आंध्र प्रदेश में घूमने की जगह | Andhra Pradesh me ghumne ki jagah
भारत का एक ऐसा राज्य जो अपनी उपमा के लिये जाना जाता है। “धान का कटोरा” यानि की आंध्र प्रदेश। अंदर प्रदेश में घूमने की जगह एक नही अनेकों है। जो की किसी ख़ास प्रेमी के लिये नही बल्कि अनेकों टूरिस्ट स्पोर्ट्स को कवर करती हैं। चाहें आप प्रकृति प्रेमी हो या फिर आप सांस्कृतिक धरोहर में रूचि रखते हों। यदि आप अपने पार्टनर के साथ beech पर जाना हो या आपको किला देखने का शौख हो यानि की आंध्र प्रदेश आपकी दर्शनीय स्थल, सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्व या वन्य जीवी अभ्यारण आपको किसी भी चीज़ में दिलचस्पी हो आप यहाँ आ सकते हैं।1 तिरुपति: आस्था इतिहास का अद्भुत संगम
Table of Contents
1 तिरुपति: आस्था इतिहास का अद्भुत संगम
तिरुपति मन्दिर की मुख्य विशेषता:
- तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर को तिरुपति बालाजी मंदिरा के नाम से जाना जाता है।
- यह दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।
- इस मंदिर को द्रविड़ शैली में बनाया गया है। जो कि अपने नक्काशी और शिल्पकला के लिए जाना जाता है।
- यहां लडडू प्रसाद मुख्य रूप से श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध है।
मुख्य आकर्षण केंद्र:
- तिरुपति मन्दिर मुख्य आकर्षण केंद्र —श्रीकालहस्ती मंदिर, पद्मावती अम्मावरू मंदिर, अकाशगंगा तीर्थम, श्री वेंकटेश्वर जूलॉजिकल पार्क।
यात्रा का सही समय:
- आप यहां अक्टूबर से मार्च के बीच यहां आ सकते है। इस समय मौसम ठंडा और सुहाना बना रहता है।
कैसे पहुंचें?
- हवाई मार्ग: तिरुपति एयरपोर्ट के लिए देश के अन्य प्रमुख एयरपोर्ट से जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग: तिरुपति रेलवे स्टेशन लगभग देश के हर प्रमुख शहर से यहां के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाएगी।
- सड़क मार्ग: तिरुपति अच्छी सड़क सुविधा से जुड़ा हुआ है।
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2 अराकू वैली Araku valley | आंध्र प्रदेश में घूमने की जगह
आंध्रप्रदेश का एक स्वर्ग जैसी घाटी जो अपनी हरी–भरी घाटीयों, कॉफी बागानो, जनजाति संस्कृति और अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। इसे “आंध्र का ऊंटी” भी कहा जाता है। यह खास तौर पर प्रकृति प्रेमी, फोटोग्राफी और हनीमून के लिए आदर्श है।
अराकू वैली मुख्य आकर्षण:
- कॉफी म्यूजियम, चापराई वाटरफॉल्स, बोर्रा केव्स, tribal museam, पदमपुरम गार्डन।
यात्रा का सही समय:
- अराकू वैली घूमने के लिये अक्टूबर से मार्च का समय सर्वोतम है।
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: निकटतम एयरपोर्ट विशाखापटनम है। यह देश के अन्य हिस्सों से आसानी से जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग: विशाखापटनम रेलवे स्टेशन नज़दीकी रेलवे लाइन है।
- सड़क मार्ग: यह NH 516E से जुड़ा हुआ है जहां आप आसानी से जा सकते हैं।
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3 उन्दावल्ली गुफाएं | आंध्र प्रदेश में घूमने की जगह
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में, विजयवाड़ा से लगभग 6–8 किलोमीटर की दूरी पर, दक्षिण–पश्चिम दिशा में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। यह स्थल 4 मंजिला रॉक–कट स्वंभू मंदिर है। मुख्य रूप से जैन और बौद्ध भिक्षुओं द्वारा रिहाइश के रूप ने उपयोग में ली जाती थी। बाद में इन्हें हिन्दू मंदिरों में रूपांतरित कर दिया गया है। इस मंदिर को 4वीं से 5वीं शताब्दी तक विष्णुकुंडी राजाओं के शासनकाल में बनाया गया था।
गुफाओं का इतिहास और वास्तुकला:
- गुफा का द्वितीय तल में एक विशाल विष्णु मूर्ति स्थापित है। जो कि सर्प के ऊपर लेती हुई है। यह एक एकल ग्रेनाइट ब्लॉक से तराशी गई है, जो कि लगभग 5 मीटर ऊंची है।
- चार मंजिलों में विभाजित इस गुफा संरचना में प्रत्येक तल पर अलग–अलग मूर्तिकला और आकृति वर्णित है, जैसे — गणेश, शिव, ब्रह्मा और अन्य वैष्णव संतों के चित्र।
- भारतीय चट्टान–काट वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलता है। जहां जैन, बौद्ध और हिन्दू धर्मों का संगम देखने को मिलता है।
- गुफा परिसर का प्रत्येक तल स्वंभू शिलाओं से तराशा गया है। काला की जटिलता और आधुनिक समय में विस्मयकारी है।
- यह स्थान उन पर्यटक और इतिहास प्रेमियों के लिए एक समय यात्रा जैसा अनुभव प्रदान करता है। जो प्राचीन भारतीय कला और धर्म इतिहास में रुचि रखते हैं।
यात्रा का सबसे अच्छा समय:
- उन्दावल्ली गुफाएं घुमने का सही समय अक्टूबर से मार्च इस समय मौसम सुहाना बना रहता है। इस समय प्राकृतिकी झील, तट और हरियाली मनमोहक लगती है।
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा गढ़वरम हवाई अड्डा है।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन की बात की जाए तो विजयवाड़ा जंक्शन है, जो कि देश के अन्य हिस्सों से जुड़ाव रखता है।
- सड़क मार्ग: विजयवाड़ा शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है। अमरावती रोड या NH–65 से होकर गुजरता है।
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4 श्रीशैलम | आंध्र प्रदेश में घूमने की जगह
भारत का हर कोना किसी न किसी धार्मिक या सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा हुआ है। एक ऐसा ही स्थान है। श्रीशैलम जो आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है। यहां मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग विराजमान है। श्रीशैलम न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि प्राकृतिकी सुंदरता और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
श्रीशैलम का धार्मिक महत्व:
- श्रीशैलम का मुख्य आकर्षण न केवल मलिकार्जुन ज्योतिलिंग है। इसके साथ ही यहां देवी के 51 शक्तिपीठों में से प्रमुख शक्तिपीठ भ्रामराम्बा देवी मंदिर भी यही स्थिति है।
- यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ दोनों विराजमान है। शिव पार्वती की यह जोड़ी शिव– शक्ति की संयुक्त उपासना का अद्भुत उदाहरण है।
श्रीशैलम में घूमने की जगह:
- यहां आप मलिकार्जुन ज्योतिलिंग और शक्तिपीठ के दर्शन के अलावा अन्य चीजें भी देख सकते हैं— नल्लामाला पर्वतीय श्रृंखला, श्रीशैलम बांध, मलिकार्जुन स्वामी मंदिर, भ्रामराम्बा देवी मंदिर, पथाला गंगा, श्रीशैलम टाइगर रिजर्व, सिक्खरम।
यात्रा का सही समय:
- श्रीशैलम की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च महीना उपयुक्त है। इस समय मौसम सुहाना बना रहता है। महाशिवरात्रि और नवरात्रि के समय या विशेष योजन होते है
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद है।
- रेल मार्ग: नज़दीकी रेलवे स्टेशन मार्कापुर रोड है।
- सड़क मार्ग: यह स्थान अन्य शहरों से आसानी से जुड़ा हुआ है जैसे कि— हैदराबाद, मार्कापुर
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5 तालकोना झरना | Andhra Pradesh tourist place
अगर आप प्रकृति प्रेमी है और जंगल, झरनों और शांति की तलाश में है। तो तालकोना झरने की यात्रा आपके लिए अविस्मरणीय अनुभव हो सकती है।
यह झरना आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थिति है। यह झरना आंध्र प्रदेश का सबसे ऊंचा झरना माना जाता है। जिसकी ऊंचाई लगभग 270 फीट है।
तालकोना झरने का इतिहास और महत्व:
- यह झरना श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क के पास स्थित है। इसे जैव विविधता हॉटस्पॉट भी कहा जाता है।
- यह इलाका न केवल घने जंगलों और दुर्लभ प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है।
मुख्य आकर्षण केंद्र:
- यहां आप ट्रैकिंग, हाइकिंग, सीता राम मंदिर, श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क, दुर्लभ वन्यजीव, तिरुपति बाला जी मंदिर आदि कोड़ेख सकते हैं।
घूमने जाने का सही समय:
- अक्टूबर से फरवरी के बीच आप यहां आ सकते हैं इस समय मौसम सुहाना बना रहता है। जिससे यहां का मज़ा दोगुना हो जाता है।
कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग: निकटकम हवाई अड्डा तिरुपति है। जो कि यहां से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- रेल मार्ग: निकटकम रेलवे स्टेशनतिरुपति रेलवे स्टेशन है। जो कि अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग: चित्तूर या तिरुपति से बस या टैक्सी आसानी से उपलब्ध है।
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6 राजमुंदरी
- गोदावरी नदी का गौरव और आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी राजमुंदरी न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्व रखता है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और आध्यात्मिक आस्था का अद्भुत संगम है। गोदावरी नदी के किनारे बसे इस शहर को Cultural Capital of Andhra Pradesh भी कहा जाता है।
राजमुंदरी का सांस्कृतिक महत्व:
- गोदावरी पुष्करम हर 12 वर्ष में एक बार यहां यह मेला गोदावरी नदी के किनारे लगता है।
- राजमुंदरी में तेलुगु भाषा और साहित्य के उत्सव निमित रूप से होते है।
- लोककला पर आधारित नाटक, विशेषकर बुर्रकथा यहां की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
राजमुंदरी में घूमने की बेहतरीन जगह:
- गोदावरी ब्रिज, कोटिलिंगगेश्वर मंदिर, इस्कॉन मंदिर, गोदावरी नदी क्रूज, धवलेश्वरम बैराज आदि हैं।
कैसे पहुँचें? How to reach Rajahmundary
- हवाई मार्ग: निकटतम एयरपोर्ट राजमुंदरी हवाई अड्डा है। जिसे मधुरपुडी एयरपोर्ट भी कहा जाता है।
- सड़क मार्ग: राजमुंदरी NH 16 se जुड़ा हुआ है। जो चेन्नई से कोलकाता तक जाता है।
- रेल मार्ग: राजमुंदरी रेलवे स्टेशन दक्षिण भारत का प्रमुख रेलवे स्टेशन है।
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7 कुरनूल | आंध्र प्रदेश में घूमने की जगह
यह आंध्र प्रदेश का एक ऐतिहासिक स्थान है जिसे आंध्र प्रदेश का प्रवेश द्वार (Gateway of Rayalaseema) भी कहा जाता है। क्योंकि यह आंध्र प्रदेश के दक्षिण भाग रायलसीमा का मुख्य द्वार है। कुरनूल best tourist places in Andhra Pradesh में से एक है।
प्राचीन मंदिरों, रहस्यमयी गुफाओं, और किलों से सुसज्जित यह शहर हर प्रकार के पर्यटक के लिए कुछ ख़ास पेश करता है।
कुरनूल में घूमने की जगह:
- बेलुम गुफाएं— यह भारत की दूसरी सबसे लंबी प्राकृतिक गुफा है।
- यज्ञंति मंदिर— यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। और नरसिंहस्वामी के रूप में प्रसिद्ध है।
- कोनटी रेड्डी किला— यह विजयनगर साम्राज्य के समय का ऐतिहासिक किला है।
- ओरवाकल रॉक गार्डन— यह एक अनूठा स्थल है जहां प्राकृतिक चट्टानो की अद्भुत रचनाएं देखने को मिलती है।
- अहोलि पर्वत — यह स्थान भगवान नरसिंह को समर्पित 9 मंदिरों का समूह है।
कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग: उय्यालवाडा नरसिंह रेड्डी हवाई अड्डा से घरेलू उड़ाने उपलब्ध है।
- सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग 44 से जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग: कुरनूल सिटी रेलवे स्टेशन प्रमुख स्टेशन है।
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8 नल्लामाला हिल्स
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की गोद में बस एक प्राकृतिक ख़ज़ाना नल्लामाला। नल्लामाला हिल्स, भारत के दक्षिण भाग में स्थित एक सुंदर पर्वतीय श्रृंखला है। नल्लामाला के जंगल नल्लामाला फॉरेस्ट डिवीजन में आते हैं। यहां स्थित नागरजुनसागर श्रीसेलम टाइगर रिजर्व है। जो भारत के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में से एक है। ये पहाड़ियाँ पूर्वी घाट Eastern Ghat का हिस्सा है।
नागरजुनसागर श्रीसेलम टाइगर रिजर्व होने के कारण यहां विभिन्न प्रकार की वनस्पति और वन्यजीव देखने को मिलते हैं। जिनमें प्रमुख है— चंदन (Sandalwood), टीक (Teak), बांस (Bamboo)
बाघ (Tiger), तेंदुआ (Leopard), नीलगाय (Blue bull)
नल्लामाला हिल्स में प्रमुख आकर्षण केंद्र:
- श्रीशैलम, नागरजुनसागर श्रीसेलम टाइगर रिजर्व, आक्कामहादेवी गुफाएं, नल्लामाला जंगल सफारी और व्यू प्वाइंट, श्रीशैलम डैम, सेशचलम हिल्स और रेड सैंडर्स फॉरेस्ट, सिलेरू घाटी, आदिवासी गांव और सांस्कृतिक अनुभव आदि।
कैसे पहुँचें?
- सड़क मार्ग: नल्लामाला हिल्स तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंचना सबसे सुविधाजनक विकल्प है। यह स्थान अन्य शहरों से आसानी से जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन मार्कापुर है।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
9 विशाखापटनम | आंध्र प्रदेश में घूमने की जगह
आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा और विकसित शहर है विशाखापटनम। इस शहर को विजाग के नाम से पुकारा जाता है। यह बंगाल की खाड़ी किनारे बसा सुंदर बंदरगाह शहर है। जो औद्योगिक, समुद्री, सांस्कृतिक, और पर्यटन के दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
यह शहर अपनी खूबसूरत समुद्री तट रेखाओं, ऐतिहासिक स्थलों, पहाड़ियों, झीलों, और आधुनिकता के मेल से पर्यटक को आकर्षित करता है।
विशाखापटनम प्रमुख आकर्षण केंद्र:
- रामकृष्ण बीच, कैलाशगिरी हिल्स, अराकु घाटी, बोरा गुफाएं, INS कुरसुरा पनडुब्बी म्यूजियम, याराडा बीच, सिंघचलम मंदिर, विशाखा म्यूजियम आदि है।
कैसे पहुंचे?
- सड़क मार्ग: NH 16 विशाखापटनम आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा से सीधा जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग: विशाखापटनम रेलवे स्टेशन दक्षिण मध्य रेलवे का प्रमुख जंक्शन है।
- हवाई मार्ग: विशाखापटनम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम एयरपोर्ट है।
10 लेपाक्षी
आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित लेपाक्षी एक छोटा सा गांव है। लेपाक्षी मन्दिर भगवान् शिव के वीरभद्र अवतार के लिये प्रसिद्ध है। लेकिन इसका इतिहास और ऐतिहासिक महत्व इतना बड़ा है कि यह लाखों श्रद्धालु और पर्यटको को हर साल आकर्षित करता है। लेपाक्षी का अर्थ “उठो पछी: से है। यह स्थान रामायण काल से जुड़ा हुआ है।
लेपाक्षी मंदिर वास्तुकला:
- यहाँ की सबसे प्रसिद्ध जगह है— वीरभद्र स्वामी मंदिर। इसे 16 वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य द्वारा बनाया गया था।
- लेपाक्षी मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली की है। यहां के पत्थर पर की गई नक्काशी इतनी बारीक है कि लगता है जैसे हर मूर्ति अपनी कहानी बयां कर रही हो।
- इस मंदिर में एक स्तंभ ऐसा है जो लटका हुआ है। यह लटका हुआ खंभा किसी अद्भुत चमत्कार से कम नहीं है।
- मंदिर की दीवारों पर Frescos painting ki गई है। जो रामायण और महाभारत की कथाओं को दर्शाती है।
- मंदिर के बाहर बनी विश्व की सबसे बड़ी मोनोलिथ नंदी की मूर्ति ( बैलों के राजा) यहां के प्रमुख आकर्षण में से एक है।
प्रमुख आकर्षण केंद्र:
- नंदी की विशाल मूर्ति, कला और हस्तशिल्प का केंद्र, लटकता खंभा, मंदिर की Fresco painting, कल्याण मंडप, शिवलिंग और नगार्जुन कुंड आदि।
लेपाक्षी यात्रा का प्रमुख समय:
- लेपाक्षी घूमने का सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है।
कैसे पहुँचें
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा केम्पेगौडा है। इसके अलावा अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा बेंगलुरु है।
- सड़क मार्ग: यह स्थान NH 44 से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग: लेपाक्षी का सबसे निकटतम स्टेशन हिंदुपुर है। जो कि लेपाक्षी के केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर है।