोगो के लिये मनोरंज का रूप है। इको पॉइंट के बगल में एक सुन्दर झील भी है। जहाँ आप बोटिंग का मजा ले सकते हैं। शांत जलराशि और हरे-भरे पहाड़ एक मनमोहक वातावरण बनाते हैं।
यह स्थान प्रकृति फोटोग्राफरों के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। नीला आसमान, झील का प्रतिबिंब, और पहाड़ों की गूंजती पृष्ठभूमि – तस्वीरें खुद-ब-खुद बोल उठती हैं। यहाँ का लोकल फ़ूड भी try किया जा सकता है। इसके अलवा यहाँ छोटे-छोटे हस्तशिल्प वस्तु मिलती है, जिसे आप याद के रूप में अपने साथ ले सकते हैं।
सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च (ठंड और साफ मौसम)
घूमने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
टिकट: कोई विशेष प्रवेश शुल्क नहीं है
समय लगेगा: लगभग 1-2 घंटे
3 मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह: लॉकहार्ट गैप (Lockhart Gap Viewpoint)

अगर आप शहर के शोरगुल माहोल से थक चुके और चारो तरफ के भीड़-भाड़ वाले माहोल से मन उब चुका है, और दूर एकांत में समय बिताने की सोच रहे हैं, या फिर हनीमून की तैयारी कर रहे हैं, तो ये जगह आपके लिये परफेक्ट है। यहाँ का शांत, सुरम्य और मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य मुन्नार पर्यटक को खूब लुभाता है।
यह एक ऐसा व्यू प्वाइंट है। जो अपने नाम की तरह ही रहस्यमय और दिल के आकार जैसी घाटी के लिए प्रसिद्ध है। लॉकहार्ट गैप व्यू प्वाइंट, मुन्नार से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान NH 49 मार्ग पर मुन्नार से मदुरै जाने वाले रास्ते में पड़ता है। रास्ता खूबसूरत चाय बागानों और वनों के बीच से होकर जाता है।
इस व्यू प्वाइंट को “Lockhart Gap” इसीलिए कहा जाता है। क्यूँकि पहाड़ों के बीच दिल के आकार की घाटी है, जो देखने में बिल्कुल लॉक के आकार जैसी लगती है। यह दृश्य खासकर ऊपर से देखने पर और भी स्पष्ट होता है। यहाँ से दिखाई देने वालें घाटियों, चाय बागानों और बादलों का नज़ारा इतना मनमोहक होता है, कि आप वहीं ठहर जाना चाहेंगे। अक्सर यहाँ की पहाड़ों पर घने बदल या कोहरे छा जाते हैं। जिसे देख कर आपको स्वर्ग में होने का अहसास होता है।
सर्वश्रेष्ठ समय: अक्टूबर से फरवरी
घूमने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
समय लगने वाला ट्रिप: 1-2 घंटे पर्याप्त हैं
टिकट शुल्क: नहीं (ओपन व्यू प्वाइंट)
4 मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह: एराविकुलम नेशनल पार्क
यह (Eravikulam National Park) प्रक्रति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक स्वर्ग है। यह पार्क अपने नीलकुरिंजी के फूलों, दुर्लभ नीलगिरि तहर (माउंटेन गोट) और आश्चर्यजनक पर्वतीय दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की शुद्ध हवा और हरियाली भरा वातावरण पर्यटकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। यह मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह में से एक है।
1978 में इस पार्क को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया है। यह पार्क 97 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। यह स्थान नीलगिरि तहर का प्रमुख संरक्षण केंद्र है। यहाँ आपको 12 सालों में एक बार खिलने वाला फूल नीलकुरिंजी देखने को मिलता है। यह फूल अब 2034 में देखने को मिलने वाला है। पूरा पहाड़ आपको नीले,बैगनी रंग फूलों से नज़र आता है। जो एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
पार्क घूमने का सही समय
- सितंबर से नवंबर: मानसून के बाद हरियाली का आनंद।
- दिसंबर से अप्रैल: सर्दियों में सबसे अच्छा मौसम।
- पार्क खुलने का समय: सुबह 7:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक
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5 मट्टुपेट्टी झील प्रकृति का अद्भुत उपहार

इस डेम को 1953 में बिजली उत्पाद और जल संचयन के लिए बनाया गया था। यह एक कंक्रीट ग्रेविटी डेम है। जिसे केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड द्वारा संचालित किया जाता है। यह डेम समय के साथ मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह में शामिल हो चुका है। यह पर्यटक के बीच मनोरंजन का केंद्र बन गया है। जहां लाखों लोग यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण का मनमोहक दृश्य देखने के लिए आते है।
मट्टुपेट्टी डेम से बनी यह झील बेहद सुरम्य है। चारों तरफ फैले पहाड़ हरि-भरी वादियां यहां की शांत जल सतह उन पर पड़ने वाली सूरज की किरणे एक अद्भुत प्राकृतिक दृश्य बनती है, जो कि देखते बनती है। इस झील का पानी बिल्कुल साफ है। इसका का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है, कि आस-पास के पहाड़ों का प्रतिबिंब इस पानी में साफ देखा जा सकता है। यह प्राकृतिक दृश्य आपको ताज़गी का अहसास करता है। इस झील पर आप केवल प्रकृति का नजारा लेने ही नहीं, बल्कि यहां आप बोटिंग फोटोग्राफी, फैमिली फ्रेंड्स के साथ पिकनिक और नेचर को देखने के लिए जा सकते है।
मट्टुपेट्टी झील जाने का सही समय
अक्टूबर से मार्च का समय उपयुक्त है इस समय मौसम सुहाना रहता है। और प्राकृतिक सुंदरता अपने चरम पर होती है।
मानसून सीजन जून से सितम्बर इस दौरान डेम और झील का जल स्तर बढ़ा रहता है। जिससे दृश्य और भी मनोहर नजर आने लगता है। लेकिन कभी-कभी भरी बारिश आपके ट्रैवल में रुकावट खड़ी कर सकता है।
6 टॉप स्टेशन जहां धरती मिलती है आसमान से
मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह में शामिल है टॉप स्टेशन। इसका नाम टॉप स्टेशन इसलिए पड़ा क्योंकि कभी चाय के परिवहन के लिए बनाया गया कुंडला वैली रेलवे की सबसे ऊंचाई पर स्थित स्टेशन था। मुन्नार से लगभग 32 किलोमीटर की दुरी पर है। यह केरल तमिलनाडु सीमा पर स्थित है। यहां से वायनाड घाटी तथा पश्चिम घाटी के मनोरम दृश्य आसानी से देखने को मिलते है। टॉप स्टेशन से सूर्योदय और सूर्यास्त ऐसा नजर आता है। जैसे सूरज बादलों में डुबकी लगा रहा हों। यहां आपको ऐसा प्रतीत होता है।
जैसे आप बादलों के बीच हो यह स्थान प्रकृति पोट्रेटऔर लैंडस्केप फोटोग्राफी के लिए किसी खूबसूरत खजाने से कम नहीं है। सुबह की हल्की-हल्की धुंध और सूरज की हल्की किरणे यहां के दृश्य को और मनमोहक बनाता है। नीलाकुरिंजी फूल यहां की घाटी को नीले रंग से ढक देते है, जो पर्यटक को लुभाते है। टॉप स्टेशन पर आप ट्रैकिंग का लुफ़्त उठा सकते है। यहां आप छोटे से टी स्टॉल पर मुन्नार की मसाला चाय का आनंद ले सकते हैं।
टॉप स्टेशन यात्रा का सर्वोत्म समय
यहां आने का सर्वोत्म समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। इस समय मौसम सुहाना और दृश्य रमणीय होते है। मानसून सीजन जून से सितम्बर के समय हरियाली अपने चरम पर होती है। जो पर्यटक को लुभाने का कार्य करती है।
7 मुन्नार की दो अद्भुत सौंदर्यशालाएं
कुंडला डैम मुन्नार से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भारत का पहला आर्क डेम है। जिसे बिजली उत्पाद और सिंचाई के लिए बनाया गया था। और पल्लिवासल झरना मुन्नार से केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर पल्लिवासल गांव में स्थित है। जो केरल का पहला हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है। यह झरना पहाड़ियों से गिरती हुई एक संगीतमय धारा की तरह लगता है। इसके आस-पास फैला घना जंगल। यहां के पक्षियों की चहचहाट इस जगह को और भी रमणीय बनाता है। यहां का ठंडा और शुद्ध जल यहां आने वाले पर्यटक को आकर्षित करता है।
कई पर्यटक यहां योग और साधना के लिए आते है। यदि आप एक ऐसी जगह की तलाश में है, जहां आपको लोगों की भीड़ कम और शांति का अनुभव ज़्यादा मिल सके। तो, यह जगह आपके लिए उपयुक्त है। यहां आपको एक अलग ही शांति का अनुभव होता है। यदि आप ये सोच रहे की एक साथ इन दोनों जगहों की यात्रा कैसा हो सकती है? तो इसका सरल उत्तर यह की आप सुबह पल्लिवासल गांव के लिए रवाना हो और यहां के शांत वातावरण में अपना वक्त गुजरे। यहां आप अपने पार्टनर के साथ भी आ सकते हैं। दोपहर में समय आप कुंडला डेम के लिए रवानगी ले सकते है। यहां आ कर आप फोटोग्राफी और बोटिंग का लुफ़्त उठा सकते हैं। और शाम को आप झील के किनारे सूर्यास्त का मजा लें और फिर मुन्नार के लिए निकल पड़ें।
यात्रा का सही समय
अक्टूबर से मार्च के बीच यह समय आपके आई सर्वोत्तम है। इस समय मौसम सुहाना और झरनों में जल प्रवाह अच्छा होता है। जिससे आप बोटिंग का मजा दोगुना हो जाता है।
मानसून सीजन जुलाई से सितम्बर इस समय झरनों की रौनक चरम पर होती है। लेकिन भरी बारिश आपकी यात्रा में अड़चन बना सकती है।
8 मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह: पोथामुडी व्यू प्वाइंट
मुन्नार शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर ऊंचाई पर स्थित यह जगह मुन्नार के प्रसिद्ध जगहों में से एक है। यहां आप बाइक कार से आसानी से पहुंच सकते हैं। रास्ता हरियाली और झरनों से भरपूर है। जो इस सफर को और भी खूबसूरत बनाता है। यहां से आप मुन्नार घाटी चाय और कॉफी के बागान, कार्डमय और इलायची की खेती और पश्चिमी घाट के दूर-दूर के भव्य दृश्य आपको देखने को मिलते है। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय यहां सबसे अद्भुत नजारा होता है। जैसे सूरज बादलों से झांकता हुआ धरती को छू रहा हो।
यह जगह ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए भी आदर्श है। आसपास के ट्रेल्स पर चलना और पक्षियों की चहचहाहट के बीच चलना एक अलग ही अनुभव है। आप प्रोफेसनल हो या मोबाईल फोटोग्राफर यहां क्लिक की गई हर एक फोटो पोस्टकार्ड जैसी नजर आती है। खास कर जब बादल घाटियों में उतरतें है तब नज़ारा और भी जादुई होता है। पोथामुडी व्यू प्वाइंट अपेक्षाकृत शांत जगह में से एक है। यहां बैठ के आप प्रकृति को घंटों निहार सकते हैं। आप यहां शांति का अनुभव कर सकते हैं।
पोथामुडी व्यू प्वाइंट जाने का सही समय
अक्टूबर से मार्च यहां आने का सबसे सही समय है। इस समय मौसम ठंडा साफ आसमान और रमणीय वातावरण होता है। मानसून सीजन में हरियाली अपने चरम पर होती है। लेकिन बारिश और कोहरा यहां के दृश्य को धुंधला कर सकते है। गर्मियों के समय में यहां का मौसम अपेक्षाकृत ठंडा होता है।
9 राजामाला हिल्स ट्रैकिंग और दुर्लभ प्रजातियों की खोज
यह एक ऐसा स्थान है, जहां ट्रैकिंग,वाइल्डलाइफ और प्राकृति सुंदरता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। अगर आप प्रकृति प्रेमी फोटोग्राफर या फिर एडवेंचर के शौकीन है, तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है। राजामाला हिल्स का सबसे बड़ा आकषर्ण नीलगिरी तहर है। जो एक दुर्लभ और संकटग्रस्त पर्वतीय बकरी है। यह जीव केवल पश्चिम घाट के केवल कुछ ही हिस्सों में पाया जाता है।
इसके अलावा यहां लायन टेल्ड मकाक, गौर, मलाबार ट्रॉगन और अन्य दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती है। राजामाला हिल्स एराविकुलम नेशनल पार्क का एक हिस्सा है। यह अपने सुंदर ट्रैकिंग ट्रेल्स के लिए प्रसिद्ध है। यहां की ट्रैकिंग न केवल रोमांचक है। बल्कि, आत्मसंतुष्टि के लिए भी जाना जाता है। पहाड़ियों की ढलान से गुजरने वाले घास के मैदान, घने शोला जंगलों से गुजरते शांत रास्ते पक्षियों की चहचहाट और बहती हवा की सरसराहट रस्ते में बहते छोटे जलप्रपात फूलों से भरे झाड़ और खुला आसमान यह सब आपको रोमांचित करता है। यहां ट्रैकिंग के दौरान न कोई शोर होता है, न कोई भागदौड़ केवल आप और प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य।
राजामाला हिल्स जाने का सही समय
सितंबर से मई, ट्रैकिंग और वाइल्डलाइफ के लिए परफेक्ट टाइम है। मॉनसून जून से अगस्त हरियाली के लिए peek session है। लेकिन ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त नहीं है यहां आने के लिए आपको टिकट भी लेना होगा।
10 नीलकुरिंजी मंदिर, आस्था और प्राकृति का अद्भुत संगम
नीलकुरिंजी मंदिर यह भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) को समर्पित है। जो कि शक्ति और युद्ध के देवता माने जाते है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित होने के कारण यहां से आपको पूरे मुन्नार की घाटियां, हरियाली और चाय के बागान का मंत्रमुग्ध कर देने वाला नजारा देखने को मिलता है। नीलकुरिंजी फूल जो एक अत्यंत दुर्लभ फूल है। जिसके खिलने पर पूरा पहाड़ नीले रंग के चादर से ढक जाता है। जिससे लगता है स्वर्ग धरती पर आ गया हो। मंदिर का नाम भी इसी फूल से जुड़ा हुआ है।
जब यह फूल खिलता है, तो मंदिर क्षेत्र अलौकिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि जब भी नीलकुरिंजी का फूल खिलता है, तब इस मंदिर में विशेष दिव्यता और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। भक्त सूर्योद से पहले यहां आते है। क्योंकि, सूर्योद का समय अत्यंत पवित्र होता है। इस मंदिर में आपको शांत वातावरण, शुद्ध वायु और ध्यान केंद्रित करने, मौन साधन, आत्मनिरक्षण लिए उपयुक्त है। यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है जो शांत वातावरण और प्राकृति के करीब रहना चाहते हैं।
नीलकुरिंजी मंदिर यात्रा का सर्वोत्म समय
सितंबर से मार्च इस समय ठंडा मौसम और साफ आसमान होता है।
निष्कर्ष:
मुन्नार, केरल का एक खूबसूरत हिल स्टेशन, अपनी हरियाली, चाय बागानों, झरनों और शानदार पहाड़ी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। मुन्नार में घुमने की बेहतरीन जगह में प्रमुख आकर्षण केंद्र कोल्लुक्कुमलई टी एस्टेट, एराविकुलम नेशनल पार्क, टॉप स्टेशन और मट्टुपेट्टी झील पर्यटकों को प्रकृति के करीब ले जाते हैं। साहसिक गतिविधियों के शौकीन लोग ट्रेकिंग, बोटिंग और वाइल्डलाइफ सफारी का आनंद ले सकते हैं, जबकि शांति की तलाश करने वालों के लिए पोथामुडी व्यू पॉइंट और इको पॉइंट आदर्श स्थान हैं।
मुन्नार न केवल प्राकृतिक सुंदरता बल्कि अपनी समृद्ध वनस्पति और जीव-जंतुओं के लिए भी जाना जाता है। यहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं, और नीलकुरिंजी फूलों का खिलना (हर 12 साल में) इसकी खासियत है। अगर आप शांत वातावरण, ठंडी हवाएँ और बेहतरीन लैंडस्केप का आनंद लेना चाहते हैं, तो मुन्नार आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है।
FAQs
यह दुनिया की सबसे ऊँची ऊँचाई पर स्थित ऑर्गेनिक टी एस्टेट है और यहाँ से सूर्योदय का नज़ारा अद्भुत होता है।
यहाँ आवाज़ गूँजती है और मट्टुपेट्टी झील के सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं।
यह एक शानदार व्यू पॉइंट है जहाँ से चाय के बागानों और पहाड़ियों का मनोरम दृश्य दिखता है।
यहाँ नीलगिरि तहर (माउंटेन गोट) और विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
बोटिंग, डैम के आसपास घूमना और हाथी सफारी का आनंद ले सकते हैं।
यह केरल-तमिलनाडु बॉर्डर पर स्थित है और यहाँ से नीलकुरिंजी फूलों के खिलने का दृश्य देखने को मिलता है (हर 12 साल में)।
यहाँ पेडल बोटिंग और साइकिलिंग का आनंद ले सकते हैं।
मानसून के बाद (सितंबर-नवंबर) जब झरना पूरी तरह से बह रहा हो।
यहाँ से चाय बागानों, कॉफी और मसालों के खेतों का विहंगम दृश्य दिखता है।
यह मंदिर नीलकुरिंजी फूलों के लिए जाना जाता है, जो हर 12 साल में खिलते हैं।