Top 10] बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर | Famous Temple in Bageshwar in hindi

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उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित, बागेश्वर अपनी आध्यात्मिक खूबसूरती और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। जिसे “छोटी काशी” भी कहा जाता है, यह पवित्र शहर सारयू और गोमती नदियों के संगम पर स्थित है।बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर यह लेख बागेश्वर के कुछ सबसे प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा पर ले जाएगा, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा इतिहास और धार्मिक महत्व है। भगवान शिव को समर्पित भव्य बाघनाथ मंदिर से लेकर विष्णु मंदिर और मां चंडिका मंदिर तक, बागेश्वर आध्यात्मिक साधकों और इतिहास प्रेमियों दोनों को मंत्रमुग्ध कर देता है। तो आइए, हम इस खूबसूरत शहर की पवित्र गलियों में चलते हैं और इसके मंदिरों के रहस्यों को उजागर करते हैं।

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Table of Contents

बागेश्वर के दर्शनीय स्थल – Bagnath Temple

बागेश्वर के दर्शनीय स्थल - बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर

Places to visit in Bageshwar – Bagnath Temple in Hindi

यहाँ बागेश्वर घूमने जाएं तो सबसे पहले बाबा बागनाथ के दर्शन ज़रूर करने चाहिए। कहते हैं सुबह के वक्त शिवलिंग पर सूरज की किरणें पड़ती हैं तो नज़ारा ऐसा मनमोहक होता है कि मन को शांति मिल जाती है। मंदिर की घंटियों की मधुर ध्वनि मानो दूर तक गूंजती है और आसपास के माहौल को पवित्र बना देती है। मंदिर के पुजारी द जी ने बताया कि यहां सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन महाशिवरात्रि पर मंदिर का नज़ारा ही कुछ अलग होता है। हर तरफ हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते हैं और भक्ति का ऐसा समंदर उमड़ता है कि तन-मन दोनों को शीतलता मिल जाती है।

  • समय: सुबह 5:30 बजे से रात 9:00 बजे तक (हर दिन)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: बागेश्वर, उत्तराखंड
  • कैसे पहुंचे: बागेश्वर सड़क और रेल मार्ग दोनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

बागेश्वर का मंदिर – Hanuman Temple

यहाँ बागेश्वर के प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा अधूरी रह जाएगी अगर हम हनुमान जी के दर्शन न करें। घंटाकार चौक के करीब स्थित ये मंदिर हमेशा हनुमान चाली के भजनों से गूंजता रहता है। मंदिर जाते वक्त रास्ते में आपको कई बुजुर्ग मिलेंगे जो आपको हनुमान जी की कहानियां सुनाएंगे। बचपन में सुनते थे कि हनुमान जी कितने बलशाली हैं, पहाड़ उठा सकते हैं, समुद्र लांघ सकते हैं। इस मंदिर में आकर लगता है मानो हनुमान जी की ये वीरता साक्षात हमारे सामने खड़ी हो। मंदिर के बाहर बैठे एक भक्त ने बताया कि मंगलवार को यहां विशेष पूजा का आयोजन होता है, दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं।

  • समय: सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक (हर दिन)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: घंटाकार चौक के पास, बागेश्वर, उत्तराखंड
  • कैसे पहुंचे: बागेश्वर शहर के भीतर स्थित है, मंदिर तक पहुंचने के लिए रिक्शा या पैदल रास्ता लिया जा सकता है।

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बागेश्वर के पर्यटन स्थल – Gauri Cave

बागेश्वर के पर्यटन स्थल -बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर

Tourist Places in Bageshwar – Gauri Cave

बागेश्वर की धार्मिक यात्रा के दौरान गौरी गुफा ज़रूर जानी चाहिए। ये गुफा मां पार्वती को समर्पित है और माना जाता है कि मां ने यहीं पर कुछ समय बिताया था। गुफा तक जाने का रास्ता थोड़ा कठिन ज़रूर है, पहाड़ों को काटकर बनाई गई सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। लेकिन गुफा के अंदर का वातावरण इतना शांत और पवित्र है कि सारी थकान मिट जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुफा के अंदर ध्यान लगाने से मन को असीम शांति मिलती है। अगर आप थोड़े एडवेंचर के शौकीन हैं और आध्यात्मिक अनुभव लेना चाहते हैं, तो गौरी गुफा ज़रूर जाएं।

बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

Time: 7:00 am to 6:00 pm (every day)
Entry fee: Free
Location: About 2 km from Bageshwar (Sher Ghati Road)
How to reach: You can take a rickshaw or taxi, whereas if you are fond of walking then you can also reach by walking.

बागेश्वर में जाने की जगहें – Chandi Devi Temple

यहाँ बागेश्वर घूमने आए हैं तो मां चंडी देवी का आशीर्वाद ज़रूर लेना चाहिए। मान्यता है कि मां चंडी की पूजा करने से हर तरह के संकट दूर होते हैं। मंदिर का वातावरण बहुत शांत है और यहां आते ही मन में एक अजीब सी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। मंदिर के पुजारी पंडित जी बताते हैं कि नवरात्रों में यहां विशेष पूजा का आयोजन होता है। दूर-दूर से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर से कुछ ही दूर पर सरयू नदी बहती है, जिसका नजारा मन को मोह लेता है।

बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • समय: सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक (हर दिन)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: बागेश्वर से करीब 500 मीटर दूर (सارयू नदी के पास)
  • कैसे पहुंचे: मंदिर शहर के भीतर ही स्थित है, पैदल या रिक्शा लेकर आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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बागेश्वर के पास पर्यटन स्थल – Suryakund and Agnikund

बागेश्वर के पास पर्यटन स्थल

Tourist Places near Bageshwar – Suryakund and Agnikund in Hindi

बागेश्वर में, धार्मिक स्थलों के अलावा, प्राकृतिक अजूबे भी देखने लायक हैं। इनमें से दो प्रसिद्ध कुंड हैं – सूर्यकुंड और अग्निकुंड। माना जाता है कि सूर्यकुंड में स्नान करने से रोगों का नाश होता है और अग्निकुंड में दर्शन करने से ग्रहों की पीड़ा दूर होती है।सूर्यकुंड एक गर्म जल कुंड है जो अपने चमत्कारी गुणों के लिए जाना जाता है। यहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है। कुंड के पास ही एक छोटा सा मंदिर भी है जो भगवान सूर्य को समर्पित है।अग्निकुंड एक प्राकृतिक गैस का कुंड है जो हमेशा जलता रहता है। यह कुंड थोड़ा खतरनाक भी है, इसलिए यहां सावधानी से जाना चाहिए। कुंड के पास ही एक मंदिर भी है जो भगवान अग्नि को समर्पित है।

सूर्यकुंड और अग्निकुंड:

Time: 7:00 am to 6:00 pm (every day)
Entry fee: Free
Location: About 8 km from Bageshwar (Gangolihat Road)
How to reach: You can take a rickshaw or taxi, if you are fond of walking then you can also reach there by walking.

बागेश्वर में करने के लिए चीजें – Pindari Glacier

यहाँ बागेश्वर की धार्मिक यात्रा के साथ-साथ अगर आप प्राकृतिक खूबसूरती का भी दीदार करना चाहते हैं, तो “पिंडारी ग्लेशियर” (Pindari Glacier) ज़रूर जाएं। बागेश्वर से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित ये ग्लेशियर पवित्र हिमालय की गोद में जैसे कोई हीरा जड़ा हुआ है। यहां पहुंचने के लिए थोड़ी ट्रैकिंग करनी पड़ती है, लेकिन रास्ते का हर पल रोमांच से भरपूर होता है। बर्फीली चोटियां, घने जंगल और बीच-बीच में बहती नदियां, मानो प्रकृति ने अपनी सारी खूबसूरती यहां बिखेर दी हो। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा जिंदगी भर याद रहती है।

बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • समय: मार्च से मई और सितंबर से नवंबर तक (गर्मी और कम बारिश का समय सबसे उपयुक्त होता है)
  • प्रवेश शुल्क: ₹50 (भारतीय पर्यटकों के लिए) और ₹100 (विदेशी पर्यटकों के लिए)
  • स्थान: बागेश्वर से करीब 80 किलोमीटर दूर (सूर्यधुरा गांव के पास)
  • कैसे पहुंचे: बागेश्वर से कपकोट या सोंग गांव तक टैक्सी मिल जाती है, वहां से आगे ट्रैक शुरू होता है। आप ट्रैकिंग गाइड भी ले सकते हैं।

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बागेश्वर के आसपास घूमने की जगह – Hakh Temple

Places to visit near Bageshwar – Hakha Temple in Hindi

यहाँ बागेश्वर के प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा अधूरी रह जाएगी अगर आप हटकेश्वर मंदिर ना दर्शन करें। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और काफी अनोखी शैली में बना हुआ है। मंदिर गुफा के रूप में है और बाहर से देखने में तो छोटा लगता है, लेकिन जब आप अंदर जाते हैं तो चौंक जाते हैं। मंदिर काफी लंबा और चौड़ा है। मानो पहाड़ को काटकर ही इस मंदिर का निर्माण किया गया हो। मंदिर के पुजारी पंडित जी बताते हैं कि सदियों पहले इस मंदिर का निर्माण ऋषि-मुनियों ने करवाया था। यहां आकर एक अलग ही तरह की शांति का अनुभव होता है।

  • समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक (हर दिन)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: बागेश्वर से करीब 1 किलोमीटर दूर (शेर घाटी रोड)
  • कैसे पहुंचे: आप रिक्शा या टैक्सी लेकर जा सकते हैं, वहीं पैदल चलने के शौकीन हैं तो टहलते हुए भी पहुंचा जा सकता है।

बागेश्वर के पास घूमने की जगह – Shitla Mata Temple

यहाँ बागेश्वर में घूमने आए हैं तो शीतला माता मंदिर दर्शन ज़रूर करें। मां शीतला को शक्ति का ही एक रूप माना जाता है और इनकी पूजा करने से हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। नवरात्रों में यहां विशेष पूजा का आयोजन होता है। मंदिर जाते वक्त आपको कई महिलाएं पूजा का सामान लिए मिलेंगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि मां शीतला की कृपा से उनके परिवार हमेशा स्वस्थ रहते हैं। मंदिर का वातावरण बहुत शांत है और यहां आने पर मन को अजीब सी सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।

बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • समय: सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक (हर दिन)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: बागेश्वर शहर के भीतर (घंटाकार चौक के पास)
  • कैसे पहुंचे: मंदिर शहर के मध्य में स्थित है, पैदल या रिक्शा लेकर आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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बागेश्वर में घूमने वाली जगह – Kanda Devi Temple

बागेश्वर में घूमने वाली जगह - बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर

Places to visit in Bageshwar – Kanda Devi Temple in Hindi

यहाँ बागेश्वर घूम रहे हैं तो कांडा देवी मंदिर के दर्शन ज़रूर करें। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है और काफी ऊंचाई पर स्थित होने के कारण दूर से ही दिखाई देता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए थोड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, लेकिन श्रद्धालुओं का मानना है कि मां के दर्शन के लिए ये मेहनत मंजूर है। रास्ते में आपको शानदार पहाड़ी दृश्य देखने को मिलेंगे। मान्यता है कि मां कांडा देवी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और हर तरह के संकटों से उनकी रक्षा करती हैं।

  • समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक (हर दिन)
  • प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
  • स्थान: बागेश्वर से करीब 2 किलोमीटर दूर (शेर घाटी के ऊपर)
  • कैसे पहुंचे: मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल या फिर डंडी (स्थानीय परिवहन) ले सकते हैं।

बागेश्वर में होटल – Hotels in Bageshwar

यहाँ बागेश्वर में आपके लिए कुछ होटल विकल्प:

बागेश्वर का इतिहास – History of Bageshwar

यहाँ बागेश्वर का इतिहास समृद्ध और प्राचीन है, जो हजारों सालों का है।

प्राचीन काल:

  • पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि इस क्षेत्र में मानव बस्ती कम से कम 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व से मौजूद है।
  • कत्यूरी राजवंश (8वीं-16वीं शताब्दी) ने इस क्षेत्र पर शासन किया और बागेश्वर शहर की स्थापना की।
  • कई प्राचीन मंदिर, जैसे कि बागनाथ मंदिर और गौरी गुफा, इस कालखंड के हैं।

मध्यकाल:

  • 14वीं शताब्दी में, कुमाऊं क्षेत्र का नियंत्रण कत्यूरी राजवंश से गोरखाओं के पास चला गया।
  • गोरखाओं ने बागेश्वर को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र बनाया।
  • इस अवधि के दौरान, कई किलों और महलों का निर्माण किया गया था।

आधुनिक काल:

  • 1816 में, अंग्रेजों ने गोरखाओं को हरा दिया और कुमाऊं पर कब्जा कर लिया।
  • बागेश्वर ब्रिटिश राज में एक तहसील मुख्यालय बन गया।
  • स्वतंत्रता के बाद, बागेश्वर उत्तराखंड राज्य का हिस्सा बन गया।

बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • धार्मिक महत्व: बागेश्वर को एक पवित्र शहर माना जाता है और यहाँ कई महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जिनमें बागनाथ मंदिर, गौरी गुफा, और चंडिका देवी मंदिर शामिल हैं।
  • सांस्कृतिक विरासत: बागेश्वर अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहाँ के लोग लोक नृत्य, संगीत और कला में कुशल हैं।
  • प्राकृतिक सुंदरता: बागेश्वर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ हिमालय की ऊंची चोटियां, घने जंगल, और बहती नदियाँ हैं।

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बागेश्वर में प्रसिद्ध त्यौहार – The Joy of Uttarayani Fair

उत्तरायणी मेले का उल्लास: बागेश्वर घूमने आए हैं तो बैजनाथ मंदिर दर्शन ज़रूर करें। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। हर साल जनवरी में मकर संक्रांति के अवसर पर यहां भव्य उत्तरायणी मेले का आयोजन किया जाता है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में देशभर से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के प्रांगण में दुकानें लगती हैं, जहां आपको उत्तराखंड के पारंपरिक कपड़े, हस्तशिल्प, और स्वादिष्ट व्यंजन मिल जाएंगे। शाम को लोक कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियां होती हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं।

बागेश्वर कैसे पहुंचे – How to reach Bageshwar

बागेश्वर की धार्मिक यात्रा का प्लान बना रहे हैं? तो सबसे पहले जानते हैं वहां तक पहुंचने का रास्ता। रास्ते में पहाड़ों की खूबसूरती और शांत वातावरण आपका मन मोह लेगा। तो आइए, जानते हैं बागेश्वर पहुंचने के विभिन्न तरीके:

  • रोडवेज (बस द्वारा): अगर आप कम बजट में यात्रा करना चाहते हैं, तो उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें अच्छी विकल्प हैं। दिल्ली के आनंद विहार आईएसबीटी से बागेश्वर के लिए सीधी बसें चलती हैं। किराया लगभग ₹1000 से ₹1500 के बीच है और यात्रा में लगभग 10-12 घंटे लगते हैं।
  • रेलवेज (ट्रेन द्वारा): निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो बागेश्वर से 149 किमी दूर स्थित है। देश के कई प्रमुख शहरों से काठगोदाम के लिए ट्रेनें चलती हैं। काठगोदाम से आप टैक्सी या बस द्वारा बागेश्वर पहुंच सकते हैं। टैक्सी का किराया लगभग ₹2500 से ₹3000 के बीच हो सकता है।
  • एयरवेज (हवाई जहाज द्वारा): सबसे तेज तरिके से बागेश्वर पहुंचने के लिए हवाई जहाज का विकल्प चुन सकते हैं। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर (Pantnagar) है, जो बागेश्वर से 180 किमी दूर स्थित है। दिल्ली से पंतनगर के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। पंतनगर से आप टैक्सी किराए पर लेकर बागेश्वर पहुंच सकते हैं। टैक्सी का किराया लगभग ₹3000 से ₹3500 के बीच हो सकता है।

निष्कर्ष – Conclusion

बागेश्वर धार्मिक पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थल है। यहां के प्राचीन मंदिर न केवल आस्था का केंद्र हैं बल्कि शांत वातावरण और मनोरम दृश्यों से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। बागेश्वर में प्रसिद्ध मंदिर दर्शन के साथ ही आप आसपास के खूबसूरत स्थानों की सैर भी कर सकते हैं। पहाड़ों की गोद में बसा यह शहर आपको आध्यात्मिक सुकून और प्रकृति का आनंद देने का वादा करता है। तो देर किस बात की, बागेश्वर घूमने की योजना बनाइए और हिमालय की अनुपम छटा के बीच आध्यात्मिक यात्रा का आनंद लीजिए।

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बागेश्वर के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q. बागेश्वर मंदिर कहां पर है?

Ans. बागेश्वर मंदिर उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित है। यह शहर सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है, जो हिमालय से निकलती है।

Q. बागेश्वर में कौन से मंदिर प्रसिद्ध हैं?

Ans. बागेश्वर कई प्रसिद्ध मंदिरों का घर है, जिनमें शामिल हैं:
बागनाथ मंदिर: भगवान शिव को समर्पित, यह बागेश्वर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।गौरी गुफा: माता पार्वती को समर्पित, यह गुफा मंदिर बागनाथ मंदिर से 8 किलोमीटर दूर स्थित है।

Q. इन मंदिरों का क्या महत्व है?

Ans. ये मंदिर अपनी धार्मिक महत्व, ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं।

Q. इन मंदिरों में जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

Ans. इन मंदिरों में जाने का सबसे अच्छा समय सितंबर से अक्टूबर और मार्च से मई के बीच है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है और दर्शकों की भीड़ कम होती है।

Q. इन मंदिरों में क्या-क्या गतिविधियाँ की जा सकती हैं?

Ans. इन मंदिरों में दर्शन करने के अलावा, आप मंदिर परिसर में घूम सकते हैं, पूजा-अर्चना कर सकते हैं, और प्रसाद चढ़ा सकते हैं। कुछ मंदिरों में ध्यान और योग के लिए भी जगह होती है।

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