केदारनाथ मंदिर, हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच बसा हुआ, न सिर्फ एक प्रसिद्ध मंदिर है, बल्कि हर शिव भक्त की आस्था का केंद्र भी है। “केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर” शीर्षक से खोजे जाने वाले इस लेख में, हम आपको केदारनाथ की यात्रा के बारे में विस्तार से बताएंगे। यह लेख न केवल आपको वहां के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानकारी देगा, बल्कि आपको यह भी बताएगा कि इस पवित्र धाम तक पहुंचने के लिए कौन सा रास्ता लेना चाहिए और यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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Table of Contents
केदारनाथ के दर्शनीय स्थल – Chandrashila
Places to Visit in Kedarnath – Chandrashila in Hindi
कभी केदारनाथ की यात्रा पर निकले हैं तो वहां के मनमोहक दृश्यों के बीच छिपे “चंद्रशिला” नामक स्थान को देखना बिल्कुल न भूलें। कहते हैं कि महाभारत काल में पाण्डवों ने यहीं पर भगवान शिव की आराधना की थी। यह स्थान केदारनाथ मंदिर से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए एक छोटी सी ट्रैक से होकर जाना पड़ता है। ट्रैक थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन ऊपर से दिखने वाले नज़ारे हर थकान को मिटा देते हैं। चंद्रशिला से केदारनाथ मंदिर का दृश्य अविस्मरणीय होता है और हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियां मानो सीधे आसमान को छू रहीं हों।
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
- समय: सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक (दिन के समय ही दर्शन किए जा सकते हैं)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: केदारनाथ मंदिर से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर
- कैसे पहुंचे: केदारनाथ मंदिर से पैदल रास्ते से
केदारनाथ के पर्यटन स्थल – Tungnath
इस केदारनाथ की यात्रा अधूरी रहती है अगर आप वहां के “तुंगनाथ” मंदिर के दर्शन न करें। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, तुंगनाथ मंदिर, समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह भारत का सबसे ऊंचा स्थित शिव मंदिर होने का गौरव भी रखता है। यहां का वातावरण इतना निर्मल और शांत है कि मन को असीम सुकून मिलता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि तुंगनाथ में दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पवित्र धाम की यात्रा थोड़ी कठिन जरूर है लेकिन ऊपर पहुंचने के बाद जो अलौकिक अनुभव होता है, वो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
Time: 6 am to 2 pm (Darshan can be done only during the day)
Entry fee: Free
Location: On the banks of Rudraganga river at a distance of about 19 kilometers from Kedarnath temple
How to reach: By horse or foot from Gaurikund
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केदारनाथ में जाने की जगहें – Kedarnath Museum
Places to Visit in Kedarnath – Kedarnath Museum in Hindi
केदारनाथ की पवित्र यात्रा के दौरान ज़रा इतिहास के झरोखे से भी झांक कर लीजिए। मंदिर परिसर में ही स्थित “केदारनाथ संग्रहालय” आपको इस क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से रूबरू कराएगा। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए संग्रहालय के अंदर थोड़ा समय बिताना भी सुकूनदायक होता है। संग्रहालय में आपको केदारनाथ मंदिर के निर्माण से जुड़ी जानकारियां, प्राचीन मूर्तियां, पांडवों से जुड़े इतिहास के अंश और क्षेत्र की पारंपरिक वेशभूषा आदि देखने को मिलेंगी। यह संग्रहालय न सिर्फ आपको जानकारी देता है बल्कि आपको उस युग में भी ले जाता है जब केदारनाथ अपनी भव्यता के शिखर पर था।
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
Timings: 7 am to 5 pm
Entry fee: Free
Location: Inside the Kedarnath temple complex
How to reach: After reaching Kedarnath temple, it is located inside the temple complex.
केदारनाथ के पास पर्यटन स्थल – Dhyan Badri Temple
केदारनाथ की यात्रा के दौरान ध्यान बदरी मंदिर ज़रूर जाएं। ये वो जगह है जहां आप शांत वातावरण में बैठकर सिर्फ अपने “आप” को महसूस कर सकते हैं। कहते हैं कि यहां ध्यान करने से मन को असीम शांति मिलती है। ये मंदिर केदारनाथ मंदिर से थोड़ा हटकर स्थित है और यहां का वातावरण इतना शांत है कि आपको पक्षियों की मीठी चहचाहट के अलावा और कुछ सुनाई नहीं देगा। ठंडी हवाओं का झोंका और दूर नजर आते बर्फ से ढके पहाड़, मानो ये सब मिलकर आपको ध्यान लगाने का निमंत्रण दे रहे हों। भले ही आप धार्मिक प्रवृत्ति के न हों, लेकिन ध्यान बदरी मंदिर की ख़ामोशी और प्राकृतिक सुंदरता आपको जरूर मंत्रमुग्ध कर देगी।
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक (हालांकि ध्यान के लिए किसी भी समय जाया जा सकता है)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: केदारनाथ मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ मंदिर से पैदल रास्ते से
केदारनाथ में करने के लिए चीजें – Trekking on Lindo
Things to do in Kedarnath – Trekking on Lindo in Hindi
केदारनाथ की यात्रा सिर्फ दर्शन तक ही सीमित न रखें। थोड़े रोमांच के लिए “लिंडो पर ट्रेकिंग” का मज़ा जरूर लें। लिंडो, केदारनाथ मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक मनोरम घास का मैदान है। यहां पहुंचने के लिए आपको एक एडवेंचर से भरपूर ट्रैक से होकर जाना होगा। ट्रैक थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन जंगल का सन्नाटा, रंग-बिरंगे फूल और पहाड़ों की खूबसूरती हर कदम पर आपका उत्साह बढ़ाते रहेंगे। इस ट्रैक के दौरान आपको कई तरह के पशु-पक्षी देखने को मिल सकते हैं। लिंडो पहुंचने पर ऊंचाई से केदारनाथ मंदिर का नज़ारा और बर्फ से ढके पहाड़ों का 360 डिग्री का दृश्य आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
- समय: लिंडो के लिए कोई निर्धारित समय नहीं है, लेकिन सुबह जल्दी निकलना बेहतर होता है।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: केदारनाथ मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ मंदिर से पैदल रास्ते से ट्रैकिंग करके।
केदारनाथ के आसपास घूमने की जगह – Shopping in the Village
इस केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर की यात्रा अधूरी रहती है अगर आप वहां के गांव के माहौल को न जीएं और वहां की कुछ चीज़ें अपने साथ न ले जाएं। केदारनाथ मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित गांवों में घूमते हुए आप वहां की दुकानों से कुछ यादगार खरीदारी कर सकते हैं। यहां आपको ऊनी कपड़े, हस्तशिल्प की खूबसूरत चीज़ें, जड़ी-बूटियों से बने आयुर्वेदिक उत्पाद और स्थानीय रूप से बने ऊनी शॉल मिल जाएंगे। इन चीज़ों को खरीदते समय दुकानदारों के साथ थोड़ी सी बातचीत करने का मज़ा भी लिया जा सकता है। यह खरीदारी न सिर्फ आपको यादगार चीज़ें देगी बल्कि स्थानीय लोगों से जुड़ने का एक अच्छा ज़रिया भी बन सकती है।
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
- समय: निश्चित समय नहीं है, आमतौर पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक दुकानें खुली रहती हैं।
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: केदारनाथ मंदिर के आसपास स्थित गांव
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ मंदिर से पैदल ही आसानी से पहुंचा जा सकता है।
Top 10] केदारनाथ में घूमने की जगह | Places to visit in Kedarnath in Hindi
केदारनाथ के पास घूमने की जगह – Mahakaleshwar Temple
Places to Visit near Kedarnath – Mahakaleshwar Temple in Hindi
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर की पवित्र यात्रा के दौरान आप “महाकालेश्वर मंदिर” के दर्शन भी कर सकते हैं। केदारनाथ मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर भले ही छोटा है, लेकिन यहां का शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। मान्यता है कि महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने से व्यक्ति को जीवन में कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां आकर आप पूजा-अर्चना कर सकते हैं और साथ ही मंदिर के पास बहती मंदाकिनी नदी के मनोरम दृश्य का आनंद भी ले सकते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक (दिन के समय ही दर्शन किए जा सकते हैं)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: केदारनाथ मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ मंदिर से पैदल रास्ते से
केदारनाथ में घूमने वाली जगह – Bhairavnath Temple
केदारनाथ की यात्रा के दौरान, प्रसिद्ध “केदारनाथ मंदिर” के दर्शन के अलावा आप “भैरवनाथ मंदिर” में भी जा सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के रौद्र रूप, भैरव को समर्पित है और केदारनाथ मंदिर से मात्र कुछ ही दूर स्थित है। मंदिर भले ही छोटा है, लेकिन यहां का वातावरण एक अलग ही अनुभूति देता है। कहते हैं कि केदारनाथ में दर्शन करने के बाद भैरवनाथ के दर्शन ज़रूरी होते हैं, ऐसा माना जाता है कि इनके दर्शन के बिना केदारनाथ की यात्रा अधूरी रहती है। मंदिर में भैरवनाथ की भव्य मूर्ति स्थापित है और यहां का वातावरण आपको एक अलग ही आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां:
- समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (दिन के समय ही दर्शन किए जा सकते हैं)
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- स्थान: केदारनाथ मंदिर परिसर के निकट
- कैसे पहुंचें: केदारनाथ मंदिर पहुंचने के बाद मंदिर परिसर के अंदर ही स्थित है।
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केदारनाथ मंदिर इतिहास – kedarnath history in Hindi
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिरसे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।
- महाभारत के अनुसार: पांडवों ने अपने गोत्र हत्या के पाप से मुक्ति के लिए भगवान शिव की शरण ली थी। भगवान शिव ने उन्हें दर्शन देने के लिए केदारनाथ में अपनी समाधि लगा दी।
- एक अन्य कथा के अनुसार: भगवान विष्णु ने यहां नारायण रूप में तपस्या की थी।
- कुछ लोगों का मानना है कि भगवान शिव ने यहां समाधि लगाई थी ताकि वे समाधि में प्रवेश कर सकें और देवताओं और असुरों के बीच युद्ध में मदद कर सकें।
मंदिर का निर्माण:
- आदि शंकराचार्य: 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने केदारनाथ मंदिर की खोज की और इसका जीर्णोद्धार करवाया।
- मंदिर का वर्तमान स्वरूप: 18वीं शताब्दी में, गढ़वाल के राजा, प्रताप सिंह शाह ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और इसे वर्तमान स्वरूप दिया।
महत्व:
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से
- हर साल हजारों श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा करते हैं।
- यह मंदिर समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है।
- यहां का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है।
कुछ रोचक तथ्य:
- केदारनाथ मंदिर भारत का सबसे ऊंचा ज्योतिर्लिंग है।
- यह मंदिर लकड़ी और पत्थर से बना है।
- मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की समाधि है।
- मंदिर के पास कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं, जैसे कि भैरवनाथ मंदिर,
- केदारनाथ यात्रा मई से नवंबर तक खुली रहती है।
केदारनाथ मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह प्राकृतिक सुंदरता का भी खजाना है। यहां आकर आपको शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव होगा।
केदारनाथ में होटल – Kedarnath Temple History
आपके बजट और सुविधाओं के अनुसार केदारनाथ में कुछ होटल विकल्प:
- केदार भैरव कैंप – ₹1,792 प्रति रात। 4.4 सितारा रेटिंग वाला यह कैंपिंग विकल्प बजट यात्रियों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
- श्री नारायण टूरिस्ट लॉज & चंडिका होटल – ₹1,445 प्रति रात। 4.3 सितारा रेटिंग वाला यह होटल एक किफायती विकल्प है जो स्वच्छ और आरामदायक कमरे प्रदान करता है।
- हिमालयन हिल्स केम्पसाईट केदारनाथ – ₹1,465 प्रति रात। 4.5 सितारा रेटिंग वाला यह कैंपिंग विकल्प उन लोगों के लिए एकदम सही है जो प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं।
- केदार वैली रेसोर्ट्स – ₹3,402 प्रति रात। 4.1 सितारा रेटिंग वाला यह 3-सितारा होटल उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अधिक सुविधाओं और सेवाओं वाला होटल चाहते हैं।
- गढ़वाल मंडल विकास निगम कोटेजेस – कीमत उपलब्ध नहीं है। 4.1 सितारा रेटिंग वाला यह सरकारी होटल किफायती दरों पर आरामदायक आवास प्रदान करता है।
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यात्रा केदारनाथ में प्रसिद्ध त्यौहार – Mahashivratri
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर की यात्रा अधूरी रहती है अगर आप वहां के मंदिरों के दर्शन के साथ-साथ वहां मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहारों का आनंद न उठाएं। यहां कुछ ऐसे प्रमुख त्यौहार हैं, जिनके दौरान केदारनाथ की यात्रा का अनुभव और भी ज्यादा खास हो जाता है:
- महाशिवरात्रि: भगवान शिव के निष्ठावान भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास होता है। केदारनाथ में इस दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है।
- श्रावण मास: सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान देशभर से श्रद्धालु केदारनाथ आकर जलाभिषेक करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
- नवरात्रि: शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। केदारनाथ में भी नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है।
केदारनाथ कैसे पहुंचें – धाम तक की पवित्र यात्रा
इस केदारनाथ की पवित्र यात्रा पर निकलने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि वहां तक पहुंचने के लिए कौन सा रास्ता सबसे बेहतर रहेगा। तो चलिए, केदारनाथ तक पहुंचने के विभिन्न साधनों पर एक नज़र डालते हैं:
1. सड़क मार्ग (Roadways):
यह रास्ता उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो सड़क यात्रा का रोमांच पसंद करते हैं।
- दिल्ली से केदारनाथ तक की दूरी लगभग 458 किलोमीटर है।
- सड़क यात्रा में लगभग 16 से 18 घंटे लग सकते हैं।
- यात्रा के दौरान रुद्रप्रयाग और गौरीकुंड जैसे खूबसूरत पड़ाव आते हैं।
- आप दिल्ली से हरिद्वार या ऋषिकेश के लिए सरकारी या निजी बसें प्राप्त कर सकते हैं। किराया ₹ 500 से ₹ 1000 के बीच हो सकता है।
- गौरीकुंड से आगे केदारनाथ तक 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा या फिर घोड़े पर सवार होकर जाया जा सकता है।
ध्यान दें: सड़क मार्ग से जाने का समय मौसम पर भी निर्भर करता है।
2. हवाई मार्ग (Airways):
केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
यदि आप कम समय में केदारनाथ पहुंचना चाहते हैं, तो हवाई मार्ग एक अच्छा विकल्प है।
- निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (Jolly Grant Airport) है, जो केदारनाथ से लगभग 239 किलोमीटर दूर है।
- आप देश के प्रमुख शहरों से देहरादून के लिए उड़ान भर सकते हैं। हवाई किराया ₹3000 से ₹7000 के बीच हो सकता है।
- देहरादून से आप सड़क या हेलीकॉप्टर सेवा द्वारा गौरीकुंड पहुंच सकते हैं।
- गौरीकुंड से आगे आपको पैदल या घोड़े पर सवार होकर केदारनाथ जाना होगा।
3. रेल मार्ग (Railways):
रेल मार्ग से यात्रा करना एक किफायती विकल्प है।
- केदारनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (215 किमी), हरिद्वार (241 किमी), देहरादून (257 किमी) और कोटद्वार (246 किमी) में स्थित हैं।
- देश के विभिन्न शहरों से आप इन स्टेशनों तक पहुंच सकते हैं।
- हरिद्वार रेलवे स्टेशन सबसे अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- रेलवे स्टेशन से आप सड़क मार्ग से गौरीकुंड पहुंच सकते हैं, फिर वहां से पैदल या घोड़े पर सवार होकर केदारनाथ तक जा सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
कुल मिलाकर, केदारनाथ की यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अनुभव भी प्रदान करती है। भव्य हिमालय की गोद में बसे केदारनाथ में प्रसिद्ध मंदिर दर्शन के साथ ही यहां का शांत वातावरण और पवित्र मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं। यदि आप जीवन में कभी भी धाम यात्रा का अनुभव लेना चाहते हैं, तो केदारनाथ आपके लिए एक आदर्श स्थान साबित हो सकता है। बस जाने से पहले अपनी यात्रा की अच्छी तरह से योजना बना लें और ज़रूरी तैयारियां कर लें। केदारनाथ की पवित्र भूमि आपको जीवन भर याद रहने वाले अनुभव प्रदान करेगी।
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केदारनाथ के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Ans. केदारनाथ में मंदिरों की संख्या निश्चित रूप से बताना मुश्किल है, क्योंकि कई छोटे-मोटे मंदिर और मूर्तियाँ भी हैं।
यहाँ कुछ प्रमुख मंदिरों का उल्लेख किया गया है:
केदारनाथ मंदिर: यह मुख्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
भैरवनाथ मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव के रौद्र रूप, भगवान भैरव को समर्पित है।
गौरीकुंड: यह कुंड देवी पार्वती को समर्पित है।
Ans. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ भगवान शिव को “केदारनाथ” के रूप में पूजा जाता है, जो बैल के कूबड़ (पिंड) के रूप में विराजमान हैं।
हालांकि, केदारनाथ में भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियाँ हैं, जिनमें शामिल हैं:
देवी पार्वती: गौरीकुंड में देवी पार्वती को समर्पित एक मंदिर है।
भगवान भैरव: भैरवनाथ मंदिर में भगवान शिव के रौद्र रूप, भगवान भैरव की मूर्ति है।
Ans. केदारनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मई से नवंबर के बीच का होता है, जब मौसम सुखद होता है और यात्रा करना आसान होता है। दिसंबर से अप्रैल तक, क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है, जिसके कारण मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं।
Ans. केदारनाथ में विभिन्न प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें होटल, लॉज, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं शामिल हैं। मंदिर के पास कई बजट-अनुकूल विकल्प उपलब्ध हैं।
Ans. केदारनाथ में मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्म कपड़े पहनना महत्वपूर्ण है। आपको मजबूत जूते भी पहनने चाहिए क्योंकि आपको मंदिर तक पैदल जाना होगा।